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मश्क़

अभ्यास, प्रयोग, प्रशिक्षण, पूर्वाभ्यास, घर का पाठ, (ख़ुशनवीसी) तख़्ता या काग़ज़ जिस पर मश्क़ की हो, तख़्ती

मश्क़ी

तख़्ता या तख़्ती जिस पर लिखने अभ्यास किया जाता है, अभ्यास करने की वसली या मोटा काग़ज़, वो कापी जिस पर बार बार लिखा गया हो

मश्क़-ए-सितम

लगातार जुल्म करते रहना, मुसलसल सितम करते रहना, क्रूरता का अभ्यास

मश्क़-ए-सुख़न

काव्य-रचना का अभ्यास

मश्क़ होना

मश्क़-ए-नाज़

अदा, नख़रा, ग़मज़ा और नाज़-ओ-अंदाज़ की मश्क़, बार बार नाज़-ओ-अंदाज़ दिखाना

मश्क़ रहना

किसी काम की आदत रहना, महारत रहना, काम करते रहना

मश्क़ करना

अभ्यास करना, महारत पैदा करना, बार-बार किसी काम को करना, दोहराना

मश्क़ रखना

मश्शाक़ी होना, माहिर होना

मश्क़ बढ़ना

मश्क़ बढ़ाना का अकर्मक, किसी काम को ज़्यादा या प्रतिदिन करते रहने से उसका लगातार होजाना

मश्क़ चढ़ना

बहुत महारत होना, कमाल महारत होना

मश्क़-ए-ख़िराम

चलने की क्रिया

मश्क़ छूटना

मश्क़ ना रहना, किसी काम की मुज़ावलत ना रहना, किसी काम में महारत ना रहना (मुहज़्ज़ब अललग़ात)

मश्क़ बढ़ाना

किसी कार्य में महारत या योग्यता पैदा करना

मश्क़ हो जाना

रुक : मश्क़ करना, जिस का ये लाज़िम है, महारत हासिल हो जाना

मश्क़ी-काम

बहुत परिश्रम वाला काम

मश्क़-सख़ुन-संजी

शेर को समझने की कुशलता, शेर को समझना

मश्क़ बहम पहुँचाना

महारत हासिल करना, माहिर हो जाना

मश्क़ सितम बनाना

अत्याचार करना, ज़ुल्म का निशाना बनाना

मश्क़ सुख़न बढ़ना

शेर-गोई की मश्क़ में इज़ाफ़ा हो जाना, अशआर जल्दी और कम वक़्त में कहने लगना, शायरी में ज़्यादा तजुर्बा हो जाना, अच्छे शेअर कहने की सलाहीयत बढ़ना

मश्क़ चढ़ी होना

बहुत महारत होना, कमाल महारत होना

मश्क़-ए-सुख़न-तराज़ी

शेर-ओ-शायरी का अभ्यास, लगातार शेर कहना

मश्क़ ज़ोरों पर चढ़ना

۔कमाल मश्शाक़ी होना।

मश्क़ ही माहिर बनाती है

नौ-मश्क़

नौसिखिया, अनाड़ी, आरंभकर्ता

सर-मश्क़

तख्ती, मश्क़ करने की तख्ती, खुशनवीस का लिखा हुआ क़ता' जिसे देखकर खुश- खती की मश्क़ की जाती है।

कोहना-मश्क़

जिसे किसी काम का पुराना अभ्यास हो, चिराभ्यस्त

हम-मश्क़

कम-मश्क़

जिसे किसी काम को अभ्यास कम हो, नवाभ्यस्त, नौसिखिया ।।

तख़्ता-ए-मश्क़

बच्चों की तख़्ती, वह चीज़ जो बहुत प्रयुक्त हो

ज़ेर-ए-मश्क़

जिस पर किसी काम की मश्क की जाय अर्थात् हाथ साफ़ किया जाय, ऐसा व्यक्ति जो किसी विवशता के कारण किसी का हर एक काम करने को बाध्य हो, वह लड़का जिसका किसी पुरुष के साथ अप्राकृतिक सम्बन्ध हो।

लौह-ए-मश्क़

ए'तिमाद-ए-मश्क़-ए-सियासत

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पैग़म्बर अपने घर के सिवा कहीं बे क़द्र नहीं होता के अर्थदेखिए

पैग़म्बर अपने घर के सिवा कहीं बे क़द्र नहीं होता

paiGambar apne ghar ke sivaa kahii.n be qadr nahii.n hotaaپَیغَمْبَر اَپنے گَھر کے سِوا کَہِیں بے قَدْر نَہِیں ہوتا

कहावत

पैग़म्बर अपने घर के सिवा कहीं बे क़द्र नहीं होता के हिंदी अर्थ

  • साहिब कमाल की मुख़ालिफ़त सब से ज़्यादा घर वाले ही करते हैं

پَیغَمْبَر اَپنے گَھر کے سِوا کَہِیں بے قَدْر نَہِیں ہوتا کے اردو معانی

  • صاحب کمال کی مخالفت سب سے زیادہ گھر والے ہی کرتے ہیں.

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