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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में निशस्त के अर्थदेखिए

निशस्त

nishastنِشَسْت

अथवा : निशिस्त, नशिस्त

स्रोत: फ़ारसी

वज़्न : 121

निशस्त के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बैठने की हालत, बैठक, बैठने की मुद्रा गोष्ठी, मज्लिस, एक बार की बैठक या जलसा, सभा
  • साथ उठना बैठा
  • दो या दो से अधिक लोग एक साथ बैठकर बात करना
  • बैठने का तौर या तरीक़ा, हालत, अंदाज़, ठाठ
  • बैठने की जगह, गद्दी, कुर्सी वग़ैरा
  • किसी शब्द या वाक्यांश का किसी यौगिक या संदर्भ में प्रयोग
  • (सुलेख) शब्दों के दायरों की उचित अनुपात

शे'र

English meaning of nishast

Noun, Feminine

  • place where something is placed
  • manner of sitting, position
  • gathering/ assembly
  • seat, session
  • sitting, chair, sitting place

نِشَسْت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • بیٹھنے کی حالت، بیٹھک
  • نشستن کا حاصل مصدر بمعنی صحبت، مجالست، ساتھ اُٹھنا بیٹھا، ہم نشینی
  • دو یا زائد افراد کا مل کر بیٹھنا اور باہم گفتگو یا تبادلۂ خیالات کرنا، جلسہ، مجلس نیز صحبت یا مجلس کا ایک دورانیہ یا وقفہ
  • بیٹھنے کا طور یا طریقہ، حالت، انداز، ٹھاٹھ
  • بیٹھنے کی جگہ، گدی، کرسی وغیرہ
  • کسی لفظ یا فقرے کا کسی ترکیب یا سیاق و سباق میں استعمال
  • (خوش نویسی) حرفوں کے دائروں کی موزونی تناسب

Urdu meaning of nishast

  • Roman
  • Urdu

  • baiThne kii haalat, baiThak
  • nashistan ka haasil-e-masdar bamaanii sohbat, mujaalist, saath uThnaa baiThaa, hamanshiinii
  • do ya zaa.id afraad ka mil kar baiThnaa aur baaham guftagu ya tabaadlaa-e-Khyaalaat karnaa, jalsa, majlis niiz sohbat ya majlis ka ek dauraaniya ya vaqfaa
  • baiThne ka taur ya tariiqa, haalat, andaaz, ThaaTh
  • baiThne kii jagah, gaddii, kursii vaGaira
  • kisii lafz ya fiqre ka kisii tarkiib ya sayaaq-o-sabauk me.n istimaal
  • (Khushanviisii) harfo.n ke daayro.n kii mauzuunii tanaasub

निशस्त के पर्यायवाची शब्द

निशस्त से संबंधित रोचक जानकारी

نشست فارسی میں اول مکسور اور دوم مفتوح ہے۔ سعدی کے مشہور قطعے کے دو شعر ہیں ؎ بگفتا من گلے ناچیز بودم ولیکن مدتے با گل نشستم جمال ہم نشیں در من اثر کرد وگرنہ من ہماں خاکم کہ ہستم امیر خسرو کہتے ہیں ؎ وز پس اسپاں صف پیلان مست ابر و ہوا کردہ بہ صحرا نشست ’’نوراللغات‘‘ کے سوا تمام اردو لغات میں بھی’’ نشست‘‘ بکسرۂ اول و بفتحۂ دوم لکھا ہے۔ ’’نور‘‘ میں اول دوم دونوں مفتوح لکھے ہیں۔ یہ تلفظ اب کہیں سننے میں نہیں آتا۔ ممکن ہے لکھنؤ میں ستّراسّی برس پہلے بولتے ہوں۔ شان الحق حقی نے’’فرہنگ تلفظ‘‘ میں اول دوم دونوں مکسور لکھے ہیں۔ شاید اہل دہلی کا یہ تلفظ کبھی تھا، اب تو دہلی والے اس سے واقف نہیں۔ دہلی میں اب سبھی لوگ اس لفظ کو اول مفتوح اور دوم مکسور کے ساتھ بولتے ہیں۔ یہی تلفظ اور علاقوں میں بھی لوگوں کی زبان پر ہے اوریہی مرجح ہے۔ کوئی اسے اول مکسوراور دوم مفتوح کے ساتھ بولے تو اسے غلط نہیں کہا جائے گا، لیکن نا مناسب، یا غیر مروج تلفظ ضرور کہا جائے گا۔ اس تلفظ پر اصرار کرنا غلط ہے، آج کے اعتبار سے صحیح تلفظ بفتح اول اور بکسر دوم ہی ہے۔

ماخذ: لغات روز مرہ    
مصنف: شمس الرحمن فاروقی

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