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बहर

(नदी) समुद्र, समुद्र का वह टुकड़ा जो तीन ओर से स्थल से घिरा हो, खाड़ी

बहर

वृत, छंद, शेर का वज़्न

बहरों

भैरों

बहर-गाम

हर क़दम पर

बहरा

(निर्माण) एक या दो खूँटियाँ जो चौखट की भुजाओं के चिनाई वाले हिस्से से जुड़ी होती हैं जिन्हें चिनाई में दबाया जाता है ताकि चौखट को मजबूती से पकड़कर रखें

बहर-सा'अत

समय के लिए

बहर-'आलम

दुनिया के लिए

बहरी

समुद्रीय, समुन्दर की, समुद्र से सम्बन्धी

बहरी

एक शिकारी चिड़िया जिसका रूप रंग और स्वभाव बाज का सा होता है, पर आकार कुछ छोटा होता यह अधिकतर कबूतरों का शिकार करता और नीचे हो कर शिकार को ऊपर से पकड़ता है

बहर-'अयादत

रोगी का हालचाल पूछने हेतु

बहर-वंद

लाभ उठाने वाला, कामयाब

बहर-ए-ज़द्द

चीन की पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर का वह क्षेत्र जहाँ चीन से पहली मिट्टी बह-बह कर आती है और इस कारण वहाँ का पानी पीला दिखाई देता है

बहर-उल-काहिल

‌(शाब्दिक) सुस्त, शांतिपूर्ण

बहर-ए-फ़ना

मृत्यु का समुद्र

बहर-ए-तवील

यह और इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं (य, य, गु+य, य गु=Iऽऽ ।ऽऽ,5+ ॥S,Iऽs,s) शेर में दो बार।।

बहर-उल-'उलूम

विद्याओं का समुद्र, अर्थात् बहुत बड़ा और प्रचंड विद्वान्, विद्यासागर

बहर-ए-ख़ुदा

ईश्वर के लिए, ईश्वर के नाम पर

बहर-ए-आ'ज़म

(शाब्दिक) सब से बड़ा समुंद्र, महासागर

बहर-ए-वाफ़िर

इसकी शाखाएँ चालू हैं, स्वयं बहुत कम है (जलगु=|SI,1,5) आठ बार।।

बहर-ए-चीन

चीनी समुद्र ।

बहर-ए-ग़माम

काशग़र के पास एक झील

बहर-ए-लूत

यरूशलेम और जॉर्डन नदी के बीच स्थित एक समुद्र

बहर-ए-रुम

वह समुद्र जो यूरोप, एशिया और अफ़्रीक़ा के मध्य स्थिर है, रूमसागर, भूमध्य सागर

बहर-ए-आहन

(शाब्दिक) लोहे का समुंद्र (अर्थात) हथियारों की कसरत

बहर-ए-'अमीक़

गहरा समुन्दर

बहर-ए-जदीद

छंदशास्त्र - शायरी में प्रयुक्त एक नया छंद

बहर-ए-हमीद

चालूनहीं (मल- तगु+मल= ऽऽऽ।+ऽSI,5+ऽऽऽ, ।) दो बार ।।

बहर-ए-मदीद

(छंदशास्त्र) काव्य रचना या कविता की वो धुन जिसकी प्रत्येक पंक्ति ' फ़ाअइलातुन फ़ाअइलुन फ़ाअइलातुन फ़ाअइलुन ' की तौल पर हो (ज़हाफ़ि(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के साथ प्रयुक्त)

बहर-ए-'उक़्बा

बहर-ए-रवाँ

बहती हुई नदी, बहता हुआ समुन्दर, नौका, नाव, कश्ती

बहर-ए-क़रीब

उर्दू में व्यवहृत नहीं है (मल+मल+रल = 1ss,I+1ऽऽ।+sis,1) शेर में दो बार।

बहर-ए-क़लीब

उर्दू में प्रचलित नहीं है (रंगु+रगु+पगु = SIS,S+SIS,s+Iss,s) एक शेर में दो बार। बहे कामिल [छं.] (U५ (بحرکامل) अ. स्त्री.-उर्दू की प्रचलित बह्र (स ल गु ।।5,1,5) एक शेर में आठ बार ।

बहर-ए-मुज़ील

प्रचलित नहीं है, (रगु=SIS,s) छै बार।।

बहर-ए-सरी'

बहर-ए-म'आश

गुज़र बसर करने के लिए

बहर-ओ-बर

शाब्दिक: ज़मीन और समुन्द्र, खुश्की और तरी, अर्थात: सारा संसार, पूरी दुनिया

बहर-ए-सग़ीर

चालू नहीं (तगु+ रगु+तगु= ऽऽI,S+SIऽ,s+ऽऽI,5) दो बार।।

बहर-ए-मव्वाज

वो समुंद्र जिस में बहुत तूफ़ान उठते हों, तूफ़ानी समुंद्र, मौजें मारता हुआ समुद्र

बहर-ए-आशाम

बहरा

जिसे कानों से सुनाई न देता हो, जिसकी श्रवण-शक्ति नष्ट हो गई हो

बहर-ए-इलाह

बहर-ए-ज़ंगी

बहर-उल-अज़रक़

नील नदी की पूर्वीय शाखा

बहर-ए-'आलम

सृष्टि का समुद्र

बहर-ए-ता'ज़ीम

सम्मान हेतु

बहर-ए-मुर्दार

डेड सी, मृत सागर, समुद्र तल से 440मीटर नीचे, दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला सागर है

बहर-ए-ज़ख़्ख़ार

हर समय उबलने और मौजें मारने वाला समुंद्र, वह समुंद्र जिसकी थाह ना हो

बहर-ए-ज़ुल्मात

वह समुंद्र जो अफ़्रीक़ा और यूरोप को उत्तरी और दक्षिणी अमरीका से अलग करता है, अटलांटिक सागर

बहर-ए-कमान

बहर-ए-मुहीत

बड़ा समुंदर

बहर-ए-मु'अल्लक़

बहर-उल-काहिल जज़ीरों के ममालिक

1960 ई. के दशक में प्रशांत महासागर के किनारे स्थित एशियाई देशों के साथ उन द्वीपों को सम्मिलित कर लिया गया जो प्रशांत महासागर के अंदर स्थित हैं, बाद में इस परिभाषा का प्रयोग मध्य एवं दक्षिणी अमेरीकी देशों पर भी किया जाने लगा, प्रशांत घाटी

बहर-ए-कबीर

व्यवहृत नहीं (मल+मल+तगु=sss,I+ऽऽऽ,1+ssi,5)-दो बार।।

बहर-ए-हमीम

चालू नहीं (रगु+ तगु+तगु=SIS,s-ऽऽI,S+ऽऽI,5) दो बार।।

बहर-ए-कामिल

(छंद शास्त्र) कलाम मंजूम या शे'र का वो आहंग जिसका हर मिसरा ' मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन, के वज़न पर हो (सालिम और ज़हाफ़ के साथ दोनों तरह प्रयुक्त)

बहर-ए-मुज़ारे'

प्रचलित है, शाखाएँ भी (यल - रल = ।ऽऽ, + sis) चार बार।।

बहर-ए-तहफ़्फ़ुज़

सुरक्षा के लिए, हिफ़ाज़त के लिए

बहर-ए-काहिल

प्रशांत महासागर, प्रशान्त महासागर विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा समुद्र है

बहर-ए-ख़फ़ीफ़

इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं, (सगु + जगु -सगु=॥5,5+ISI,5+॥s,s) शेर में दो बार।।

बहर-ए-सलीम

चालू नहीं (तगु+ मल+मल=ऽSI,s+ऽऽऽ,1+ऽऽऽ,I) दो बार।।

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में समंदर के अर्थदेखिए

समंदर

samandarسَمَنْدَر

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 122

समंदर के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक कीड़ा जो आग में पैदा होता है और आग ही उसका भोजन है, अगर आग से बाहर निकले तो तुरंत मर जाता है

English meaning of samandar

Noun, Masculine

  • desert animal resembling a chameleon, a mythical animal supposed to be born in fire, salamander

Roman

سَمَنْدَر کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • ایک کیڑا جو آگ میں پیدا ہوتا ہے اور آگ ہی اس کی غذا ہے، اگر آگ سے باہر نکلے تو فوراً مر جاتا ہے

Urdu meaning of samandar

  • ek kii.Daa jo aag me.n paida hotaa hai aur aag hii us kii Gizaa hai, agar aag se baahar nikle to fauran mar jaataa hai

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बहर

(नदी) समुद्र, समुद्र का वह टुकड़ा जो तीन ओर से स्थल से घिरा हो, खाड़ी

बहर

वृत, छंद, शेर का वज़्न

बहरों

भैरों

बहर-गाम

हर क़दम पर

बहरा

(निर्माण) एक या दो खूँटियाँ जो चौखट की भुजाओं के चिनाई वाले हिस्से से जुड़ी होती हैं जिन्हें चिनाई में दबाया जाता है ताकि चौखट को मजबूती से पकड़कर रखें

बहर-सा'अत

समय के लिए

बहर-'आलम

दुनिया के लिए

बहरी

समुद्रीय, समुन्दर की, समुद्र से सम्बन्धी

बहरी

एक शिकारी चिड़िया जिसका रूप रंग और स्वभाव बाज का सा होता है, पर आकार कुछ छोटा होता यह अधिकतर कबूतरों का शिकार करता और नीचे हो कर शिकार को ऊपर से पकड़ता है

बहर-'अयादत

रोगी का हालचाल पूछने हेतु

बहर-वंद

लाभ उठाने वाला, कामयाब

बहर-ए-ज़द्द

चीन की पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर का वह क्षेत्र जहाँ चीन से पहली मिट्टी बह-बह कर आती है और इस कारण वहाँ का पानी पीला दिखाई देता है

बहर-उल-काहिल

‌(शाब्दिक) सुस्त, शांतिपूर्ण

बहर-ए-फ़ना

मृत्यु का समुद्र

बहर-ए-तवील

यह और इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं (य, य, गु+य, य गु=Iऽऽ ।ऽऽ,5+ ॥S,Iऽs,s) शेर में दो बार।।

बहर-उल-'उलूम

विद्याओं का समुद्र, अर्थात् बहुत बड़ा और प्रचंड विद्वान्, विद्यासागर

बहर-ए-ख़ुदा

ईश्वर के लिए, ईश्वर के नाम पर

बहर-ए-आ'ज़म

(शाब्दिक) सब से बड़ा समुंद्र, महासागर

बहर-ए-वाफ़िर

इसकी शाखाएँ चालू हैं, स्वयं बहुत कम है (जलगु=|SI,1,5) आठ बार।।

बहर-ए-चीन

चीनी समुद्र ।

बहर-ए-ग़माम

काशग़र के पास एक झील

बहर-ए-लूत

यरूशलेम और जॉर्डन नदी के बीच स्थित एक समुद्र

बहर-ए-रुम

वह समुद्र जो यूरोप, एशिया और अफ़्रीक़ा के मध्य स्थिर है, रूमसागर, भूमध्य सागर

बहर-ए-आहन

(शाब्दिक) लोहे का समुंद्र (अर्थात) हथियारों की कसरत

बहर-ए-'अमीक़

गहरा समुन्दर

बहर-ए-जदीद

छंदशास्त्र - शायरी में प्रयुक्त एक नया छंद

बहर-ए-हमीद

चालूनहीं (मल- तगु+मल= ऽऽऽ।+ऽSI,5+ऽऽऽ, ।) दो बार ।।

बहर-ए-मदीद

(छंदशास्त्र) काव्य रचना या कविता की वो धुन जिसकी प्रत्येक पंक्ति ' फ़ाअइलातुन फ़ाअइलुन फ़ाअइलातुन फ़ाअइलुन ' की तौल पर हो (ज़हाफ़ि(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के साथ प्रयुक्त)

बहर-ए-'उक़्बा

बहर-ए-रवाँ

बहती हुई नदी, बहता हुआ समुन्दर, नौका, नाव, कश्ती

बहर-ए-क़रीब

उर्दू में व्यवहृत नहीं है (मल+मल+रल = 1ss,I+1ऽऽ।+sis,1) शेर में दो बार।

बहर-ए-क़लीब

उर्दू में प्रचलित नहीं है (रंगु+रगु+पगु = SIS,S+SIS,s+Iss,s) एक शेर में दो बार। बहे कामिल [छं.] (U५ (بحرکامل) अ. स्त्री.-उर्दू की प्रचलित बह्र (स ल गु ।।5,1,5) एक शेर में आठ बार ।

बहर-ए-मुज़ील

प्रचलित नहीं है, (रगु=SIS,s) छै बार।।

बहर-ए-सरी'

बहर-ए-म'आश

गुज़र बसर करने के लिए

बहर-ओ-बर

शाब्दिक: ज़मीन और समुन्द्र, खुश्की और तरी, अर्थात: सारा संसार, पूरी दुनिया

बहर-ए-सग़ीर

चालू नहीं (तगु+ रगु+तगु= ऽऽI,S+SIऽ,s+ऽऽI,5) दो बार।।

बहर-ए-मव्वाज

वो समुंद्र जिस में बहुत तूफ़ान उठते हों, तूफ़ानी समुंद्र, मौजें मारता हुआ समुद्र

बहर-ए-आशाम

बहरा

जिसे कानों से सुनाई न देता हो, जिसकी श्रवण-शक्ति नष्ट हो गई हो

बहर-ए-इलाह

बहर-ए-ज़ंगी

बहर-उल-अज़रक़

नील नदी की पूर्वीय शाखा

बहर-ए-'आलम

सृष्टि का समुद्र

बहर-ए-ता'ज़ीम

सम्मान हेतु

बहर-ए-मुर्दार

डेड सी, मृत सागर, समुद्र तल से 440मीटर नीचे, दुनिया का सबसे निचला बिंदु कहा जाने वाला सागर है

बहर-ए-ज़ख़्ख़ार

हर समय उबलने और मौजें मारने वाला समुंद्र, वह समुंद्र जिसकी थाह ना हो

बहर-ए-ज़ुल्मात

वह समुंद्र जो अफ़्रीक़ा और यूरोप को उत्तरी और दक्षिणी अमरीका से अलग करता है, अटलांटिक सागर

बहर-ए-कमान

बहर-ए-मुहीत

बड़ा समुंदर

बहर-ए-मु'अल्लक़

बहर-उल-काहिल जज़ीरों के ममालिक

1960 ई. के दशक में प्रशांत महासागर के किनारे स्थित एशियाई देशों के साथ उन द्वीपों को सम्मिलित कर लिया गया जो प्रशांत महासागर के अंदर स्थित हैं, बाद में इस परिभाषा का प्रयोग मध्य एवं दक्षिणी अमेरीकी देशों पर भी किया जाने लगा, प्रशांत घाटी

बहर-ए-कबीर

व्यवहृत नहीं (मल+मल+तगु=sss,I+ऽऽऽ,1+ssi,5)-दो बार।।

बहर-ए-हमीम

चालू नहीं (रगु+ तगु+तगु=SIS,s-ऽऽI,S+ऽऽI,5) दो बार।।

बहर-ए-कामिल

(छंद शास्त्र) कलाम मंजूम या शे'र का वो आहंग जिसका हर मिसरा ' मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन मुतफ़ाइलुन, के वज़न पर हो (सालिम और ज़हाफ़ के साथ दोनों तरह प्रयुक्त)

बहर-ए-मुज़ारे'

प्रचलित है, शाखाएँ भी (यल - रल = ।ऽऽ, + sis) चार बार।।

बहर-ए-तहफ़्फ़ुज़

सुरक्षा के लिए, हिफ़ाज़त के लिए

बहर-ए-काहिल

प्रशांत महासागर, प्रशान्त महासागर विश्व का सबसे बड़ा तथा सबसे गहरा समुद्र है

बहर-ए-ख़फ़ीफ़

इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं, (सगु + जगु -सगु=॥5,5+ISI,5+॥s,s) शेर में दो बार।।

बहर-ए-सलीम

चालू नहीं (तगु+ मल+मल=ऽSI,s+ऽऽऽ,1+ऽऽऽ,I) दो बार।।

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