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कठोर

(कार्य) जिसे पूरा करने में विशेष आयास, मनोयोग आदि की आवश्यकता हो। जो सहज में निबाहा न जा सके, कठिन, कड़ा, जैसे-कठोर परिश्रम

कठोरपन

कठोरता, कड़ापन, निर्दयता, संगदिली, ज़ुल्म, बेरहमी, सख़्ती

कठोरता

कठोर होने की अवस्था गुण या भाव, कड़ापन, कार्य, व्यवहार आदि में होनेवाली कड़ाई, कठोरपन

हिरिदा कठोर होना

सख़्त दिल हो जाना, संग-ए-दिल होना

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे के अर्थदेखिए

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

ut bhii tuu mat baiTh piyaare jit baiThe ho.n bairii saareاُت بھی تُو مَت بَیٹْھ پیارے جِت بیْٹھے ہوں بَیْری سارے

अथवा : उत भी तुम मत बैठो प्यारे, जित बैठे हों बैरी सारे

कहावत

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे के हिंदी अर्थ

  • जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

اُت بھی تُو مَت بَیٹْھ پیارے جِت بیْٹھے ہوں بَیْری سارے کے اردو معانی

Roman

  • جہاں دشمن ہوں وہاں ٹھہرنا اچھا نہیں ہے

Urdu meaning of ut bhii tuu mat baiTh piyaare jit baiThe ho.n bairii saare

Roman

  • jahaa.n dushman huu.n vahaa.n Thaharnaa achchhaa nahii.n hai

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कठोर

(कार्य) जिसे पूरा करने में विशेष आयास, मनोयोग आदि की आवश्यकता हो। जो सहज में निबाहा न जा सके, कठिन, कड़ा, जैसे-कठोर परिश्रम

कठोरपन

कठोरता, कड़ापन, निर्दयता, संगदिली, ज़ुल्म, बेरहमी, सख़्ती

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कठोर होने की अवस्था गुण या भाव, कड़ापन, कार्य, व्यवहार आदि में होनेवाली कड़ाई, कठोरपन

हिरिदा कठोर होना

सख़्त दिल हो जाना, संग-ए-दिल होना

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

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