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रफ़्त

गया

रफ़्ता

गया हुआ, जो जा चुका हो, आशिक़, प्रेमी, रीछा हुआ, बेख़ुद

रफ़्तार

गति। चाल।

रफ़्तन

die

रफ़्तगी

खोया खोया रहने की हालत, बीख़ोदी, हवास की बे रबती, ख़्यालात भटकने का अमल

रफ़्तनी

जाने की क्रिया, जाने वाला

रफ़्तारी

pace/peed

रफ़्तगानी

बिताया हुआ, गुज़ारा हुआ

रफ़्तगाँ

मृत लोग, गये हुए लोग अर्थात् मरे हुए व्यक्ति

रफ़्त-गुज़श्त

क्षमा, दरगुज़र, माफ़ी, छोड़ देना

रफ़्तगान

गुज़ारे हुए लोग, मृत लोग

रफ़्त-ओ-गुज़श्त

गया-बीता हुआ, गया-गुज़रा, समाप्त, ख़त्म

रफ़्त-ओ-बूद

अतीत और गुजरा हुआ, जाना और नाश होना, मृत एवं भुला हुआ,

रफ़्ता-होश

जिसके होश जाते रहे हों, हतसंज्ञ, बेहोश, निश्चेष्ट, संज्ञाहीन।

रफ़्ता-रफ़्ता

धीरे-धीरे, शनै-शनै, होले-होले, आहिस्ता-आहिस्ता चलते-चलते, होते-होते, क्रम-क्रम से

रफ़्तार करना

चलना, अमल इख़्तियार करना

रफ़्तगी आना

बीख़ोद हो कर रह जाना

रफ़्तार-ए-वक़्त

समय की गति, समय की दशा

रफ़्तार खुलना

चाल-चलन मालूम होना

रफ़्तार उड़ाना

चाल या वज़ा की नक़ल करना

रफ़्तार-ए-ज़माना

सांसारिक दशा, दुनिया की हालत, ज़माने की चाल

रफ़्तार भूलना

ख़ुशी व्यक्त करना

रफ़्तार निकालना

चलन इख़तियार करना

रफ़्तार-ए-हालात

अपने हालात का रुख अथवा सांसारिक दशाओं की परिस्थिति।

रफ़्तगान-ए-ख़ाक

ज़मीन के अंदर गये हुए लोग, अर्थात् मुर्दे ।

रफ़्तार-ओ-किरदार

आचार और व्यव- हार, चाल-ढाल।।

रफ़्तगी निकालना

कह सुन कर दिल का बोझ हल्का करना, बोझ उतारना, आकर शिकवे का गले का तदारुक करना

रफ़्तार-ए-मस्ताना

घमंड की चाल, झूम झूम के चलना, मस्त आदमी की चाल

रफ़्तार-ओ-गुफ़्तार

चाल-ढाल और बातचीत, आचरण, व्यवहार,

रफ़्तगी-ए-शुन्वाई

बहरा हो जाना

रफ़्तगी-ए-बसारत

अंधा हो जाना, बीनाई जाती रहना

रफ़्तारी-रफ़्तगान

گئے ہوئے یا مرے ہوئے لوگ، گُزرے ہوئے لوگ.

रफ़्तार अच्छी न होना

व्यवहार ख़राब होना, चाल-चलन बुरा होना

पेश-रफ़्त

प्रभावपूर्ण, प्रभावशाली, कारगर, अर्थपूर्ण, नतीजाख़ेज़

आमद-ओ-रफ़्त

आना-जाना, यातायात, अंतर्ग्रहण और अवनति

पेश-रफ़्त होना

रुक : पेश जाना, पेश चलना

पेश-रफ़्त जाना

बस चलना, क़ाबू होना , कारगर होना, मूसिर होना

पेश-रफ़्त चलना

बस चलना, क़ाबू होना , कारगर होना, मूसिर होना

आमद-ओ-रफ़्त रहना

میل ملاپ رہنا

तदबीर-ए-पेश-रफ़्त

तदबीर का गर होना, तदबीर का बाअसर या मुफ़ीद होना

आमद-ओ-रफ़्त लगा रहना

بار بار آنا جانا

गाव आमद ख़र रफ़्त

 गाव आमद-ओ-ख़र रफ़त  दरअसल मशहूर मिसरा  मारा चह अज़ीं क़िस्सा कि गाव आमद-ओ-ख़र रफ़त  का एक जुज़ु है और लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोला जाता है

आमद-ओ-रफ़्त जारी होना

آمد و رفت پھر شروع ہو جانا، آمد و رفت کا بدستور سابق باقی ہونا

आमद-ओ-रफ़्त लगाना

बार बार आना जाना, आने जाने वालों का तार न टूटना, आना जाना जारी रहना

पेश-रफ़्त ले जाना

वरीयता ले जाना, सबक़त ले जाना, सरबर होना

आमद-ओ-रफ़्त बंद होना

راہ و رسم ترک ہونا، آنا جانا، میل ملاپ بند ہونا

इख़्तियार-ए-आमद-ओ-रफ़्त

right of way or passage

बात रफ़्त-गुज़श्त होना

किसी बात को भूल में पड़ जाना, किसी बात का दब जाना, मौक़ा निकल जाना

तदबीर-ए-पेश-रफ़्त न होना

उपाय का काम न आना, बन न आना

माल-ए-हराम बूवद बजाए हराम रफ़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जैसी नाजायज़ कमाई थी वैसी ही नाजायज़ मुद्दों में ख़र्च हुई, नाजायज़ माल जिस तरह आया था इसी तरह चला गया, हराम की कमाई यूंही उड़ जाती है

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कि आमद 'इमारत-ए-नौ साख़्त, रफ़्त-ओ-मंज़िल ब दीगरे परदाख़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने एक नई इमारत बनाई वो चला गया और मकान किसी और का हो गया, हर एक शख़्स अपने ही ख़्याल के मुताबिक़ काम करता है नीज़ नया हाकिम नया हुक्म जारी करता है , हर शख़्स अपनी फ़हम के मुताबिक़ काम करता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नादान बात करे, दाना क़यास करे के अर्थदेखिए

नादान बात करे, दाना क़यास करे

naadaan baat kare, daanaa qayaas kareنادان بات کرے، دانا قیاس کرے

कहावत

नादान बात करे, दाना क़यास करे के हिंदी अर्थ

  • मूर्ख कोरी बात करता है और बुद्धिमान हर बात को परखता है
  • मूर्ख किसी बात की गहराई में जाने की चेष्टा न करके बेकार बहस किया करते हैं किंतु विद्वान बहस न करके उस पर मनन-चिंतन करते हैं

نادان بات کرے، دانا قیاس کرے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بے وقوف فضول باتیں کرتا ہے اور عقل مند ہر بات کو پرکھتا ہے
  • بے وقوف کسی بات کی گہرائی میں جانے کی کوشش نہ کر کے بیکار بحث کیا کرتے ہیں مگر عقلمند بحث نہ کر کے اس پر غور و فکر کرتے ہیں

Urdu meaning of naadaan baat kare, daanaa qayaas kare

  • Roman
  • Urdu

  • bevaquuf fuzuul baate.n kartaa hai aur aqalmand har baat ko parakhtaa hai
  • bevaquuf kisii baat kii gahraa.ii me.n jaane kii koshish na kar ke bekaar behas kiya karte hai.n magar aqalmand behas na kar ke is par Gaur-o-fikr karte hai.n

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गया

रफ़्ता

गया हुआ, जो जा चुका हो, आशिक़, प्रेमी, रीछा हुआ, बेख़ुद

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गति। चाल।

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die

रफ़्तगी

खोया खोया रहने की हालत, बीख़ोदी, हवास की बे रबती, ख़्यालात भटकने का अमल

रफ़्तनी

जाने की क्रिया, जाने वाला

रफ़्तारी

pace/peed

रफ़्तगानी

बिताया हुआ, गुज़ारा हुआ

रफ़्तगाँ

मृत लोग, गये हुए लोग अर्थात् मरे हुए व्यक्ति

रफ़्त-गुज़श्त

क्षमा, दरगुज़र, माफ़ी, छोड़ देना

रफ़्तगान

गुज़ारे हुए लोग, मृत लोग

रफ़्त-ओ-गुज़श्त

गया-बीता हुआ, गया-गुज़रा, समाप्त, ख़त्म

रफ़्त-ओ-बूद

अतीत और गुजरा हुआ, जाना और नाश होना, मृत एवं भुला हुआ,

रफ़्ता-होश

जिसके होश जाते रहे हों, हतसंज्ञ, बेहोश, निश्चेष्ट, संज्ञाहीन।

रफ़्ता-रफ़्ता

धीरे-धीरे, शनै-शनै, होले-होले, आहिस्ता-आहिस्ता चलते-चलते, होते-होते, क्रम-क्रम से

रफ़्तार करना

चलना, अमल इख़्तियार करना

रफ़्तगी आना

बीख़ोद हो कर रह जाना

रफ़्तार-ए-वक़्त

समय की गति, समय की दशा

रफ़्तार खुलना

चाल-चलन मालूम होना

रफ़्तार उड़ाना

चाल या वज़ा की नक़ल करना

रफ़्तार-ए-ज़माना

सांसारिक दशा, दुनिया की हालत, ज़माने की चाल

रफ़्तार भूलना

ख़ुशी व्यक्त करना

रफ़्तार निकालना

चलन इख़तियार करना

रफ़्तार-ए-हालात

अपने हालात का रुख अथवा सांसारिक दशाओं की परिस्थिति।

रफ़्तगान-ए-ख़ाक

ज़मीन के अंदर गये हुए लोग, अर्थात् मुर्दे ।

रफ़्तार-ओ-किरदार

आचार और व्यव- हार, चाल-ढाल।।

रफ़्तगी निकालना

कह सुन कर दिल का बोझ हल्का करना, बोझ उतारना, आकर शिकवे का गले का तदारुक करना

रफ़्तार-ए-मस्ताना

घमंड की चाल, झूम झूम के चलना, मस्त आदमी की चाल

रफ़्तार-ओ-गुफ़्तार

चाल-ढाल और बातचीत, आचरण, व्यवहार,

रफ़्तगी-ए-शुन्वाई

बहरा हो जाना

रफ़्तगी-ए-बसारत

अंधा हो जाना, बीनाई जाती रहना

रफ़्तारी-रफ़्तगान

گئے ہوئے یا مرے ہوئے لوگ، گُزرے ہوئے لوگ.

रफ़्तार अच्छी न होना

व्यवहार ख़राब होना, चाल-चलन बुरा होना

पेश-रफ़्त

प्रभावपूर्ण, प्रभावशाली, कारगर, अर्थपूर्ण, नतीजाख़ेज़

आमद-ओ-रफ़्त

आना-जाना, यातायात, अंतर्ग्रहण और अवनति

पेश-रफ़्त होना

रुक : पेश जाना, पेश चलना

पेश-रफ़्त जाना

बस चलना, क़ाबू होना , कारगर होना, मूसिर होना

पेश-रफ़्त चलना

बस चलना, क़ाबू होना , कारगर होना, मूसिर होना

आमद-ओ-रफ़्त रहना

میل ملاپ رہنا

तदबीर-ए-पेश-रफ़्त

तदबीर का गर होना, तदबीर का बाअसर या मुफ़ीद होना

आमद-ओ-रफ़्त लगा रहना

بار بار آنا جانا

गाव आमद ख़र रफ़्त

 गाव आमद-ओ-ख़र रफ़त  दरअसल मशहूर मिसरा  मारा चह अज़ीं क़िस्सा कि गाव आमद-ओ-ख़र रफ़त  का एक जुज़ु है और लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर बोला जाता है

आमद-ओ-रफ़्त जारी होना

آمد و رفت پھر شروع ہو جانا، آمد و رفت کا بدستور سابق باقی ہونا

आमद-ओ-रफ़्त लगाना

बार बार आना जाना, आने जाने वालों का तार न टूटना, आना जाना जारी रहना

पेश-रफ़्त ले जाना

वरीयता ले जाना, सबक़त ले जाना, सरबर होना

आमद-ओ-रफ़्त बंद होना

راہ و رسم ترک ہونا، آنا جانا، میل ملاپ بند ہونا

इख़्तियार-ए-आमद-ओ-रफ़्त

right of way or passage

बात रफ़्त-गुज़श्त होना

किसी बात को भूल में पड़ जाना, किसी बात का दब जाना, मौक़ा निकल जाना

तदबीर-ए-पेश-रफ़्त न होना

उपाय का काम न आना, बन न आना

माल-ए-हराम बूवद बजाए हराम रफ़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जैसी नाजायज़ कमाई थी वैसी ही नाजायज़ मुद्दों में ख़र्च हुई, नाजायज़ माल जिस तरह आया था इसी तरह चला गया, हराम की कमाई यूंही उड़ जाती है

हर च दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो चीज़ नमक की कान में गई नमक होगई, सोहबत का असर हो ही जाता है, नेकों की सोहबत का नेक और बदों की महफ़िल का बद असर होता है (जब कोई आदमी किसी दूसरे आदमी या जमात के रंग में रंग जाता है या किसी मुक़ाम की ख़ुसूसीयात इख़तियार कर लेता है तो कहते हैं

हर कि दर कान-ए-नमक रफ़्त नमक शुद

का दर कान-ए-नमक रफत नमक शुद

हर चीज़ कि दर कान नमक रफ़्त नमक शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) रुक : हर चह दर कान-ए-नमक अलख

हर कि आमद 'इमारत-ए-नौ साख़्त, रफ़्त-ओ-मंज़िल ब दीगरे परदाख़्त

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो आया इस ने एक नई इमारत बनाई वो चला गया और मकान किसी और का हो गया, हर एक शख़्स अपने ही ख़्याल के मुताबिक़ काम करता है नीज़ नया हाकिम नया हुक्म जारी करता है , हर शख़्स अपनी फ़हम के मुताबिक़ काम करता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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