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लिखे

write

लिखे मूसा पढ़े ख़ुद आप

जिस का लिखा हुआ पढ़ा न जाए उसके संबंध में कहते हैं

लिखे ईसा, पढ़े मूसा

बुरी हस्तलिपि वाला है, स्वयं अपना लिखा नहीं पढ़ सकता

लिखे को मिटाना

क़िस्मत के लिखे को दूर करना

लिखे का मुरब्बा

۔ ایک قسمکا مُربّا جس میں لچھے ہوتے ہیں۔ ؎

लिखे मूसा पढ़े ख़ुदा

ऐसी लिखावट के संबंधित प्रयुक्त जो किसी से पढ़ी न जाए

लिखे मसाहत न मिटे बादशाहत

इस्तिहकाम सलतनत के लिए मुलक की पैमा यश कराना और महिकमा-ए-बंद-ओ-बस्त क़ायम करना बहुत ज़रूरी है

लिखे न पढ़े नाम मोहम्मद फ़ाज़िल

अनुचित नाम, नाम बड़ा एवं काम ख़राब

लिखे न पढ़े दूध मारे कढ़े

गुण कीच नहीं मगर मौज-मस्ती करता है

लिखे को रोना

क़िस्मत का गला या शिकवा करना

लीखें

nits, eggs of louse

लीखें पड़ना

सिर में छोटे जूँएँ पैदा होना

अन-लिखे

अलिखित, जो लिखा न गया हो, जो केवल मौखिक हो, सादा

थोड़े लिखे को बहुत समझना

रुक : थोड़ा लिखा बहुत जानना या समझना

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

थोड़े लिखे को बहुत जानना

रुक : थोड़ा लिखा बहुत जानना या समझना

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता

भाग्य का लिखा पूरा हो कर रहता है, भाग्य कोई नहीं बदल सकता

पढ़े न लिखे नाम बिद्या धर

जो जानता कुछ ना हो और जताता बहुत कुछ हो , कमइलम ताली करने वाले की निसबत कहते हैं , नीज़ ऐसा शख़्स जो अपने पेशे में तो मशहूर हो मगर इस काम का सलीक़ा इस में ना हो

पढ़े न लिखे नाम मोहम्मद फ़ाज़िल

allusion to an ignorant person posing as educated or someone known in his profession but with little real talent

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

केहू के जेठ पूत, केहू के लीखे कनवा

कोई उसे बड़ा बच्चा समझता है, कोई उसे बच्चा ख़याल करता है, कोई अपनी औलाद को अगरचे बच्चा ही हो अक़्लमंद समझता है, दूसरे नादान समझते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में लिखे मूसा पढ़े ख़ुदा के अर्थदेखिए

लिखे मूसा पढ़े ख़ुदा

likhe muusaa pa.Dhe KHudaaلِکھے مُوسیٰ پَڑھے خُدا

कहावत

लिखे मूसा पढ़े ख़ुदा के हिंदी अर्थ

  • ऐसी लिखावट के संबंधित प्रयुक्त जो किसी से पढ़ी न जाए
  • ऐसी महीन या ख़राब लेखन लिखना कि अपने अलावा दूसरा न पढ़ सके
  • ख़ुदा ही मूसा के लिखे को पढ़ सकता है

    विशेष मूसा= (1) पैग़ंबर । (2) बाल जैसा महीन (मू+सा) ख़ुदा= (1) ईश्वर। (2) ख़ुद आकर (खुद+आ)

English meaning of likhe muusaa pa.Dhe KHudaa

  • illegible handwriting

لِکھے مُوسیٰ پَڑھے خُدا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایسی تحریر کی نسبت مستعمل جو کسی سے پڑھی نہ جائے
  • ایسی باریک یا خراب تحریر لکھنا کہ اپنے سوا دوسرا نہ پڑھ سکے
  • خدا ہی موسیٰ کے لکھے کو پڑھ سکتا ہے

Urdu meaning of likhe muusaa pa.Dhe KHudaa

  • Roman
  • Urdu

  • a.isii tahriir kii nisbat mustaamal jo kisii se pa.Dhii na jaaye
  • a.isii baariik ya Kharaab tahriir likhnaa ki apne sivaa duusraa na pa.Dh sake
  • Khudaa hii muusaa ke likhe ko pa.Dh saktaa hai

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लिखे मूसा पढ़े ख़ुद आप

जिस का लिखा हुआ पढ़ा न जाए उसके संबंध में कहते हैं

लिखे ईसा, पढ़े मूसा

बुरी हस्तलिपि वाला है, स्वयं अपना लिखा नहीं पढ़ सकता

लिखे को मिटाना

क़िस्मत के लिखे को दूर करना

लिखे का मुरब्बा

۔ ایک قسمکا مُربّا جس میں لچھے ہوتے ہیں۔ ؎

लिखे मूसा पढ़े ख़ुदा

ऐसी लिखावट के संबंधित प्रयुक्त जो किसी से पढ़ी न जाए

लिखे मसाहत न मिटे बादशाहत

इस्तिहकाम सलतनत के लिए मुलक की पैमा यश कराना और महिकमा-ए-बंद-ओ-बस्त क़ायम करना बहुत ज़रूरी है

लिखे न पढ़े नाम मोहम्मद फ़ाज़िल

अनुचित नाम, नाम बड़ा एवं काम ख़राब

लिखे न पढ़े दूध मारे कढ़े

गुण कीच नहीं मगर मौज-मस्ती करता है

लिखे को रोना

क़िस्मत का गला या शिकवा करना

लीखें

nits, eggs of louse

लीखें पड़ना

सिर में छोटे जूँएँ पैदा होना

अन-लिखे

अलिखित, जो लिखा न गया हो, जो केवल मौखिक हो, सादा

थोड़े लिखे को बहुत समझना

रुक : थोड़ा लिखा बहुत जानना या समझना

कोई तक़दीर के लिखे को नहीं मिटा सकता

किसी को ये क़ुदरत नहीं कि नविश्ता-ए-तक़दीर को बदल दे, क़िस्मत को कोई नहीं बदल सकता

थोड़े लिखे को बहुत जानना

रुक : थोड़ा लिखा बहुत जानना या समझना

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

क़िस्मत के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता

भाग्य का लिखा पूरा हो कर रहता है, भाग्य कोई नहीं बदल सकता

पढ़े न लिखे नाम बिद्या धर

जो जानता कुछ ना हो और जताता बहुत कुछ हो , कमइलम ताली करने वाले की निसबत कहते हैं , नीज़ ऐसा शख़्स जो अपने पेशे में तो मशहूर हो मगर इस काम का सलीक़ा इस में ना हो

पढ़े न लिखे नाम मोहम्मद फ़ाज़िल

allusion to an ignorant person posing as educated or someone known in his profession but with little real talent

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

केहू के जेठ पूत, केहू के लीखे कनवा

कोई उसे बड़ा बच्चा समझता है, कोई उसे बच्चा ख़याल करता है, कोई अपनी औलाद को अगरचे बच्चा ही हो अक़्लमंद समझता है, दूसरे नादान समझते हैं

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