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उधार आना
(किसी वस्तु का) उधार पर क्रय किया जाना
उधार दिया गाहक खोया, सदक़ा दिया रद्द-ए-बला
उधार देने से दान देना अच्छा है
उधार दीजिए , दुश्मन कीजिए
Lend and loose your friend.
उधार दिया गाहक खोया
उधार देने से दान देना अच्छा है
उधार खाना और फूस तापना बराबर है
क़र्ज़ की चीज़ और फूंस की आग टिकाऊ नहीं होती है, बे बरकत है, कुछ लाभ नहीं होता पर लाचारी को क्या करे
उधार करना
क़र्ज़ लेना, क़ीमत की अदाई के वादे पर कोई चीज़ लेना
उधार खाना और फूस का तापना बराबर है
क़र्ज़ की चीज़ और फूंस की आग टिकाऊ नहीं होती है, बे बरकत है, कुछ लाभ नहीं होता पर लाचारी को क्या करे
उधार खाना
ऋण लेकर जीवन-यापन करना, ऋण लेना, ऋण खाना
अधार-धूरा
नदी के किनारे के निकट की कृषि योग्य भूमि जो पानी के उतार-चढ़ाव से घटती-बढ़ती रहे (ऐसी भूमि का लगान निश्चित नहीं होता)
उधार की क्या माँ मरी है
नक़द पास न सही उधार तो मिलेगा
उधार देना लड़ाई मोल लेना है
उधार देना झगड़ा पैदा करना है
अधारी
काठ का बना एक ढाँचा जिसे साधु लोग बैठने के समय सहारे के लिए बाँह के नीचे रखते हैं, टेवकी
उधारना
छुटकारा लिदाना, रिहाई देना, आज़ाद करना, नजात दिलाना
अधारना
किसी को अपना आधार या आश्रय स्थल बनाना या मानना
अधारिया
बैलगाड़ी में गाड़ीबान के बैठने के स्थान
उधार दीजिये दुश्मन कीजिये
lend your money and lose your friend
उधार देना लड़ाई मोल लेना
उधार देना झगड़ा पैदा करना है
अधार्मिक
धर्म से संबंध न रखने वाला, जो धार्मिक या धर्म से संबद्ध न हो
हाथ उधार
ऐसा ऋण जो आवश्यक्तानुसार बिना किसी लिखित के मांग लिया जाये, दस्त गर्दां (बिना लिखित का सूनिश्चित रूप में शीघ्र वापसी), क़र्ज़
हत-उधार
हाथ उधार, क़र्ज़ जो किसी के विश्वास पर किसी चीज़ को गिरवी रखे बिना दिया जाए, सीमित अवधि के लिए दिया हुआ क़र्ज़, सुविधाजनक क़र्ज़, हाथों हाथ क़र्ज़
हथ-उधार
loan advanced or taken without any security or IOU (I owe you)
हथ उधार देना
बिना जमानत के केवल भरोसे पर रुपये देना, थोड़े समय के लिए क़र्ज़ देना
जग-अधार
दुनिया का सहारा, दुनिया को सहारा देने वाला
अछूत-उधार
अछूत समुदायों का विकास; उनके विकास कार्य
दलित-उद्धार
अत्यंत ग़रीब और दरिद्र की मुक्ति या आज़ादी
अमीर का उगाल, ग़रीब का अधार
वह वस्तु जो धनी आदमी के लिए बेकार होती है वही एक निर्धन आदमी के लिए उपयोगी होती है
नौ नक़द न तेरह उधार
उधार के तेरह से नगद के नौ अच्छे, जो तत्काल मिल जाए वह अच्छा है, बहुत मिलने की आशा से तत्काल थोड़ा मिल जाना ही अच्छा है, जो तत्काल मिल जाए अच्छा है
क़र्ज़ उधार करना
उधार लेकर काम चलाना, उधार लेना, क़र्ज़ा लेना
आग खाए मुँह जले उधार खाए पेट
आग खाने से केवल मुँह जलता है, लेकिन आग से ज़्यादा ऋृण से डरना चाहिए, क्योंकि आग की जलन बाहरी शरीर तक ही सीमित होती है और ऋृण की पीड़ा से मन जल जाता है, ऋृण लेना आग से जलने से भी अधिक कष्टकारी होता है।
क्या उधार की माँ मरी है
लेन देन का दस्तूर दुनिया से उठ नहीं गया है तुम नहीं दोगे तो दूसरे से लेंगे, उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई क़र्ज़ देने में हीला हवाला करता है
घूँसों में उधार क्या
खाने में संकोच नहीं करना चाहिए और लड़ाई में वार करने में झिझकना नहीं चाहिए
किसी पर उधार खाना
किसी के खासतौर से पीछे पड़ना, किसी एक पर मुसलसल ग़ैज़ वग़ज़ब करना
घूँसों का उधार क्या
घूओंसों में मारने की जगह फ़ौरन मारना चाहे तवक्कुफ़ अच्छा नहीं, इंतिक़ाम फ़ौरन लेना चाहिए, जुर्म की सज़ा फ़ौरन मिलनी चाहिए
घूसों में क्या उधार
अपना बदला फ़ौरन ले लेना चाहिए, लड़ाई में वार का जवाब फ़ौरन देना चाहिए
सर नक़्द नौकरी उधार
पहले काम करो फिर उजरत या पगार मिलेगी
घूँसों का क्या उधार
घूओंसों में मारने की जगह फ़ौरन मारना चाहे तवक्कुफ़ अच्छा नहीं, इंतिक़ाम फ़ौरन लेना चाहिए, जुर्म की सज़ा फ़ौरन मिलनी चाहिए
घूसों में उधार क्या
अपना बदला फ़ौरन ले लेना चाहिए, लड़ाई में वार का जवाब फ़ौरन देना चाहिए
तुम्हारे मुँह का उगाल, हमारे पेट का अधार
तुम्हारी थोड़ी सी इमदाद हमारे लिए बहुत है
तुम्हारे मुँह का उगाल , हमारे पेट का अधार
۔مثل۔ تمھاری خفیف امداد ہمارے لیے بہت ہے۔ یہ فقرہ اکثر گداگروں کے استعمال میں ہے۔
ज़ेवर रजे का , सिंघार और भूके का अधार है
ज़ेवर दौलतमंदों के लिए ज़ीनत का बाइस और ग़रीबों का सहारा है
दमड़ी की कौड़ी चली सो उधार
किसी महत्वहीन वस्तु पर निर्भर होने के अवसर पर प्रयुक्त
रिझे का सिंघार और भूके का उधार
ऐसी चीज़ के मुताल्लिक़ कहते जो मालदार के लिए जे़ब-ओ-ज़ेबाइश और ग़ैरब के लिए बुरे वक़्त का सहारा हो
एक घड़ी की ना, सारे दिन का उधार
एक बार की मनाही अर्थात इन्कार बहुत सी हानि से बचाती है
एक घड़ी की बे-हयाई, सारे दिन का उधार
एक बार की मनाही अर्थात इन्कार बहुत सी हानि से बचाती है
खाने में शर्म क्या और घूँसों में उधार क्या
खाने में संकोच नहीं करना चाहिए और लड़ाई में वार करने में झिझकना नहीं चाहिए
दो घड़ी के बे-हयाई सारे दिन का उधार
थोड़ी देर की बे मरो्वती और बेग़ैरती से एक अर्सा तक के लिए आराम हो जाता है