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ज़िक्र

ख़ुदा की याद, अल्लाह अर्थात ईश्वर की स्तुति और प्रशंसा, तस्बीह और दुआ, ख़ुदा का ज़िक्र, ईश्वर का जाप

ज़िक्रा

ذکر ، یاددہانی ، نصیحت ، موعظت .

ज़िक्र-ए-हक़

जिभ एवं मन से ईश्वर का जाप, हृदुय से ईश्वर को याद करना

ज़िक्रन

ذکر کے طور پر ، بطور تذکرہ .

ज़िक्र-ए-हू

दिल और ज़बान से ईश्वर की याद, ईश्वर के नाम का जाप

ज़िक्र-ए-ख़ैर

शुभ-चर्चा, अच्छा विक्र, किसी बड़े व्यक्ति की याद और उसकी चर्चा

ज़िक्र-ए-दमा

(सूफ़ीवाद) सांस से अल्लाह का नाम लेना (ज़िक्र का एक तरीक़ा)

ज़िक्र आना

किसी के बारे में कुछ बातचीत होना, बात होना

ज़िक्र-ओ-फ़िक्र

اللہ کی یاد اور حمد و ثنا اور اس کی صفات اور نعمتوں وغیرہ میں غور و فکر، تسبیح و مناجات اور مراقبہ

ज़िक्र-ओ-शग़्ल

اللہ کی یاد اور حمد و ثنا اور اس کی ذات و صفات کا تصور، تسبیح و مناجات و مراقبہ

ज़िक्र होना

be invoked or recited (God's name)

ज़िक्र-बिल-जहर

ज़ोर ज़ोर से ईश्वर के नाम की माला जपना, ऊंची आवाज़ में ईश्वर को याद करना, ऊँची ध्वनि में प्रार्थना करना

ज़िक्र लाना

याद करना, नाम लेना

ज़िक्र करना

recite, repeatedly invoke God's name

ज़िक्र-ए-पाक

पवित्र स्मरण, पाकीज़ा शुद्ध और पवित्र व्यक्तित्व का चर्चा

ज़िक्र-ए-जली

तसव़्वुफ: ज़बान या दिल या सांस से अल्लाह का नाम लेना और कलमा-ए-तय्यबा को पढ़ना, ऊंचे स्वर में ईस्व्हर की प्रशंसा या की हमद-ओ-सना करना

ज़िक्र-ए-अर्रा

सूफ़ीयों का एक विशेष प्रकार का जाप मंत्र जिससे मन की विशुद्धता अतिशीघ्र होती है

ज़िक्र चलना

वार्तालाप और बातचीत का शुरु होना, बात छिड़ना

ज़िक्र काटना

बातचीत बंद करना, बातचीत बीच में काट देना

ज़िक्र-अज़कार

परिस्थितियों का व्याख्यान, व्याख्यान, बातचीत

ज़िक्र-ए-अल्लाह

ईश्वर के नाम का जाप, दिल और ज़बान से ईश्वर की प्रशंसा करना

ज़िक्र-ए-ख़फ़ी

(सूफ़ीवादी) आँखें और होंठ बंद करके दिल से अल्लाह का नाम लेना, शांति से दिल ही दिल में अल्लाह को याद करना, ऐसा जप जो मन में किया जाए, उपांशु

ज़िक्र-ए-हबीब

महबूब की बातें, महबूब का वर्णन, विशेषत: पैग़म्बर मोहम्मद की याद

ज़िक्र-ए-कामिल

continually remembering Allah which gives perfect knowledge of the essence of Allah

ज़िक्र-ए-जमील

किसी का वर्णन जो परोपकार के साथ किया जाये, किसी के गुणों का व्याख्यान

ज़िक्र-ए-जहरी

(सूफ़ीवाद) अल्लाह का नाम ऊँचे स्वर में लेना (अल्लाह या अल्लाह हू ऊँचे स्वर से कहना), ऊँचे स्वर में अल्लाह की प्रार्थना करना, ज़िक्र-ए-जली

ज़िक्र निकलना

किसी के मुताल्लिक़ गुफ़्तगु का आग़ा ज़हवना, तज़किरा होना, बात छेड़ना

ज़िक्र उठाना

बात निकालना, तज़किरा करना, उद्धरण देना, उल्लेख करना

ज़िक्र सुनाना

हाल बयान करना

ज़िक्र छेड़ना

किसी बात कहना आरंभ करना, बात आरंभ करना, चर्चा करना

ज़िक्र चलाना

बात छेड़ना, किसी के बारे में कुछ कहना

ज़िक्र छिड़ना

किसी मुद्दे पर बातचीत होना, किसी बात का शुरू होना, वार्तालाप होना

ज़िक्र-ए-इलाही

दिल और ज़बान से ईश्वर को स्मरण, इश्वर की प्रशंसा

ज़िक्र-ए-क़ल्बी

दिल में अल्लाह को याद करना और उस की तारीफ़ और प्रशंसा करना

ज़िक्र निकालना

गुफ़्तगू शुरू करना, बयान की शुरुआत करना, बातचीत शुरू करना, चर्चा करना बातचीत आरंभ करना

ज़िक्र-उल-'ऐश निस्फ़-उल-'ऐश

عیش و عشرت کی بات چیت سے بھی طبیعت خوش ہوتی ہے، عیش و راحت کا تذکرہ بھی نصف عیش و راحت کے برابر ہوتا ہے، عیش کا ذکر آدھا عیش ہے، یعنی عیش و آرام کے ذکر میں بھی کچھ عیش کا سا لطف ہوتا ہے

ज़िक्र-ए-मतलूब

(सूफ़ीवाद) अल्लाह की याद, भगवान की याद

ज़िक्र-ए-लिसानी

ज़बान से अल्लाह या भगवान के गुणों का कथन और प्रशंसा, ज़बान से की जाने वाली दुआ

ज़िक्र-ओ-मज़्कूर

बात चीत, बहस, तर्क वितर्क, चर्चा

ज़िक्र-ए-गुलिस्ताँ

ज़िक्र ले बैठना

अचानक बात छेड़ देना, हवाला देना, किसी के बारे में बातचीत शुरू कर देना

ज़िक्र सर्द होना

प्रतिष्ठा और शोहरत फीका पड़ जाना, चर्चा धीमा पड़ना

ज़िक्र-ए-आब-ओ-त'आम

mention of water and food

ज़िक्र अज़्कार छिड़ना

तज़किरे शुरू होना, गुफ़्तगु का आग़ाज़ होना

ज़िक्र-ए-रिसालत-पनाह

حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم کی حیاتِ طیبہ، خصائلِ پاکیزہ اور اوصافِ حمیدہ کا بیان

ज़िक्र चल कर रह जाना

बात का शुरू हो कर अधूरा रह जाना, बात अधूरी रह जाना, बातचीत का असमाप्त रहना, वार्तालाप का अधूरा रहना

ज़िक्र-ए-ख़ैर , वज़ीफ़-ए-नेकाँ

اچھی باتوں کا بیان کرنا نیک لوگوں کا کام ہے .

ज़िक्र-उल-माैत, जिला-उल-क़ल्ब

मृत्यु का स्मरण करने से हृदय साफ़ होता है

रफ़'-ए-ज़िक्र

बहुत ऊँचा करने का कार्य, किसी व्यक्तित्व के उल्लेख करने का उच्च एवं श्रेष्ठ स्थान, प्रसिद्धि एवं ख्याति की अंतिम सीमा

काबिल-ए-ज़िक्र

जिसकी चर्चा या उल्लेख आवश्यक हो, उल्लेखनीय, वर्णनीय, कथनीयं, जिस का ज़िक्र किया जाए

क्या ज़िक्र है

क़तअन इनकार करने के मौक़ा पर बोलते हैं, कोई पर्वा नहीं, ज़िक्र तक नहीं

ना-क़ाबिल-ए-ज़िक्र

अकथनीय, जिसका कहना उचित न हो, जो कहा न जा सके

बर-सबील-ए-ज़िक्र

चर्चा चलने पर, चर्चा के तौर पर, चर्चा के प्रसंग में।

इज़्मार क़ब्ल अज़ ज़िक्र

(قواعد) مرجع سے پہلے ضمیر کا ذکر، ضمیر لانے سے پہلے مرجع لانا (جسکی طرف وہ پھرتی ہے).

ब-सबील-ए-ज़िक्र

ज़िक्र अथवा चर्चा चलने पर।

कल का ज़िक्र है

۔قریب زمانہ گزشتہ کا ذکر ہے۔ ؎

यहाँ-वहाँ का ज़िक्र

۔उधर उधर की बातें

जगह-जगह ज़िक्र होना

हर जगह किसी मुआमले पर बातचीत होना

जिस की फ़िक्र उस का ज़िक्र

जिस की बात का ख़याल रहता है उसी का वर्णन करता रहता है

फ़िक्र और ज़िक्र दोनों चाहिये

ईश्वर को विनम्रता एवं विवशता के साथ याद करना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नोश बे नैश हासिल नमी शूद के अर्थदेखिए

नोश बे नैश हासिल नमी शूद

nosh be naish haasil namii shuudنوش بے نیش حاصل نمی شود

कहावत

मूल शब्द: नोश

नोश बे नैश हासिल नमी शूद के हिंदी अर्थ

  • (फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) शहद बिना डंक खाए हुए हाथ नहीं आता, कोई अच्छी चीज़ बगै़र मेहनत के नहीं मिलती

English meaning of nosh be naish haasil namii shuud

  • No pain, no gain, there are no shortcuts to any place worth going, work is the key to success

نوش بے نیش حاصل نمی شود کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • (فارسی کہاوت اُردو میں مستعمل) شہد بغیر ڈنک کھائے ہوئے ہاتھ نہیں آتا، کوئی اچھی چیز بغیر محنت کے نہیں ملتی

Urdu meaning of nosh be naish haasil namii shuud

  • Roman
  • Urdu

  • (faarsii kahaavat urduu me.n mustaamal) shahd bagair Dank khaa.e hu.e haath nahii.n aataa, ko.ii achchhii chiiz bagair mehnat ke nahii.n miltii

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ज़िक्र

ख़ुदा की याद, अल्लाह अर्थात ईश्वर की स्तुति और प्रशंसा, तस्बीह और दुआ, ख़ुदा का ज़िक्र, ईश्वर का जाप

ज़िक्रा

ذکر ، یاددہانی ، نصیحت ، موعظت .

ज़िक्र-ए-हक़

जिभ एवं मन से ईश्वर का जाप, हृदुय से ईश्वर को याद करना

ज़िक्रन

ذکر کے طور پر ، بطور تذکرہ .

ज़िक्र-ए-हू

दिल और ज़बान से ईश्वर की याद, ईश्वर के नाम का जाप

ज़िक्र-ए-ख़ैर

शुभ-चर्चा, अच्छा विक्र, किसी बड़े व्यक्ति की याद और उसकी चर्चा

ज़िक्र-ए-दमा

(सूफ़ीवाद) सांस से अल्लाह का नाम लेना (ज़िक्र का एक तरीक़ा)

ज़िक्र आना

किसी के बारे में कुछ बातचीत होना, बात होना

ज़िक्र-ओ-फ़िक्र

اللہ کی یاد اور حمد و ثنا اور اس کی صفات اور نعمتوں وغیرہ میں غور و فکر، تسبیح و مناجات اور مراقبہ

ज़िक्र-ओ-शग़्ल

اللہ کی یاد اور حمد و ثنا اور اس کی ذات و صفات کا تصور، تسبیح و مناجات و مراقبہ

ज़िक्र होना

be invoked or recited (God's name)

ज़िक्र-बिल-जहर

ज़ोर ज़ोर से ईश्वर के नाम की माला जपना, ऊंची आवाज़ में ईश्वर को याद करना, ऊँची ध्वनि में प्रार्थना करना

ज़िक्र लाना

याद करना, नाम लेना

ज़िक्र करना

recite, repeatedly invoke God's name

ज़िक्र-ए-पाक

पवित्र स्मरण, पाकीज़ा शुद्ध और पवित्र व्यक्तित्व का चर्चा

ज़िक्र-ए-जली

तसव़्वुफ: ज़बान या दिल या सांस से अल्लाह का नाम लेना और कलमा-ए-तय्यबा को पढ़ना, ऊंचे स्वर में ईस्व्हर की प्रशंसा या की हमद-ओ-सना करना

ज़िक्र-ए-अर्रा

सूफ़ीयों का एक विशेष प्रकार का जाप मंत्र जिससे मन की विशुद्धता अतिशीघ्र होती है

ज़िक्र चलना

वार्तालाप और बातचीत का शुरु होना, बात छिड़ना

ज़िक्र काटना

बातचीत बंद करना, बातचीत बीच में काट देना

ज़िक्र-अज़कार

परिस्थितियों का व्याख्यान, व्याख्यान, बातचीत

ज़िक्र-ए-अल्लाह

ईश्वर के नाम का जाप, दिल और ज़बान से ईश्वर की प्रशंसा करना

ज़िक्र-ए-ख़फ़ी

(सूफ़ीवादी) आँखें और होंठ बंद करके दिल से अल्लाह का नाम लेना, शांति से दिल ही दिल में अल्लाह को याद करना, ऐसा जप जो मन में किया जाए, उपांशु

ज़िक्र-ए-हबीब

महबूब की बातें, महबूब का वर्णन, विशेषत: पैग़म्बर मोहम्मद की याद

ज़िक्र-ए-कामिल

continually remembering Allah which gives perfect knowledge of the essence of Allah

ज़िक्र-ए-जमील

किसी का वर्णन जो परोपकार के साथ किया जाये, किसी के गुणों का व्याख्यान

ज़िक्र-ए-जहरी

(सूफ़ीवाद) अल्लाह का नाम ऊँचे स्वर में लेना (अल्लाह या अल्लाह हू ऊँचे स्वर से कहना), ऊँचे स्वर में अल्लाह की प्रार्थना करना, ज़िक्र-ए-जली

ज़िक्र निकलना

किसी के मुताल्लिक़ गुफ़्तगु का आग़ा ज़हवना, तज़किरा होना, बात छेड़ना

ज़िक्र उठाना

बात निकालना, तज़किरा करना, उद्धरण देना, उल्लेख करना

ज़िक्र सुनाना

हाल बयान करना

ज़िक्र छेड़ना

किसी बात कहना आरंभ करना, बात आरंभ करना, चर्चा करना

ज़िक्र चलाना

बात छेड़ना, किसी के बारे में कुछ कहना

ज़िक्र छिड़ना

किसी मुद्दे पर बातचीत होना, किसी बात का शुरू होना, वार्तालाप होना

ज़िक्र-ए-इलाही

दिल और ज़बान से ईश्वर को स्मरण, इश्वर की प्रशंसा

ज़िक्र-ए-क़ल्बी

दिल में अल्लाह को याद करना और उस की तारीफ़ और प्रशंसा करना

ज़िक्र निकालना

गुफ़्तगू शुरू करना, बयान की शुरुआत करना, बातचीत शुरू करना, चर्चा करना बातचीत आरंभ करना

ज़िक्र-उल-'ऐश निस्फ़-उल-'ऐश

عیش و عشرت کی بات چیت سے بھی طبیعت خوش ہوتی ہے، عیش و راحت کا تذکرہ بھی نصف عیش و راحت کے برابر ہوتا ہے، عیش کا ذکر آدھا عیش ہے، یعنی عیش و آرام کے ذکر میں بھی کچھ عیش کا سا لطف ہوتا ہے

ज़िक्र-ए-मतलूब

(सूफ़ीवाद) अल्लाह की याद, भगवान की याद

ज़िक्र-ए-लिसानी

ज़बान से अल्लाह या भगवान के गुणों का कथन और प्रशंसा, ज़बान से की जाने वाली दुआ

ज़िक्र-ओ-मज़्कूर

बात चीत, बहस, तर्क वितर्क, चर्चा

ज़िक्र-ए-गुलिस्ताँ

ज़िक्र ले बैठना

अचानक बात छेड़ देना, हवाला देना, किसी के बारे में बातचीत शुरू कर देना

ज़िक्र सर्द होना

प्रतिष्ठा और शोहरत फीका पड़ जाना, चर्चा धीमा पड़ना

ज़िक्र-ए-आब-ओ-त'आम

mention of water and food

ज़िक्र अज़्कार छिड़ना

तज़किरे शुरू होना, गुफ़्तगु का आग़ाज़ होना

ज़िक्र-ए-रिसालत-पनाह

حضرت محمد صلی اللہ علیہ وسلم کی حیاتِ طیبہ، خصائلِ پاکیزہ اور اوصافِ حمیدہ کا بیان

ज़िक्र चल कर रह जाना

बात का शुरू हो कर अधूरा रह जाना, बात अधूरी रह जाना, बातचीत का असमाप्त रहना, वार्तालाप का अधूरा रहना

ज़िक्र-ए-ख़ैर , वज़ीफ़-ए-नेकाँ

اچھی باتوں کا بیان کرنا نیک لوگوں کا کام ہے .

ज़िक्र-उल-माैत, जिला-उल-क़ल्ब

मृत्यु का स्मरण करने से हृदय साफ़ होता है

रफ़'-ए-ज़िक्र

बहुत ऊँचा करने का कार्य, किसी व्यक्तित्व के उल्लेख करने का उच्च एवं श्रेष्ठ स्थान, प्रसिद्धि एवं ख्याति की अंतिम सीमा

काबिल-ए-ज़िक्र

जिसकी चर्चा या उल्लेख आवश्यक हो, उल्लेखनीय, वर्णनीय, कथनीयं, जिस का ज़िक्र किया जाए

क्या ज़िक्र है

क़तअन इनकार करने के मौक़ा पर बोलते हैं, कोई पर्वा नहीं, ज़िक्र तक नहीं

ना-क़ाबिल-ए-ज़िक्र

अकथनीय, जिसका कहना उचित न हो, जो कहा न जा सके

बर-सबील-ए-ज़िक्र

चर्चा चलने पर, चर्चा के तौर पर, चर्चा के प्रसंग में।

इज़्मार क़ब्ल अज़ ज़िक्र

(قواعد) مرجع سے پہلے ضمیر کا ذکر، ضمیر لانے سے پہلے مرجع لانا (جسکی طرف وہ پھرتی ہے).

ब-सबील-ए-ज़िक्र

ज़िक्र अथवा चर्चा चलने पर।

कल का ज़िक्र है

۔قریب زمانہ گزشتہ کا ذکر ہے۔ ؎

यहाँ-वहाँ का ज़िक्र

۔उधर उधर की बातें

जगह-जगह ज़िक्र होना

हर जगह किसी मुआमले पर बातचीत होना

जिस की फ़िक्र उस का ज़िक्र

जिस की बात का ख़याल रहता है उसी का वर्णन करता रहता है

फ़िक्र और ज़िक्र दोनों चाहिये

ईश्वर को विनम्रता एवं विवशता के साथ याद करना चाहिए

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