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"प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट" शब्द से संबंधित परिणाम

बहर

(नदी) समुद्र, समुद्र का वह टुकड़ा जो तीन ओर से स्थल से घिरा हो, खाड़ी

बहर

वृत, छंद, शेर का वज़्न

बहर

باہر (رک کی تخفیف)

बहरों

भैरों

बहरी

समुद्रीय, समुन्दर की, समुद्र से सम्बन्धी

बहरी

एक शिकारी चिड़िया जिसका रूप रंग और स्वभाव बाज का सा होता है, पर आकार कुछ छोटा होता यह अधिकतर कबूतरों का शिकार करता और नीचे हो कर शिकार को ऊपर से पकड़ता है

बहरिया

बहरियात (रुक) का एकवचन

बहर-वंद

लाभ उठाने वाला, कामयाब

बहर-ए-नौ'

At any rate, anyhow, at all events.

बहर-ए-मुंजमिद

वह समुद्र जिसका पानी जमा हुआ हो

बहर-ए-हिंद

यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है

बहर-ए-'ऐश

आनंदित होने के लिए

बहर-ए-'अर्ज़

कहने के तौर पर, कहने के लिए

बहर-ए-'इल्म

ज्ञान का समुन्दर

बहर-ए-ज़ंग

वह समुंद्र जो हब्श के पूर्व में है, हिंद महासागर के पश्चिमी भाग

बहर-ए-रज्ज़

बहुत चालू है, इसकी शाखाएँ भी बहुत चालू हैं, (तगु=ऽऽI,S) आठ बार।।

बहर-ए-'इश्क़

प्रेम का समुन्दर

बहर-कैफ़

हर प्रकार से जैसे बने वैसे, हर परिस्थिति में, अंततः

बहर-ए-'अरब

अरब सागर

बहर-ए-'अदम

ocean of non-existence

बहर-ए-असम

एक वृत्त जो उर्दू में प्रचलित नहीं है, (ररमय ऽ।ऽ, ऽऽ, ऽऽऽ ।ऽऽ) पूरे शेर में दोबार।

बहर-ए-ख़ुज़्र

(शाब्दिक) छोटी-छोटी आँखों वालों का समुद्र, (अर्थात) कैस्पियन सागर (नीला समुद्र) का वो भाग वो साइबेरिया के दक्षिण में चीन से लगा हुआ है

बहर-ए-हज़ज

बहुत चालू, इसकी शाखाएँ भी बहुत चालू हैं,रुबाई इसी से निकली है (यगु= ।ऽऽ,5) आठ बार।

बहर-ए-रमल

अ. स्त्री.यह और इसकी शाखाएँ बहुत चालू है, (रगु=SIS,s) आठ बार।।

बहर-ए-मुज्तस

बहुत चालू है, शाखाएँ भी (जगु + सगु = \SI,5+ ॥s,s) चार बार।।

बहर-ए-अब्यज़

(शाब्दिक) सफ़ेद समुंदर

बहर-ओ-बर

शाब्दिक: ज़मीन और समुन्द्र, खुश्की और तरी, अर्थात: सारा संसार, पूरी दुनिया

बहर-गाम

हर क़दम पर

बहर-ए-अज़रक़

नील नदी की पूर्वी शाखा जो नौ सौ मील लंबी है, आकाश, आस्मान।

बहर-ए-अहमर

शाब्दिक: लाल सागर अर्थात: अफ़्रीक़ा और अरब के मध्य का वो समुंद्र जो उत्तर में में सोएज़ नहर के ज़रीये रूम सागर और दक्षिण में आता है बाबुल-मंदब के माध्यम से अरब सागर से मिलता है, बहर-ए-कुल्ज़ुम

बहर-ए-अख़्ज़र

शाब्दिक: नीला समुंद्र, अर्थात रूस एवं ईरान की सीमा पर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी नमकीन झील, बहर का स्पेन, कैसपियन (समुद्र), प्रतीकात्मक: आकाश

बहर-ए-असवद

कृष्णसागर, ब्लैक सी, रूस के दक्षिण और अनातूलिया के उत्तर का समुद्र

बहर-हाल

हर स्थिति में, हर हाल में, हर परिस्थिति में, फिर भी; तो भी, हर प्रकार से जैसे बने वैसे, अंततः

बहर-ए-पेस्फ़िक

رک : بحر الکاہل

बहर-ए-क़ुल्ज़ुम

Red sea, the sea between Africa and Arabia

बहर-ए-फ़ना

मृत्यु का समुद्र

बहर-ए-'इशरत

सुख का समुद्र

बहर-ए-मुंसरिह

(छंद शास्त्र) काव्य रचना या कविता की पंक्ति का वह तरंग जिसकी प्रत्येक पंक्ति मुसतफएलुन मफ़ऊलात मुसतफएलुन मफ़ऊलात ' के माप पर हो (ज़िहाफ़(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के संग प्रयुक्त)

बहर-ए-मुक़्तज़िब

(छंद शास्त्र) काव्य रचना या कविता की वह तरंग जिसकी प्रत्येक पंक्ति मफ़ऊलात मस्तफ़एलुन मफ़ऊलात मुसतफ़ेलुन के माप पर हो (ज़हाफ़ि(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के संग प्रयुक्त)

बहर-ए-ख़ुदा

ईश्वर के लिए, ईश्वर के नाम पर

बहर-ए-तवील

यह और इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं (य, य, गु+य, य गु=Iऽऽ ।ऽऽ,5+ ॥S,Iऽs,s) शेर में दो बार।।

बहर-ए-लूत

यरूशलेम और जॉर्डन नदी के बीच स्थित एक समुद्र

बहर-ए-रुम

वह समुद्र जो यूरोप, एशिया और अफ़्रीक़ा के मध्य स्थिर है, रूमसागर, भूमध्य सागर

बहरूपनी

folk form in which the artist changes shapes-with man on one side and woman on other side and also some other forms like monkey, elephant etc.

बहर-ए-अटलांटिक

رک : بحر ظلمات.

बहर-ए-चीन

चीनी समुद्र ।

बहर-'आलम

दुनिया के लिए

बहर-सा'अत

समय के लिए

बहर-उल-अज़रक़

नील नदी की पूर्वीय शाखा

बहरूपिया

वह जो जीविका निर्वाह के लिए विविध वेष धारण करता है या स्वाँग बनाकर लोगों का मनोरंजन करता है, भांड

बहरूपा

भांड, छलीम, कपटी, मक्कार, फ़रेबी, वह जो जीविका निर्वाह के लिए विविध वेष धारण करता है या स्वाँग बनाकर लोगों का मनोरंजन करता है

बहर-ए-आहन

(शाब्दिक) लोहे का समुंद्र (अर्थात) हथियारों की कसरत

बहरानी

बहरैन से संबंधित, बहरैन का बना हुआ, बहरैन का निवासी

बहरूप

(शाब्दिक) बहुत से रूप

बहर-ए-ज़द्द

चीन की पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर का वह क्षेत्र जहाँ चीन से पहली मिट्टी बह-बह कर आती है और इस कारण वहाँ का पानी पीला दिखाई देता है

बहर-सूरत

हर तरह से, हर प्रकार से, जैसे हो वैसे, हर स्थित में, प्रत्येक दशा में, हर हालत में

बहर-ए-मुहीत

बड़ा समुंदर

बहर-ए-सरी'

کلام منظوم یا شعر کا وہ آہن٘گ جس کا ہرمصرع ’ مُسْتَفْعِلُن مَفْعُولاتُ مُسْتَفْعِلُن مَفْعُولاتُ، کے وزن پر ہو (زحاف کے ساتھ مستعمل)

बहर-ए-'उरूस

दुल्हन के लिए

बहरियत

जलसेना-शक्ति, समुद्र पर प्रभुत्व अथवा शासन

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट के अर्थदेखिए

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

priit na jaane jaat kujaat nii.nd na jaane TuuTii khaaT, bhuuk na jaane baasii bhaat pyaas na jaane dhobii ghaaTپِرِیت نَہ جانے جات کُجات نِیند نَہ جانے ٹُوٹی کھاٹ، بُھوک نَہ جانے باسی بھات پِیاس نَہ جانے دھوبی گھاٹ

कहावत

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट के हिंदी अर्थ

  • प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

    विशेष सं: क्षुधातुराणां न बलं न बुद्धि, तृष्णातुराणां न च पात्र शुद्धि, कामानुराणां न भयं न लज्जा, निद्रातुराणां न च भूमिशय्या।

پِرِیت نَہ جانے جات کُجات نِیند نَہ جانے ٹُوٹی کھاٹ، بُھوک نَہ جانے باسی بھات پِیاس نَہ جانے دھوبی گھاٹ کے اردو معانی

Roman

  • محبت کرتے وقت کوئی یہ نہیں سوچتا کہ اس کا محبوب کس ذات یا قوم کا ہے جس طرح نیند ہر جگہ اور ہر حالت میں آجاتی ہے اور بھوک میں انسان کو باسی روٹی بھی اچھی معلوم ہوتی ہے اور پیاس لگی ہو تو انسان یہ نہیں دیکھتا کہ پانی صاف شفاف ہے یا گدلا

Urdu meaning of priit na jaane jaat kujaat nii.nd na jaane TuuTii khaaT, bhuuk na jaane baasii bhaat pyaas na jaane dhobii ghaaT

Roman

  • muhabbat karte vaqt ko.ii ye nahii.n sochtaa ki is ka mahbuub kis zaat ya qaum ka hai jis tarah niind har jagah aur har haalat me.n aajaatii hai aur bhuuk me.n insaan ko baasii roTii bhii achchhii maaluum hotii hai aur pyaas lagii ho to insaan ye nahii.n dekhtaa ki paanii saaf shaffaaf hai ya gadlaa

खोजे गए शब्द से संबंधित

बहर

(नदी) समुद्र, समुद्र का वह टुकड़ा जो तीन ओर से स्थल से घिरा हो, खाड़ी

बहर

वृत, छंद, शेर का वज़्न

बहर

باہر (رک کی تخفیف)

बहरों

भैरों

बहरी

समुद्रीय, समुन्दर की, समुद्र से सम्बन्धी

बहरी

एक शिकारी चिड़िया जिसका रूप रंग और स्वभाव बाज का सा होता है, पर आकार कुछ छोटा होता यह अधिकतर कबूतरों का शिकार करता और नीचे हो कर शिकार को ऊपर से पकड़ता है

बहरिया

बहरियात (रुक) का एकवचन

बहर-वंद

लाभ उठाने वाला, कामयाब

बहर-ए-नौ'

At any rate, anyhow, at all events.

बहर-ए-मुंजमिद

वह समुद्र जिसका पानी जमा हुआ हो

बहर-ए-हिंद

यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है

बहर-ए-'ऐश

आनंदित होने के लिए

बहर-ए-'अर्ज़

कहने के तौर पर, कहने के लिए

बहर-ए-'इल्म

ज्ञान का समुन्दर

बहर-ए-ज़ंग

वह समुंद्र जो हब्श के पूर्व में है, हिंद महासागर के पश्चिमी भाग

बहर-ए-रज्ज़

बहुत चालू है, इसकी शाखाएँ भी बहुत चालू हैं, (तगु=ऽऽI,S) आठ बार।।

बहर-ए-'इश्क़

प्रेम का समुन्दर

बहर-कैफ़

हर प्रकार से जैसे बने वैसे, हर परिस्थिति में, अंततः

बहर-ए-'अरब

अरब सागर

बहर-ए-'अदम

ocean of non-existence

बहर-ए-असम

एक वृत्त जो उर्दू में प्रचलित नहीं है, (ररमय ऽ।ऽ, ऽऽ, ऽऽऽ ।ऽऽ) पूरे शेर में दोबार।

बहर-ए-ख़ुज़्र

(शाब्दिक) छोटी-छोटी आँखों वालों का समुद्र, (अर्थात) कैस्पियन सागर (नीला समुद्र) का वो भाग वो साइबेरिया के दक्षिण में चीन से लगा हुआ है

बहर-ए-हज़ज

बहुत चालू, इसकी शाखाएँ भी बहुत चालू हैं,रुबाई इसी से निकली है (यगु= ।ऽऽ,5) आठ बार।

बहर-ए-रमल

अ. स्त्री.यह और इसकी शाखाएँ बहुत चालू है, (रगु=SIS,s) आठ बार।।

बहर-ए-मुज्तस

बहुत चालू है, शाखाएँ भी (जगु + सगु = \SI,5+ ॥s,s) चार बार।।

बहर-ए-अब्यज़

(शाब्दिक) सफ़ेद समुंदर

बहर-ओ-बर

शाब्दिक: ज़मीन और समुन्द्र, खुश्की और तरी, अर्थात: सारा संसार, पूरी दुनिया

बहर-गाम

हर क़दम पर

बहर-ए-अज़रक़

नील नदी की पूर्वी शाखा जो नौ सौ मील लंबी है, आकाश, आस्मान।

बहर-ए-अहमर

शाब्दिक: लाल सागर अर्थात: अफ़्रीक़ा और अरब के मध्य का वो समुंद्र जो उत्तर में में सोएज़ नहर के ज़रीये रूम सागर और दक्षिण में आता है बाबुल-मंदब के माध्यम से अरब सागर से मिलता है, बहर-ए-कुल्ज़ुम

बहर-ए-अख़्ज़र

शाब्दिक: नीला समुंद्र, अर्थात रूस एवं ईरान की सीमा पर स्थित दुनिया की सबसे बड़ी नमकीन झील, बहर का स्पेन, कैसपियन (समुद्र), प्रतीकात्मक: आकाश

बहर-ए-असवद

कृष्णसागर, ब्लैक सी, रूस के दक्षिण और अनातूलिया के उत्तर का समुद्र

बहर-हाल

हर स्थिति में, हर हाल में, हर परिस्थिति में, फिर भी; तो भी, हर प्रकार से जैसे बने वैसे, अंततः

बहर-ए-पेस्फ़िक

رک : بحر الکاہل

बहर-ए-क़ुल्ज़ुम

Red sea, the sea between Africa and Arabia

बहर-ए-फ़ना

मृत्यु का समुद्र

बहर-ए-'इशरत

सुख का समुद्र

बहर-ए-मुंसरिह

(छंद शास्त्र) काव्य रचना या कविता की पंक्ति का वह तरंग जिसकी प्रत्येक पंक्ति मुसतफएलुन मफ़ऊलात मुसतफएलुन मफ़ऊलात ' के माप पर हो (ज़िहाफ़(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के संग प्रयुक्त)

बहर-ए-मुक़्तज़िब

(छंद शास्त्र) काव्य रचना या कविता की वह तरंग जिसकी प्रत्येक पंक्ति मफ़ऊलात मस्तफ़एलुन मफ़ऊलात मुसतफ़ेलुन के माप पर हो (ज़हाफ़ि(छंद के गणों में से मात्राओं की कमी) के संग प्रयुक्त)

बहर-ए-ख़ुदा

ईश्वर के लिए, ईश्वर के नाम पर

बहर-ए-तवील

यह और इसकी शाखाएँ प्रचलित हैं (य, य, गु+य, य गु=Iऽऽ ।ऽऽ,5+ ॥S,Iऽs,s) शेर में दो बार।।

बहर-ए-लूत

यरूशलेम और जॉर्डन नदी के बीच स्थित एक समुद्र

बहर-ए-रुम

वह समुद्र जो यूरोप, एशिया और अफ़्रीक़ा के मध्य स्थिर है, रूमसागर, भूमध्य सागर

बहरूपनी

folk form in which the artist changes shapes-with man on one side and woman on other side and also some other forms like monkey, elephant etc.

बहर-ए-अटलांटिक

رک : بحر ظلمات.

बहर-ए-चीन

चीनी समुद्र ।

बहर-'आलम

दुनिया के लिए

बहर-सा'अत

समय के लिए

बहर-उल-अज़रक़

नील नदी की पूर्वीय शाखा

बहरूपिया

वह जो जीविका निर्वाह के लिए विविध वेष धारण करता है या स्वाँग बनाकर लोगों का मनोरंजन करता है, भांड

बहरूपा

भांड, छलीम, कपटी, मक्कार, फ़रेबी, वह जो जीविका निर्वाह के लिए विविध वेष धारण करता है या स्वाँग बनाकर लोगों का मनोरंजन करता है

बहर-ए-आहन

(शाब्दिक) लोहे का समुंद्र (अर्थात) हथियारों की कसरत

बहरानी

बहरैन से संबंधित, बहरैन का बना हुआ, बहरैन का निवासी

बहरूप

(शाब्दिक) बहुत से रूप

बहर-ए-ज़द्द

चीन की पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर का वह क्षेत्र जहाँ चीन से पहली मिट्टी बह-बह कर आती है और इस कारण वहाँ का पानी पीला दिखाई देता है

बहर-सूरत

हर तरह से, हर प्रकार से, जैसे हो वैसे, हर स्थित में, प्रत्येक दशा में, हर हालत में

बहर-ए-मुहीत

बड़ा समुंदर

बहर-ए-सरी'

کلام منظوم یا شعر کا وہ آہن٘گ جس کا ہرمصرع ’ مُسْتَفْعِلُن مَفْعُولاتُ مُسْتَفْعِلُن مَفْعُولاتُ، کے وزن پر ہو (زحاف کے ساتھ مستعمل)

बहर-ए-'उरूस

दुल्हन के लिए

बहरियत

जलसेना-शक्ति, समुद्र पर प्रभुत्व अथवा शासन

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