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सोच

विचार, ध्यान, चिंता, परेशानी

सोचना

किसी विषय अथवा बिंदु पर मन में विचार करना, विवेचना करना, ग़ौर करना

सोच लगा होना

चिंता करना, फ़िक्र करना

सोच होना

विचार उभरना, सोच उत्पन्न होना

सोच में रहना

सोच-संकोच

सोच है आप की

सोच में

सोचते हुए, ख़याल में, सोच में, विचार में, फ़िक्र में

सौचाँग

काली चाय का एक उत्तम और अच्छा प्रकार

सोच करना

विचार करना; पछताना, डरना, चिंता करना और झिझकना

सोच समझ के

सोच बिचार के, देख भाल के

सोच लगना

सोच होना, फ़िक्र होना

सोच पड़ना

फ़िक्र होना, तग-ओ-दो होना

सोच-बिचार

चिंतन मनन, उलझन, ख़याल, धुन

सोच विचार

सोचने-समझने या विचार करने की क्रिया या भाव, सोचना-समझना

सूची-ख़ाना

मदिरालय, शराबखानः ।

सोच आ पड़ना

दिल में ख़्याल, फ़िक्र या तरद्दुद पैदा होना

सोच-साच कर

सोच समझ कर, समझ बूझ कर

सोच बिचार के

सोच बिचार कर

सोच आना

दिल में ख़्याल, फ़िक्र या तरद्दुद पैदा होना

सोच लेना

समझ लेना, ग़ौर कर लेना

सोच-साच

सोच, विचार, चिंता

सोच में पड़ना

फ़िक्रमंद होना, मुतफ़क्किर हो जाना

सोच में डूबना

रुक : सोच में पड़ना

स्विच-बोर्ड

सोच में आना

फ़िक्रमंद होना, मुतफ़क्किर हो जाना

सोच के धारे

ख़्यालात के पहलू, विचारों अथवा सोच के पहलू

सोचा-समझा

समझा बूझा, सोचा-विचारा, सोच-समाझ कर किया हुआ, ध्यानपूर्वक किया हुआ

सोचना-साचना

सूचना, ग़ौर करना

सोचना जी मोचना

चिंता दिल को चिंतित करती है

स्विच ऑफ़ करना

बिजली का बटन बंद करना

सौचना

सूचित

जिसकी सूचना दी गई हो, जताया हुआ, बताया हुआ, कहा हुआ, ज्ञापित, प्रकाशित

सूचेत

होशयार, चौकन्ना

सौ छुपाएं

हर चंद छुपाएँ, चाहे जिस क़द्र छुपाएँ, किसी तरह छुपाएँ, हज़ार छुपाएँ

अन-सोच

बनिये का बेटा कुछ सोच कर ही गिरता है

चालाक या स्वार्थसाधक का कोई कार्य लाभ से ख़ाली नहीं होता

बात सोच समझ के

मुद्दे के हर पहलू पर विचार करके, मुद्दे के उतार-चढ़ाव को देखकर

'अक़्ल बढ़े सोच से, रोटी बढ़े लोच से

सोचने से अक़ल में इज़ाफ़ा होता है और आटे में लोच हो तो रोटी बटी बनती है

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मंहूस-घड़ी के अर्थदेखिए

मंहूस-घड़ी

manhuus-gha.Diiمَنحُوس گَھڑی

मंहूस-घड़ी के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • बुरा समय, नामुबारक घड़ी, बुरा वक़्त या ज़माना

Roman

مَنحُوس گَھڑی کے اردو معانی

اسم، مؤنث

  • نامبارک ساعت، برا وقت یا زمانہ

Urdu meaning of manhuus-gha.Dii

  • naamubaarak saaat, buraa vaqt ya zamaana

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विचार, ध्यान, चिंता, परेशानी

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किसी विषय अथवा बिंदु पर मन में विचार करना, विवेचना करना, ग़ौर करना

सोच लगा होना

चिंता करना, फ़िक्र करना

सोच होना

विचार उभरना, सोच उत्पन्न होना

सोच में रहना

सोच-संकोच

सोच है आप की

सोच में

सोचते हुए, ख़याल में, सोच में, विचार में, फ़िक्र में

सौचाँग

काली चाय का एक उत्तम और अच्छा प्रकार

सोच करना

विचार करना; पछताना, डरना, चिंता करना और झिझकना

सोच समझ के

सोच बिचार के, देख भाल के

सोच लगना

सोच होना, फ़िक्र होना

सोच पड़ना

फ़िक्र होना, तग-ओ-दो होना

सोच-बिचार

चिंतन मनन, उलझन, ख़याल, धुन

सोच विचार

सोचने-समझने या विचार करने की क्रिया या भाव, सोचना-समझना

सूची-ख़ाना

मदिरालय, शराबखानः ।

सोच आ पड़ना

दिल में ख़्याल, फ़िक्र या तरद्दुद पैदा होना

सोच-साच कर

सोच समझ कर, समझ बूझ कर

सोच बिचार के

सोच बिचार कर

सोच आना

दिल में ख़्याल, फ़िक्र या तरद्दुद पैदा होना

सोच लेना

समझ लेना, ग़ौर कर लेना

सोच-साच

सोच, विचार, चिंता

सोच में पड़ना

फ़िक्रमंद होना, मुतफ़क्किर हो जाना

सोच में डूबना

रुक : सोच में पड़ना

स्विच-बोर्ड

सोच में आना

फ़िक्रमंद होना, मुतफ़क्किर हो जाना

सोच के धारे

ख़्यालात के पहलू, विचारों अथवा सोच के पहलू

सोचा-समझा

समझा बूझा, सोचा-विचारा, सोच-समाझ कर किया हुआ, ध्यानपूर्वक किया हुआ

सोचना-साचना

सूचना, ग़ौर करना

सोचना जी मोचना

चिंता दिल को चिंतित करती है

स्विच ऑफ़ करना

बिजली का बटन बंद करना

सौचना

सूचित

जिसकी सूचना दी गई हो, जताया हुआ, बताया हुआ, कहा हुआ, ज्ञापित, प्रकाशित

सूचेत

होशयार, चौकन्ना

सौ छुपाएं

हर चंद छुपाएँ, चाहे जिस क़द्र छुपाएँ, किसी तरह छुपाएँ, हज़ार छुपाएँ

अन-सोच

बनिये का बेटा कुछ सोच कर ही गिरता है

चालाक या स्वार्थसाधक का कोई कार्य लाभ से ख़ाली नहीं होता

बात सोच समझ के

मुद्दे के हर पहलू पर विचार करके, मुद्दे के उतार-चढ़ाव को देखकर

'अक़्ल बढ़े सोच से, रोटी बढ़े लोच से

सोचने से अक़ल में इज़ाफ़ा होता है और आटे में लोच हो तो रोटी बटी बनती है

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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