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ठाकुर

स्वामी, मालिक, सरदार

ठाकुर-बाप

दादा

ठाकुर-बाड़ी

ठाकुरद्वारा, मंदिर, देवस्थान, कृष्ण का मंदिर, पुरी स्थित जगन्नाथ का मंदिर, सिखों का गुरुद्वारा

ठाकुर जी

عزت کا لقب ، بیراگیوں میں ایشور کا نام

ठाकुरानी

رک : ٹھاکراین ، ٹھاکر (رک) کی تانیث

ठाकुर-सेवा

देवता का पूजन और सेवा, देवता की ख़िदमत और पूजा

ठाकुर-देवाला

رک : ٹھاکر دوارا.

ठाकुर-द्वारा

۔(ھ) مذکر۔ مندر۔ وہ مکان جس میں رامچندر جی یا کرشن جحی کی موٗرت ہو۔

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुरायन

دیوی ؛ ٹھاکر کی بیوی یا بیٹی ؛ معزز عورت ، خاتون ؛ نائی کی بیوی

ठाकुराई

ٹھاکر (رک) کا عہدہ یا مرتبہ ؛ سرداری ، حکومت ، نائی کا کام

ठाकुरद्वारा

किसी देवता विशेषतः विष्णु का मंदिर, देवालय, देवस्थान

ठाकुराइन

a woman of this caste

नाऊ-ठाकुर

नाइयों की जाति का एक विशिष्ट व्यक्ति

नाइयों की बरात में सब ठाकुर ही ठाकुर

रुक : नाई की बरात में सब ही ठाकुर

पाँचे मीत पचासे ठाकुर

मित्र, सरदार से पांच रुपये तक और हाकिम से पच्चास रुपये तक क्षमा करे, संबंधी या जानने वालों और रईस से किसी क़दर हानि भी पहुँचे तो भी शील न तोड़िए

पाँच मीर पचासे ठाकुर

पांच रुपय के लिए बड़े आदमी और पच्चास रुपय के लिए हाकिम से ना बिगाड़े

पाँचे मीर पचासे ठाकुर

(लफ़्ज़ा) दोस्त, सरदार से पांच रुपय तक और हाकिम से पच्चास रुपय तक (दरगुज़र करे), यगाने और रईस से किसी क़दर नुक़्सान भी हो तो भी मुरव्वत ना तोड़ीए

नाई की बरात में ठाकुर

वहां मुस्तामल है जहां हर शख़्स काम करने को अपनी इमतियाज़ी हैसियत से पस्त समझता हो, अपने घर या क़ौम में सब इज़्ज़तदार होते हैं

नाऊ की बरात में सभी ठाकुर

जहां सब लोग उच्च श्रेणी से हों और काम करने वाला कोई न हो वहां बोलते हैं

नाई की बरात में भी ठाकुर

अपने समाज हर कोई सम्मानित है

हँसते ठाकुर खाँसते चोर, इन दोनों को आया ओर

हाकिम का हरवक़त हंसते रहना और चोर की खांसी दोनों ख़राबी का बाइस होते हैं

लुटा बनिया पिटा ठाकुर मुँह दबा के पड़े रहते हैं

साहूकार का लुट जाने के बाद और ज़मींदार का मार खाने के बाद ज़ोर कम हो जाता है

मानो तो ठाकुर न मानो तो पत्थर

एतिक़ाद ही से किसी की इज़्ज़त-ओ-हुर्मत की जाती है, अगर एतिक़ाद नहीं तो कुछ भी नहीं

जेकर होरी ऐसन ठाकुर, तेकरा जम का डर

जिस का ऐसा ख़ुदा हो उसे मौत का डर (तसल्ली देने के लिए कहते हैं

जेकरा होरी ऐसन ठाकुर, तेकरा जम का डर

जिस का ऐसा ख़ुदा हो उसे मौत का डर (तसल्ली देने के लिए कहते हैं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रुख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ पकी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

ठगाई से ठाकुर बनता है

अर्थात: बदमाशी और बेईमानी से रुपया जमा होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में पाँचे मीत पचासे ठाकुर के अर्थदेखिए

पाँचे मीत पचासे ठाकुर

paa.nche miit pachaase Thaakurپانچے مِیْت پَچاسے ٹھاکُر

कहावत

पाँचे मीत पचासे ठाकुर के हिंदी अर्थ

  • मित्र, सरदार से पांच रुपये तक और हाकिम से पच्चास रुपये तक क्षमा करे, संबंधी या जानने वालों और रईस से किसी क़दर हानि भी पहुँचे तो भी शील न तोड़िए
  • छोटे मु'आमले में मित्र से एवं बड़े मु'आमले में हाकिम से नहीं बिगड़नी चाहिए
  • मित्र पाँच रुपए में और राजा या ज़मींदार पचास रुपए में मान जाता है

پانچے مِیْت پَچاسے ٹھاکُر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دوست، سردار سے پان٘چ روپے تک اور حاکم سے پچاس روپئے تک درگزر کرے، یگانے اور رئیس سے کسی قدر نقصان بھی ہو تو بھی مروت نہ توڑیئے
  • چھوٹے معاملے میں دوست سے اور بڑے معاملہ میں حاکم سے نہیں بگڑنی چاہیے
  • دوست پانچ روپیے میں اور راجا یا زمیندار پچاس روپیے میں مان جاتا ہے

Urdu meaning of paa.nche miit pachaase Thaakur

  • Roman
  • Urdu

  • dost, sardaar se paanch rupay tak aur haakim se pachchaas rupay tak darguzar kare, yagaane aur ra.iis se kisii qadar nuqsaan bhii ho to bhii muravvat na to.Dii.e
  • chhoTe mu.aamle me.n dost se aur ba.De mu.aamlaa me.n haakim se nahii.n biga.Dnii chaahi.e
  • dost paa.nch ropii.e me.n aur raajaa ya zamiindaar pachchaas ropii.e me.n maan jaataa hai

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ठाकुर

स्वामी, मालिक, सरदार

ठाकुर-बाप

दादा

ठाकुर-बाड़ी

ठाकुरद्वारा, मंदिर, देवस्थान, कृष्ण का मंदिर, पुरी स्थित जगन्नाथ का मंदिर, सिखों का गुरुद्वारा

ठाकुर जी

عزت کا لقب ، بیراگیوں میں ایشور کا نام

ठाकुरानी

رک : ٹھاکراین ، ٹھاکر (رک) کی تانیث

ठाकुर-सेवा

देवता का पूजन और सेवा, देवता की ख़िदमत और पूजा

ठाकुर-देवाला

رک : ٹھاکر دوارا.

ठाकुर-द्वारा

۔(ھ) مذکر۔ مندر۔ وہ مکان جس میں رامچندر جی یا کرشن جحی کی موٗرت ہو۔

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुरायन

دیوی ؛ ٹھاکر کی بیوی یا بیٹی ؛ معزز عورت ، خاتون ؛ نائی کی بیوی

ठाकुराई

ٹھاکر (رک) کا عہدہ یا مرتبہ ؛ سرداری ، حکومت ، نائی کا کام

ठाकुरद्वारा

किसी देवता विशेषतः विष्णु का मंदिर, देवालय, देवस्थान

ठाकुराइन

a woman of this caste

नाऊ-ठाकुर

नाइयों की जाति का एक विशिष्ट व्यक्ति

नाइयों की बरात में सब ठाकुर ही ठाकुर

रुक : नाई की बरात में सब ही ठाकुर

पाँचे मीत पचासे ठाकुर

मित्र, सरदार से पांच रुपये तक और हाकिम से पच्चास रुपये तक क्षमा करे, संबंधी या जानने वालों और रईस से किसी क़दर हानि भी पहुँचे तो भी शील न तोड़िए

पाँच मीर पचासे ठाकुर

पांच रुपय के लिए बड़े आदमी और पच्चास रुपय के लिए हाकिम से ना बिगाड़े

पाँचे मीर पचासे ठाकुर

(लफ़्ज़ा) दोस्त, सरदार से पांच रुपय तक और हाकिम से पच्चास रुपय तक (दरगुज़र करे), यगाने और रईस से किसी क़दर नुक़्सान भी हो तो भी मुरव्वत ना तोड़ीए

नाई की बरात में ठाकुर

वहां मुस्तामल है जहां हर शख़्स काम करने को अपनी इमतियाज़ी हैसियत से पस्त समझता हो, अपने घर या क़ौम में सब इज़्ज़तदार होते हैं

नाऊ की बरात में सभी ठाकुर

जहां सब लोग उच्च श्रेणी से हों और काम करने वाला कोई न हो वहां बोलते हैं

नाई की बरात में भी ठाकुर

अपने समाज हर कोई सम्मानित है

हँसते ठाकुर खाँसते चोर, इन दोनों को आया ओर

हाकिम का हरवक़त हंसते रहना और चोर की खांसी दोनों ख़राबी का बाइस होते हैं

लुटा बनिया पिटा ठाकुर मुँह दबा के पड़े रहते हैं

साहूकार का लुट जाने के बाद और ज़मींदार का मार खाने के बाद ज़ोर कम हो जाता है

मानो तो ठाकुर न मानो तो पत्थर

एतिक़ाद ही से किसी की इज़्ज़त-ओ-हुर्मत की जाती है, अगर एतिक़ाद नहीं तो कुछ भी नहीं

जेकर होरी ऐसन ठाकुर, तेकरा जम का डर

जिस का ऐसा ख़ुदा हो उसे मौत का डर (तसल्ली देने के लिए कहते हैं

जेकरा होरी ऐसन ठाकुर, तेकरा जम का डर

जिस का ऐसा ख़ुदा हो उसे मौत का डर (तसल्ली देने के लिए कहते हैं

गया गाँव जहाँ ठाकुर हँसा, गया रुख जहाँ बगुला बसा, गया ताल जहाँ पकी काई, गई कूप जहाँ भई अथाई

जिस गाँव के मालिक ने भोग में जीवन व्यतीत किया वो उजड़ गया, जिस पेड़ पर बगुले का बसेरा हो वो सूख जाता है, जिस ताल या हौज़ में काई लग जाए एवं जिस कुएँ की तह बैठ जाए वो व्यर्थ एवं बेकार हो जाते हैं

ठगाई से ठाकुर बनता है

अर्थात: बदमाशी और बेईमानी से रुपया जमा होता है

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