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साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

साईंस

رک : سائِنس.

साईंसी

رک : سائِنسی.

साईं-काट

ख़राब, बेकार

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं राज बुलंद राज

पति का युग अथवा समय ऊँचाई एवं ख़ुशहाली का युग होता है

साईं नाता दम ही ताएँ

मर्द से या शौहर से सांस तक रिश्ता है

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं के भण्डार में कमी नहीं

ईश्वर या अल्लाह के ख़ज़ाने में कोई कमी नहीं

साईं के पाले में भल-भल होना

किसी को लाभ पहुँचाना

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार

ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग

जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नय्या पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम

ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

भड़-साईं

भाड़, भट्टी

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

चंगुल भर आटा साईं का, बेटा जीवे माई का

भिखारियों की टेर

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार

ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तस्लीम के अर्थदेखिए

तस्लीम

tasliimتَسْلِیم

स्रोत: अरबी

वज़्न : 221

बहुवचन: तस्लीमात

शब्द व्युत्पत्ति: स-ल-म

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सचित्र संदर्भ

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तस्लीम के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन

  • आत्मसमर्पण, स्वीकारना, प्रण, स्वीकृति, अधीन होना, झुक जाना, अधीनता स्वीकार करना, सौंपना, त्याग, सलाम करना, सलाम कहना, नमस्कार, आदाब
  • किसी बात को मान लेने या अंगीकार कर लेने की क्रिया या भाव, स्वीकार, आज्ञा का पालन
  • नतमस्तक
  • किसी का महत्त्व मानते हुए किया जानेवाला अभिवादन
  • प्रणाम, नमस्कार, सलाम
  • मान्यता, पहचानना

शे'र

English meaning of tasliim

Noun, Feminine, Singular

تَسْلِیم کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث، واحد

  • سلام کرنا ،سلام کہنا
  • منظور، جائز
  • ماننا ، قبول کرنا ، اعتراف کرنا ، منظور کرنا، تابع داری
  • فرماں برداری نیز کسی چیز کے ملنے پر شکریہ ادا کرتے وقت کہتے ہیں، سند کی تصدیق یا مستند ہونا
  • عقیدہ کے طور پر اقرار ،قبولیت ، ماننے کا عمل
  • ماز کے اختتام پر السلام علیکم ورحمتہ اللہ کہ کر نماز سے باہر آنا ، سلام پھیرنا
  • نماز میں التحایت پڑھتے وقت " السلام علینا و علی عباداللہ الصالحین " پڑھنا ، نماز میں سلام پڑھنا
  • درود و سلام بھیجنا
  • کسی ملک کو بحثیت اازاد و خود مختار مملکت کے ماننا ۔ منٗگنی کی رسم ذیل کے موافق ادا کی جاتی ہے جس کو تسلیم کہتے ہیں
  • منٗگنی کی رسم ذیل کے موافق ادا کی جاتی ہے جس کو تسلیم کہتے ہیں

Urdu meaning of tasliim

  • Roman
  • Urdu

  • salaam karnaa, salaam kahnaa
  • manzuur, jaayaz
  • maannaa, qabuul karnaa, etraaf karnaa, manzuur karnaa, taabedaarii
  • farmaambardaarii niiz kisii chiiz ke milne par shukriya ada karte vaqt kahte hain, sanad kii tasdiiq ya mustanad honaa
  • aqiidaa ke taur par iqraar, qabuuliiyat, maanne ka amal
  • maaz ke iKhattaam par asslaamu alaikum varahamtaa allaah ki kar namaaz se baahar aanaa, salaam phernaa
  • namaaz me.n alathaa.et pa.Dhte vaqt assalaam elenaa-o-alii ibaad allaah alsaalhiin pa.Dhnaa, namaaz me.n salaam pa.Dhnaa
  • daruud-o-salaam bhejnaa
  • kisii mulak ko bahsiit ev zaad-o-KhudamuKhtaar mamalkat ke maannaa । manॗganii kii rasm jel ke muvaafiq ada kii jaatii hai jis ko tasliim kahte hai.n
  • manॗganii kii rasm jel ke muvaafiq ada kii jaatii hai jis ko tasliim kahte hai.n

तस्लीम से संबंधित कहावतें

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साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

साईंस

رک : سائِنس.

साईंसी

رک : سائِنسی.

साईं-काट

ख़राब, बेकार

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं राज बुलंद राज

पति का युग अथवा समय ऊँचाई एवं ख़ुशहाली का युग होता है

साईं नाता दम ही ताएँ

मर्द से या शौहर से सांस तक रिश्ता है

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं के भण्डार में कमी नहीं

ईश्वर या अल्लाह के ख़ज़ाने में कोई कमी नहीं

साईं के पाले में भल-भल होना

किसी को लाभ पहुँचाना

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार

ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग

जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नय्या पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम

ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

भड़-साईं

भाड़, भट्टी

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

चंगुल भर आटा साईं का, बेटा जीवे माई का

भिखारियों की टेर

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

आँख फड़के दहनी माँ मिले या बहनी, आँख फड़के बाईं बीर मिले या साईं

बाएँ आँख फड़के तो पति या पत्नि से भेंट होती है और दाएँ आँख फड़कने पर माँ या बहन से

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार

ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

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