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संसार

दुनिया, आलिम, जहां, जगत, कायनात, पृथ्वी, दुनिया के लोग, दुनिया वाले, तनासुख़, आवागवन, पुनर्जनम

संसारी

घर में रहकर घर-गृहस्थी चलाने या गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाला

संसारा

संसार, दुनिया, जगत

संसारिक

संसार का, लौकिक, ऐहिक, जिसका संबंध संसार की विषयों एवं वस्तुओं से हो

संसार-चक्र

काया पलटना, मरने के बाद आत्मा का शरीर से निकल कर दूसरी किसी वस्तु में स्थानांतरित हो जाना, पुनर्जन्म, आवागमन

सूरज-संसार

सौरमंडल

सोता-संसार

خاموشی اور اُجاڑپن ، بالخصوص رات کے سُنسان ہونے کی کیفیت .

जागता रब सोता संसार

रात के सुनसान होने सा मुराद है (कब :सविता संसार जागता परवरदिगार) यानी दुनिया सूती है लेकिन जागता रहता है

भादी के बस संसार

सारा संसार अपनी इच्छाओं का ग़ुलाम बन रहा है, कोई दूसरों का भला नहीं सोचता

सोता संसार जागता पाक परवर-दिगार

रात के सुनसान होने की जानिब इशारा, उमूमन दास्तानगो रात के सुनसान होने को इन अलफ़ाज़ से ज़ाहिर करते हैं, दास्तानगो का रोज़मर्रा

सोए संसार और जागे पाक परवर्दिगार

रुक : सोवे संसार जागे पाक परवरदिगार

सोना सुनार का अभरन संसार की

सुनारों की ख़ियानत कारी के लिए ये कहावत है खोट मिलावट कटौती इन की आदत होती है, लोगों को ख़ुश कर के अपना मतलब निकालना, रोगन-ए-फ़ाज़ मिल कर लोगों का माल मारना, मकर वफ़रीब से काम लेना

सोना सुनार का सोभा संसार की

सुनारों की ख़ियानत कारी के लिए ये कहावत है खोट मिलावट कटौती इन की आदत होती है, लोगों को ख़ुश कर के अपना मतलब निकालना, रोगन-ए-फ़ाज़ मिल कर लोगों का माल मारना, मकर वफ़रीब से काम लेना

सोवे संसार , जागे पाक परवर-दिगार

आधी पिछली रात का वो वक़्त जब मुकम्मल ख़ामोशी हो, पिछला पहर, रात का सुनाता

पत्थर से चक्की भली पीस खाए संसार

बेफ़ैज़ बड़े आदमी से वो ग़रीब ही अच्छा है जिस से ख़लक़-उल-ल्लाह को नफ़ा हो

सब संसार काल का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

साधू दुखिया सब संसार , जो सुखिया सो राम आधार

तमाम दुनिया मुसीबत में गिरफ़्तार है जो ख़ुदा पर भरोसा करते हैं वो सुखी हैं

सब संसार मौत का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साहिब-ए-बसीरत के अर्थदेखिए

साहिब-ए-बसीरत

saahib-e-basiiratصاحِبِ بَصِیرَت

वज़्न : 212122

साहिब-ए-बसीरत के हिंदी अर्थ

विशेषण

  • समझदार, बुद्धीमान, अक़्लमन्द

English meaning of saahib-e-basiirat

Adjective

  • astute, intelligent

صاحِبِ بَصِیرَت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

صفت

  • سمجھ دار ، دانا ، عقلمند شخص.

Urdu meaning of saahib-e-basiirat

  • Roman
  • Urdu

  • samajhdaar, daana, aqalmand shaKhs

खोजे गए शब्द से संबंधित

संसार

दुनिया, आलिम, जहां, जगत, कायनात, पृथ्वी, दुनिया के लोग, दुनिया वाले, तनासुख़, आवागवन, पुनर्जनम

संसारी

घर में रहकर घर-गृहस्थी चलाने या गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाला

संसारा

संसार, दुनिया, जगत

संसारिक

संसार का, लौकिक, ऐहिक, जिसका संबंध संसार की विषयों एवं वस्तुओं से हो

संसार-चक्र

काया पलटना, मरने के बाद आत्मा का शरीर से निकल कर दूसरी किसी वस्तु में स्थानांतरित हो जाना, पुनर्जन्म, आवागमन

सूरज-संसार

सौरमंडल

सोता-संसार

خاموشی اور اُجاڑپن ، بالخصوص رات کے سُنسان ہونے کی کیفیت .

जागता रब सोता संसार

रात के सुनसान होने सा मुराद है (कब :सविता संसार जागता परवरदिगार) यानी दुनिया सूती है लेकिन जागता रहता है

भादी के बस संसार

सारा संसार अपनी इच्छाओं का ग़ुलाम बन रहा है, कोई दूसरों का भला नहीं सोचता

सोता संसार जागता पाक परवर-दिगार

रात के सुनसान होने की जानिब इशारा, उमूमन दास्तानगो रात के सुनसान होने को इन अलफ़ाज़ से ज़ाहिर करते हैं, दास्तानगो का रोज़मर्रा

सोए संसार और जागे पाक परवर्दिगार

रुक : सोवे संसार जागे पाक परवरदिगार

सोना सुनार का अभरन संसार की

सुनारों की ख़ियानत कारी के लिए ये कहावत है खोट मिलावट कटौती इन की आदत होती है, लोगों को ख़ुश कर के अपना मतलब निकालना, रोगन-ए-फ़ाज़ मिल कर लोगों का माल मारना, मकर वफ़रीब से काम लेना

सोना सुनार का सोभा संसार की

सुनारों की ख़ियानत कारी के लिए ये कहावत है खोट मिलावट कटौती इन की आदत होती है, लोगों को ख़ुश कर के अपना मतलब निकालना, रोगन-ए-फ़ाज़ मिल कर लोगों का माल मारना, मकर वफ़रीब से काम लेना

सोवे संसार , जागे पाक परवर-दिगार

आधी पिछली रात का वो वक़्त जब मुकम्मल ख़ामोशी हो, पिछला पहर, रात का सुनाता

पत्थर से चक्की भली पीस खाए संसार

बेफ़ैज़ बड़े आदमी से वो ग़रीब ही अच्छा है जिस से ख़लक़-उल-ल्लाह को नफ़ा हो

सब संसार काल का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

साधू दुखिया सब संसार , जो सुखिया सो राम आधार

तमाम दुनिया मुसीबत में गिरफ़्तार है जो ख़ुदा पर भरोसा करते हैं वो सुखी हैं

सब संसार मौत का खाजा, जैसे गदवा वैसे राजा

बादशाह हो या फ़क़ीर, मौत सब के लिए अटल है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

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