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'अजीब

अनोखा, आश्चर्यचकित कर देने वाला, विचित्र

'अजीब-तर

बहुत ही विचित्र, बहुत ही अनुपम, बहुत ही निराला, अति अद्भुत

'अजीब-मिज़ाज

अनोखी आदत या स्वभाव, अलग सी प्रवृत्ति या स्वभाव

'अजीब-वजीब

अनोखा, निराला

'अजीब-कारी

'अजीबा

हैरत से भरा, हैरतनाक

अजीब-उल-वज़'

निराले ढंग या बनावटी रूप वाला

'अजीब-नुस्ख़ा

'अजीब-उल-हाल

'अजीब-ओ-'अजब

हैरतनाक, दुर्लभ

'अजीब-उल-असर

अद्भुत प्रभाव रखने वाला, अप्रत्याशित प्रभाव दिखाने वाला

'अजीब-ओ-ग़रीब

अनोखा, बहुत ही विचित्र, अद्भुत, विचित्र

'अजीब-उल-ख़िलक़त

जिसकी आकृति और बनावट विचित्र हो, विकटमूर्ति, अप्राकृतिक, अनोखी शक्ल का

'अजीब-उल-ख़वास

'अजीब आदमी हो

अद्वितीय व्यक्ति हो, निराले आदमी हो

'अजीब-उल-हैअत

'अजीब-उल-ख़िलक़ती

अनोखी या अद्भुत बनावट, प्रकृतिक सिद्धांत से बटी हुई रचना

'अजीब-उल-मनफ़'अत

आश्चर्यजनक रूप से लाभ देने वाला, अप्रत्याशित रूप से प्रभाव रखने वाला

'अजीब हाल में होना

बड़ी तकलीफ़ और बहुत परेशानी की हालत में होना, कठिन पीड़ा से पीड़ित होना

'अजीब हाल होना

बुरा हाल होना, परेशानी और मुसीबत का सामना होना, बदहाल होने की स्थिति, दुर्दशावस्था, बदहाली का शिकार होना

'अजीब सी बात होना

अनोखी बात होना, अद्वितीय और निराली बात होना

'अजीबुन्नौ'

अनूठा, विचित्र प्रकार का, अद्भुत

'अज़ीब

बयान-ए-'अजीब

एक असाधारण विवरण

सू-ए-'आलम-ए-'अजीब

जब

जिस अवस्था में। जिस दशा या हालत में। (इस अर्थ में इसका नित्य संबंधी ' तो ' है)। जैसे जब उन्हें क्रोव चढ़ता है तो उनका चेहरा लाल हो जाता है। पद-जब कभी किसी समय। जब जब जिस जिस समय। जब तब कभी-कभी। जैसे-वहाँ जब-तब हो जाना होता है। जब देखो तब-प्रायः। अक्सर। जैसे-जब देखो तब तुम खेलते ही रहते हो। जब होता है तब अक्सर। प्रायः।

jab

चुभोना

'अजब

अजूबा, आश्चर्य, अचंभा

ज़बु'

ज़बूँ

ज़बाँ

(सूफ़ीवाद) दिव्य रहस्य को कहते हैं

जब-का

पिछले समय के, भूत काल की, पूर्व की, गुज़श्ता ज़माने का, पहले का

'अज़ाब

(अल्लाह ताला की ओर से) अपराध की सज़ा, कुकृत्यों की पादाश (सवाब का विलोम)

जब-ही

इस वक़्त, ऐन उसी वक़्त, इसी समय, समय पर

जबीं

माथा, ललाट, भाल, पेशानी

'अजब क्या

कुछ आश्चर्य बात नहीं

जब-से

उस वक़्त से, जिस वक़्त से, उस समय से, तब से

जब दाँत न थे जब दूध दियो, जब दाँत भए तो क्या अन न देवे

ख़ुदा हर हाल में रोज़ी देता है

जब दीखो जब तीर से खड़े

हर समय उपस्थित

'अजब है

ताज्जुब है, आश्चर्य है

जब तक पहिय्या लुढ़के, लुढ़काए जाओ

जब तक काम निकलता है, निकाले जाओ

बिपत पड़ी जब भेंट मानी, मुकर गया जब देनी आई

मुसीबत के समय मनुष्य को ईश्वर याद आता है और छुटकारा पाने के लिए तरह तरह के भेंट और मन्नतें मानता है परंतु जब मुसीबत टल जाती है तो सब कुछ भूल जाता है

'अजब तेरी क़ुदरत, 'अजब तेरे खेल, छछूँदर लगाए चंबेली का तेल

आश्चर्यचकित रह जाने के अवसर पर बोलते हैं

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

जब तक बहू रही कुँवारी सास रही वारी , जब बहू गई ब्याही पड़ गई ख़ुवारी

जब तक शादी नहीं हो जाती सास बहू की बहुत ख़ातिरदारी करती है शादी के बादहू क़दर नहीं रहती

'अजब इत्तिफ़ाक़ होना

कोई अप्रत्याशित घटना घटित होना जिस की आशा न हो

'अज़ाब पड़ना

सख़्ती होना, परेशानी पड़ना, तकलीफ़ होना

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

'अजब ज़ात-ए-शरीफ़ हो

बहुत शरारती हैं, बड़े बुरे व्यक्ति हैं

'अज़ाब में पड़ना

मुसीबत में फंसना, रंज और पीड़ा में फंसना, दिक़्क़त उठाना, कष्ट में होना

'अजब-दर-'अजब

जब नो

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

अवसर हाथ से निकल गया तो पछताने से कुछ नहीं होता

जेब में पड़ा होना

अधिकार या नियंत्रण में होना, क़ब्ज़े या क़ाबू में होना, कोई महत्व न होना, कोई अहमियत न होना

फिर पचताए क्या हुवत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

वक़्त निकल जाये तो अफ़सोस बेसूद है

लेना देना डोम ढाड़ियों का मोहब्बत 'अजब चीज़ है

टालने वाले के संबंध में कहते हैं, जो काम को टाल दिए और टाल मटोल करे

अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

अवसर के निकल जाने पर बाद में पछताना व्यर्थ है

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय बनारस

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

'अजब चा मी कुनम में पड़ना

सोच में या असमंजस में होना, उलझन में पड़ना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साहिब-ए-ख़ैर के अर्थदेखिए

साहिब-ए-ख़ैर

saahib-e-KHairصاحِبِ خَیر

स्रोत: अरबी

वज़्न : 21221

साहिब-ए-ख़ैर के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • दानशील, जो अच्छे कामों में रुपया ख़र्च करता हो, भला करने वाला, दूसरों की मदद करने वाला, सखी, हमदर्द, नेक, ग़मख़्वार

English meaning of saahib-e-KHair

Adjective

  • generous, liberal, benevolent, lenient, magnanimous

Roman

صاحِبِ خَیر کے اردو معانی

صفت

  • بھلا کرنے والا، دوسروں کی مدد کرنے والا، سخی، ہمدرد، نیک، غمخوار

Urdu meaning of saahib-e-KHair

  • bhala karne vaala, duusro.n kii madad karne vaala, sakhii, hamadrad, nek, GamaKhvaar

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'अजीब

अनोखा, आश्चर्यचकित कर देने वाला, विचित्र

'अजीब-तर

बहुत ही विचित्र, बहुत ही अनुपम, बहुत ही निराला, अति अद्भुत

'अजीब-मिज़ाज

अनोखी आदत या स्वभाव, अलग सी प्रवृत्ति या स्वभाव

'अजीब-वजीब

अनोखा, निराला

'अजीब-कारी

'अजीबा

हैरत से भरा, हैरतनाक

अजीब-उल-वज़'

निराले ढंग या बनावटी रूप वाला

'अजीब-नुस्ख़ा

'अजीब-उल-हाल

'अजीब-ओ-'अजब

हैरतनाक, दुर्लभ

'अजीब-उल-असर

अद्भुत प्रभाव रखने वाला, अप्रत्याशित प्रभाव दिखाने वाला

'अजीब-ओ-ग़रीब

अनोखा, बहुत ही विचित्र, अद्भुत, विचित्र

'अजीब-उल-ख़िलक़त

जिसकी आकृति और बनावट विचित्र हो, विकटमूर्ति, अप्राकृतिक, अनोखी शक्ल का

'अजीब-उल-ख़वास

'अजीब आदमी हो

अद्वितीय व्यक्ति हो, निराले आदमी हो

'अजीब-उल-हैअत

'अजीब-उल-ख़िलक़ती

अनोखी या अद्भुत बनावट, प्रकृतिक सिद्धांत से बटी हुई रचना

'अजीब-उल-मनफ़'अत

आश्चर्यजनक रूप से लाभ देने वाला, अप्रत्याशित रूप से प्रभाव रखने वाला

'अजीब हाल में होना

बड़ी तकलीफ़ और बहुत परेशानी की हालत में होना, कठिन पीड़ा से पीड़ित होना

'अजीब हाल होना

बुरा हाल होना, परेशानी और मुसीबत का सामना होना, बदहाल होने की स्थिति, दुर्दशावस्था, बदहाली का शिकार होना

'अजीब सी बात होना

अनोखी बात होना, अद्वितीय और निराली बात होना

'अजीबुन्नौ'

अनूठा, विचित्र प्रकार का, अद्भुत

'अज़ीब

बयान-ए-'अजीब

एक असाधारण विवरण

सू-ए-'आलम-ए-'अजीब

जब

जिस अवस्था में। जिस दशा या हालत में। (इस अर्थ में इसका नित्य संबंधी ' तो ' है)। जैसे जब उन्हें क्रोव चढ़ता है तो उनका चेहरा लाल हो जाता है। पद-जब कभी किसी समय। जब जब जिस जिस समय। जब तब कभी-कभी। जैसे-वहाँ जब-तब हो जाना होता है। जब देखो तब-प्रायः। अक्सर। जैसे-जब देखो तब तुम खेलते ही रहते हो। जब होता है तब अक्सर। प्रायः।

jab

चुभोना

'अजब

अजूबा, आश्चर्य, अचंभा

ज़बु'

ज़बूँ

ज़बाँ

(सूफ़ीवाद) दिव्य रहस्य को कहते हैं

जब-का

पिछले समय के, भूत काल की, पूर्व की, गुज़श्ता ज़माने का, पहले का

'अज़ाब

(अल्लाह ताला की ओर से) अपराध की सज़ा, कुकृत्यों की पादाश (सवाब का विलोम)

जब-ही

इस वक़्त, ऐन उसी वक़्त, इसी समय, समय पर

जबीं

माथा, ललाट, भाल, पेशानी

'अजब क्या

कुछ आश्चर्य बात नहीं

जब-से

उस वक़्त से, जिस वक़्त से, उस समय से, तब से

जब दाँत न थे जब दूध दियो, जब दाँत भए तो क्या अन न देवे

ख़ुदा हर हाल में रोज़ी देता है

जब दीखो जब तीर से खड़े

हर समय उपस्थित

'अजब है

ताज्जुब है, आश्चर्य है

जब तक पहिय्या लुढ़के, लुढ़काए जाओ

जब तक काम निकलता है, निकाले जाओ

बिपत पड़ी जब भेंट मानी, मुकर गया जब देनी आई

मुसीबत के समय मनुष्य को ईश्वर याद आता है और छुटकारा पाने के लिए तरह तरह के भेंट और मन्नतें मानता है परंतु जब मुसीबत टल जाती है तो सब कुछ भूल जाता है

'अजब तेरी क़ुदरत, 'अजब तेरे खेल, छछूँदर लगाए चंबेली का तेल

आश्चर्यचकित रह जाने के अवसर पर बोलते हैं

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

जब तक बहू रही कुँवारी सास रही वारी , जब बहू गई ब्याही पड़ गई ख़ुवारी

जब तक शादी नहीं हो जाती सास बहू की बहुत ख़ातिरदारी करती है शादी के बादहू क़दर नहीं रहती

'अजब इत्तिफ़ाक़ होना

कोई अप्रत्याशित घटना घटित होना जिस की आशा न हो

'अज़ाब पड़ना

सख़्ती होना, परेशानी पड़ना, तकलीफ़ होना

लड़के को जब भेड़िया ले गया तब टट्टी बाँधी

जब हानि हो चुकी तब सावधानी शुरू की

'अजब ज़ात-ए-शरीफ़ हो

बहुत शरारती हैं, बड़े बुरे व्यक्ति हैं

'अज़ाब में पड़ना

मुसीबत में फंसना, रंज और पीड़ा में फंसना, दिक़्क़त उठाना, कष्ट में होना

'अजब-दर-'अजब

जब नो

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत

अवसर हाथ से निकल गया तो पछताने से कुछ नहीं होता

जेब में पड़ा होना

अधिकार या नियंत्रण में होना, क़ब्ज़े या क़ाबू में होना, कोई महत्व न होना, कोई अहमियत न होना

फिर पचताए क्या हुवत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

वक़्त निकल जाये तो अफ़सोस बेसूद है

लेना देना डोम ढाड़ियों का मोहब्बत 'अजब चीज़ है

टालने वाले के संबंध में कहते हैं, जो काम को टाल दिए और टाल मटोल करे

अब पछताए क्या होत जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत

अवसर के निकल जाने पर बाद में पछताना व्यर्थ है

नदी किनारे रूखड़ा जब तब होय बनारस

नदी किनारे का पेड़ एक दिन बह कर बनारस पहुँचेगा

'अजब चा मी कुनम में पड़ना

सोच में या असमंजस में होना, उलझन में पड़ना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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