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माँ-जाया

माँ से उत्पन्न, अर्थात् सगा भाई

माँ-जाई

सगी बहन, बहन जो माँ के पेट से हो, एक ही माँ की जनी हुई दो बहनें

माँ-जाए

born of the same mother

माँ का जाया

رک : ماں جایا ، سگا بھائی.

हमसाया माँ जाया

पड़ोसी सगे भाई की तरह होता है

हमसंग माँ जाया

पड़ोसी सगे भाई की तरह होता है

प्रदेस पराया माँ न माँ का जाया

ग़ैर जगह या दूसरे मुलक में अजनबी लोग होते हैं कोई सगा रिश्तेदार माँ या भाई नहीं होते

हक़ हमसाया माँ का जाया

हमसाया सगे भाई की मानिंद होता है , पड़ोसी का हक़ बहुत ज़्यादा होता है

माँ न माँ का जाया, सभी लोग पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ न माँ का जाया, सभी लोक पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

भाड़ में जाए

रुक : भाड़ में पढ़ो/ पड़े

लाड में आए ककड़ी बल बल जाए कव्वा

रुक: जैसी रूह सीसे फ़रिश्ते

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

माँ सदक़े जाए

(महिला) माताएं अपने बच्चों से कुछ प्राप्त होने पर उनकी प्रशंसा में प्रेमपूर्वक यह वाक्यांश कहती हैं

चुल्हे भाड़ में जाए

(घृणा के अवसर पर) नष्ट हो जाए, उजड़ जाए, बर्बाद हो जाए, (तुलना) चूल्हे में पड़े

दोज़ख़ में जाए

(अभिशाप) भाड़ में पड़े, नरक या जहन्नम में जाये

जुम'आ छोड़ सनीचर नहाए उस के जनाज़े में कोई न जाए

मुस्लमान प्रायः शुक्रवार को ज़रूर स्नान करते और कपड़े बदलते हैं

माँ की जाई

(संकेतात्मक) लड़की

आप घर को फिर जाइए शायद धोके में आप भूल पड़े

کسی بے تکلف دوست یا عزیز کے بہت دن میں صورت دکھانے کے موقع پر شکایتاً مستعمل

जो अपने काम न आए वो भाड़ में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

ज़मीन शक़ हो जाए और मैं समा जाऊँ

अधिक कष्ट की स्थिति में कहते हैं

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

चाहे मुर्दा दोज़ख़ में जाए चाहे बहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से ग़रज़

किसी दूसरे की पर्वा ना करते हुए अपनी बेहतरी पर नज़र रखना, ख़ुदग़रज़ी दिखाने के मौक़ा पर कहते हैं

जो अपने काम न आए वो चूल्हे भाड़ में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

जैसी माँ वैसी जाई

हर चीज़ अपने मूल का नमूना होती है

जहन्नम में जाए

बुरे से बुरा हश्र हो, दाये बद

सर जाए बात में फ़र्क़ न आए

वचन पूरा करना चाहिए, चाहे जान क्यूँ न चली जाए

मुर्दा बिहिश्त में जाए चाहे दोज़ख़ में , हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी को अपने मतलब से काम है कोई जीए या मरे

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

आग में जाए

भाड़ में जाए, दूर हो

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

अपने हाथ के बल बल जाइए जैसा मन हो तैसा खाइए

अपने हाथ का काम ठीक मन-मर्ज़ी के अनुसार होता है (कारीगर इच्छानुसार काम करने के बाद गर्व से कहता है

मुँह टूट जाए

۔(عو) بد دعاء۔ ؎

मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाए

बहुत भाग्यशाली है, जो काम करता है उस से बहुत लाभ होता है या बहुत पैसा कमाता है, भाग्यशाली को हर काम में लाभ होता है

ख़ाक में मिल जाए

एक कोसना यानी मर जाए, गड़ जाए तबाह-ओ-बर्बाद हो, किसी काम का ना रहे

मुर्दा दोज़ख़ में जाए या बिहिश्त में , हमें अपने हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ को अपने मतलब से काम होता है ख़ाह कोई जीए या मरे

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो दिया ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

हाँसी में खाँसी न हो जाए

सुख में दुःखी न हो जाये

चूल्हे में जाए

आग लगे, ख़ाक में मिले, उजड़ जाये, हमारी बला से, चूल्हे भाड़ में जाए

मुर्दा दोज़ख़ में जाए कि बिहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से मतलब

ख़ुदग़रज़ को अपने काम से काम है ख़ाह कोई मरे या जीए

तू चाह मेरी जाई को, मैं चाहूँ तेरे खाट के पाए को

सास अपने दामाद से कहती है कि तुम मेरी बेटी के साथ अच्छा व्यवहार करोगे तो मैं तुम्हारी सब वस्तु का सम्मान करूँगी

ऐसी तैसी में जाए

भाड़ में जाये, नरक में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

जिए मेरा काटने वाला मैं सिनकने से छूटी

यानी नुक़्सान हुआ मगर रोज़ के झगड़े से छोटी, किसी शख़्स ने अपनी बदकार औरत की नाक काट डाली इस ने तंज़न ये फ़िक़रा कहा था जब से ये ज़रब-उल-मसल हो गया

आब-ए-रफ़्ता जूए ख़ुश्क में आना

धन-अवनति के पश्चात पुन: धन प्राप्त होना, गई हुई वस्तु पुन: हाथ आना

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

बी बी वारे बाँदी खाए, घर की बला घर में जाए

घर की मालिका अगर दान-दक्षिणा घर ही में बाँदी को दे दे तो उसका देना न देना बराबर है

जो अपने काम न आए वो चूल्हे में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

बंद के जाए बंद में नहीं रहते

दुख सदैव नहीं रहता, क़ैदी आज़ाद भी हो जाते हैं

अपनी ऐसी तैसी में जाए

जहन्नुम में पड़े, भाड़ में जाये, हिमियायाँ क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में जाए

go to hell, let it go to hell, I don't give a damn

सूरा काटे और बिल में घुस जाए

वीरता के साथ चालाकी एवं सावधानी भी आवश्यक है

गोरी का जोबन चुटकियों में जाए

किसी चीज़ का मुफ़्त और बेकार व्यर्थ होना, किसी चीज़ की गुणवत्ता बरबाद होना, जल्द और तेज़ी से मिट जाना

चुप रहूँ बावा कुत्ता खाए , बोलूँ तो माँ मारी जाए

किसी बात के करने से भी मुसीबत आए और ना करने से भी, हर तरह से मुश्किल का सामना हो तो कहते हैं

जिस की माँ जलेगी उस की जाई पहले जलेगी

माँ का असर औलाद पर ज़रूर होता है

कहें तो माँ मारी जाए , नहीं तो बाप कुत्ता खाए

रुक : कहूं तो माँ मारी जाये अलख

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ज़लील के अर्थदेखिए

ज़लील

zaliilذَلِیل

स्रोत: अरबी

वज़्न : 121

ज़लील के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • जिसका अपमान हुआ हो, बेइज़्ज़त, अपमानित, तिरस्कृत
  • तुच्छ, नीच, अधम, कमीना, घटिया व्यक्ति
  • छोटे दर्जे का, साधारण, नाचीज़
  • बुरा, बदनाम, ख़राब

समान ध्वनि के मिलते-जुलते शब्द

जलील (جَلِیل)

पूज्य या महान (यक्ति)

शे'र

English meaning of zaliil

Adjective

  • base, abject, contemptible, despicable, mean, shameless

ذَلِیل کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • بے عزت، بے وقعت، حقیر، خوار
  • کمینہ، رذیل، سفلہ
  • ادنیٰ، معمولی، ناچیز
  • بُرا، خراب

Urdu meaning of zaliil

  • Roman
  • Urdu

  • be.izzat, bevuqat, haqiir, Khaar
  • kamiina, raziil, suflaa
  • adnaa, maamuulii, naachiiz
  • buraa, Kharaab

ज़लील के यौगिक शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

माँ-जाया

माँ से उत्पन्न, अर्थात् सगा भाई

माँ-जाई

सगी बहन, बहन जो माँ के पेट से हो, एक ही माँ की जनी हुई दो बहनें

माँ-जाए

born of the same mother

माँ का जाया

رک : ماں جایا ، سگا بھائی.

हमसाया माँ जाया

पड़ोसी सगे भाई की तरह होता है

हमसंग माँ जाया

पड़ोसी सगे भाई की तरह होता है

प्रदेस पराया माँ न माँ का जाया

ग़ैर जगह या दूसरे मुलक में अजनबी लोग होते हैं कोई सगा रिश्तेदार माँ या भाई नहीं होते

हक़ हमसाया माँ का जाया

हमसाया सगे भाई की मानिंद होता है , पड़ोसी का हक़ बहुत ज़्यादा होता है

माँ न माँ का जाया, सभी लोग पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

माँ न माँ का जाया, सभी लोक पराया

अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो

भाड़ में जाए

रुक : भाड़ में पढ़ो/ पड़े

लाड में आए ककड़ी बल बल जाए कव्वा

रुक: जैसी रूह सीसे फ़रिश्ते

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

माँ सदक़े जाए

(महिला) माताएं अपने बच्चों से कुछ प्राप्त होने पर उनकी प्रशंसा में प्रेमपूर्वक यह वाक्यांश कहती हैं

चुल्हे भाड़ में जाए

(घृणा के अवसर पर) नष्ट हो जाए, उजड़ जाए, बर्बाद हो जाए, (तुलना) चूल्हे में पड़े

दोज़ख़ में जाए

(अभिशाप) भाड़ में पड़े, नरक या जहन्नम में जाये

जुम'आ छोड़ सनीचर नहाए उस के जनाज़े में कोई न जाए

मुस्लमान प्रायः शुक्रवार को ज़रूर स्नान करते और कपड़े बदलते हैं

माँ की जाई

(संकेतात्मक) लड़की

आप घर को फिर जाइए शायद धोके में आप भूल पड़े

کسی بے تکلف دوست یا عزیز کے بہت دن میں صورت دکھانے کے موقع پر شکایتاً مستعمل

जो अपने काम न आए वो भाड़ में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

ज़मीन शक़ हो जाए और मैं समा जाऊँ

अधिक कष्ट की स्थिति में कहते हैं

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

चाहे मुर्दा दोज़ख़ में जाए चाहे बहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से ग़रज़

किसी दूसरे की पर्वा ना करते हुए अपनी बेहतरी पर नज़र रखना, ख़ुदग़रज़ी दिखाने के मौक़ा पर कहते हैं

जो अपने काम न आए वो चूल्हे भाड़ में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

जैसी माँ वैसी जाई

हर चीज़ अपने मूल का नमूना होती है

जहन्नम में जाए

बुरे से बुरा हश्र हो, दाये बद

सर जाए बात में फ़र्क़ न आए

वचन पूरा करना चाहिए, चाहे जान क्यूँ न चली जाए

मुर्दा बिहिश्त में जाए चाहे दोज़ख़ में , हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ आदमी को अपने मतलब से काम है कोई जीए या मरे

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

आग में जाए

भाड़ में जाए, दूर हो

क़ब्र में रख के ख़बर को न आया कोई, मूए का कोई नहीं, जीए के सब कोई

मरने के बाद क़ब्र पर भी कोई नहीं जाता

अपने हाथ के बल बल जाइए जैसा मन हो तैसा खाइए

अपने हाथ का काम ठीक मन-मर्ज़ी के अनुसार होता है (कारीगर इच्छानुसार काम करने के बाद गर्व से कहता है

मुँह टूट जाए

۔(عو) بد دعاء۔ ؎

मिट्टी में हाथ डाले तो सोना हो जाए

बहुत भाग्यशाली है, जो काम करता है उस से बहुत लाभ होता है या बहुत पैसा कमाता है, भाग्यशाली को हर काम में लाभ होता है

ख़ाक में मिल जाए

एक कोसना यानी मर जाए, गड़ जाए तबाह-ओ-बर्बाद हो, किसी काम का ना रहे

मुर्दा दोज़ख़ में जाए या बिहिश्त में , हमें अपने हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ को अपने मतलब से काम होता है ख़ाह कोई जीए या मरे

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो दिया ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

बाजरा कहे में हूँ अकेला दो मोसली से लड़ूँ अकेला जो मेरी ताजो खिचड़ी खाए तो तुरत बोलता ख़ुश हो जाए

एक कहावत जो बाजरे की प्रशंसा में प्रयुक्त, परयायवाची: यदि सुंदर स्त्री बाजरा खाए तो बहुत प्रसन्न हो

हाँसी में खाँसी न हो जाए

सुख में दुःखी न हो जाये

चूल्हे में जाए

आग लगे, ख़ाक में मिले, उजड़ जाये, हमारी बला से, चूल्हे भाड़ में जाए

मुर्दा दोज़ख़ में जाए कि बिहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से मतलब

ख़ुदग़रज़ को अपने काम से काम है ख़ाह कोई मरे या जीए

तू चाह मेरी जाई को, मैं चाहूँ तेरे खाट के पाए को

सास अपने दामाद से कहती है कि तुम मेरी बेटी के साथ अच्छा व्यवहार करोगे तो मैं तुम्हारी सब वस्तु का सम्मान करूँगी

ऐसी तैसी में जाए

भाड़ में जाये, नरक में जाये, हमारी तरफ़ से कहीं मारा मारा फिरे, कुछ भी करे हमें सरोकार नहीं

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

जिए मेरा काटने वाला मैं सिनकने से छूटी

यानी नुक़्सान हुआ मगर रोज़ के झगड़े से छोटी, किसी शख़्स ने अपनी बदकार औरत की नाक काट डाली इस ने तंज़न ये फ़िक़रा कहा था जब से ये ज़रब-उल-मसल हो गया

आब-ए-रफ़्ता जूए ख़ुश्क में आना

धन-अवनति के पश्चात पुन: धन प्राप्त होना, गई हुई वस्तु पुन: हाथ आना

जीव किसी का मत सता जब लग पार बसाए,काँटे हैं उस राह में उस बटया मत जाए

लोगों को सताना अच्छी बात नहीं

बी बी वारे बाँदी खाए, घर की बला घर में जाए

घर की मालिका अगर दान-दक्षिणा घर ही में बाँदी को दे दे तो उसका देना न देना बराबर है

जो अपने काम न आए वो चूल्हे में जाए

कृपा के बिना मनुष्य किसी काम का नहीं होता

बंद के जाए बंद में नहीं रहते

दुख सदैव नहीं रहता, क़ैदी आज़ाद भी हो जाते हैं

अपनी ऐसी तैसी में जाए

जहन्नुम में पड़े, भाड़ में जाये, हिमियायाँ क्या मतलब, चाहे जो हो

ऐसी की तैसी में जाए

go to hell, let it go to hell, I don't give a damn

सूरा काटे और बिल में घुस जाए

वीरता के साथ चालाकी एवं सावधानी भी आवश्यक है

गोरी का जोबन चुटकियों में जाए

किसी चीज़ का मुफ़्त और बेकार व्यर्थ होना, किसी चीज़ की गुणवत्ता बरबाद होना, जल्द और तेज़ी से मिट जाना

चुप रहूँ बावा कुत्ता खाए , बोलूँ तो माँ मारी जाए

किसी बात के करने से भी मुसीबत आए और ना करने से भी, हर तरह से मुश्किल का सामना हो तो कहते हैं

जिस की माँ जलेगी उस की जाई पहले जलेगी

माँ का असर औलाद पर ज़रूर होता है

कहें तो माँ मारी जाए , नहीं तो बाप कुत्ता खाए

रुक : कहूं तो माँ मारी जाये अलख

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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