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पड़ी

चुपचाप पड़े या सोये रहने की अवस्था या भाव

पुड़ी

पुड़ा का परिवर्तित रूप, पुड़िया, काग़ज़ की बंधी हुई छोटी पोटली

पिड़ी

पिंड।

पड़ी है

धुन है, चाहत है, चिंता है

पुड़िया

कागज के टुकड़े को कुछ विशिष्ट प्रकार से मोड़ तथा उसके किनारों पर विशिष्ट प्रकार से बल चढ़ाकर ऐसा रूप देना कि उसमें रखी जानेवाली चीज बंद हो जाय। जैसे-(क) सौंफ या धनिये की पुड़िया। (ख) दवा की पुड़िया।

पड़ी के गवाह

वह गवाह जो किसी विशेष भुमि-मुक़दमे की बाबत गवाही दें या नंबरदार, ज़ेलदार, खेवटदार होते हैं जो विवादाग्रस्त भुमि के क़रीब रहते हैं

पड़ी हुई चीज़

something found by chance

पड़ी है अपनी अपनी

allusion to a situation in which everyone is caring for their own interest

पड़ी हुई आवाज़

۔ وہ آواز جو گلے سے صاف صاف نہ نکلے۔

पड़ी हुई आवाज़

hoarse voice

पड़ी-बोली

some of the Urdu dialects of northern India

पड़ी-लकीर

a dash, a horizontal stroke in writing

पड़ी करना

किसा स्थान पर उतरना, ठरना, पड़ाव करना

पुड़िया में आता है

अर्ज़ां शैय जो महंगी हो जावे इस मौक़ा पर बोलते हैं मसलन जो घटड़ी में आती हो वो लिफाफों में मिलने लगे जैसे गंदुम नख़ूद वग़ैरा

पड़ें पत्थर

(ओ) किसी काम के बिगड़ने या बात के ना पसंद होने पर औरतें ग़ुस्से में बोलती हैं

पुड़िया का लट्ठा

एक प्रकार का महीन लट्ठा जिसका थान काग़ज़ में लपेट कर बिकता था

पड़यल

कूड़ा-करकट, कचरा

पड़ें पटाक

(ओ) किसी काम या चीज़ के बिगड़ने पर औरतें ग़ुस्से में बोलती हैं

पुड़ियाँ

happened, clashed

पुड़ियाँ छोड़ना

ایک قسم کی منت ، چہل بی بی یا پریوں کی نیاز دلوا کر عبیر اور سین٘دور کی پڑیاں شام کے وقت ہوا میں اڑانا.

पुड़ियाँ उड़ाना

to make offerings of abīr and siṅdūr to a saint.

पड़याल

(ٹھگی) تیتر کی آواز کا شگون ، کولی ٹھگوں کی اصطلاح میں تیتر کی آواز جس سے ٹھگ شگون لیتے ہیں ان کے خیال میں گھر سے نکلتے وقت رات کو تیتر کا اور دن کو گیدڑ کا بولنا نہایت منحوس ہوتا ہے.

पड़ियाना

भैंस का भैंसे से संयोग हो जाना, भैंस को मैथुनार्थ भैंसे के समीप पहुँचाना

उड़ी-पुड़ी

सुनी सुनाई, नाक़ाबिल एतबार, अविश्वसनीय

पुट-पुड़ी

رک : کنپٹی.

जादू की पुड़ी

(کنایۃً) جادو کا اثر رکھنے والی چیز ، ساحرہ .

मीठी छुरी, ज़हर की पुड़ी

बातें कोमल एवं सुखद परंतु अंदर में कठोर एवं शत्रु

मय्यत पड़ी होना

लाश पड़ी होना, कहीं लाश रखी होना, मुर्दे का ज़मीन पर पड़ा होना

हार-पड़ी

۔ ہار ۔ پھول ۔خوشی کی محفلوں میں ہار پھول باٹتے ہیں۔؎

क्या पड़ी है

मुझे क्या पड़ी है, क्या चिंता है, क्या फ़िक्र है, क्या ग़रज़ है, मुझे किया लेना देना है

मुँह-पड़ी

सभी लोगों में प्रसिद्ध एवं प्रख्यात, बहुत ही चर्चित एवं मशहूर

मुँह पड़ी

talk of the town

लोथ पड़ी होना

लाश ज़मीन पर गिरी हुई होना

रात पड़ी है

बहुत रात बाक़ी है

जान पड़ी होना

(किसी अमर की) फ़िक्र होना, ध्यान लगा रहना (में के साथ)

अपनी पड़ी है

अपनी ही फ़िक्र और चिंता है, स्व चिंतन और स्वार्थी है

किसे पड़ी है

none is concerned with, none is desirous of, nobody cares

पुकार पड़ी है

۔ ۱۔ شہرت ہے ۔ دھوم ہے۔ ؎ ۲۔ تلاش ہے نہ جستجو ہے۔ (فقرہ) محفل میں تمہاری پکار پڑی ہے اور تم یہاں بیٹھے ہو ۔

मारी पड़ी होना

बदनाम होना, रुसवा होना

क़यामत पड़ी होना

कोहराम मच जाना, रोने-धोने का शोर होना

ज़रूरत पड़ी रहना

ज़रुरत अधूरी रहना

रूह पड़ी होना

(किसी शख़्स, चीज़ या मुआमले की तरफ़) ख़्याल लगा होना, (किसी का) हरवक़त ध्यान आना

'उम्र पड़ी है

बहुत जीवन बाक़ी है, बहुत समय पड़ा है, बहुत समय बाक़ी है

अड़या पड़ी रहना

बेसहारा होना, खाने-पीने को कुछ न होना

जान की पड़ी है

۔جان کے لالے پڑے ہیں۔ ؎

पराई क्या पड़ी है

۔ دوسرے کی کیا فکر ہے۔ ؎

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

क्या जल्दी पड़ी है

देर होने में कुछ नुक़्सान नहीं, इतनी उजलत की क्या ज़रूरत है

रात पड़ी बूँद नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

भूईं पड़ी साह की दव्वानी

अमीर आदमी जो चाहे दावा करे सब बजा है

जैसी पड़ी वैसी सही

हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

कान पड़ी सदा न आना

रुक : कान पड़ी आवाज़ ना आना

क़दमों से पड़ी रहना

मुतीअ रहना

नहाई धोई फिसल पड़ी

तैय्यार हो कर रह जाने के मौके़ पर कहते हैं

नक-पुड़ी

نازو نخرہ

बात कान में पड़ी रहना

मामले का ध्यान में रहना, बात याद रहना

गले पड़ी बजाए सिद्ध

जब सर पर आ जाए तो करना ही पड़ता है, कष्ट आए तो झेलनी ही पड़ता है

कूए में भंग पड़ी

सब मस्त और मूर्ख हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मीठी छुरी, ज़हर की पुड़ी के अर्थदेखिए

मीठी छुरी, ज़हर की पुड़ी

miiThii chhurii, zahr kii pu.Diiمیٹھی چھری، زہر کی پُڑی

कहावत

मीठी छुरी, ज़हर की पुड़ी के हिंदी अर्थ

  • बातें कोमल एवं सुखद परंतु अंदर में कठोर एवं शत्रु
  • कपटी व्यक्ति के लिये कहते हैं

میٹھی چھری، زہر کی پُڑی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • باتیں نرم اور خوشگوار مگر با طن میں سخت اور دشمن
  • بغض رکھنے والے کے لیے کہتے ہیں

Urdu meaning of miiThii chhurii, zahr kii pu.Dii

  • Roman
  • Urdu

  • baate.n naram aur Khushagvaar magar baatin me.n saKht aur dushman
  • buGaz rakhne vaale ke li.e kahte hai.n

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चुपचाप पड़े या सोये रहने की अवस्था या भाव

पुड़ी

पुड़ा का परिवर्तित रूप, पुड़िया, काग़ज़ की बंधी हुई छोटी पोटली

पिड़ी

पिंड।

पड़ी है

धुन है, चाहत है, चिंता है

पुड़िया

कागज के टुकड़े को कुछ विशिष्ट प्रकार से मोड़ तथा उसके किनारों पर विशिष्ट प्रकार से बल चढ़ाकर ऐसा रूप देना कि उसमें रखी जानेवाली चीज बंद हो जाय। जैसे-(क) सौंफ या धनिये की पुड़िया। (ख) दवा की पुड़िया।

पड़ी के गवाह

वह गवाह जो किसी विशेष भुमि-मुक़दमे की बाबत गवाही दें या नंबरदार, ज़ेलदार, खेवटदार होते हैं जो विवादाग्रस्त भुमि के क़रीब रहते हैं

पड़ी हुई चीज़

something found by chance

पड़ी है अपनी अपनी

allusion to a situation in which everyone is caring for their own interest

पड़ी हुई आवाज़

۔ وہ آواز جو گلے سے صاف صاف نہ نکلے۔

पड़ी हुई आवाज़

hoarse voice

पड़ी-बोली

some of the Urdu dialects of northern India

पड़ी-लकीर

a dash, a horizontal stroke in writing

पड़ी करना

किसा स्थान पर उतरना, ठरना, पड़ाव करना

पुड़िया में आता है

अर्ज़ां शैय जो महंगी हो जावे इस मौक़ा पर बोलते हैं मसलन जो घटड़ी में आती हो वो लिफाफों में मिलने लगे जैसे गंदुम नख़ूद वग़ैरा

पड़ें पत्थर

(ओ) किसी काम के बिगड़ने या बात के ना पसंद होने पर औरतें ग़ुस्से में बोलती हैं

पुड़िया का लट्ठा

एक प्रकार का महीन लट्ठा जिसका थान काग़ज़ में लपेट कर बिकता था

पड़यल

कूड़ा-करकट, कचरा

पड़ें पटाक

(ओ) किसी काम या चीज़ के बिगड़ने पर औरतें ग़ुस्से में बोलती हैं

पुड़ियाँ

happened, clashed

पुड़ियाँ छोड़ना

ایک قسم کی منت ، چہل بی بی یا پریوں کی نیاز دلوا کر عبیر اور سین٘دور کی پڑیاں شام کے وقت ہوا میں اڑانا.

पुड़ियाँ उड़ाना

to make offerings of abīr and siṅdūr to a saint.

पड़याल

(ٹھگی) تیتر کی آواز کا شگون ، کولی ٹھگوں کی اصطلاح میں تیتر کی آواز جس سے ٹھگ شگون لیتے ہیں ان کے خیال میں گھر سے نکلتے وقت رات کو تیتر کا اور دن کو گیدڑ کا بولنا نہایت منحوس ہوتا ہے.

पड़ियाना

भैंस का भैंसे से संयोग हो जाना, भैंस को मैथुनार्थ भैंसे के समीप पहुँचाना

उड़ी-पुड़ी

सुनी सुनाई, नाक़ाबिल एतबार, अविश्वसनीय

पुट-पुड़ी

رک : کنپٹی.

जादू की पुड़ी

(کنایۃً) جادو کا اثر رکھنے والی چیز ، ساحرہ .

मीठी छुरी, ज़हर की पुड़ी

बातें कोमल एवं सुखद परंतु अंदर में कठोर एवं शत्रु

मय्यत पड़ी होना

लाश पड़ी होना, कहीं लाश रखी होना, मुर्दे का ज़मीन पर पड़ा होना

हार-पड़ी

۔ ہار ۔ پھول ۔خوشی کی محفلوں میں ہار پھول باٹتے ہیں۔؎

क्या पड़ी है

मुझे क्या पड़ी है, क्या चिंता है, क्या फ़िक्र है, क्या ग़रज़ है, मुझे किया लेना देना है

मुँह-पड़ी

सभी लोगों में प्रसिद्ध एवं प्रख्यात, बहुत ही चर्चित एवं मशहूर

मुँह पड़ी

talk of the town

लोथ पड़ी होना

लाश ज़मीन पर गिरी हुई होना

रात पड़ी है

बहुत रात बाक़ी है

जान पड़ी होना

(किसी अमर की) फ़िक्र होना, ध्यान लगा रहना (में के साथ)

अपनी पड़ी है

अपनी ही फ़िक्र और चिंता है, स्व चिंतन और स्वार्थी है

किसे पड़ी है

none is concerned with, none is desirous of, nobody cares

पुकार पड़ी है

۔ ۱۔ شہرت ہے ۔ دھوم ہے۔ ؎ ۲۔ تلاش ہے نہ جستجو ہے۔ (فقرہ) محفل میں تمہاری پکار پڑی ہے اور تم یہاں بیٹھے ہو ۔

मारी पड़ी होना

बदनाम होना, रुसवा होना

क़यामत पड़ी होना

कोहराम मच जाना, रोने-धोने का शोर होना

ज़रूरत पड़ी रहना

ज़रुरत अधूरी रहना

रूह पड़ी होना

(किसी शख़्स, चीज़ या मुआमले की तरफ़) ख़्याल लगा होना, (किसी का) हरवक़त ध्यान आना

'उम्र पड़ी है

बहुत जीवन बाक़ी है, बहुत समय पड़ा है, बहुत समय बाक़ी है

अड़या पड़ी रहना

बेसहारा होना, खाने-पीने को कुछ न होना

जान की पड़ी है

۔جان کے لالے پڑے ہیں۔ ؎

पराई क्या पड़ी है

۔ دوسرے کی کیا فکر ہے۔ ؎

कहाँ से टपक पड़ी

how does (he, she, etc.) happen to be here?

किसी को क्या पड़ी है

किसी को क्या ग़रज़ या पर्वा है

क्या जल्दी पड़ी है

देर होने में कुछ नुक़्सान नहीं, इतनी उजलत की क्या ज़रूरत है

रात पड़ी बूँद नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

भूईं पड़ी साह की दव्वानी

अमीर आदमी जो चाहे दावा करे सब बजा है

जैसी पड़ी वैसी सही

हर तरह की मुसबीयत बुरद शत कर ली , जो गुज़रे बर्दाश्त करे

कान पड़ी काम आती है

सुनी सुनाई बात कभी न कभी काम आ ही जाती है, सुनी हुई अच्छी बात किसी वक़्त याद आ सकती है

कान पड़ी सदा न आना

रुक : कान पड़ी आवाज़ ना आना

क़दमों से पड़ी रहना

मुतीअ रहना

नहाई धोई फिसल पड़ी

तैय्यार हो कर रह जाने के मौके़ पर कहते हैं

नक-पुड़ी

نازو نخرہ

बात कान में पड़ी रहना

मामले का ध्यान में रहना, बात याद रहना

गले पड़ी बजाए सिद्ध

जब सर पर आ जाए तो करना ही पड़ता है, कष्ट आए तो झेलनी ही पड़ता है

कूए में भंग पड़ी

सब मस्त और मूर्ख हैं

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