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भतार

विवाहिता स्त्री का पति, बीबी का मियां

भतार करना

शौहर करना, किसी आदमी से ब्याह करना, शादी करना

यार का ग़ुस्सा भतार के ऊपर

उसके बारे में कहते हैं जो किसी से नाराज़ हो और ग़ुस्सा किसी पर निकाले

पूत मीठ भतार मीठ किरिया केह कर खाऊँ

पति और पुत्र दोनों प्यारे हैं, सौगंध किसकी खाऊँ, अति असमंजस में हूँ, समझ में नहीं आता क्या किया जाए

घर यार के, पूत भतार के

यह कहावत विलासी आदमी के सम्बन्ध में कहते हैं जिस के बच्चे वेश्या के यहां होते हैं और अपना कोई रहने का स्थान नहीं होता

जवान जाए पताल, बुढ़िया माँगे भतार

उल्टा समय है युवती मरती हैं बूढ़ियाँ पति मांगती हैं

बाव न बतास तेरा आँचल क्योंकर डोला पूत न भतार तेरा ढेंडा क्योंकर फूला

तुझे किस बात का गर्व है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पूत मीठ भतार मीठ किरिया केह कर खाऊँ के अर्थदेखिए

पूत मीठ भतार मीठ किरिया केह कर खाऊँ

puut miiTh bhataar miiTh kiriyaa keh kar khaa.uu.nپُوت میٹھ بَھتار میٹھ کِریا کِہہ کَرْ کھاؤں

कहावत

पूत मीठ भतार मीठ किरिया केह कर खाऊँ के हिंदी अर्थ

  • पति और पुत्र दोनों प्यारे हैं, सौगंध किसकी खाऊँ, अति असमंजस में हूँ, समझ में नहीं आता क्या किया जाए
  • दो में से कोई भी एक काम न कर पाना अथवा दो में से कोई एक चीज़ न छोड़ पाना, असमंजस में पड़ना

پُوت میٹھ بَھتار میٹھ کِریا کِہہ کَرْ کھاؤں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خاوند اور بیٹا دونوں پیارے ہیں، قسم کس کی کھاؤں سخت دقت میں ہوں، سمجھ میں نہیں آتا کیا کیا جائے
  • دو میں سے کوئی بھی ایک کام نہ کر پانا یا دو مین سے کوئی ایک چیز نہ چھوڑ پانا، تذبذب میں پڑنا

Urdu meaning of puut miiTh bhataar miiTh kiriyaa keh kar khaa.uu.n

  • Roman
  • Urdu

  • Khaavand aur beTaa dono.n pyaare hain, qism kis kii khaa.uu.n saKht diqqat me.n huu.n, samajh me.n nahii.n aataa kyaa kiya jaaye
  • do me.n se ko.ii bhii ek kaam na kar paana ya do main se ko.ii ek chiiz na chho.D paana, tazabzab me.n pa.Dnaa

खोजे गए शब्द से संबंधित

भतार

विवाहिता स्त्री का पति, बीबी का मियां

भतार करना

शौहर करना, किसी आदमी से ब्याह करना, शादी करना

यार का ग़ुस्सा भतार के ऊपर

उसके बारे में कहते हैं जो किसी से नाराज़ हो और ग़ुस्सा किसी पर निकाले

पूत मीठ भतार मीठ किरिया केह कर खाऊँ

पति और पुत्र दोनों प्यारे हैं, सौगंध किसकी खाऊँ, अति असमंजस में हूँ, समझ में नहीं आता क्या किया जाए

घर यार के, पूत भतार के

यह कहावत विलासी आदमी के सम्बन्ध में कहते हैं जिस के बच्चे वेश्या के यहां होते हैं और अपना कोई रहने का स्थान नहीं होता

जवान जाए पताल, बुढ़िया माँगे भतार

उल्टा समय है युवती मरती हैं बूढ़ियाँ पति मांगती हैं

बाव न बतास तेरा आँचल क्योंकर डोला पूत न भतार तेरा ढेंडा क्योंकर फूला

तुझे किस बात का गर्व है

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