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तख़य्युल

ख़याल करना, विचार अथवा कल्पना में लाना, वह कल्पना या विचार जिसे कवि छंदबद्ध करता है

तख़य्युला

विचार, ध्यान

तख़य्युलाना

تخیل (رک) سے منسوب.

तख़य्युली

تخیل (رک) سے منسوب.

तख़य्युलात

खयालात, भ्रमजाल, वाहिमे, विचारना, कल्पना, काव्यविषय

तख़य्युल करना

याद से निकले हुए ख़्याल को ताज़ा करना,पहले सोचे हुए अमर को फिर गिरिफ़त में लाना

तख़य्युल-आराई

خیال کرنا ،خیال میں گم رہنا ، کسی دھیان مین رہنا ؛ کسی خیال کو عمدہ اور احسن طور پر بیان کرنے یا پیش کرنے کا عمل .

तख़य्युलिय्यत

تخیل (رک)کا اسم کیفیت .

तख़य्युल-परस्त

अपने ख़यालों में गुम रहने वाला, हर वक़्त सोच में रहने वाला

तख़य्युल-ए-ख़ल्लाक़

creative imagination

शा'इराना-तख़य्युल

شاعروں جیسے خیالات، مبالغہ آمیز خیالات

निगाह-ए-तख़य्युल

(संकेतात्मक) ज़ेहन, सोच, फ़िक्र और ख़याल

ए'जाज़-ए-तख़य्युल

wonder, miracle of imagination

तकवीनी-तख़य्युल

(نفسیات) وہ تخیل جو تخلیق سے متعلق ہو .

मुर्ग़-तख़य्युल

कल्पना या सोच को मुर्ग़ से संकेत करते हैं

निज़ाम-ए-तख़य्युल

विचारधारा, विचार-पंथ, विचार-पद्धति

जौलानी-ए-तख़य्युल

flight of imagination

नुदरत-ए-तख़य्युल

ख़याल बाँधने का अनोखापन, ख़याल का नयापन

ज़र्फ़-ए-तख़य्युल

ख़याल की ख़ूबसूरती, ख़याल का आकर्षण

मा-ला-तख़य्युल

۔(ع)صفت ۔جو حل نہ ہوسکے ۔اول مسئلہ جو ناقابل حل ہو۔

ना-क़ाबिल-ए-तख़य्युल

जिसकी कल्पना न की जा सके, जो सोचा न जा सके, अचिन्त्य ।

मा-वरा-ए-तख़य्युल

खयाल की पहुँच से परे, कल्पनातीत, जहाँ खयाल न पहुँच सके।

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए के अर्थदेखिए

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

roza rakhe na namaaz pa.Dhe saharii bhii na khaa.e to mahaz kaafir ho jaa.eرُوْزَہ رکھے نَہ نَماز پَڑھے سَحَری بھی نَہ کھائے تو مَحَضْ کَافِرْ ہُو جائے

अथवा : रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो काफ़िर हो जाए

कहावत

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए के हिंदी अर्थ

  • ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

English meaning of roza rakhe na namaaz pa.Dhe saharii bhii na khaa.e to mahaz kaafir ho jaa.e

  • this saying belongs to those who follow the sensual desire, the other costumes are not necessary but the Sahari is

رُوْزَہ رکھے نَہ نَماز پَڑھے سَحَری بھی نَہ کھائے تو مَحَضْ کَافِرْ ہُو جائے کے اردو معانی

Roman

  • یہ مقولہ نفس پروروں کا ہے، روزہ نماز نہ سہی مگر سحری ضرور کھانی چاہیے

    مثال یہ مثل ایسے موقع پر بولتے ہیں جب یہ دکھانا منظور ہو کہ جو شخص فائدہ حاصل کرے وہی کام کرنے میں ایک ماما سحری کھا لیتی تھی روزہ نہ رکھتی تھی، ایک دن مالک نے پوچھا تو یہ جواب دیا، یعنی دین کی مطلب کی بات مان لی اور تکلیف کی بات چھوڑ دی

Urdu meaning of roza rakhe na namaaz pa.Dhe saharii bhii na khaa.e to mahaz kaafir ho jaa.e

Roman

  • ye maquula nafas pravro.n ka hai, roza namaaz na sahii magar sahrii zaruur khaanii chaahi.e

खोजे गए शब्द से संबंधित

तख़य्युल

ख़याल करना, विचार अथवा कल्पना में लाना, वह कल्पना या विचार जिसे कवि छंदबद्ध करता है

तख़य्युला

विचार, ध्यान

तख़य्युलाना

تخیل (رک) سے منسوب.

तख़य्युली

تخیل (رک) سے منسوب.

तख़य्युलात

खयालात, भ्रमजाल, वाहिमे, विचारना, कल्पना, काव्यविषय

तख़य्युल करना

याद से निकले हुए ख़्याल को ताज़ा करना,पहले सोचे हुए अमर को फिर गिरिफ़त में लाना

तख़य्युल-आराई

خیال کرنا ،خیال میں گم رہنا ، کسی دھیان مین رہنا ؛ کسی خیال کو عمدہ اور احسن طور پر بیان کرنے یا پیش کرنے کا عمل .

तख़य्युलिय्यत

تخیل (رک)کا اسم کیفیت .

तख़य्युल-परस्त

अपने ख़यालों में गुम रहने वाला, हर वक़्त सोच में रहने वाला

तख़य्युल-ए-ख़ल्लाक़

creative imagination

शा'इराना-तख़य्युल

شاعروں جیسے خیالات، مبالغہ آمیز خیالات

निगाह-ए-तख़य्युल

(संकेतात्मक) ज़ेहन, सोच, फ़िक्र और ख़याल

ए'जाज़-ए-तख़य्युल

wonder, miracle of imagination

तकवीनी-तख़य्युल

(نفسیات) وہ تخیل جو تخلیق سے متعلق ہو .

मुर्ग़-तख़य्युल

कल्पना या सोच को मुर्ग़ से संकेत करते हैं

निज़ाम-ए-तख़य्युल

विचारधारा, विचार-पंथ, विचार-पद्धति

जौलानी-ए-तख़य्युल

flight of imagination

नुदरत-ए-तख़य्युल

ख़याल बाँधने का अनोखापन, ख़याल का नयापन

ज़र्फ़-ए-तख़य्युल

ख़याल की ख़ूबसूरती, ख़याल का आकर्षण

मा-ला-तख़य्युल

۔(ع)صفت ۔جو حل نہ ہوسکے ۔اول مسئلہ جو ناقابل حل ہو۔

ना-क़ाबिल-ए-तख़य्युल

जिसकी कल्पना न की जा सके, जो सोचा न जा सके, अचिन्त्य ।

मा-वरा-ए-तख़य्युल

खयाल की पहुँच से परे, कल्पनातीत, जहाँ खयाल न पहुँच सके।

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