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ज्ञान

= ज्ञान

ज्ञानी

ज्ञानवान व्यक्ति; समझदार; योग्य

ज्ञान-गुन

علم و فضل ، علم و ہنر.

ज्ञान-कांड

वेद के तीन कांडों या विभागों में से एक जिसमें जीव और ब्रह्म के पारस्परिक संबंधों, स्वरूपों आदि पर विचार किया गया है

ज्ञान-योग

ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को जानने का योग, ब्रह्म प्राप्ति के लिए की गई ज्ञाननिष्ठा वाली साधना, वह योग या साधना जिसमें परमात्मा या ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान प्राप्त करके मनुष्य मोक्ष का अधिकारी बनता है

ज्ञान-वंती

बुद्धी वाली, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-सखी

رہس کے دوسرے طرز کی گیارھویں صورت جس میں سکھیاں ایک صف میں کھڑی ہو کر کوئی چیز گائیں.

ज्ञान-मार्ग

ज्ञान का मार्ग या तरीक़ा

ज्ञान-वंता

बुद्धि वाला, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-गुदड़ी

fakir's rags

ज्ञान-चर्चा

religious discourse

ज्ञान-चौसर

a kind of chess

ज्ञान-चालीसी

عقل کی چالیسی باتیں ، عقل کے چالیس اقوال.

ज्ञान में आना

be understood or comprehended

ज्ञान दौड़ाना

अक़्ल दौड़ाना, सोचना, ग़ौर करना

ज्ञानी-मानी

قابلِ احترام عالم ، محترم پنڈت ، گیان وان.

ज्ञानी-ओ-दानी

knowledgeable and generous

ज्ञान होना

acquire spiritual knowledge

ज्ञानवान

जिसे बहुत-सी बातों, विषयों आदि की जानकारी हो, योग्य तथा समझदार, अक़लमंद, जिसने आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया हो, ज्ञानी, बुद्धिमान, पंडित, आलिम, फ़ाज़िल, हुनरमंद

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से

ज्ञान हो जाना

परिचित हो जाना

चित्तीन-ज्ञान

الہام ، شعور وآگہی .

अनंत-ज्ञान

परमात्मा का एक विशेषण, छोटी छोटी बातों का ज्ञान

गुण-ज्ञान

wisdom and knowledge

चतुर-ज्ञान

تیز فہم ، بہت جلد سمجھ جانے والا ، عقلمند ؛ تمیزدار .

पर्म-ज्ञान

श्रेष्ठ ज्ञान, ईश्वर का ज्ञान

गुर-ज्ञान

वह दीन का ज्ञान जो गुरु अपने शिष्य को बताए, गुरु की सीख, बड़ों का उपदेश

ध्यान-ज्ञान

उपासना का ध्यान, पूजा का ख़याल, इबादत की तरफ़ तवज्जो

धर्म-ज्ञान

عالم دین ، فقیہ .

अश्नान-ज्ञान

नियमित स्नान के बाद निश्चित समय पर पूजा एवं एकाग्रता एवं संलग्नता

शुद्ध-ज्ञान

علمِ حقیقت ، علمِ تصوف ، وحدانیت .

मन-ज्ञान

knowing the matters of one's mind

तत-ज्ञान

ادراک حقیقت، اعلیٰ دانش، صحیح ادراک و دانش.

राजस-ज्ञान

जिस ज्ञान से सब प्राणियों की देह में रहने वाली एक ही आत्मा अलग-अलग दिखाई देती है उसे राजस ज्ञान कहते हैं

खरक-ज्ञान

عقل کی تلوار.

भेद-ज्ञान

द्वैतभाव का ज्ञान

केवल-ज्ञान

(जैन धर्म) परब्रह्म या परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान, जो बहत बड़े-बड़े महात्माओं, योगियों आदि को ही होता है, तौहीद, यकताई, एक होना, जैन दर्शन के अनुसार केवल विशुद्धतम ज्ञान को कहते हैं। इस ज्ञान के चार प्रतिबंधक कर्म होते हैं- मोहनीय, ज्ञानावरण, दर्शनवरण तथा अंतराय

ब्रह्म-ज्ञान

ब्रह्म को जानना, तत्वबोध का ज्ञान; परमतत्व का ज्ञान

मन का अंकुस ज्ञान

ज्ञान दिल को स्वच्छ रखता है

उल्टी खोपड़ी औंधा ज्ञान

बहुत अधिक मूर्ख एवं मंद-बुद्धि

गुर गुर बिद्या सुर सुर ज्ञान

प्रत्येक व्यक्ति की समझ बूझ एवं बुद्धि पृथक होती है

मूरख के समझाए ज्ञान गाँठ जाए

बेवक़ूफ़ को समझाने से इलम-ए-सनाए होता है

मान का आँकस ज्ञान है

इलम से एतिक़ाद और यक़ीन पैदा होता है

गुर गुर बिद्या, सुर सुर ज्ञान

हर गुरु का जुदागाना इलम-ओ-अमल और हर एक सर में मुख़्तलिफ़ अक़ल और हर शख़्स की राय अलग होती है , हर उस्ताद के सिखाने का तरीक़ा अलग होता है और हर इंसान की अक़ल मुख़्तलिफ़ होती है

'अक़्ल न ज्ञान, थप्पड़ खाए समझ भान

समझ कुछ नहीं सदमे उठाकर कर सीख जाएगा

भूल गए सब ज्ञान शास्त्र पढ़ कर सभी डबोया

लिखे पढ़े निष्क्रियता के संबंध में बोला करते हैं

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मीरास पिदर ख़्वाही 'इल्म पिदर आमोज़ के अर्थदेखिए

मीरास पिदर ख़्वाही 'इल्म पिदर आमोज़

miiraas pidar KHvaahii 'ilm pidar aamozمِیراث پِدَر خَواہی عِلْم پِدَر آموز

कहावत

मीरास पिदर ख़्वाही 'इल्म पिदर आमोज़ के हिंदी अर्थ

  • रुक: मीरास पिदर ख़्वाही इलम पिदर आमोज़, बेटे को बाप का इलम सीखना चाहिए

مِیراث پِدَر خَواہی عِلْم پِدَر آموز کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔(ف) مقولہ۔ بیٹے کو باپ کا علم حاصل کرنا چاہئے۔
  • رک: میراث پدر خواہی علم پدر آموز، بیٹے کو باپ کا علم سیکھنا چاہیے.

Urdu meaning of miiraas pidar KHvaahii 'ilm pidar aamoz

  • Roman
  • Urdu

  • ۔(pha) maquula। beTe ko baap ka ilam haasil karnaa chaahii.e
  • rukah miiraas pidar Khvaahii ilam pidar aamoz, beTe ko baap ka ilam siikhnaa chaahi.e

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ज्ञान

= ज्ञान

ज्ञानी

ज्ञानवान व्यक्ति; समझदार; योग्य

ज्ञान-गुन

علم و فضل ، علم و ہنر.

ज्ञान-कांड

वेद के तीन कांडों या विभागों में से एक जिसमें जीव और ब्रह्म के पारस्परिक संबंधों, स्वरूपों आदि पर विचार किया गया है

ज्ञान-योग

ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को जानने का योग, ब्रह्म प्राप्ति के लिए की गई ज्ञाननिष्ठा वाली साधना, वह योग या साधना जिसमें परमात्मा या ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान प्राप्त करके मनुष्य मोक्ष का अधिकारी बनता है

ज्ञान-वंती

बुद्धी वाली, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-सखी

رہس کے دوسرے طرز کی گیارھویں صورت جس میں سکھیاں ایک صف میں کھڑی ہو کر کوئی چیز گائیں.

ज्ञान-मार्ग

ज्ञान का मार्ग या तरीक़ा

ज्ञान-वंता

बुद्धि वाला, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-गुदड़ी

fakir's rags

ज्ञान-चर्चा

religious discourse

ज्ञान-चौसर

a kind of chess

ज्ञान-चालीसी

عقل کی چالیسی باتیں ، عقل کے چالیس اقوال.

ज्ञान में आना

be understood or comprehended

ज्ञान दौड़ाना

अक़्ल दौड़ाना, सोचना, ग़ौर करना

ज्ञानी-मानी

قابلِ احترام عالم ، محترم پنڈت ، گیان وان.

ज्ञानी-ओ-दानी

knowledgeable and generous

ज्ञान होना

acquire spiritual knowledge

ज्ञानवान

जिसे बहुत-सी बातों, विषयों आदि की जानकारी हो, योग्य तथा समझदार, अक़लमंद, जिसने आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया हो, ज्ञानी, बुद्धिमान, पंडित, आलिम, फ़ाज़िल, हुनरमंद

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से

ज्ञान हो जाना

परिचित हो जाना

चित्तीन-ज्ञान

الہام ، شعور وآگہی .

अनंत-ज्ञान

परमात्मा का एक विशेषण, छोटी छोटी बातों का ज्ञान

गुण-ज्ञान

wisdom and knowledge

चतुर-ज्ञान

تیز فہم ، بہت جلد سمجھ جانے والا ، عقلمند ؛ تمیزدار .

पर्म-ज्ञान

श्रेष्ठ ज्ञान, ईश्वर का ज्ञान

गुर-ज्ञान

वह दीन का ज्ञान जो गुरु अपने शिष्य को बताए, गुरु की सीख, बड़ों का उपदेश

ध्यान-ज्ञान

उपासना का ध्यान, पूजा का ख़याल, इबादत की तरफ़ तवज्जो

धर्म-ज्ञान

عالم دین ، فقیہ .

अश्नान-ज्ञान

नियमित स्नान के बाद निश्चित समय पर पूजा एवं एकाग्रता एवं संलग्नता

शुद्ध-ज्ञान

علمِ حقیقت ، علمِ تصوف ، وحدانیت .

मन-ज्ञान

knowing the matters of one's mind

तत-ज्ञान

ادراک حقیقت، اعلیٰ دانش، صحیح ادراک و دانش.

राजस-ज्ञान

जिस ज्ञान से सब प्राणियों की देह में रहने वाली एक ही आत्मा अलग-अलग दिखाई देती है उसे राजस ज्ञान कहते हैं

खरक-ज्ञान

عقل کی تلوار.

भेद-ज्ञान

द्वैतभाव का ज्ञान

केवल-ज्ञान

(जैन धर्म) परब्रह्म या परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान, जो बहत बड़े-बड़े महात्माओं, योगियों आदि को ही होता है, तौहीद, यकताई, एक होना, जैन दर्शन के अनुसार केवल विशुद्धतम ज्ञान को कहते हैं। इस ज्ञान के चार प्रतिबंधक कर्म होते हैं- मोहनीय, ज्ञानावरण, दर्शनवरण तथा अंतराय

ब्रह्म-ज्ञान

ब्रह्म को जानना, तत्वबोध का ज्ञान; परमतत्व का ज्ञान

मन का अंकुस ज्ञान

ज्ञान दिल को स्वच्छ रखता है

उल्टी खोपड़ी औंधा ज्ञान

बहुत अधिक मूर्ख एवं मंद-बुद्धि

गुर गुर बिद्या सुर सुर ज्ञान

प्रत्येक व्यक्ति की समझ बूझ एवं बुद्धि पृथक होती है

मूरख के समझाए ज्ञान गाँठ जाए

बेवक़ूफ़ को समझाने से इलम-ए-सनाए होता है

मान का आँकस ज्ञान है

इलम से एतिक़ाद और यक़ीन पैदा होता है

गुर गुर बिद्या, सुर सुर ज्ञान

हर गुरु का जुदागाना इलम-ओ-अमल और हर एक सर में मुख़्तलिफ़ अक़ल और हर शख़्स की राय अलग होती है , हर उस्ताद के सिखाने का तरीक़ा अलग होता है और हर इंसान की अक़ल मुख़्तलिफ़ होती है

'अक़्ल न ज्ञान, थप्पड़ खाए समझ भान

समझ कुछ नहीं सदमे उठाकर कर सीख जाएगा

भूल गए सब ज्ञान शास्त्र पढ़ कर सभी डबोया

लिखे पढ़े निष्क्रियता के संबंध में बोला करते हैं

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

गुरू बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत्ति

बिन गुरू के ज्ञान नहीं मिलता और न बिना भाग्य के धन ही मिलता है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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