उक्त धातु से बने हुए अस्त्र जो युद्ध में शत्रुओं को काटने-मारने के काम आते हैं। जैसे-कटार, तलवार, भाला, आदि। मुहा०-लोहा गहना = किसी से लड़ने के लिए हथियार उठाना। लोहा बजना-तलवारों, भालों आदि से युद्ध या लड़ाई होना। मार-काट होना। लोहा बरसना = युद्ध-क्षेत्र में अस्त्रों आदि का बहुत अधिकता से उपयोग होना। घमासान युद्ध होना। (किसी का) लोहा मानना = किसी काम या बात में किसी की योग्यता, शक्ति आदि की श्रेष्ठता स्वीकृत करते हुए उसके सामने झुकना या दबना, और उसे अपने से अधिक योग्य या शक्तिशाली समझना। (किसी से) लोहा लेना = (क) किसी से डटकर मार-पीट युद्ध या लड़ाई करना। (ख) किसी के सामने आकर उसके बल, योग्यता आदि का मुकाबला करना। टक्कर लेना। भिड़ना। लोहा सहना = लोहा लेना। (राज.)