तेज दौड़नेवाला एक प्रसिद्ध पालतू चौपाया जिस पर लोग सवारी करते हैं तथा जो गाड़ियाँ, टाँगे, रथ आदि भी खींचता है। मुहा०-घोड़ा उठाना-घोड़े को तेज दौड़ाना। घोड़ा उलांगना = किसी नये घोड़े पर पहले-पहल सवारी करना। घोड़ा कसना सवारी के लिए घोड़े पर जीन या चारजामा कसना। घोड़ा खोलना = (क) घोड़े का साज या चारजामा उतारना। (ख) घोड़े को बन्धन-मुक्त करना। घोड़ा छोड़ना = (क) किसी के पीछे घोड़ा दौड़ाना। (ख) दिग्विजय के लिए अश्वमेध का घोड़ा छोड़ना। (ग) घोड़े का साज या चारजामा उतारकर उसे चरने के लिए खुला छोड़ना। (किसी के पीछे) घोड़ा डालना = किसी को पकड़ने के लिए उसके पीछे तेजी से जाना। घोड़ा निकालना-(क) घोड़े को सिखलाकर सवारी के योग्य बनाना। (ख) दौड़ आदि में घोड़े को आगे बढ़ा ले जाना। घोड़े पर चढ़े आना = अपना काम पूरा कराने के लिए बहुत जल्दी मचाना। घोड़ा फेरना = घोड़े को दौड़ाने का अभ्यास कराने के लिए एक वृत्त में घुमाना। कावा देना। घोड़ा बेचकर सोना = निश्चित या बेफिक्र होकर गहरी नींद सोना।