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साबुन
तेल, सोडे आदि के योग से रासायनिक क्रिया से प्रस्तुत किया हुआ एक प्रसिद्ध पदार्थ, जिससे शरीर के अंग और कपड़े आदि साफ किये जाते है
साबुन-दान
साबुन रखने का बर्तन, साबुनदानी
साबुन-साज़
अ. फा. वि. साबुन बनानेवाला।
साबुन-साज़ी
साबुन बनाना, साबुन बनाने का काम या पेशा
साबुन मलना
सफ़ाई के लिए मुँह या शरीर पर साबुन की टिकिया रगड़ना
साबुन दिए मैल कटे और गंगा नहाए पाप, झूट बराबर पाप नहीं और साँच बराबर ताप
हिंदूओं की आस्था में गंगा के नहाने से गुनाह माफ़ होते हैं, झूठ सब से बड़ा गुनाह है और सच्च के बराबर कोई 'इबादत एवं तपस्या नहीं
साबुन में तार
शामिल होते हुए गंदगी से पाक, शुद्ध, बेताल्लुक़, आज़ाद
साबुन के मोल पड़ना
बहुत अधिक जूते पड़ना, बहुत पिटाई होना
साबुन में से तार निकालना
किसी कार्य को आसानी और कुशलता से पूरा करना
साबुन सा मुँह में घुलना
मुँह बेस्वाद और बेमज़ा होना, फीका फीका और बेस्वाद मुँह होना
साबुन में से तार की तरह निकल जाना
बिलकुल संबंध न रखना, अचानक अलग हो जाना, पूरी तरह से इनकार कर देना
संग-ए-साबुन
ایک قِسم کی شفاف دھات جو شیشہ کی طرح کی پتلی تختیوں میں پائی جاتی ہے.
कोयला होय न ऊजला, सज्जी साबुन लाय
झूठ कभी सत्य नहीं हो सकता चाहे कितना ही प्रयास किया जाए
धोबिया-साबुन
(عو) وہ صابن جو بغیر خوشبو کا ہوتا ہے اور کپڑے دھونے کے کام میں لایا جاتا ہے.
कोयला हुए न ऊजला, सजनी साबुन लाए
झूठ कभी सत्य नहीं हो सकता चाहे कितना ही प्रयास किया जाए
दुनिया में ऐसे रहिये जैसे साबुन में तार
दुनिया के धंधों में नहीं फँसना चाहिए, अलग-थलग रहना चाहिए, दुनिया की गंदगी से बच कर रहना चाहिए
काले साबुन मल कर गोरे नहीं होते
a crow cannot become white by washing itself with soap, nature does not change
काले आदमी साबुन से गोरे नहीं होते
प्रयास से स्वभाव नहीं बदलता, बनाओ सिंघार से कुरूप रूप दूर नहीं होती
नया धोबी गठरी में भी साबुन लगाता है
दिखावे के लिए ज़्यादा मेहनत करने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं
शैख़ क्या जाने साबुन का भाव
जिससे कुछ संबंध न हो उस चीज़ की स्थिति क्या मालूम हो सकती है
सेठ क्या जाने साबुन का भाव
किसी चीज़ की स्थित या किसी बात की वास्तविकता असंबंधित व्यक्ति नहीं जानता
डोंडू क्या जाने साबुन का भाओ
जिस चीज़ से किसी को ताल्लुक़ ना हो वो इस चीज़ की हक़ीक़त क्या बयान कर सकता है, जब कोई शख़्स ख़्वाहमख़्वाह इस अमर में दख़ल दे जिस का उसे इलम ना हो तो कहते हैं
धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर
पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं