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नमी

आर्द्रता, तरी, सीलन, शबनम, नम होने की हालत, गीलापन, (मजाज़न) आँसू

नमीक़ा

पत्र, चिट्ठी, लेख

नमी-कश

नमी खींच लेने वाला; (सेना) वातावरण से नमी कम करने वाला एक औज़ार

नमी-पसंद

(वनस्पति विज्ञान) आर्द्रता स्वीकार करने वाला; वह पौधे जिनमें नमी के कारण वृद्धि होती है

नमी-ख़ुर्दा

(مجازاً) گیلا ، بھیگا ہوا ، تر

नमी पहुँचना

गीला होना, तर होना, भीग जाना

नमी पहोंचना

गीला होना, तर होना, भीग जाना

नमी छोड़ना

रतूबत ख़ारिज करना

नमी निचोड़ लेना

गीलापन बिलकुल ख़त्म कर देना, नमी को दूर कर देना, सूखा देना

नमीदा

गीला, नम, भीगा हुआ, तर, आँसू भरा

नमीमा

चुग़ली का काम अथवा पिशुनता

नमीम

पिशुन, चुगुलखोर

नमी आना

रतूबत पैदा होना, गीला हो जाना

नमी देना

आर्द्र होना, गीला होना, भीग जाना, आँसू बहाना

नमी लाना

भीगना, तर होना (उमूमन आँखों का)

नमिय्यत-ए-आब

(भगोल) बहुत छोटी छोटी बूंदें जो मिट्टी की तह के क़रीब पाए जाते हैं

नमिश की क़ुफ़्ली

وہ قلفی جو پھینٹے ہوئے دودھ میں مصری ملا کر بناتے ہیں

नमिल

चालाक, चुस्त; तैयार, कूदने वाला (घोड़ा)

नमित

(श्रद्धा या प्रणाम के लिए) झुका हुआ

नमिर

वो जानवर जिसके शरीर पर धब्बे या धारियाँ होती हैं, व्याघ्र, बाघ, तेंदुआ

हवा की नमी

ہوا میں موجود رطوبت ۔

क़ुत्ब अज़ जा नमी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल (उस शख़्स के लिए मुस्तामल है जो अपने मुक़ाम से ना हटता हो या कम हरकत करता हो

सर बुरीदा बाँग नमी दहद

कटे हुए सर से आवाज़ नहीं निकलती, मार डालना ही बेहतर है

'आक़िल दोबारा फ़रेब नमी ख़ोर्द

अक़्लमंद दूसरी बार धोखा नहीं खाता

तक़्वीम-ए-पारीना बकार नमी आयद

پرانی جنتری کسی کام نہیں آتی ، فضول چیز کو سن٘بھال کر رکھنے کا کوئی فائدہ نہیں

मुर्ग़ सर बुरीदा बाँग नमी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) सर कटा मुर्ग़ बाँग नहीं देता, दुश्मन को क़तल करना ही बेहतर है

नोश बे नैश हासिल नमी शूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) शहद बिना डंक खाए हुए हाथ नहीं आता, कोई अच्छी चीज़ बगै़र मेहनत के नहीं मिलती

'इश्क़-ओ-मुश्क पिनहाँ नमी शवद

इश्क़ और कस्तूरी ज़रूर ज़ाहिर हो जाते हैं

'ऐब-ए-ख़ुद हर कसे नमी बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) अपना दोष किसी को मालूम नहीं होता

मक़ाम-ए-'ऐश मयस्सर नमी शवद बे रंज

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आराम की जगह बगै़र तकलीफ़ उठाए नहीं मिलती, तकलीफ़ के बगै़र नहीं मलतय

ज़ौक़-ए-चमन ज़े-ख़ातिजर-ए-बुलबुल नमी-रवद

चमन का शौक़ बुलबुल के दिल से नहीं जाता यानी जिस बात का किसी को शौक़ हो वो दिल से नहीं जाती

ज़बान-ए-यार-ए-मन-तुर्की-ओ-मन-तुर्की-नमी-दानम

फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल, मेरे दोस्त की ज़बान तुर्की है और में तुर्की ज़बान जानता नहीं, जब किसी बात या किसी की ज़बान समझ में नहीं आती तो ये कहते हैं

दरोग़ गो रा हाफ़िज़ा नमी बाशद

جھوٹے کا حافظہ درست نہیں ہوتا ، اسے یاد نہیں رہتا کہ پہلے کیا کہا ہے اور اب کیا کیا کہہ رہا ہے.

कार अज़ दस्त रफ़्ता तीर अज़ कमान जस्ता यार नमी आयद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बात हो चुकी इस पर अफ़सोस करना फ़ुज़ूल है

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मसर्रत के अर्थदेखिए

मसर्रत

masarratمَسَرَّت

स्रोत: अरबी

वज़्न : 122

शब्द व्युत्पत्ति: स-र-र

मसर्रत के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • ख़ुशी की स्थिति जो किसी बात से पैदा हो जाए, आनंद, ख़ुशी, हर्ष, उल्लास, प्रसन्नता

    उदाहरण इंतिहाई मुसर्रत की तलाश में लोग छोटी-छोटी ख़ुशियोंं का एहसास नहीं कर पाते

शे'र

English meaning of masarrat

Noun, Feminine

مَسَرَّت کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • خوشی کی کیفیت جو کسی بات سے پیدا ہوجائے، انبساط، خوشی، فرحت، نشاط، شادمانی

    مثال انتہائی مسرت کی تلاش میں لوگ چھوٹی چھوٹی خوشیوں کا احساس نہیں کر پاتے

Urdu meaning of masarrat

  • Roman
  • Urdu

  • Khushii kii kaifiiyat jo kisii baat se paida hojaa.e, imbisaat, Khushii, farhat, nishaat, shaadmaanii

मसर्रत के पर्यायवाची शब्द

मसर्रत के विलोम शब्द

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नमी

आर्द्रता, तरी, सीलन, शबनम, नम होने की हालत, गीलापन, (मजाज़न) आँसू

नमीक़ा

पत्र, चिट्ठी, लेख

नमी-कश

नमी खींच लेने वाला; (सेना) वातावरण से नमी कम करने वाला एक औज़ार

नमी-पसंद

(वनस्पति विज्ञान) आर्द्रता स्वीकार करने वाला; वह पौधे जिनमें नमी के कारण वृद्धि होती है

नमी-ख़ुर्दा

(مجازاً) گیلا ، بھیگا ہوا ، تر

नमी पहुँचना

गीला होना, तर होना, भीग जाना

नमी पहोंचना

गीला होना, तर होना, भीग जाना

नमी छोड़ना

रतूबत ख़ारिज करना

नमी निचोड़ लेना

गीलापन बिलकुल ख़त्म कर देना, नमी को दूर कर देना, सूखा देना

नमीदा

गीला, नम, भीगा हुआ, तर, आँसू भरा

नमीमा

चुग़ली का काम अथवा पिशुनता

नमीम

पिशुन, चुगुलखोर

नमी आना

रतूबत पैदा होना, गीला हो जाना

नमी देना

आर्द्र होना, गीला होना, भीग जाना, आँसू बहाना

नमी लाना

भीगना, तर होना (उमूमन आँखों का)

नमिय्यत-ए-आब

(भगोल) बहुत छोटी छोटी बूंदें जो मिट्टी की तह के क़रीब पाए जाते हैं

नमिश की क़ुफ़्ली

وہ قلفی جو پھینٹے ہوئے دودھ میں مصری ملا کر بناتے ہیں

नमिल

चालाक, चुस्त; तैयार, कूदने वाला (घोड़ा)

नमित

(श्रद्धा या प्रणाम के लिए) झुका हुआ

नमिर

वो जानवर जिसके शरीर पर धब्बे या धारियाँ होती हैं, व्याघ्र, बाघ, तेंदुआ

हवा की नमी

ہوا میں موجود رطوبت ۔

क़ुत्ब अज़ जा नमी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल (उस शख़्स के लिए मुस्तामल है जो अपने मुक़ाम से ना हटता हो या कम हरकत करता हो

सर बुरीदा बाँग नमी दहद

कटे हुए सर से आवाज़ नहीं निकलती, मार डालना ही बेहतर है

'आक़िल दोबारा फ़रेब नमी ख़ोर्द

अक़्लमंद दूसरी बार धोखा नहीं खाता

तक़्वीम-ए-पारीना बकार नमी आयद

پرانی جنتری کسی کام نہیں آتی ، فضول چیز کو سن٘بھال کر رکھنے کا کوئی فائدہ نہیں

मुर्ग़ सर बुरीदा बाँग नमी दहद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) सर कटा मुर्ग़ बाँग नहीं देता, दुश्मन को क़तल करना ही बेहतर है

नोश बे नैश हासिल नमी शूद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) शहद बिना डंक खाए हुए हाथ नहीं आता, कोई अच्छी चीज़ बगै़र मेहनत के नहीं मिलती

'इश्क़-ओ-मुश्क पिनहाँ नमी शवद

इश्क़ और कस्तूरी ज़रूर ज़ाहिर हो जाते हैं

'ऐब-ए-ख़ुद हर कसे नमी बीनद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) अपना दोष किसी को मालूम नहीं होता

मक़ाम-ए-'ऐश मयस्सर नमी शवद बे रंज

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) आराम की जगह बगै़र तकलीफ़ उठाए नहीं मिलती, तकलीफ़ के बगै़र नहीं मलतय

ज़ौक़-ए-चमन ज़े-ख़ातिजर-ए-बुलबुल नमी-रवद

चमन का शौक़ बुलबुल के दिल से नहीं जाता यानी जिस बात का किसी को शौक़ हो वो दिल से नहीं जाती

ज़बान-ए-यार-ए-मन-तुर्की-ओ-मन-तुर्की-नमी-दानम

फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल, मेरे दोस्त की ज़बान तुर्की है और में तुर्की ज़बान जानता नहीं, जब किसी बात या किसी की ज़बान समझ में नहीं आती तो ये कहते हैं

दरोग़ गो रा हाफ़िज़ा नमी बाशद

جھوٹے کا حافظہ درست نہیں ہوتا ، اسے یاد نہیں رہتا کہ پہلے کیا کہا ہے اور اب کیا کیا کہہ رہا ہے.

कार अज़ दस्त रफ़्ता तीर अज़ कमान जस्ता यार नमी आयद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) जो बात हो चुकी इस पर अफ़सोस करना फ़ुज़ूल है

कस नमी पुरसद कि भय्या कौन हो ढाई हो या तीन या पौन हो

जब कोई व्यक्ति दरिद्र हो तो उसकी कोई नहीं पूछता कि तुम कौन हो या तेरी क्या हैसियत है

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