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"शहर-आशोब" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में शहर-आशोब के अर्थदेखिए
शहर-आशोब के हिंदी अर्थ
संज्ञा, पुल्लिंग
- अ. फा. वि. वह पद्य जिसमें काव्यकला की अनाड़ियों के हाथों दुर्गति का वर्णन हो।
- कविता की एक किस्म जिसमें राज्य की कुव्यवस्था, शासक की हीनता और प्रजा की दुर्गति का वर्णन होता है
- (लाक्षणिक) शहर के लिए शांति भंग करने वाला, कविता एक प्रकार जिसमें विभिन्न वर्गों एवं श्रेणियों और विभिन्न पेशों से संबंध रखने वाले लड़कों की सुंदरता और उनकी दिलकश अदाओं का वर्णन होता था
विशेषण
- वो व्यक्ति जिसकी सुंदरता शहर की शांति भंग करने का कारण बने
शे'र
पहले-पहल जब आप का जोबन इतना शहर-आशोब न था
इक मुश्ताक़ से सादा-दिल इंसाँ की परस्तिश याद करें
किसे आबाद समझूँ किस का शहर-आशोब लिखूँ मैं
जहाँ शहरों की यकसाँ सूरत-ए-हालात होती है
शहर-आशोब में आँसू की तरह फिरते हैं
हाए वो लोग किसी ख़्वाब के पाले हुए लोग
English meaning of shahr-aashob
Noun, Masculine
- a poem that bemoans the disturbances or social and economic decline of a city or country, a poem on a ruined city, a disturber of the peace of a city
- ( Metaphorically) a mistress, beloved, beautiful person, which is causes to ruined city
Adjective
- the disturber of the tranquility of the city
شَہْر آشوب کے اردو معانی
Roman
اسم، مذکر
- وہ نظم جس میں کسی شہر یا ملک کی اقتصادی یا سیاسی بے چینی کا تذکرہ ہو یا شہر کے مختلف طبقوں کے مجلسی زندگی کے کسی پہلو کا نقشہ خصوصاً ہزلیہ، طنزیہ یا ہجویہ انداز میں کھینچا گیا ہو
- (مجازاً) شہر کے لیے فتنہ اور ہنگامہ، نظم کی وہ صنف جس میں مختلف طبقوں اور مختلف پیشوں سے تعلق رکھنے والے لڑکوں کے حسن و جمال اور ان کی دلکش اداؤں کا بیان ہوتا تھا
صفت
- وہ شخص جو اپنے حسن و جمال کے باعث آشوب زدۂ شہر و فتنۂ دہر ہو
Urdu meaning of shahr-aashob
Roman
- vo nazam jis me.n kisii shahr ya mulak kii iqatisaadii ya sayaasii bechainii ka tazakiraa ho ya shahr ke muKhtlif tabko.n ke majlisii zindgii ke kisii pahluu ka naqsha Khusuusan haz liyaa, tanziya ya hajviih andaaz me.n khiinchaa gayaa ho
- (majaazan) shahr ke li.e fitna aur hangaamaa, nazam kii vo sinaf jis me.n muKhtlif tabko.n aur muKhtlif pesho.n se taalluq rakhne vaale la.Dko.n ke husn-o-jamaal aur un kii dilkash adaa.o.n ka byaan hotaa tha
- vo shaKhs jo apne husn-o-jamaal ke baa.is aashuub zada-e-shahr-o-fitnaa-e-dahar ho
शहर-आशोब से संबंधित रोचक जानकारी
शह्र ए आशोब उर्दू शायरी की एक क्लासिकी विधा है जो एक ज़माने में बहुत लिखी गई थी। यह ऐसी नज़्म होती है जिसमें किसी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक कठिनाईयों की वजह से किसी शहर की परेशानी और बर्बादी का हाल बयान किया गया हो। शह्र ए आशोब मसनवी, क़सीदा, रूबाई, क़तात, मुख़म्मस और मुसद्दस के रूप में लिखे गए हैं। मिर्ज़ा मुहम्मद रफ़ी सौदा और मीर तक़ी मीर के शह्र ए आशोब जिनमें अवाम की बेरोज़गारी, आर्थिक कठिनाई और दिल्ली की तबाही व बर्बादी का उल्लेख है, उर्दू के यादगार शह्र ए आशोब हैं। नज़ीर अकबराबादी ने अपने शह्र ए आशोबों में आगरे की बदहाली, फ़ौज की ख़राब स्थिति और शरीफ़ों के अपमान का हाल बहुत ख़ूबी से प्रस्तुत किया है। 1857 की स्वतंत्रता संग्राम के बाद दिल्ली पर जो मुसीबत टूटी, उसे भी दिल्ली के अधिकतर शायरों ने अपना विषय बनाया है जिनमें ग़ालिब, दाग़ देहलवी और मौलाना हाली शामिल हैं। 1954 में हबीब तनवीर ने नज़ीर अकबराबादी की शायरी पर आधारित अपने मशहूर नाटक "आगरा बाज़ार" में उनके एक शह्र ए आशोब को बहुत ही प्रभावी ढंग से मंच पर गीत के रूप में प्रस्तुत किया था।
लेखक: अज़रा नक़वी
खोजे गए शब्द से संबंधित
मुफ़लिसी में शौक़ निबाहना
निर्धनता में भी विलासितापूर्वक जीवन व्यतीत करना, गरीबी में भी मज़े उड़ाना, तंगदस्ती में रंगरलियां मनाना
मुफ़्लिसी और फ़ाल्से का शर्बत
ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें
मुफ़्लिसी में आटा गीला
ग़रीबी में अधिक ख़र्च होना, निर्धनता की स्थिति में ऐसे ख़र्चे पेश आना जिससे छुटकारा कठिन हो
मुफ़्लिसी में आटा गीला करना
नादारी में ज़्यादा ख़र्च करना, ग़ुर्बत में बुला ज़रूरत ज़्यादा ख़र्च करा देना
मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है
ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।
मुफ़्लिसी सब बहार खोती है, मर्द का ए'तिबार खोती है
ग़रीबी में जीवन का कोई मज़ा नहीं आदमी अविश्वस्त हो जाता है
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KHaama
ख़ामा
.خامَہ
pen, reed pen
[ Tum ise qalam kaho ya khama kya farq padta hai likhna hi to hai ]
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pistaaniya
पिस्तानिया
.پِسْتانیَہ
mammal
[ Khud insan bhi ek pistaniya yani doodh pilane wala haiwan hai ]
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munaqqash
मुनक़्क़श
.مُنَقَّش
painted, sculptured, engraved, carved
[ Ghar ki tamir ke baad sajaane ke liye munaqqash parde bhi lagaye gaye ]
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qafas
क़फ़स
.قَفَس
cage for birds, net, trap, prison, jail
[ Parindon ne qafas tod diya aur faza mein aazad udne lage ]
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sharh
शरह
.شَرْحْ
proportion, ratio, rate, value, price
[ Jo shakhs hamari muqarrara sharh se zyada lega wo khayanat-e-mali hai ]
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kaaGaz
काग़ज़
.کاغَذ
paper
[ Usne sade kaghaz par mere dastkhat karaye ]
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kaasht
काश्त
.کاشْت
cultivation
[ Aasam mein chai ki kaasht hoti hai ]
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qaatil
क़ातिल
.قاتِل
murderer, assassin, killer
[ Qatl karn ke baad qaatil farar hone mein kamyab ho gaya ]
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faqaarii
फ़क़ारी
.فَقاری
spinal
[ Insaan ek faqari janwar hai ]
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salaaKH
सलाख़
.سَلاخ
iron bar, stake, spit
[ Daniyal ne salakh ko haath ke zor se tedha kar diya ]
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संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .
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शहर-आशोब
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