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पैसा
ताँबे का सिक्का, भारतीय रुपये के सौवें हिस्से के बराबर एक मुद्रिक इकाई का नाम, पूंजी, रुपया, धन
पैसा धो कर उठाना
एक किस्म की मिन्नत, औरतें मुश्किल कुशा के नाम का पैसा धोकर छोड़ती हैं, मिन्नत पूरी होने पर ख़ैरात करदेती हैं
चोर-पैसा
डबल पैसा जो मिट्टी में गिर कर मुश्किल से पाया जाता जाता है, अंग्रेज़ी पैसा जो पुराने पैसा से मोटाई में आधा होता था
काला-पैसा
काला धन, अवैध तरीक़े से कमाई हुई दौलत, किसी का हक़ मार कर जमा की हुई दौलत, हड़पा हुआ, लूटा या चुराया हुआ या रिश्वत का माल
खोटा-पैसा
گِھسا ہوا پیسہ ، جعلی پیسہ ، وہ پیسہ جو بطور سکّہ قبول نہ کیا جائے ، وہ پیسہ جو بازار میں قبول نہ کیا جائے.
तकले का पैसा
پیسے کے برابر ایک چھوٹا سا گول خشک کدو کے چھلکے یا سخت چمڑے کا ٹکڑا جس کو سوت کاتتے وقت تکلے میں پہنا دیا جاتا ہے تاکہ پندیا کا تاگا پیچھے کی طرف نہ جا سکے
खेल ख़त्म पैसा हज़्म
तमाशा होचुका अब जाईए, किसी काम, बात या अमर के मुकम्मल या ख़त्म होने या बच्चों को टालने के लिए कहा जाता है, किसी मुआमले में तिश्नगी रह जाने पर भी कहा जाता है, काम को पा यह-ए-तकमील तक पहुंचाए बगै़र इस के ख़त्म करदेने का ऐलान
आया पैसा आई मत, गया पैसा गई मत
दौलत इंसान को नई नई बातें समझा देती है और ग़रीबी उस की मत मार देती है
धो कर पैसा उठाना
(अविर) मुराद या मिन्नत मानते वक़्त नयाज़ दिलाने के लिए छल्ले या पैसे को पाक कर के रखना ताकि कामयाबी के वक़्त उस की शीरीनी तक़सीम की जाये, मिन्नत मानना, नयाज़ मानना
नंबर दो का पैसा
ناجائز طریقے سے حاصل کی گئی مال و دولت ، حرام کی کمائی ؛ وہ رقم جو ٹیکس سے بچنے کے لیے حکومت کے علم میں نہ لائی جائے
अपना ही पैसा खोटा, तो परखने वाले का क्या दोष
जब अपनी संतान अयोग्य है तो दूसरे का क्या दोष, जब अपनी ही कोई चीज़ बुरी है, तो इसमें आलोचकों का क्या दोष, वह तो उसे बुरी बताएंगे ही
गाँठ में पैसा नहीं, पतुरिया को देख रुवाई आए
मुफ़लसी में रंडी बाज़ी मुम्किन नहीं, शादी करने को दिल चाहे मगर पैसा पास नहीं, ऐसे काम की ख़ाहिश करना जिस के वसाइल ना हूँ
हाथ पर गर्म पैसा रखना
पैसा गर्म कर के हाथ पर रख देना (एक सज़ा है जो पिछले ज़माने में मुजरिमों को दी जाती थी
मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है
ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।
रंडी माँगे रुपैया ले ले मेरी मैया, फक्कर माँगे पैसा चल बे साले कैसा
मर्द अय्याशी पर ख़र्च करता है पुण्य के काम पर ख़र्च करने से घबराता है
जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास
जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता
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