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उपजाऊ

उर्वर, अधिक अनाज पैदा करने वाली ज़मीन, बहुत फल देनेवाला, कृषि योग्य

आपा जी

माघ का जाड़ा जेठ की धूप, बड़े कष्ट से उपजे ऊख

माघ में सर्दी के कारण और जेठ में गर्मी के कारण से पेड़ या गन्ना बहुत कठिनता से उगता है

काल बागड़े उपजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जे सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

बन में उपजे सब कोई खाए, घर में उपजे घर ही खाए

फूट जंगल में पैदा हो तो सब खाएँ लेकिन घर में पैदा हो जाए तो घर ही तबाह हो जाए

बोया गेहूँ उप्जा जौ

की थी नेकी बदले में ब्वॉय मिली

जौ के खेत में कंडुआ उपजे

अच्छे घर में बुरी संतान पैदा हो

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में शरीक-ए-रंज-ओ-राहत के अर्थदेखिए

शरीक-ए-रंज-ओ-राहत

shariik-e-ranj-o-raahatشَرِیکِ رَن٘ج و راحَت

वज़्न : 1222222

शरीक-ए-रंज-ओ-राहत के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - विशेषण, पुल्लिंग

  • दुख-सुख का साथी, हर्ष और विपत्ति दोनों का सम्मीलित, हर समय पर साथ देने- वाला, घनिष्ठ

शे'र

English meaning of shariik-e-ranj-o-raahat

Persian, Arabic - Adjective, Masculine

  • companion in sorrow and comfort, companion in all conditions

Roman

شَرِیکِ رَن٘ج و راحَت کے اردو معانی

فارسی، عربی - صفت، مذکر

  • دُکھ سکھ کا ساتھی، ہر موقع پر ساتھ دینے والا

Urdu meaning of shariik-e-ranj-o-raahat

  • dukh sukh ka saathii, har mauqaa par saath dene vaala

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उपजाऊ

उर्वर, अधिक अनाज पैदा करने वाली ज़मीन, बहुत फल देनेवाला, कृषि योग्य

आपा जी

माघ का जाड़ा जेठ की धूप, बड़े कष्ट से उपजे ऊख

माघ में सर्दी के कारण और जेठ में गर्मी के कारण से पेड़ या गन्ना बहुत कठिनता से उगता है

काल बागड़े उपजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

ऊँच नीच में बोई क्यारी, जो उप्जे सो भई हमारी

हर काम के परिणाम पर संतुष्ट रहना चाहिए

बन में उपजे सब कोई खाए, घर में उपजे घर ही खाए

फूट जंगल में पैदा हो तो सब खाएँ लेकिन घर में पैदा हो जाए तो घर ही तबाह हो जाए

बोया गेहूँ उप्जा जौ

की थी नेकी बदले में ब्वॉय मिली

जौ के खेत में कंडुआ उपजे

अच्छे घर में बुरी संतान पैदा हो

जो पारस से कंचन उपजे सो पारस है काँच, जो पारस से पारस उपजे सो पारस है साँच

अच्छा काम वही है जिस का परिणाम अच्छा हो जिस का परिणाम बुरा हो वो काम भी बुरा है

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