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कर्म

फ़सल, प्रक्रिया, कार्य

कर्म-सेंक

(सामग्री) लंबे पाइप का हुक़्क़ा

कर्म-बोग

(हिंदू) कर्मों के ज़रिया से नर्क से छुटकारा पाने की कोशिश

कर्म-फल

किए हुए कर्मों का फल, पूर्वजन्म में किए हुए कर्मों का फल, दुख-सुख आदि

कर्मों

कर्म, काम, करनी, चाल-चलन, ढंग

कर्म-भोग

(हिंदू) पिछले जन्म के किए हुए काम का फल

कर्म-फोड़

अभागा, हतभाग्य, बदनसीब

कर्म-धर्म

कर्म-काँड

शास्त्रविहित धार्मिक कर्म, वह शास्त्र जिसमें यज्ञ, संस्कार आदि कर्मों का विधान हो, वेद का वह भाग जिसमें नित्य-नैमित्तिक आदि कर्मों का विधान है

कर्म-हीन

बदनसीब, अभागा; हतभाग्य; भाग्यहीन

कर्म-धनी

कर्म-रेखा

कर्म-भूमि

कर्म करने का स्थान, कर्म-क्षेत्र, कर्मों या कृत्यों के लिए उपयुक्त भूमि

कर्म-चक्कुर

क़र्म

व्याघ्र, शेर, अपनी जाति का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति

कर्मों-बंदा

कर्म में लिखा होना

क़िस्मत में लिखा होना

कर्म रेखा नहीं मिटती

कर्मों-जली

जिसका भाग्य धूल में मिल गया हो; (दिल्ली) अभागा, भाग्यहीन

कर्म की रेखा नहीं मिटती

तक़दीर का लिखा नहीं मिटता

कर्मा

यौगिक शब्दों के अंत में जुड़कर 'करने वाला' अर्थ देता है

कर्मनासा

कर्म हीन खेती करे , बैल मरें या सूखा पड़े

अगर बदक़िस्मत आदमी खेती करता है तो बैल मर जाते हैं या ख़ुशकसाली हो जाती है, यानी बदक़िस्मत को हर काम में नुक़्सान होता है

कर्मों-फूटी

दुर्भाग्य, बदक़िस्मत, बदनसीब

कर्मुल

कनपेड़ा, कान का एक रोग जिसमें कान की जड़ के पास चिपटी गिल्टी निकल आती है, यह गिल्टी पक भी जाती है, क्रिया बहुवचन में आता है, दिल्ली वाले 'कुनफ़ूड' कहते हैं

कर्म नासे के कहार

कर्म नासा एक छोटे दरिया का नाम, हिंदुओं की आस्था में इसके पानी में पाँव रखने से गुनाह माफ़ हो जाते हैं, इस दरिया के किनारे कहार मौजूद रहते हैं जो मुसाफ़िरों को गोद में उठा कर पार करते हैं, (सांकेतात्मक ) उस व्यक्ति को कहते हैं जो दूसरे व्यक्ति का काम करे

कर्मों-लिखय्या

भाग्य लिखने वाला, भाग्य लेखक अर्थात् ईश्वर

कर्मुली

एक प्रकार की दवा जिसके खाने से अधिक मात्रा में उलटी होती है और दर्द से मुक्ति मिल जाती है, गालों का रंग लाल और साफ़ होता है, खुजली और चेचक वग़ैरा के दाग़ मिट जाते हैं; एक पहाड़ी पेड़

कर्मों का बोझ

बुरे कर्मों का बोझ, पाप का बोझ, दुर्भाग्यपूर्ण कर्मों का बोझ

कर्मों की खोट

कर्मों को रोना

कर्मों का लिखा

भाग्य का लिखा, क़िस्मत का लिखा

कर्मों को पीटना

۱. बदनसीबी का मातम करना, क़िस्मत को रोना

कर्मचारी

वह व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी कार्य के संपादन के लिए पारिश्रमिक या वेतन पर नियुक्त किया गया हो

कर्म भोगना

पहले जन्म के किए हुए कर्मों का फल चखना, भाग्य का लिखा पूरा करना

कर्म ठोकना

अपने भाग्य को रोना

कर्म रख अमिट है

(हिंदू) तक़दीर बदल नहीं सकती, तक़दीर का लिखा मिट नहीं सकता

कर्म को रोना

कर्म रेखा अमिट है

भाग्य बदल नहीं सकता, भाग्य का लिखा मिट नहीं सकता, भाग्य का लिखा हो कर रहता है

कर्म का बली या बलिया

क़र्मिती

क़रामतः' शीओं के एक संप्रदाय से संबंध रखने वाले तथा उसके अनुयायी

पंच-कर्म

(न्याय शास्त्र) पाँच प्रकार के कर्म- उत्कक्षेपण, अवक्षेपण, आकुंचन, प्रसारण और गमन

पुण्य-कर्म

नित्य-कर्म

प्रतिदिन का काम या दिनचर्या

पुन-कर्म

पुनीत कार्य

पांड-कर्म

धर्म-कर्म

धार्मिक कर्तव्य या कार्य, पूजा-अर्चना, नेक कार्य

पाँच-कर्म

शरीर की पाँच क्रियाएँ जैसे: वमन, सैलान या इख़राज-ए-ख़ून, मल या विष्ठा का बाहर निकलना, रोग की गंदगी का रेचक औषधि इत्यादि के द्वारा बाहर निकलना, छींक या नाक बहना

दम'-उल-कर्म

कर्ता-कर्म

पाप-कर्म

वह काम जिसके करने में पाप हो, अनुचित कार्य, बुरा काम

क्रिया-कर्म

किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत परिजनों द्वारा धार्मिक नियम के अनुसार किया जाने वाला कार्य; मृतक की अंत्येष्टि क्रिया।

दाह-कर्म

किर्या कर्म में होना

(हिंदू) किसी के मरने पर उस के क़रीबी रिश्तेदारों का डाढ़ी मूंछ और सर के बाल मुँडा कर सोग करना

डाढ़ कर्म होना

इशतिहा की तसकीन होना, कला गर्म होना

अरे मेरे कर्म जहाँ टटोला वहीं नर्म

आजकल तो हर काम में क़िस्मत यावरे पर है

जनम के साथी हैं कर्म के साथी नहीं

गो एक ही वक़्त पैदा होने हैं मगर क़िस्मत एक जैसी नहीं

शर्म वाले के फूटे कर्म

शर्म करने वाला वंचित रहता है

माँ बाप जनम के साथी हैं, कर्म के नहीं

माँ बाप ज़िंदगी में साथ देते हैं आख़िरत में कोई काम नहीं आता

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तख़्फ़ीफ़-ए-अस्लिहा के अर्थदेखिए

तख़्फ़ीफ़-ए-अस्लिहा

taKHfiif-e-aslihaتَخْفِیفِ اَسْلِحَہ

स्रोत: अरबी

वज़्न : 222212

तख़्फ़ीफ़-ए-अस्लिहा के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • प्रथम विश्व युद्ध के बाद शुरू हुआ एक अंतर्राष्ट्रीय हथियार कटौती आंदोलन और आज बहस का विषय बना हुआ है

English meaning of taKHfiif-e-asliha

Noun, Feminine

  • an international arms reduction movement that began after the First World War and remains a topic of debate today.

Roman

تَخْفِیفِ اَسْلِحَہ کے اردو معانی

اسم، مؤنث

  • ہتھیاروں میں کمی کرنے کی ایک بین الاقوامی تحریک جس کا آغاز پہلی عالمگیر جن٘گ کے بعد سے ہوا اور آج کل موضوع بحث بنی ہوئی ہے

Urdu meaning of taKHfiif-e-asliha

  • hathiyaaro.n me.n kamii karne kii ek bain-ul-aqvaamii tahriik jis ka aaGaaz pahlii aalamgiir jang ke baad se hu.a aur aajkal mauzuu behas banii hu.ii hai

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कर्म

फ़सल, प्रक्रिया, कार्य

कर्म-सेंक

(सामग्री) लंबे पाइप का हुक़्क़ा

कर्म-बोग

(हिंदू) कर्मों के ज़रिया से नर्क से छुटकारा पाने की कोशिश

कर्म-फल

किए हुए कर्मों का फल, पूर्वजन्म में किए हुए कर्मों का फल, दुख-सुख आदि

कर्मों

कर्म, काम, करनी, चाल-चलन, ढंग

कर्म-भोग

(हिंदू) पिछले जन्म के किए हुए काम का फल

कर्म-फोड़

अभागा, हतभाग्य, बदनसीब

कर्म-धर्म

कर्म-काँड

शास्त्रविहित धार्मिक कर्म, वह शास्त्र जिसमें यज्ञ, संस्कार आदि कर्मों का विधान हो, वेद का वह भाग जिसमें नित्य-नैमित्तिक आदि कर्मों का विधान है

कर्म-हीन

बदनसीब, अभागा; हतभाग्य; भाग्यहीन

कर्म-धनी

कर्म-रेखा

कर्म-भूमि

कर्म करने का स्थान, कर्म-क्षेत्र, कर्मों या कृत्यों के लिए उपयुक्त भूमि

कर्म-चक्कुर

क़र्म

व्याघ्र, शेर, अपनी जाति का सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति

कर्मों-बंदा

कर्म में लिखा होना

क़िस्मत में लिखा होना

कर्म रेखा नहीं मिटती

कर्मों-जली

जिसका भाग्य धूल में मिल गया हो; (दिल्ली) अभागा, भाग्यहीन

कर्म की रेखा नहीं मिटती

तक़दीर का लिखा नहीं मिटता

कर्मा

यौगिक शब्दों के अंत में जुड़कर 'करने वाला' अर्थ देता है

कर्मनासा

कर्म हीन खेती करे , बैल मरें या सूखा पड़े

अगर बदक़िस्मत आदमी खेती करता है तो बैल मर जाते हैं या ख़ुशकसाली हो जाती है, यानी बदक़िस्मत को हर काम में नुक़्सान होता है

कर्मों-फूटी

दुर्भाग्य, बदक़िस्मत, बदनसीब

कर्मुल

कनपेड़ा, कान का एक रोग जिसमें कान की जड़ के पास चिपटी गिल्टी निकल आती है, यह गिल्टी पक भी जाती है, क्रिया बहुवचन में आता है, दिल्ली वाले 'कुनफ़ूड' कहते हैं

कर्म नासे के कहार

कर्म नासा एक छोटे दरिया का नाम, हिंदुओं की आस्था में इसके पानी में पाँव रखने से गुनाह माफ़ हो जाते हैं, इस दरिया के किनारे कहार मौजूद रहते हैं जो मुसाफ़िरों को गोद में उठा कर पार करते हैं, (सांकेतात्मक ) उस व्यक्ति को कहते हैं जो दूसरे व्यक्ति का काम करे

कर्मों-लिखय्या

भाग्य लिखने वाला, भाग्य लेखक अर्थात् ईश्वर

कर्मुली

एक प्रकार की दवा जिसके खाने से अधिक मात्रा में उलटी होती है और दर्द से मुक्ति मिल जाती है, गालों का रंग लाल और साफ़ होता है, खुजली और चेचक वग़ैरा के दाग़ मिट जाते हैं; एक पहाड़ी पेड़

कर्मों का बोझ

बुरे कर्मों का बोझ, पाप का बोझ, दुर्भाग्यपूर्ण कर्मों का बोझ

कर्मों की खोट

कर्मों को रोना

कर्मों का लिखा

भाग्य का लिखा, क़िस्मत का लिखा

कर्मों को पीटना

۱. बदनसीबी का मातम करना, क़िस्मत को रोना

कर्मचारी

वह व्यक्ति जो किसी दूसरे व्यक्ति या संस्था के द्वारा किसी कार्य के संपादन के लिए पारिश्रमिक या वेतन पर नियुक्त किया गया हो

कर्म भोगना

पहले जन्म के किए हुए कर्मों का फल चखना, भाग्य का लिखा पूरा करना

कर्म ठोकना

अपने भाग्य को रोना

कर्म रख अमिट है

(हिंदू) तक़दीर बदल नहीं सकती, तक़दीर का लिखा मिट नहीं सकता

कर्म को रोना

कर्म रेखा अमिट है

भाग्य बदल नहीं सकता, भाग्य का लिखा मिट नहीं सकता, भाग्य का लिखा हो कर रहता है

कर्म का बली या बलिया

क़र्मिती

क़रामतः' शीओं के एक संप्रदाय से संबंध रखने वाले तथा उसके अनुयायी

पंच-कर्म

(न्याय शास्त्र) पाँच प्रकार के कर्म- उत्कक्षेपण, अवक्षेपण, आकुंचन, प्रसारण और गमन

पुण्य-कर्म

नित्य-कर्म

प्रतिदिन का काम या दिनचर्या

पुन-कर्म

पुनीत कार्य

पांड-कर्म

धर्म-कर्म

धार्मिक कर्तव्य या कार्य, पूजा-अर्चना, नेक कार्य

पाँच-कर्म

शरीर की पाँच क्रियाएँ जैसे: वमन, सैलान या इख़राज-ए-ख़ून, मल या विष्ठा का बाहर निकलना, रोग की गंदगी का रेचक औषधि इत्यादि के द्वारा बाहर निकलना, छींक या नाक बहना

दम'-उल-कर्म

कर्ता-कर्म

पाप-कर्म

वह काम जिसके करने में पाप हो, अनुचित कार्य, बुरा काम

क्रिया-कर्म

किसी व्यक्ति की मृत्यु के उपरांत परिजनों द्वारा धार्मिक नियम के अनुसार किया जाने वाला कार्य; मृतक की अंत्येष्टि क्रिया।

दाह-कर्म

किर्या कर्म में होना

(हिंदू) किसी के मरने पर उस के क़रीबी रिश्तेदारों का डाढ़ी मूंछ और सर के बाल मुँडा कर सोग करना

डाढ़ कर्म होना

इशतिहा की तसकीन होना, कला गर्म होना

अरे मेरे कर्म जहाँ टटोला वहीं नर्म

आजकल तो हर काम में क़िस्मत यावरे पर है

जनम के साथी हैं कर्म के साथी नहीं

गो एक ही वक़्त पैदा होने हैं मगर क़िस्मत एक जैसी नहीं

शर्म वाले के फूटे कर्म

शर्म करने वाला वंचित रहता है

माँ बाप जनम के साथी हैं, कर्म के नहीं

माँ बाप ज़िंदगी में साथ देते हैं आख़िरत में कोई काम नहीं आता

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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