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इमरोज़

आज, अद्य, आज का दिन

इमरोज़ा

आज का, आज के युग का

इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पुख़्तगी के अर्थदेखिए

पुख़्तगी

puKHtagiiپُخْتَگی

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 212

पुख़्तगी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • पुख़्ता से इस्म-ए-कैफ़ियत, पक्का होने की दशा

    विशेष इस्म-ए-कैफ़ियत= (आकृति विज्ञान) एक संज्ञा जो किसी व्यक्ति या वस्तु की किसी विशेष स्थिति या अवस्था का वर्णन करती है, जैसे: सख़्ती, रौशनी, सेहत

  • पक जाने की प्रक्रिया (फल, खाना इत्यादि)
  • पौधे की बढ़वार

शे'र

English meaning of puKHtagii

پُخْتَگی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • پختہ سے اسم کیفیت، پختہ ہونے کی حالت
  • پک جانے کا عمل (پھل، کھانا وغیرہ)
  • پودے کی بڑھوار

Urdu meaning of puKHtagii

  • Roman
  • Urdu

  • puKhtaa se ism-e-kaufiiyat, puKhtaa hone kii haalat
  • pak jaane ka amal (phal, khaanaa vaGaira
  • paude kii ba.Dhvaar

पुख़्तगी के पर्यायवाची शब्द

पुख़्तगी के विलोम शब्द

पुख़्तगी के यौगिक शब्द

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इमरोज़-ओ-फ़र्दा

आज और कल, बहुत जल्द, इन दिनों में से एक

इमरोज़-फ़र्दा

टाल मटोल, बहानेबाज़ी

फ़िक्र-ए-इमरोज़

आज की चिंता, हाल की फ़िक्र

'इशरत-ए-इमरोज़

वह सुख जो आज प्राप्त हो, अर्थात् सांसारिक सुख ।

कार-ए-इमरोज़ ब-फ़र्दा मगुज़ार

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आज का काम कल पर ना छोड़, काम को बरवक़्त अंजाम देने के लिए बतौर ताकीद-ओ-हिदायत बोला जाता है

हर शबे गोयम कि फ़र्दा तर्क ईं सौदा कुनम बाज़ चूँ फ़र्दा शवद इमरोज़ रा फ़र्दा कुनम

(फ़ारसी शेर का उर्दू की कहावत के रूप में में प्रयोग) हर रात मैं कहता हूँ कि कल इस जूनून से छुटकारा पाऊँगा मगर जब कल आता है तो फिर आज को कल पर टाल देता हूँ; टालमटोल करने वाला सफल नहीं होता, जो काम करना है वह तुरंत करना चाहिए और किसी आदत को छोड़ना बहुत मुश्

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