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वो तो

किसी आदेश को चिन्हित करने के लिए प्रयुक्त

वो तो वो

۔इस का बड़ा मर्तबा है की जगह।

वो तो कहिए

ग़नीमत यह है कि, ख़ैरियत गुज़री कि, भला हुआ कि

वो तो हव्वा है

अत्यधिक डरावना एवं भयानक है जिससे भय लगता है, अत्यधिक बूरे स्भाव का है काट खाने को दौड़ता है

वो तो बहता दरिया था

वह बहुत ही दानी व्यक्ति था, हर किसी को लाभ पहुँचाने वाला था

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

वो तो हम समझे ही थे

हमें तो पहले से मालूम था

वो नहीं तो उस का भाई

एक नहीं तो दूसरा सही, काम केवल एक पर समाप्त नहीं, किसी ख़ास आदमी के न होने से काम रुकता नहीं

वो सेर तो हम सवा सेर

बलशाली के लिए उससे अधिक बलशाली उपस्थित है, एक से बढ़ कर एक, हर फ़िरऔन-ए- रा मूसा

ग़ुलाम साठ तो वो भी हाठ

निकम्मे का होना न होना बराबर है

पाजी तो पाजी वो बड़ा पजोड़ा है

वो निहायत कमीना आदमी है

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

ये टाँग खोलो तो लाज, वो टाँग खोलो तो लाज

जब दोनों बातों में तिरस्कार एवं अपमान हो उस समय प्रयुक्त है

दूल्हा तो वो पर दो-शाला अपना

ज़ाहिरी बनाओ सजाओ की हक़ीक़त खोलना होता ये मिसल बोलते हैं, मतलब ये होता है कि इस की सारी सज धज हमारे ही तुफ़ैल से है फिर भी हमें से एकड़ता है

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

मैं डाल डाल तो वो पात पात

۔دیکھو ڈال ڈال۔ ؎

वो डाल डाल तो मैं पात पात

साधारणतया पीछा करते समय प्रयुक्त

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

ये घुटना खोलें तो लाज वो घुटना खोलें तो लाज

जब दोनों बातों में बेइज़्ज़ती और बदनामी हो उस समय प्रयुक्त

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

ये टाँग खोलो तो लाज है वो टाँग खोलो तो लाज है

जब दोनों बातों में बदनामी और रुसवाई हो उस वक़्त मुस्तामल है यानी दोनों तरह बदनामी है

वो डाल डाल तो हम पात पात

साधारणतया पीछा करते समय प्रयुक्त

वो राह तुम्हारी है तो ये राह हमारी

हमारा तुम्हारा कोई संबंध नहीं है बेपर्वाई स्पष्ट करने के लिए प्रयुक्त

वो राह तुम्हारी है तो ये राह हमारी

हमारा तुम्हारा कोई संबंध नहीं, बेपर्वाई स्पष्ट करने के लिए प्रयुक्त

ये टाँग खोलूँ तो लाज है वो टाँग खोलूँ तो लाज है

जब दोनों बातों में बदनामी और रुसवाई हो उस वक़्त मुस्तामल है यानी दोनों तरह बदनामी है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

तुझ से फिरे तो वो ख़ुदा से फिरे

कुसुम या अह्द के मौक़ा पर बोलते हैं यानी तेरे ख़िलाफ़ करूं तो गोया अपने ख़ुदा के ख़िलाफ़ करूं

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

नाक तो कटी पर वो भी मर गए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

۔ (دہلی) طنزاً۔ ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا۔

राजा हुए तो क्या , वो ही जाट के जाट

माल-ओ-दौलत ज़ात और असल को नहीं बदलती

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वो भी परी है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

नाक तो कटी पर वो ख़ूब ही में मरी

नाक कटवा ली मगर ज़िद न छोड़ी

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

रंडी के नाक न होती तो वो गूह खाती फिरती

औरत बहुत बेवक़ूफ़ होती है

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

ज़ुलैख़ा तो सारी पढ़ गए पर ये न जाना कि वो 'औरत थी या मर्द

किसी बात या घटना को प्रारंभ से अंत तक सुनना या पढ़ना किन्तु इस पर बिल्कुल ध्यान न देना

उसी रूख पर है चढ़ा उसी की जड़ कटवाय, वो मूरख तो एक दिन गिर दब कर मर जाय

जिस वस्तु पर मनुष्य का गुज़ारा हो यदि उसी को बर्बाद करे तो हानि उठाएगा

सुख मानो तो सुख है , दुख मानो तो दुख है , सच्चा सुखिया वो है जो सुख माने न दुख

अगर समझो तो ख़ुशी है अगर तकलीफ़ समझो तो तकलीफ़ ख़ुशी होती है . असल में ख़ुशी वो है जो आराम और तकलीफ़ की पर्वा ना करे क्योंकि आराम और ख़ुशी एतबारी कैफ़यात हैं

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

तिरया तुझ से जो कहे मोल न तू वो मान, तिरया मत पर जो चलें वो नर हैं निर्ज्ञान

स्त्री के कहने पर नहीं चलना चाहिए जो उन के कहने पर चले वो मूर्ख है

मैं मरूँ तेरे लिए, तू मरे वा के लिए

धोकेबाज़ है, मैं उस पर जान देता हूँ परंतु वह मेरे अतिरिक्त दूसरों पर अधिक ध्यान देता है

बंजी और बटाउना सुख पावें जिस गाम, वा को तो चौखूंट में करें नेक सरनाम

सौदागर अर्थात व्यापारी और मुसाफ़िर जिस किसी से लाभ उठाएँ उसे सारे मुल्क में सुप्रसिद्ध कर देते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तो-फिर के अर्थदेखिए

तो-फिर

to-phirتو پھر

वज़्न : 22

English meaning of to-phir

Adverb

  • then, in that case/ condition

تو پھر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

فعل متعلق

  • ۔جزا کے جملے پر آتا ہے۔ ع
  • تب، اُس وقت، اُس حالت میں.

Urdu meaning of to-phir

  • Roman
  • Urdu

  • ۔jaza ke jumle par hai। u
  • tab, us vaqt, is haalat me.n

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वो तो

किसी आदेश को चिन्हित करने के लिए प्रयुक्त

वो तो वो

۔इस का बड़ा मर्तबा है की जगह।

वो तो कहिए

ग़नीमत यह है कि, ख़ैरियत गुज़री कि, भला हुआ कि

वो तो हव्वा है

अत्यधिक डरावना एवं भयानक है जिससे भय लगता है, अत्यधिक बूरे स्भाव का है काट खाने को दौड़ता है

वो तो बहता दरिया था

वह बहुत ही दानी व्यक्ति था, हर किसी को लाभ पहुँचाने वाला था

वो तो बड़े ही भले मानुस हैं

वह बहुत नटखट हैं अर्थात बहुत भले हैं

वो तो हम समझे ही थे

हमें तो पहले से मालूम था

वो नहीं तो उस का भाई

एक नहीं तो दूसरा सही, काम केवल एक पर समाप्त नहीं, किसी ख़ास आदमी के न होने से काम रुकता नहीं

वो सेर तो हम सवा सेर

बलशाली के लिए उससे अधिक बलशाली उपस्थित है, एक से बढ़ कर एक, हर फ़िरऔन-ए- रा मूसा

ग़ुलाम साठ तो वो भी हाठ

निकम्मे का होना न होना बराबर है

पाजी तो पाजी वो बड़ा पजोड़ा है

वो निहायत कमीना आदमी है

ख़ुदा सींग दे तो वो भी सही

(अविर) राज़ी बर्ज़ा हैं - ख़ुदा का दिया सर आँखों पर

ये टाँग खोलो तो लाज, वो टाँग खोलो तो लाज

जब दोनों बातों में तिरस्कार एवं अपमान हो उस समय प्रयुक्त है

दूल्हा तो वो पर दो-शाला अपना

ज़ाहिरी बनाओ सजाओ की हक़ीक़त खोलना होता ये मिसल बोलते हैं, मतलब ये होता है कि इस की सारी सज धज हमारे ही तुफ़ैल से है फिर भी हमें से एकड़ता है

अल्लाह दो सींग देवे तो वो भी क़ुबूल हैं

ईश्वर जो भी कष्ट सहावे सहना पड़ता है, ईश्वरेच्छा पर प्रसन्न होना चाहिए

मैं डाल डाल तो वो पात पात

۔دیکھو ڈال ڈال۔ ؎

वो डाल डाल तो मैं पात पात

साधारणतया पीछा करते समय प्रयुक्त

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी भले

ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न हैं, ईश्वर का दिया सर आँखों पर

ये घुटना खोलें तो लाज वो घुटना खोलें तो लाज

जब दोनों बातों में बेइज़्ज़ती और बदनामी हो उस समय प्रयुक्त

वो भी कुछ ऐसा तो न था

वह भी मज़बूत और हौसले वाला था, वह कोई ऐसा बुरा न था अथवा इतना अच्छा तो न था

ये टाँग खोलो तो लाज है वो टाँग खोलो तो लाज है

जब दोनों बातों में बदनामी और रुसवाई हो उस वक़्त मुस्तामल है यानी दोनों तरह बदनामी है

वो डाल डाल तो हम पात पात

साधारणतया पीछा करते समय प्रयुक्त

वो राह तुम्हारी है तो ये राह हमारी

हमारा तुम्हारा कोई संबंध नहीं है बेपर्वाई स्पष्ट करने के लिए प्रयुक्त

वो राह तुम्हारी है तो ये राह हमारी

हमारा तुम्हारा कोई संबंध नहीं, बेपर्वाई स्पष्ट करने के लिए प्रयुक्त

ये टाँग खोलूँ तो लाज है वो टाँग खोलूँ तो लाज है

जब दोनों बातों में बदनामी और रुसवाई हो उस वक़्त मुस्तामल है यानी दोनों तरह बदनामी है

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

तुझ से फिरे तो वो ख़ुदा से फिरे

कुसुम या अह्द के मौक़ा पर बोलते हैं यानी तेरे ख़िलाफ़ करूं तो गोया अपने ख़ुदा के ख़िलाफ़ करूं

ख़ुदा दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

नाक तो कटी पर वो भी मर गए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

۔ (دہلی) طنزاً۔ ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا۔

राजा हुए तो क्या , वो ही जाट के जाट

माल-ओ-दौलत ज़ात और असल को नहीं बदलती

नाक तो कटी पर वो भी मर लिए

(طنزاً) تھوڑا نقصان ہوا پر ان کا زیادہ نقصان ہوا ، ہمارا تھوڑا نقصان دوسرے کے بڑے نقصان کا باعث ہوا

ख़ुदा दो सींग भी दे, तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहे जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

चुड़ैल पर दिल आ जाए तो वो भी परी है

जिस पर आदमी 'आशिक़ हो वो कुरूप भी हो तो सुंदर लगता है

नाक तो कटी पर वो ख़ूब ही में मरी

नाक कटवा ली मगर ज़िद न छोड़ी

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

रंडी के नाक न होती तो वो गूह खाती फिरती

औरत बहुत बेवक़ूफ़ होती है

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

ज़ुलैख़ा तो सारी पढ़ गए पर ये न जाना कि वो 'औरत थी या मर्द

किसी बात या घटना को प्रारंभ से अंत तक सुनना या पढ़ना किन्तु इस पर बिल्कुल ध्यान न देना

उसी रूख पर है चढ़ा उसी की जड़ कटवाय, वो मूरख तो एक दिन गिर दब कर मर जाय

जिस वस्तु पर मनुष्य का गुज़ारा हो यदि उसी को बर्बाद करे तो हानि उठाएगा

सुख मानो तो सुख है , दुख मानो तो दुख है , सच्चा सुखिया वो है जो सुख माने न दुख

अगर समझो तो ख़ुशी है अगर तकलीफ़ समझो तो तकलीफ़ ख़ुशी होती है . असल में ख़ुशी वो है जो आराम और तकलीफ़ की पर्वा ना करे क्योंकि आराम और ख़ुशी एतबारी कैफ़यात हैं

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

तिरया तुझ से जो कहे मोल न तू वो मान, तिरया मत पर जो चलें वो नर हैं निर्ज्ञान

स्त्री के कहने पर नहीं चलना चाहिए जो उन के कहने पर चले वो मूर्ख है

मैं मरूँ तेरे लिए, तू मरे वा के लिए

धोकेबाज़ है, मैं उस पर जान देता हूँ परंतु वह मेरे अतिरिक्त दूसरों पर अधिक ध्यान देता है

बंजी और बटाउना सुख पावें जिस गाम, वा को तो चौखूंट में करें नेक सरनाम

सौदागर अर्थात व्यापारी और मुसाफ़िर जिस किसी से लाभ उठाएँ उसे सारे मुल्क में सुप्रसिद्ध कर देते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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