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अँधेरा

वह समय या स्थिति जिसमें प्रकाश या रोशनी न हो, अंधकार

अँधेरा-पाक

महीने का अंतिम पंद्रहवाड़ जिस में चाँद घटता चला जाता है, उजाला पाख का विपरीत

अँधेरा-घुप

बहुत अँधेरा, बिलकुल अंधेरा, काला रंग का, घोर अंधकार, जहाँ कुछ दिखाई न देता हो, अति काला

अँधेरा करना

चराग़ गुल करना, रोशनी को रोकना

अँधेरा होना

(sky or atmosphere) be darken

अँधेरा-पक्ष

कृष्णपक्ष, हर माह में पूर्णिमा के बाद वाले दिन से अमावस्या तक के पंद्रह दिन, पूर्णिमा से अमावस्या तक के १५ दिन

अँधेरा-पाख

महीने का अंतिम पंद्रहवाड़ जिस में चाँद घटता चला जाता है, उजाला पाख का विपरीत

अँधेरा-उजाला

(लाक्षणिक) जीवन का सुख-दुख, उत्थान-पतन

अँधेरा झुक आना

अँधेरा बढ़ जाना

नीम-अँधेरा

अर्ध-अंधकार होने की अवस्था, हल्का अँधेरा, प्रकाश और अंधकार के बीच की स्थिति

मलगजा-अँधेरा

वह अंधेरा जिसमें धुँदलापन हो, धुँदलाहट वाला अँधेरा

घुप-अँधेरा

पूर्ण अंधेरा, अंधकार, गहरा अंधकार, अंधकार में डूबा हुआ

घोर-अँधेरा

बिलकुल अंधेरा, घोर अंधकार, घुप्प अंधेरा, गहरा और ख़ौफ़नाक अंधेरा

बड़ा अँधेरा है

बहुत अत्याचार है, न्याय नहीं है, घोर असुरक्षा है

दिन अँधेरा होना

दिन बीत कर रात हो जाना, सुबह से शाम होना

घटा-टोप अँधेरा

घोर अँधेरा, तारीक अँधेरा, रात की स्याही, रात का अँधेरा

चराग़ तले अँधेरा

यह कहावत ऐसे अवसर पर कही जाती है जब शासक के आस-पास अपराध होते हों अथवा विद्वान के घर में अज्ञान या ऐसी ही कोई अप्रत्याशित ख़राबी मिले, अर्थात ज्ञान के छाया में अज्ञान

आँखों में अँधेरा आना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

आधा अँधेरा आधा उज्याला

(शाब्दिक) आधा काला और आधा सफ़ेद

चराग़ के नेचे अँधेरा

ऐसे अवसरों पर उपयोग किया जाता है जहाँ आपके क़रीबी लोग किसी भी अच्छाई या लाभ से वंचित हों या दूसरे लोगों को फ़ायदा पहुँचे और अपने लोग महरूम रहें

आँखों में अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

जहान आँखों में अँधेरा होता

۔کچھ سجھائی نہ دینا۔ ؎

आँखों के नीचे अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या दुर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया आँखों में अंधेरी होना

आँखों के आगे अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

आँखों के नीचे अँधेरा आना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या दुर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया आँखों में अंधेरी होना

आँखों के आगे अँधेरा आना

(अत्यधिक दु:ख और क्रोध या कमज़ोरी से) चक्कर आना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तरमरे नाचना, आँखों के सामने संसार का अँधेरा हो जाना

दो दिन की चाँदनी फिर अँधेरा पाख

हुस्न-ओ-शबाब, जाह वाकबाल-ओ-दौलत स्रोत सब फ़ना होने वाली चीज़ें हैं

चार दिन की चाँदनी आख़िर अँधेरा पाख

कुछ दिनों की सुख है, फिर वही पीड़ा, कुछ दिनों की उन्नति है फिर अवनति

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पत्थर को असर क्या हो के अर्थदेखिए

पत्थर को असर क्या हो

patthar ko asar kyaa hoپَتَّھرکو اَثَر کیا ہو

कहावत

मूल शब्द: पत्थर

पत्थर को असर क्या हो के हिंदी अर्थ

  • ۔ मिसल। बेवक़ूफ़ कमअक़्ल पर किसी फ़हमाइश और तालीम का असर नहीं होता।
  • सख़्त दिल संग दिल और कमअक़्ल पर किसी फहिमा शि और तालीम का असर नहीं होता

پَتَّھرکو اَثَر کیا ہو کے اردو معانی

Roman

  • سخت دل سن٘گ دل اور کم عقل پر کسی فہماشی اور تعلیم کا اثر نہیں ہوتا.
  • ۔ مثل۔ بے وقوف کم عقل پر کسی فہمائش اور تعلیم ک ا اثر نہیں ہوتا۔ ؎

Urdu meaning of patthar ko asar kyaa ho

Roman

  • saKht dil sang dil aur kamaql par kisii phahimaa shi aur taaliim ka asar nahii.n hotaa
  • ۔ misal। bevaquuf kamaql par kisii fahmaa.ish aur taaliim ka asar nahii.n hotaa।

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अँधेरा

वह समय या स्थिति जिसमें प्रकाश या रोशनी न हो, अंधकार

अँधेरा-पाक

महीने का अंतिम पंद्रहवाड़ जिस में चाँद घटता चला जाता है, उजाला पाख का विपरीत

अँधेरा-घुप

बहुत अँधेरा, बिलकुल अंधेरा, काला रंग का, घोर अंधकार, जहाँ कुछ दिखाई न देता हो, अति काला

अँधेरा करना

चराग़ गुल करना, रोशनी को रोकना

अँधेरा होना

(sky or atmosphere) be darken

अँधेरा-पक्ष

कृष्णपक्ष, हर माह में पूर्णिमा के बाद वाले दिन से अमावस्या तक के पंद्रह दिन, पूर्णिमा से अमावस्या तक के १५ दिन

अँधेरा-पाख

महीने का अंतिम पंद्रहवाड़ जिस में चाँद घटता चला जाता है, उजाला पाख का विपरीत

अँधेरा-उजाला

(लाक्षणिक) जीवन का सुख-दुख, उत्थान-पतन

अँधेरा झुक आना

अँधेरा बढ़ जाना

नीम-अँधेरा

अर्ध-अंधकार होने की अवस्था, हल्का अँधेरा, प्रकाश और अंधकार के बीच की स्थिति

मलगजा-अँधेरा

वह अंधेरा जिसमें धुँदलापन हो, धुँदलाहट वाला अँधेरा

घुप-अँधेरा

पूर्ण अंधेरा, अंधकार, गहरा अंधकार, अंधकार में डूबा हुआ

घोर-अँधेरा

बिलकुल अंधेरा, घोर अंधकार, घुप्प अंधेरा, गहरा और ख़ौफ़नाक अंधेरा

बड़ा अँधेरा है

बहुत अत्याचार है, न्याय नहीं है, घोर असुरक्षा है

दिन अँधेरा होना

दिन बीत कर रात हो जाना, सुबह से शाम होना

घटा-टोप अँधेरा

घोर अँधेरा, तारीक अँधेरा, रात की स्याही, रात का अँधेरा

चराग़ तले अँधेरा

यह कहावत ऐसे अवसर पर कही जाती है जब शासक के आस-पास अपराध होते हों अथवा विद्वान के घर में अज्ञान या ऐसी ही कोई अप्रत्याशित ख़राबी मिले, अर्थात ज्ञान के छाया में अज्ञान

आँखों में अँधेरा आना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

आधा अँधेरा आधा उज्याला

(शाब्दिक) आधा काला और आधा सफ़ेद

चराग़ के नेचे अँधेरा

ऐसे अवसरों पर उपयोग किया जाता है जहाँ आपके क़रीबी लोग किसी भी अच्छाई या लाभ से वंचित हों या दूसरे लोगों को फ़ायदा पहुँचे और अपने लोग महरूम रहें

आँखों में अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

जहान आँखों में अँधेरा होता

۔کچھ سجھائی نہ دینا۔ ؎

आँखों के नीचे अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या दुर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया आँखों में अंधेरी होना

आँखों के आगे अँधेरा छाना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या निर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया नज़रों में अंधेरी होना

आँखों के नीचे अँधेरा आना

(दुख एवं क्रोध की तीव्रता या दुर्बलता से) चकराना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तिरमिरे से नाचना, दुनिया आँखों में अंधेरी होना

आँखों के आगे अँधेरा आना

(अत्यधिक दु:ख और क्रोध या कमज़ोरी से) चक्कर आना, कुछ न सोचना, आँखों के सामने तरमरे नाचना, आँखों के सामने संसार का अँधेरा हो जाना

दो दिन की चाँदनी फिर अँधेरा पाख

हुस्न-ओ-शबाब, जाह वाकबाल-ओ-दौलत स्रोत सब फ़ना होने वाली चीज़ें हैं

चार दिन की चाँदनी आख़िर अँधेरा पाख

कुछ दिनों की सुख है, फिर वही पीड़ा, कुछ दिनों की उन्नति है फिर अवनति

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