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पैंठ

स्थान विशेष पर किसी ख़ास दिन लगने वाला बाज़ार, हाट

पैंठोर

दुकान, हाट, बाज़ार

पैंठी

رک : پین٘ٹھ .

पैंठना

رک : پینٹھ (۲) سے رک : پیٹھنا .

पैंठ लगना

निश्चित दिन पर दूकानदारों का निर्धारित स्थान पर दूकानें लगाना

पैंठ उठना

बाज़ार बढ़ जाना, असर-ओ-रसूख़ या शानोशौकत वहकूमत जाती रहना

पैंठ खुलना

मंडी लगना, बाज़ार लगना; तलब बढ़ना

पैंठ उठाना

पेंठ (रुक) मौक़ूफ़ करना, बंद करदेना, बाज़ार का किसी मुक़र्ररा जगह से दूसरी जगह मुंतक़िल कर देना

पैंठ जमाना

बाज़ार लगाना, गर्मबाज़ारी और रौनक दिखाना, असर-ओ-रसूख़ और शानोशौकत पैदा करना

पैंठ उखड़ना

बाज़ार बढ़ जाना, असर-ओ-रसूख़ या शानोशौकत वहकूमत जाती रहना

पैंठ अभी लगी नहीं गठ कतरे आ मौजूद हुए

ख़ुदग़रज़ लोग वक़्त आने से पहले अपने हलवे मांड की फ़िक्र में लग गए

उठती-पैंठ

(لفظاً) وہ بازار جو اٹھنے کے قریب ہو ، (مراداً) قریب الختم ناپائدار چل چلاؤ چیز ۔

चुंगी-पैंठ

वो पैंठ या बाज़ार जहां बेची जाने वाली चीज़ों में से नियमानुसार कुछ हिस्सा ज़मींदार को दिया जाये

बुढ़िया को पैंठ बिना कब सरे

(तिरस्कारपूर्वक) उस बूढ़ी औरत के लिए प्रयोग किया गया है जो तमाशा देखने की शौकीन हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पैंठ अभी लगी नहीं गठ कतरे आ मौजूद हुए के अर्थदेखिए

पैंठ अभी लगी नहीं गठ कतरे आ मौजूद हुए

pai.nTh abhii lagii nahii.n gaTh katre aa maujuud hu.eپَینٹھ اَبھی لَگی نَہِیں گَٹھ کَتْرے آ مَوجُود ہوئے

कहावत

पैंठ अभी लगी नहीं गठ कतरे आ मौजूद हुए के हिंदी अर्थ

  • ख़ुदग़रज़ लोग वक़्त आने से पहले अपने हलवे मांड की फ़िक्र में लग गए

پَینٹھ اَبھی لَگی نَہِیں گَٹھ کَتْرے آ مَوجُود ہوئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خود غرض لوگ وقت آنے سے پہلے اپنے حلوے مانڈْے کی فکر میں لگ گئے .

Urdu meaning of pai.nTh abhii lagii nahii.n gaTh katre aa maujuud hu.e

  • Roman
  • Urdu

  • KhudaGraz log vaqt aane se pahle apne halve maanaD॒e kii fikr me.n lag ge

खोजे गए शब्द से संबंधित

पैंठ

स्थान विशेष पर किसी ख़ास दिन लगने वाला बाज़ार, हाट

पैंठोर

दुकान, हाट, बाज़ार

पैंठी

رک : پین٘ٹھ .

पैंठना

رک : پینٹھ (۲) سے رک : پیٹھنا .

पैंठ लगना

निश्चित दिन पर दूकानदारों का निर्धारित स्थान पर दूकानें लगाना

पैंठ उठना

बाज़ार बढ़ जाना, असर-ओ-रसूख़ या शानोशौकत वहकूमत जाती रहना

पैंठ खुलना

मंडी लगना, बाज़ार लगना; तलब बढ़ना

पैंठ उठाना

पेंठ (रुक) मौक़ूफ़ करना, बंद करदेना, बाज़ार का किसी मुक़र्ररा जगह से दूसरी जगह मुंतक़िल कर देना

पैंठ जमाना

बाज़ार लगाना, गर्मबाज़ारी और रौनक दिखाना, असर-ओ-रसूख़ और शानोशौकत पैदा करना

पैंठ उखड़ना

बाज़ार बढ़ जाना, असर-ओ-रसूख़ या शानोशौकत वहकूमत जाती रहना

पैंठ अभी लगी नहीं गठ कतरे आ मौजूद हुए

ख़ुदग़रज़ लोग वक़्त आने से पहले अपने हलवे मांड की फ़िक्र में लग गए

उठती-पैंठ

(لفظاً) وہ بازار جو اٹھنے کے قریب ہو ، (مراداً) قریب الختم ناپائدار چل چلاؤ چیز ۔

चुंगी-पैंठ

वो पैंठ या बाज़ार जहां बेची जाने वाली चीज़ों में से नियमानुसार कुछ हिस्सा ज़मींदार को दिया जाये

बुढ़िया को पैंठ बिना कब सरे

(तिरस्कारपूर्वक) उस बूढ़ी औरत के लिए प्रयोग किया गया है जो तमाशा देखने की शौकीन हो

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