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आनंद

ख़ुशी, मुसर्रत, प्रसन्नता

आनंदी

वह जो सदैव प्रसन्न रहता हो, सदा आनंद में मग्न रहने वाला, हर्षित, प्रसन्न, सुखी, खुश, ऐशपसंद

आनंदगी

मज़ा, आराम, विलासिता, विलास, सुख

आनंदिता

happiness

आनंद-मंगल

हंसी मज़ाक़

आनंद-बधावा

congratulation (on any happy event)

आनंद के तार बजना

आनंद के तार बजाना (रुक) का अनिवार्य

आनंद के तार बजाना

ऐश करना, मगन रहना, चैन की हँसी बजाना

परम-आनंद

परमानंद, उच्चतम आनंद, असली खुशी

चित्त-आनंद

title of the Deity as the seat of blessedness

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद

हर शख़्स अपने हाल में ख़ुश है . तुम अपनी जगह ख़ुश हम अपनी जगह सुस्त हैं (बेनियाज़ी के इज़हार के मौक़ा पर बोलते हैं

जो साधू की माने बात, आनंद रहे दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

जो साधू की माने बात, रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में त'आरुफ़-ए-रुख़-ए-तौहीद के अर्थदेखिए

त'आरुफ़-ए-रुख़-ए-तौहीद

ta'aaruf-e-ruKH-e-tauhiidتَعارُفِ رُخِ تَوحِیْد

वज़्न : 121212221

English meaning of ta'aaruf-e-ruKH-e-tauhiid

  • introduction to aspect of declaring (God) to be one alone, believing in the unity of God

Urdu meaning of ta'aaruf-e-ruKH-e-tauhiid

  • Roman
  • Urdu

खोजे गए शब्द से संबंधित

आनंद

ख़ुशी, मुसर्रत, प्रसन्नता

आनंदी

वह जो सदैव प्रसन्न रहता हो, सदा आनंद में मग्न रहने वाला, हर्षित, प्रसन्न, सुखी, खुश, ऐशपसंद

आनंदगी

मज़ा, आराम, विलासिता, विलास, सुख

आनंदिता

happiness

आनंद-मंगल

हंसी मज़ाक़

आनंद-बधावा

congratulation (on any happy event)

आनंद के तार बजना

आनंद के तार बजाना (रुक) का अनिवार्य

आनंद के तार बजाना

ऐश करना, मगन रहना, चैन की हँसी बजाना

परम-आनंद

परमानंद, उच्चतम आनंद, असली खुशी

चित्त-आनंद

title of the Deity as the seat of blessedness

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद

हर शख़्स अपने हाल में ख़ुश है . तुम अपनी जगह ख़ुश हम अपनी जगह सुस्त हैं (बेनियाज़ी के इज़हार के मौक़ा पर बोलते हैं

जो साधू की माने बात, आनंद रहे दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

जो साधू की माने बात, रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक एवं श्रेष्ठ लोगों के सदुपदेश माने वो सदैव आराम से रहेगा

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिले सदा आनंद फिर होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

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