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ग़नीमत

युद्ध में शत्रु की सेना से छीना हुआ माल, मुफ्त में या बिना प्रयास मिलनेवाला धन, विजयोपहार

ग़नीमत है

यही अच्छा है, बहुत है, काफ़ी है

ग़नीमत होना

सम्मान योग्य होना, आभार योग्य होना, पर्याप्त होना

ग़नीमत लूटना

माल लूटना

ग़नीमत गिनना

رک : غنیمت سمجھنا.

ग़नीमत समझना

मुफ़्त में जानना, बड़ी बात समझना, बेहतर जानना, अच्छा समझना

मसनवी-ग़नीमत

مولوی غنیمت کی مشہور فارسی مثنوی

बसा-ग़नीमत

बेहतर, न होने से बेहतर, एक हद तक संतोषजनक

माल-ए-ग़नीमत

दुश्मन का माल जो लड़ाई में हाथ आए, युद्ध में शत्रु के देश से लूटा हुआ माल

ख़ुमुस-ए-ग़नीमत

लूट के माल का पांचवां हिस्सा जो पात्रों में विभाजित किया जाये

दम ग़नीमत होना

सम्मान के योग्य होना, पवित्र होना

ज़ात ग़नीमत होना

प्रशंस्सा के अवसर पर ऐसे व्यक्ति के लिए कहते हैं जिसके अच्छे संस्कार हों या विशेष गुण का स्वामी हो

मौक़ा' ग़नीमत समझना

रुक : मौक़ा ग़नीमत जानना

मौक़ा' ग़नीमत जान्ना

उचित समय देखकर कार्य करना, परिस्थिति अनुकूल समझना

वक़्त को ग़नीमत जानिये

अवसर को नहीं गंवाना चाहिए, समय की क़द्र करनी चाहिए, अवसर पर काम कर लेना चाहिए, समय को अनमोल समझना चाहिए

जो दम गुज़रे ग़नीमत है

ज़िंदगी जितनी है वही बेहतर है

लूट में चर्ख़ा भी ग़नीमत है

मुफ़्त की मामूली चीज़ भी अच्छी लगती है

मान का पान भी ग़नीमत है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत होता है , थोड़ा सा पूछ लेना भी ग़नीमत है

रीछ का एक बाल भी ग़नीमत है

कंजूस या बुरे आदमी से जो कुछ हाथ लगे वही ग़नीमत है

गंदुम अगर बहम न-रसद जौ ग़नीमत अस्त

बड़ा फ़ायदा हासिल ना हो तो थोड़ा फ़ायदा ही सही, अच्छी चीज़ मयस्सर ना हो तो मामूली चीज़ ही ग़नीमत है, असल चीज़ हासिल ना कर किसे तो खिसयाना हो कर किसी और चीज़ पर इकतिफ़ा कर लेने के मौक़ा पर बोलते हैं

गंदुम अगर बहम न-रसद भुस ग़नीमत अस्त

बड़ा फ़ायदा हासिल ना हो तो थोड़ा फ़ायदा ही सही, अच्छी चीज़ मयस्सर ना हो तो मामूली चीज़ ही ग़नीमत है, असल चीज़ हासिल ना कर किसे तो खिसयाना हो कर किसी और चीज़ पर इकतिफ़ा कर लेने के मौक़ा पर बोलते हैं

'उम्रत दराज़ बाद कि ईं हम ग़नीमत अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जब खी निकम्मे आदमी से कोई मामूली काम हो जाये तो कहते हैं कि तेरी उमरदराज़ हो, ये भी ग़नीमत है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साहिब-ए-बसीरत के अर्थदेखिए

साहिब-ए-बसीरत

saahib-e-basiiratصاحِبِ بَصِیرَت

वज़्न : 212122

साहिब-ए-बसीरत के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • समझदार, बुद्धीमान, अक़्लमन्द

English meaning of saahib-e-basiirat

Adjective

  • astute, intelligent

صاحِبِ بَصِیرَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • سمجھ دار ، دانا ، عقلمند شخص.

Urdu meaning of saahib-e-basiirat

  • Roman
  • Urdu

  • samajhdaar, daana, aqalmand shaKhs

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ग़नीमत

युद्ध में शत्रु की सेना से छीना हुआ माल, मुफ्त में या बिना प्रयास मिलनेवाला धन, विजयोपहार

ग़नीमत है

यही अच्छा है, बहुत है, काफ़ी है

ग़नीमत होना

सम्मान योग्य होना, आभार योग्य होना, पर्याप्त होना

ग़नीमत लूटना

माल लूटना

ग़नीमत गिनना

رک : غنیمت سمجھنا.

ग़नीमत समझना

मुफ़्त में जानना, बड़ी बात समझना, बेहतर जानना, अच्छा समझना

मसनवी-ग़नीमत

مولوی غنیمت کی مشہور فارسی مثنوی

बसा-ग़नीमत

बेहतर, न होने से बेहतर, एक हद तक संतोषजनक

माल-ए-ग़नीमत

दुश्मन का माल जो लड़ाई में हाथ आए, युद्ध में शत्रु के देश से लूटा हुआ माल

ख़ुमुस-ए-ग़नीमत

लूट के माल का पांचवां हिस्सा जो पात्रों में विभाजित किया जाये

दम ग़नीमत होना

सम्मान के योग्य होना, पवित्र होना

ज़ात ग़नीमत होना

प्रशंस्सा के अवसर पर ऐसे व्यक्ति के लिए कहते हैं जिसके अच्छे संस्कार हों या विशेष गुण का स्वामी हो

मौक़ा' ग़नीमत समझना

रुक : मौक़ा ग़नीमत जानना

मौक़ा' ग़नीमत जान्ना

उचित समय देखकर कार्य करना, परिस्थिति अनुकूल समझना

वक़्त को ग़नीमत जानिये

अवसर को नहीं गंवाना चाहिए, समय की क़द्र करनी चाहिए, अवसर पर काम कर लेना चाहिए, समय को अनमोल समझना चाहिए

जो दम गुज़रे ग़नीमत है

ज़िंदगी जितनी है वही बेहतर है

लूट में चर्ख़ा भी ग़नीमत है

मुफ़्त की मामूली चीज़ भी अच्छी लगती है

मान का पान भी ग़नीमत है

इज़्ज़त के साथ थोड़ा मिलना भी बहुत होता है , थोड़ा सा पूछ लेना भी ग़नीमत है

रीछ का एक बाल भी ग़नीमत है

कंजूस या बुरे आदमी से जो कुछ हाथ लगे वही ग़नीमत है

गंदुम अगर बहम न-रसद जौ ग़नीमत अस्त

बड़ा फ़ायदा हासिल ना हो तो थोड़ा फ़ायदा ही सही, अच्छी चीज़ मयस्सर ना हो तो मामूली चीज़ ही ग़नीमत है, असल चीज़ हासिल ना कर किसे तो खिसयाना हो कर किसी और चीज़ पर इकतिफ़ा कर लेने के मौक़ा पर बोलते हैं

गंदुम अगर बहम न-रसद भुस ग़नीमत अस्त

बड़ा फ़ायदा हासिल ना हो तो थोड़ा फ़ायदा ही सही, अच्छी चीज़ मयस्सर ना हो तो मामूली चीज़ ही ग़नीमत है, असल चीज़ हासिल ना कर किसे तो खिसयाना हो कर किसी और चीज़ पर इकतिफ़ा कर लेने के मौक़ा पर बोलते हैं

'उम्रत दराज़ बाद कि ईं हम ग़नीमत अस्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जब खी निकम्मे आदमी से कोई मामूली काम हो जाये तो कहते हैं कि तेरी उमरदराज़ हो, ये भी ग़नीमत है

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