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ग़ुर्बत

वतन से दूरी, सफ़र, परदेस, मुसाफ़िर होने की अवस्था या भाव

ग़ुर्बत-ज़दा

घरबार छोड़ कर परदेश में पड़ा हुआ, प्रवासी, परदेसी, यात्री

ग़ुर्बत-पसंद

वतन से दूरी को पसंद करने वाला, यात्रा का शौक़ीन

ग़ुर्बत-दीदा

दे. 'गुर्बतज़दः'।

ग़ुर्बत-अंदर-वतन

(सूफ़ीवाद) वह स्थिति जब व्यक्ति दैवीय गुणों में खो कर व्यक्तिगत गुणों से अलग हो जाता है

ग़ुर्बत-नसीब

जिस की क़िस्मत में परदेस हो, जो सदैव अपने परदेस से बाहर रहे, जो अपने घर-द्वार से प्रायः दूर रहे, वो व्यक्ति जिसने यात्रा की यातनाएं झेली हों, यात्री, परदेसी

ग़ुर्बत-ज़दगी

अ. फा. स्त्री.बेवतनी, परदेस में होना, निर्धनता, कंगाली।

दश्त-ए-ग़ुर्बत

wilderness of poverty, exile

शाम-ए-ग़ुर्बत

परदेस की शाम, वो रात जो प्रदेश में गुजारनी पड़े, प्रतीकात्मक: कठिन समय, मुसीबत की शाम, असहाय होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सर्दी का मारा पनपे है अन्न का मारा न पनपे के अर्थदेखिए

सर्दी का मारा पनपे है अन्न का मारा न पनपे

sardii kaa maaraa panape hai ann kaa maaraa na panpeسَرْدی کا مارا پَنَپے ہے اَنّ کا مارا نَہ پَنْپے

कहावत

सर्दी का मारा पनपे है अन्न का मारा न पनपे के हिंदी अर्थ

  • चाहे कपड़ा ना हो मगर पेट को रवी ज़रूर चाहिए, सर्दी का मारा बच जाता है फ़ाक़ों का मारा नहीं बचता

سَرْدی کا مارا پَنَپے ہے اَنّ کا مارا نَہ پَنْپے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • چاہے کپڑا نہ ہو مگر پیٹ کو روئی ضرور چاہیے ، سردی کا مارا بچ جاتا ہے فاقوں کا مارا نہیں بچتا.

Urdu meaning of sardii kaa maaraa panape hai ann kaa maaraa na panpe

  • Roman
  • Urdu

  • chaahe kap.Daa na ho magar peT ko ravii zaruur chaahi.e, sardii ka maaraa bach jaataa hai faaqo.n ka maaraa nahii.n bachtaa

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ग़ुर्बत

वतन से दूरी, सफ़र, परदेस, मुसाफ़िर होने की अवस्था या भाव

ग़ुर्बत-ज़दा

घरबार छोड़ कर परदेश में पड़ा हुआ, प्रवासी, परदेसी, यात्री

ग़ुर्बत-पसंद

वतन से दूरी को पसंद करने वाला, यात्रा का शौक़ीन

ग़ुर्बत-दीदा

दे. 'गुर्बतज़दः'।

ग़ुर्बत-अंदर-वतन

(सूफ़ीवाद) वह स्थिति जब व्यक्ति दैवीय गुणों में खो कर व्यक्तिगत गुणों से अलग हो जाता है

ग़ुर्बत-नसीब

जिस की क़िस्मत में परदेस हो, जो सदैव अपने परदेस से बाहर रहे, जो अपने घर-द्वार से प्रायः दूर रहे, वो व्यक्ति जिसने यात्रा की यातनाएं झेली हों, यात्री, परदेसी

ग़ुर्बत-ज़दगी

अ. फा. स्त्री.बेवतनी, परदेस में होना, निर्धनता, कंगाली।

दश्त-ए-ग़ुर्बत

wilderness of poverty, exile

शाम-ए-ग़ुर्बत

परदेस की शाम, वो रात जो प्रदेश में गुजारनी पड़े, प्रतीकात्मक: कठिन समय, मुसीबत की शाम, असहाय होना

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