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इशारा

आँख या हाथ से किसी चीज़ को दिखाना या बताना

इशारा-कार

इशारा करना

इशारा पाना

उद्देश्य अनुभूत करना, बिना कहे किसी बात या गतिविधि से समझ लेना, किसकी ओर से आदेश करने की अनुमति या बढ़ावा मिला

इशारा-फ़हम

जो केवल संकेत से मतलब समझ जाए, तरीक़े से अभिप्राय जान ले

इशारा-क़रीब

वह संकेतवाचक सर्वनाम जिससे किसी ऐसी चीज़ या व्यक्ति की ओर संकेत किया जाए जो पास में हो, जैसे यह (घर), इस (क़लम से)

इशारा-बाज़ी

आपस में इशारे करना, संकेत करना।

इशारा किनाया

इशारों या संकेतों में इच्छा या भावना व्यक्त करने का कार्य

इशारा-ब'ईद

वो संकेत-वाचक सर्वनाम जिससे किसी ऐसी चीज़ या व्यक्ति की तरफ़ इशारा किया जाए जो दूरी पर हो, जैसे: वो (क़लम), उस (मकान से)

इशारात-ए-मीज़ानिया

नीम-इशारा

अधूरा इशारा, हल्का सा इशारा, (लाक्षणिक) अस्पष्ट इशारा

इशारम-इशारा

(ख़ासकर बुरे इरादों से) इशारों में बात करना, आँख और भौं के इशारों से बात करना

महासिबी-इशारा

गूँगे का इशारा

ज़मीर-ए-इशारा

ख़त्त-ए-इशारा

वह लिपि या लिखाई जिसमें अक्षरों के वास्तविक रूप को कुछ विशेष प्रतीकों या निर्धारित निशानों या संख्याओं में अंकित किया जाता है ताकि इन तरीक़ों से अनभिज्ञ व्यक्ति इस लिखाई को न समझ सके

इस्म-ए-इशारा

हाथ का इशारा

किसी काम के करने या किसी काम से रोकने के लिए हाथ को दी गई हरकत, हाथ से किया गया इशारा

सवाल-ए-इशारा

ऐसा सवाल जिस में पूछने वाले के जवाब की तरफ़ इशारा हो

अंगुश्त-ए-इशारा

वह उँगली जिससे संकेत किया जाता है, सीधे हाथ में अँगूठे के बराबर वाली उँगली, कलिमे की उँगली

'आक़िल रा इशारा बस

बुद्धिमान इशारे से बात समझ जाता है

'आक़िलाँ रा इशारा बस

बुद्धिमान व्यक्ति संकेत से बात समझ जाता है

'आक़िल रा इशारा काफ़ी अस्त

बुद्धिमान इशारे से बात समझ जाता है

गूँगे का इशारा गूँगा ही समझे

हर जिन्स अपनी ही जिन्स से ख़ूब मेल खाती है

'आक़िलाँ रा इशारा काफ़ी अस्त

बुद्धिमान व्यक्ति संकेत से बात समझ जाता है

'अक़्लमंदाँ रा इशारा काफ़ीस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) समझदार इशारे में बात समझ लेता है। उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता, अक़्लमंदों के लिए इशारा काफ़ी होता है, अक़्लमंदों के लिए विवरण की आवश्यक्ता नहीं बल्कि वह इशारे में बात समझ जाते हैं

घोड़ी को इशारा गधे को लठ

रुक : घोड़े को इशारा काफ़ी है अलख, अक़लमंद को इशारा काफ़ी है

टट्टू को कोड़ा, ताज़ी को इशारा

अक़लमंद इशारे पर काम करता है, बेवक़ूफ़ को मार कर समझाना पड़ता है

'अक़्ल-मंद को एक इशारा ही काफ़ी होता है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

घोड़ी को इशारा काफ़ी है , गधे को लाठियाँ पीटा करो

शरीफ़ इशारों से मान जाता है, कमीना या ज़लील पट कर भी नहीं समझता

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इशारा

आँख या हाथ से किसी चीज़ को दिखाना या बताना

इशारा-कार

इशारा करना

इशारा पाना

उद्देश्य अनुभूत करना, बिना कहे किसी बात या गतिविधि से समझ लेना, किसकी ओर से आदेश करने की अनुमति या बढ़ावा मिला

इशारा-फ़हम

जो केवल संकेत से मतलब समझ जाए, तरीक़े से अभिप्राय जान ले

इशारा-क़रीब

वह संकेतवाचक सर्वनाम जिससे किसी ऐसी चीज़ या व्यक्ति की ओर संकेत किया जाए जो पास में हो, जैसे यह (घर), इस (क़लम से)

इशारा-बाज़ी

आपस में इशारे करना, संकेत करना।

इशारा किनाया

इशारों या संकेतों में इच्छा या भावना व्यक्त करने का कार्य

इशारा-ब'ईद

वो संकेत-वाचक सर्वनाम जिससे किसी ऐसी चीज़ या व्यक्ति की तरफ़ इशारा किया जाए जो दूरी पर हो, जैसे: वो (क़लम), उस (मकान से)

इशारात-ए-मीज़ानिया

नीम-इशारा

अधूरा इशारा, हल्का सा इशारा, (लाक्षणिक) अस्पष्ट इशारा

इशारम-इशारा

(ख़ासकर बुरे इरादों से) इशारों में बात करना, आँख और भौं के इशारों से बात करना

महासिबी-इशारा

गूँगे का इशारा

ज़मीर-ए-इशारा

ख़त्त-ए-इशारा

वह लिपि या लिखाई जिसमें अक्षरों के वास्तविक रूप को कुछ विशेष प्रतीकों या निर्धारित निशानों या संख्याओं में अंकित किया जाता है ताकि इन तरीक़ों से अनभिज्ञ व्यक्ति इस लिखाई को न समझ सके

इस्म-ए-इशारा

हाथ का इशारा

किसी काम के करने या किसी काम से रोकने के लिए हाथ को दी गई हरकत, हाथ से किया गया इशारा

सवाल-ए-इशारा

ऐसा सवाल जिस में पूछने वाले के जवाब की तरफ़ इशारा हो

अंगुश्त-ए-इशारा

वह उँगली जिससे संकेत किया जाता है, सीधे हाथ में अँगूठे के बराबर वाली उँगली, कलिमे की उँगली

'आक़िल रा इशारा बस

बुद्धिमान इशारे से बात समझ जाता है

'आक़िलाँ रा इशारा बस

बुद्धिमान व्यक्ति संकेत से बात समझ जाता है

'आक़िल रा इशारा काफ़ी अस्त

बुद्धिमान इशारे से बात समझ जाता है

गूँगे का इशारा गूँगा ही समझे

हर जिन्स अपनी ही जिन्स से ख़ूब मेल खाती है

'आक़िलाँ रा इशारा काफ़ी अस्त

बुद्धिमान व्यक्ति संकेत से बात समझ जाता है

'अक़्लमंदाँ रा इशारा काफ़ीस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) समझदार इशारे में बात समझ लेता है। उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता, अक़्लमंदों के लिए इशारा काफ़ी होता है, अक़्लमंदों के लिए विवरण की आवश्यक्ता नहीं बल्कि वह इशारे में बात समझ जाते हैं

घोड़ी को इशारा गधे को लठ

रुक : घोड़े को इशारा काफ़ी है अलख, अक़लमंद को इशारा काफ़ी है

टट्टू को कोड़ा, ताज़ी को इशारा

अक़लमंद इशारे पर काम करता है, बेवक़ूफ़ को मार कर समझाना पड़ता है

'अक़्ल-मंद को एक इशारा ही काफ़ी होता है

बुद्धिमान संकेत से समझ लेता है, समझदार इशारे में बात समझ लेता है उसे बहुत समझाना नहीं पड़ता

घोड़ी को इशारा काफ़ी है , गधे को लाठियाँ पीटा करो

शरीफ़ इशारों से मान जाता है, कमीना या ज़लील पट कर भी नहीं समझता

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