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"ज़र का तो ज़र्रा भी आफ़्ताब है, बे-ज़र की मिट्टी ख़राब है" शब्द से संबंधित परिणाम

ब्याह

विवाह, शादी, ब्याह

ब्याह-बरात

ब्याह माँगना

(दुल्हन के घर वालों से) शादी की तारीख़ ठहराना, (दुल्हन के हाँ) लगन भेजना

ब्याह-बारात

ब्याह नहीं किया बरात तो देखी हैं

ख़ुद किसी काम को नहीं किया, मगर दूसरों के हाँ होते तो देखा है जिस की बना पर इस का तजुर्बा है

ब्याह में बीच का लेखा

एक काम में दूसरा बे-अवसर अथवा बे-मौक़ा' काम

ब्याहा

जिसका विवाह हो चुका हो, जिसकी शादी हो गई हो, जो कुँवारा न हो

ब्याहली

नव-विवाहित महिला, नववधू

ब्याह का जोड़ा

वह कपड़े जो वर-वधू विवाह के अवसर पर पहनते हैं

ब्याह में खाई बूर, फिर क्या खाएगी धूर

यदि ब्याह में सब ख़र्च कर दिया तो फिर गुज़र-बसर कैसे होगी

ब्याह किये की लाज

अपने किए को निबाहना पड़ता है

ब्याह नहीं किया बरात तो देखी है

ख़ुद किसी काम को नहीं किया, मगर दूसरों के हाँ होते तो देखा है जिस की बना पर इस का तजुर्बा है

ब्याही-थाई

ब्याहता

ब्याहा मर्द, वह स्त्री जो धर्म के विधिनुसार ब्याह करके लाई गई हो, विवाहित स्त्री, पहला पति, पहली पत्नी

ब्याहना

विवाह का सम्बन्ध स्थापित करना, ब्याह करना

ब्याहला

ब्याहा-त्याहा

ब्याही-त्याही

ब्याहा-थ्याहा

ब्याही-थ्याई

ब्याहत

ब्याहन

विवाह करने या होने की क्रिया, शादी

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई

अभी तक शादी ही नहीं हुई, जिस बात को देखा ही नहीं, उसका पता ही क्या हो

ब्याही बेटी का रखना हाथी का बाँधना है

शादी करने के बाद बेटी का अपने घर रखना मसारिफ़ वग़ैरा के लिहाज़ से इतना ही भारी है जितना हाथी पालना मुश्किल होता है

ब्याह देना

लड़की की शादी कर देना

ब्याह लाना

विवाह कर के दुल्हन ले आना

ब्याहने आई बरात दुलहन को लगी हगास

ज़रूरी काम के समय पर बहाने

ब्याह रचाना

धूम धाम से विवाह करना, विवाह की प्रथाएँ आरंभ करना, शादी करना

ब्याह रचा देख

किसी का विवाह करके देखो तो मालूम हो कि कितना रुपय का व्यय निकलता चला आएगा

ब्याह पीछे बढार

मौक़ा निकल जाने के बाद भूल चूक या ग़फ़लत पर पछतावा

ब्याह पीछे बरात

अवसर निकल जाने के बाद युक्ति सूझना

ब्याह पीछे पत्तल भारी होता है

अधिक ख़र्च करने के पश्चात थोड़ा ख़र्च भी बड़ा प्रतीत होता है

ब्याहने को बैठी है

जवान हुई, इस काबिल है कि ब्याह कर दिया जाये

मन मोतियों ब्याह, मन चावलों ब्याह

ब्याह तो हो ही जाता है मोती लुटाओ चाहे चावल पकाओ

राछस-ब्याह

नियम विरुद्ध विवाह

प्रेम-ब्याह

प्रेम-विवाह

चट मंगनी पट ब्याह

किसी काम को जल्द से जल्द और बिना सोचे समझे करने के अवसर पर बोलते हैं

कुँवें का ब्याह गीत गावें मसीत का

अनुचित अवसर पर बात कहना या कार्य करना, बेमौक़ा बात या काम करना

बेटी ब्याह कर सोना

बेटी के विवाह के प्रकार का ज़रूरी काम अंजाम देकर चिंतारहित होजाना

बेच-बेच मेरी पखनी का ब्याह

जब सारी सम्पत्ति बेच कर लड़की का ब्याह किया जाए तो कहते हैं

तालियाँ बजा ले बन्नो ब्याह होगा

छोटी लड़कीयों को कहते हैं जब वो तालियां बजाती हैं

काने के ब्याह को सौ सौ जोखों

काने की शादी बड़ी मुश्किल से होती है

मंगनी न टंगनी, गुड़िया का ब्याह

शादी या मंगनी का महिज़ नाम ही है वर्ना एक खेल सा है, वहां कहते हैं जहां शादी का निरा आराम आराम हव

काँड़े के ब्याह के सौ सौ जोखों

ऐबदार शैय के लिए हर जगह मुश्किल होती है

बुड्ढा ब्याह करके पड़ोसियों को सुख होए

बुढ़ापे के ब्याह पर कटाक्ष है, पड़ोसी मज़े उड़ाते हैं

लड़की तेरा ब्याह कर दें, कहा मैं कैसे कहूँ

जहाँ किसी चीज़ की इच्छा हो परंतु कह न सकें वहाँ बोलते हैं

गुड्डे गुड़िया का ब्याह

गुड़िया गुड्डे का ब्याह

कव्वे के ब्याह में गीत गावत ससित के

अयोग्य के सामने योग्यता की बात करना व्यर्थ है

चट मेरी मंगनी पट मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी रह गया ब्याह

मानवीय कामों की या संसार की अल्पकालिकता और भविष्य के अविश्वास को प्रकट करने के अवसर पर बोलते हैं कि समय या युग बदलते देर नहीं लगती, आदमी योजना बनाता है, पर भविष्य में क्या होगा, कोई नहीं जानता

आज मेरी मंगनी कल मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी रह गया ब्याह

मनुष्य मंसूबे बनाता है परंतु भविष्य में क्या होगा कोई नहीं जानता

माँगे ताँगे काम चले तो ब्याह करे बला से

यदि आसानी से काम निकल जाए तो परिश्रम की क्या आवश्यक्ता है

पाँच महीने ब्याह को बीते पेट कहाँ से लाई

अतार्किक या नियम के विरुद्ध बात पर टोकने के लिए प्रयुक्त है

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

पैसा होता तो ब्याह ही न करते

बहुत मुफ़लिसी में कोई पैसा मान तो मज़ा हा कहते हैं

आज मेरी मंगनी कल मेरा ब्याह, परसों लौंडिया को कोई ले जा

संसार की नश्वरता एवं भविष्य का अविश्वास दर्शाने के अवसर पर बोलते हैं कि समय अथवा युग बदलते देर नहीं लगती है

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं

बनिये की कमाई ब्याह या मकान ने खाई

बनिये बक़्क़ाल अपना रुपया पैसा विवाह या भवन निर्माण में दिल खोल कर लगाते हैं और कामों में कंजूसी दिखाते हैं

सार सरावत न करें ब्याह काज के बीच इसमें धन को यूँ समझ जैसा कंकर-कीच

ब्राह्मणों का कहना है कि विवाह के अवसर पर मितव्ययिता नहीं करनी चाहिए, धन-संपत्ति को महत्व नहीं देना चाहिए

गधा गधी का ब्याह

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़र का तो ज़र्रा भी आफ़्ताब है, बे-ज़र की मिट्टी ख़राब है के अर्थदेखिए

ज़र का तो ज़र्रा भी आफ़्ताब है, बे-ज़र की मिट्टी ख़राब है

zar kaa to zarra bhii aaftaab hai, be-zar kii miTTii KHaraab haiزَر کا تو ذرہ بھی آفتاب ہے، بے زَر کی مٹی خراب ہے

कहावत

ज़र का तो ज़र्रा भी आफ़्ताब है, बे-ज़र की मिट्टी ख़राब है के हिंदी अर्थ

  • रुपया बड़ी चीज़ है, निर्धन की तो मिट्टी ख़राब होती है
  • धन का तो एक कण भी सूर्य के समान है, धनहीन की ही बर्बादी होती है
  • आशय यह है कि धन ही के कारण मनुष्य को सम्मान मिलता है, निर्धन को कोई नहीं पूछता

Roman

زَر کا تو ذرہ بھی آفتاب ہے، بے زَر کی مٹی خراب ہے کے اردو معانی

  • روپیہ بڑی چیز ہے، غریب کی تو مٹی خراب ہوتی ہے
  • دولت کا ایک ذرہ بھی سورج کی مانند ہوتا ہے، بربادی غریب کی ہی ہوتی ہے
  • مطلب یہ ہے کہ دولت ہی کی وجہ سے آدمی کو لوگ عزت دیتے ہیں، غریب کو کوئی نہیں پوچھتا

Urdu meaning of zar kaa to zarra bhii aaftaab hai, be-zar kii miTTii KHaraab hai

  • rupyaa ba.Dii chiiz hai, Gariib kii to miTTii Kharaab hotii hai
  • daulat ka ek zarraa bhii suuraj kii maanind hotaa hai, barbaadii Gariib kii hii hotii hai
  • matlab ye hai ki daulat hii kii vajah se aadamii ko log izzat dete hain, Gariib ko ko.ii nahii.n puuchhtaa

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ब्याह

विवाह, शादी, ब्याह

ब्याह-बरात

ब्याह माँगना

(दुल्हन के घर वालों से) शादी की तारीख़ ठहराना, (दुल्हन के हाँ) लगन भेजना

ब्याह-बारात

ब्याह नहीं किया बरात तो देखी हैं

ख़ुद किसी काम को नहीं किया, मगर दूसरों के हाँ होते तो देखा है जिस की बना पर इस का तजुर्बा है

ब्याह में बीच का लेखा

एक काम में दूसरा बे-अवसर अथवा बे-मौक़ा' काम

ब्याहा

जिसका विवाह हो चुका हो, जिसकी शादी हो गई हो, जो कुँवारा न हो

ब्याहली

नव-विवाहित महिला, नववधू

ब्याह का जोड़ा

वह कपड़े जो वर-वधू विवाह के अवसर पर पहनते हैं

ब्याह में खाई बूर, फिर क्या खाएगी धूर

यदि ब्याह में सब ख़र्च कर दिया तो फिर गुज़र-बसर कैसे होगी

ब्याह किये की लाज

अपने किए को निबाहना पड़ता है

ब्याह नहीं किया बरात तो देखी है

ख़ुद किसी काम को नहीं किया, मगर दूसरों के हाँ होते तो देखा है जिस की बना पर इस का तजुर्बा है

ब्याही-थाई

ब्याहता

ब्याहा मर्द, वह स्त्री जो धर्म के विधिनुसार ब्याह करके लाई गई हो, विवाहित स्त्री, पहला पति, पहली पत्नी

ब्याहना

विवाह का सम्बन्ध स्थापित करना, ब्याह करना

ब्याहला

ब्याहा-त्याहा

ब्याही-त्याही

ब्याहा-थ्याहा

ब्याही-थ्याई

ब्याहत

ब्याहन

विवाह करने या होने की क्रिया, शादी

ब्याही न बरात चढ़ी डोली में बैठी न चूँ-चूँ हुई

अभी तक शादी ही नहीं हुई, जिस बात को देखा ही नहीं, उसका पता ही क्या हो

ब्याही बेटी का रखना हाथी का बाँधना है

शादी करने के बाद बेटी का अपने घर रखना मसारिफ़ वग़ैरा के लिहाज़ से इतना ही भारी है जितना हाथी पालना मुश्किल होता है

ब्याह देना

लड़की की शादी कर देना

ब्याह लाना

विवाह कर के दुल्हन ले आना

ब्याहने आई बरात दुलहन को लगी हगास

ज़रूरी काम के समय पर बहाने

ब्याह रचाना

धूम धाम से विवाह करना, विवाह की प्रथाएँ आरंभ करना, शादी करना

ब्याह रचा देख

किसी का विवाह करके देखो तो मालूम हो कि कितना रुपय का व्यय निकलता चला आएगा

ब्याह पीछे बढार

मौक़ा निकल जाने के बाद भूल चूक या ग़फ़लत पर पछतावा

ब्याह पीछे बरात

अवसर निकल जाने के बाद युक्ति सूझना

ब्याह पीछे पत्तल भारी होता है

अधिक ख़र्च करने के पश्चात थोड़ा ख़र्च भी बड़ा प्रतीत होता है

ब्याहने को बैठी है

जवान हुई, इस काबिल है कि ब्याह कर दिया जाये

मन मोतियों ब्याह, मन चावलों ब्याह

ब्याह तो हो ही जाता है मोती लुटाओ चाहे चावल पकाओ

राछस-ब्याह

नियम विरुद्ध विवाह

प्रेम-ब्याह

प्रेम-विवाह

चट मंगनी पट ब्याह

किसी काम को जल्द से जल्द और बिना सोचे समझे करने के अवसर पर बोलते हैं

कुँवें का ब्याह गीत गावें मसीत का

अनुचित अवसर पर बात कहना या कार्य करना, बेमौक़ा बात या काम करना

बेटी ब्याह कर सोना

बेटी के विवाह के प्रकार का ज़रूरी काम अंजाम देकर चिंतारहित होजाना

बेच-बेच मेरी पखनी का ब्याह

जब सारी सम्पत्ति बेच कर लड़की का ब्याह किया जाए तो कहते हैं

तालियाँ बजा ले बन्नो ब्याह होगा

छोटी लड़कीयों को कहते हैं जब वो तालियां बजाती हैं

काने के ब्याह को सौ सौ जोखों

काने की शादी बड़ी मुश्किल से होती है

मंगनी न टंगनी, गुड़िया का ब्याह

शादी या मंगनी का महिज़ नाम ही है वर्ना एक खेल सा है, वहां कहते हैं जहां शादी का निरा आराम आराम हव

काँड़े के ब्याह के सौ सौ जोखों

ऐबदार शैय के लिए हर जगह मुश्किल होती है

बुड्ढा ब्याह करके पड़ोसियों को सुख होए

बुढ़ापे के ब्याह पर कटाक्ष है, पड़ोसी मज़े उड़ाते हैं

लड़की तेरा ब्याह कर दें, कहा मैं कैसे कहूँ

जहाँ किसी चीज़ की इच्छा हो परंतु कह न सकें वहाँ बोलते हैं

गुड्डे गुड़िया का ब्याह

गुड़िया गुड्डे का ब्याह

कव्वे के ब्याह में गीत गावत ससित के

अयोग्य के सामने योग्यता की बात करना व्यर्थ है

चट मेरी मंगनी पट मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी रह गया ब्याह

मानवीय कामों की या संसार की अल्पकालिकता और भविष्य के अविश्वास को प्रकट करने के अवसर पर बोलते हैं कि समय या युग बदलते देर नहीं लगती, आदमी योजना बनाता है, पर भविष्य में क्या होगा, कोई नहीं जानता

आज मेरी मंगनी कल मेरा ब्याह, टूट गई टंगड़ी रह गया ब्याह

मनुष्य मंसूबे बनाता है परंतु भविष्य में क्या होगा कोई नहीं जानता

माँगे ताँगे काम चले तो ब्याह करे बला से

यदि आसानी से काम निकल जाए तो परिश्रम की क्या आवश्यक्ता है

पाँच महीने ब्याह को बीते पेट कहाँ से लाई

अतार्किक या नियम के विरुद्ध बात पर टोकने के लिए प्रयुक्त है

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

पैसा होता तो ब्याह ही न करते

बहुत मुफ़लिसी में कोई पैसा मान तो मज़ा हा कहते हैं

आज मेरी मंगनी कल मेरा ब्याह, परसों लौंडिया को कोई ले जा

संसार की नश्वरता एवं भविष्य का अविश्वास दर्शाने के अवसर पर बोलते हैं कि समय अथवा युग बदलते देर नहीं लगती है

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं

बनिये की कमाई ब्याह या मकान ने खाई

बनिये बक़्क़ाल अपना रुपया पैसा विवाह या भवन निर्माण में दिल खोल कर लगाते हैं और कामों में कंजूसी दिखाते हैं

सार सरावत न करें ब्याह काज के बीच इसमें धन को यूँ समझ जैसा कंकर-कीच

ब्राह्मणों का कहना है कि विवाह के अवसर पर मितव्ययिता नहीं करनी चाहिए, धन-संपत्ति को महत्व नहीं देना चाहिए

गधा गधी का ब्याह

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