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नक़ली

उक्त के आधार पर जो मौलिक न हो। कृत्रिम।

निकली

बाहर निकलना, घर या किसी जगह को छोड़कर कहीं जाना, समास में प्रयुक्त

नक़्लीह

वह ज्ञान जो बुद्धि के स्थान पर नकल की हुई बातों से तर्क-वितर्क करता है, वो ज्ञान जो एक वाचक से दूसरे वाचक तक पहुँचा हो या जो पारंपरिक रूप से एक दूसरे तक पहुँचा हो, मसलन हदीस, इतिहास आदि, वो विद्या जो पारंपरिक रूप से एक दूसरे तक पहुँचे

नक़्ली लाना

नक़लें उतारना

नक़्ली करना

नक़्ली कराना

नक़्ली-तिल

काजल या किसी और चीज़ से बनाया गया छोटा सा चिह्न जो सुंदरता या बुरी दृष्टि से बचने के लिए लगाया जाता है

नक़्ली-नाम

प्यार का नाम, उर्फ़ियत (असली नाम के मुक़ाबिल)

नक़्ली-घी

कृत्रिम घी, वनस्पति घी तथा मिलावटी घी (शुद्ध या असली घी का उलटा)

नक़्ली-दाँत

अवास्तविक दाँत, कृत्रिम दाँत जो दंत-चिकित्सक से बनवाए गए हुए हों, कृत्रिम दंत

नक़्ली-नक़्लें

नक़्ली-'उलूम

नक़्ली-नक़्लिया

नक़्ली-नक़्लियत

नक़्ली-नक़्लियात

नक़्ला

एक वास्ते या शरीर से दूसरे शरीर या वास्ते की ओर हरकत, वह गति जिसमें गतिशील चीज़ अपनी गति की जगह बदल दे

नक़्क़ाली

किसी दूसरे की नक़ल करना, नक्ल का काम-भाँड़ों का काम, बहुरूपिये का काम, भांडपन, अनुकरण

नाक़िला

नड़ली

नड़ला

नक़्क़ाला

निकली हल्क़ से, चली ख़ल्क़ में

बात मुँह से निकल कर राज़ नहीं रहती बहुत जल्दी फैलती है

निकली होंटों चढ़ी कोठों

मुँह से बात निकली और मशहूर होगई

ना-'अक़्ली

बे अक़्ली, नादानी, नासमझी

निकली तो घूँगट क्या

निकली तो घूँघट क्या

जब पर्दे से बाहर हुई तो फिर घूंघट का क्या निकालना

दलाइल-ए-नक़्ली

झूठा बहाना, कमज़ोर तर्क, अप्रमाणित संदर्भ या कथन

'उलूम-ए-नक़्ली

अ. पं.वे विद्याएँ जिनका सम्बन्ध बुद्धि से नहीं है, बल्कि पुस्तक में लिखे हुए को मानने से है, जैसे-धर्म-सम्बन्धी विद्याएँ ।

नक़्क़ाली करना

नड़ली चकलना

गला या नरख़रा दबाना

नक़्लें करना

मुँह निकली कोठों चढ़ी

रुक : मुँह से निकली पराई हुई

मुँह निकली, कोठों चढ़ी

आँखें निकली पड़ती हैं

सर और आंखों में शदीद दर्द है

होंठों निकली कोठों चढ़ी

रुक : होंटों निकली कोठों चढ़ी

होंटों निकली कोठों चढ़ी

मुँह से बात निकलते ही मशहूर हो जाती है, बात कहते हुए एहतियात करनी चाहिए चुपके से कहने के बावजूद फ़ौरन फैल जाती है

मुँह से निकली कोठों चढ़ी

रुक : मुँह से निकली पराई हुई

ग़रज़ निकली आँख बदली

मतलबी बे मर वित्त होता है, तोता चश्मी का इज़हार करते वक़्त कहते हैं

ग़रज़ निकली आँख बदली

होंटों से निकली कोठों चढ़ी

मुँह से बात निकलते ही मशहूर हो जाती है , रुक : होंटों निकली कोठों चढ़ी

पाएँचे से निकली पड़ती है

होंटों की निकली कोठों चढ़ी

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

हल्क़ से निकली ख़ल्क़ में पड़ी

बात मुँह से निकलते ही मशहूर या प्रसिद्ध हो जाती है

खोदा पहाड़ निकली चूहिया

मेहनत बहुत की और हासिल बहुत कम हुआ

बात मुँह से निकली हज़ार में पड़ी

भेद यदि किसी से भी बता दिया जाए तो फिर वह फैल जाता है, फिर वह भेद, भेद नहीं रहता

मुँह से निकली पराई हुई

जो बात ज़बान से अदा होजाए वो राज़ नहीं रहती, राज़ मुँह से निकलते ही मशहूर होजाता है

होंटों निकली कोठों पहोंची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

होंटों निकली कोठों पहुँची

रुक : होंटों निकली (और) कोठों चढ़ी

नियाम से तलवार निकली पड़ना

तलवार का जोश के सबब ख़ुदबख़ुद नयाम से बाहर आना

तलवार मियान से निकली पड़ना

क़तल करने पर आमादा होना, निहायत ख़ून होना

ज़बान से निकली अंबर चढ़ी

बात मुँह से निकली और प्रसिद्ध हुई

बात मुँह से निकली पराई हुई

राज़ यदि किसी को बता दिया जाए तो वह फैल जाता है, फिर वह राज़ राज़ नहीं रहता

तलवार मियान से निकली पड़ती है

मुँह से बात निकली हवा में फिरी

बात कहने के बाद मशहूर होजाती है

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ी टेढ़ी ही निकली

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

पाँव तले की ज़मीन निकली जाती है

۔ (ओ) १। जब किसी मुसीबत के बयां में मुबालग़ा मंज़ूर होता है ये फ़िक़रा कहती हैं। यानी इस मुसीबत से ज़मीं काँपती है। हवासबाख़ता हुए जाते हैं। �

पाँच तुम्हारी निकली काँच

ये जुमला आम लड़के आपस में मज़ाक़ से कहते हैं

बाईं पस्ली की निकली

बीवी, पत्नी (कहा गया है कि हज़रत हव्वा हज़रत आदम की बाएंँ पसली से पैदा की गईं थीं)

ज़मीन पाँव के नीचे से निकली जाती है

बुरा ज़माना है, कोई किसी का नहीं, बहुत घबराहट है

कुत्ते की दुम बारा बरस के बा'द भी टेढ़ी ही निकली

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से दूर नहीं होती, बदतीनत को सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद भी जब कोई तबदील ना आए तो कहते हैं)

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सहर-ए-काज़िब के अर्थदेखिए

सहर-ए-काज़िब

sahar-e-kaazibسَحَرِ کاذِب

स्रोत: अरबी

सहर-ए-काज़िब के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग

  • एक क्षणिक प्रकाश जो सूर्योदय से लगभग एक घंटे पहले होता है, दिन निकलने से ठीक पहले का समय, भोर

English meaning of sahar-e-kaazib

Noun, Masculine

  • the false dawn, the time just before day break, a transient light which precedes the rising of the sun by about an hour, commonly seen in Eastern countries

سَحَرِ کاذِب کے اردو معانی

اسم، مذکر

  • مشرق میں اُفق پر علی الصباح تھوڑی دیر کے لیے روشنی نمودار ہوتی ہے پھر غائب ہو جاتی ہے اس کو صبح کاذب بھی کہتے ہیں

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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