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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरा

बेहुनर, जिसे कोई हुनर या कला न आती हो

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में उधेड़ के रोटी न खाओ तंगी होती है के अर्थदेखिए

उधेड़ के रोटी न खाओ तंगी होती है

udhe.D ke roTii na khaa.o tangii hotii haiادھیڑ کے روٹی نہ کھاؤ تنگی ہوتی ہے

अथवा : उधेड़ के रोटी न खाओ नंगी होती है

कहावत

उधेड़ के रोटी न खाओ तंगी होती है के हिंदी अर्थ

  • उधेड़ कर रोटी का खाना बुरा समझा जाता है, रोटी का छिलका नहीं उतारना चाहिए
  • उधेड़ कर रोटी खाना अच्छा नहीं इससे बदनामी होती है

ادھیڑ کے روٹی نہ کھاؤ تنگی ہوتی ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ادھیڑ کر روٹی کا کھانا برا سمجھا جاتا ہے، روٹی کا چھلکا نہیں اتارنا چاہیے
  • ادھیڑ کر روٹی کھانا اچھا نہیں اس سے بدنامی ہوتی ہے

Urdu meaning of udhe.D ke roTii na khaa.o tangii hotii hai

  • Roman
  • Urdu

  • udhe.D kar roTii ka khaanaa buraa samjhaa jaataa hai, roTii ka chhilkaa nahii.n utaarnaa chaahi.e
  • udhe.D kar roTii khaanaa achchhaa nahii.n is se badnaamii hotii hai

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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरा

बेहुनर, जिसे कोई हुनर या कला न आती हो

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

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