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झोंपड़ी

छोटा झोंपड़ा, छपरा, छोटा सा छप्पर, छपरिया

झोंपड़ी में रहे, महलों का ख़्वाब देखे

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

झोंपड़ी में महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना

झोंपड़े

झोंपड़ा

झोंपड़ा

घास-फूस से छाया हुआ छोटा कच्चा घर, मिट्टी से बना हुआ घर

झोंपड़ा बढ़ाना

सर के बालून का बहुत बढ़ा लेना, हजामत बढ़ा लेना

झोंपड़ी छाना

घास-फूस का घर बनाना, झोपड़ी बनाना

झोंपड़े का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना . भला बेटी

झोंपड़े में बैठ के महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना, उन्नति फ़ुर्सत

झोंपड़ा डालना

कच्चे या फूस का घर बनाना, किसी जगह छप्पर डाल कर रहना

लात मारी झोंपड़ी चूल्हे मियाँ सलाम

इधर-उधर मारा-मारा फिरनेवालों के मुताल्लिक़ कहते हैं, जिनका घरबार नहीं होता

झगड़े का झोंपड़ा

झगड़े या लड़ाई का कारण या बुनियाद, फ़साद की जड़

चूतड़ को लगी धूपड़ी , बला छावे झोंपड़ी

जो लोग सामयिक आवश्यकता समाप्त हो जाने पर भविष्य में ऐसे अवसर के लिए चिंता एवं प्रबंध नहीं करते, उनके लिए यह कहावत कहते हैं

गुज़ारे का झोंपड़ा

वह मकान जिसमें मुश्किल और परेशानी से गुज़र औक़ात हो, दिन कटने का मकान

आग लगा झोंपड़ा जो निकले सो ले, आग लगे झोंपड़े जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

रहे झोंपड़े में, ख़्वाब देखे महलों का

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक

लापरवाह लोगों को अपनी हानि करने में कोई विलम्ब नहीं होता

गुज़र गई गुज़रान, क्या झोंपड़ी क्या मैदान

जब ज़िंदगी गुज़र गई तो ये सोचना हमाक़त है कि अच्छी गुज़री या बुरी, जब उम्र का बड़ा हिस्सा गुज़र चुका है तो अच्छा बुरा बराबर है

रहें झोंपड़े में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

अपने झोंपड़े की ख़ैर माँगो

अपने कुशल क्षेम की प्रार्थना करो, अपने बचाव का प्रयास करो, अपनी कुशल मनाओ फिर दूसरे की चिंता करना

रहने को झोंपड़े नहीं , ख़्वाब देखे महलों के

झोंपड़ा मयस्सर आता नहीं दिल में ख़्याल महलों का उभरा हुआ है, मुफ़लिसी में उमनग-ए-तो एंग्री है

ख़स का झोंपड़ा

घास फूस के छप्पर की छत का मकान, मामूली घर, झोंपड़ी

ले पड़ोसन झोंपड़ा नित उठ करती राड़ आधा बगड़ बुहारती सारा बगड़ बुहार

(अविर) लड़ाका और झगड़ालू हमसाए से अलग होते वक़्त कहती हैं कि तो हमेशा तकरार फ़साद करता था अब तो ही रह ए पड़ोसन झोंपड़ी सँभाल, तो रोज़ झगड़ती थी अब आधी के बजाय सारी सँभाल

ले पड़ोसन झोंपड़ा नित उठ करती राड़ आधा बगड़ बुहारती सारा बगड़ बुहार

(अविर) लड़ाका और झगड़ालू हमसाए से अलग होते वक़्त कहती हैं कि तो हमेशा तकरार फ़साद करता था अब तो ही रह ए पड़ोसन झोंपड़ी सँभाल, तो रोज़ झगड़ती थी अब आधी के बजाय सारी सँभाल

गुज़र गई गुज़रान, क्या झोंपड़ी क्या मकान

जब ज़िंदगी गुज़र गई तो ये सोचना हमाक़त है कि अच्छी गुज़री या बुरी, जब उम्र का बड़ा हिस्सा गुज़र चुका है तो अच्छा बुरा बराबर है

रहने को झोंपड़े नहीं, ख़्वाब देखें महलों का

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

अपनी चिलम भरने को कसी का झोंपड़ा जलाना

थोड़े से व्यक्तिगत लाभ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा नुक़सान करना

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

देख बेगानी झोपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

देख बिगानी झोंपड़ी मत तरसावे जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

रुक : देख बग्गानी चमड़ी मत अलख

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में लात मारी झोंपड़ी चूल्हे मियाँ सलाम के अर्थदेखिए

लात मारी झोंपड़ी चूल्हे मियाँ सलाम

laat maarii jho.npa.Dii chuulhe miyaa.n salaamلات ماری جھونپڑی چولھے میاں سلام

कहावत

लात मारी झोंपड़ी चूल्हे मियाँ सलाम के हिंदी अर्थ

  • इधर-उधर मारा-मारा फिरनेवालों के मुताल्लिक़ कहते हैं, जिनका घरबार नहीं होता

لات ماری جھونپڑی چولھے میاں سلام کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • آورہ گرد قوموں کے متعلق کہتے ہیں، جن کا گھر بار نہیں ہوتا

Urdu meaning of laat maarii jho.npa.Dii chuulhe miyaa.n salaam

  • Roman
  • Urdu

  • aavraa gard qaumo.n ke mutaalliq kahte hain, jin ka ghar baar nahii.n hotaa

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झोंपड़ी

छोटा झोंपड़ा, छपरा, छोटा सा छप्पर, छपरिया

झोंपड़ी में रहे, महलों का ख़्वाब देखे

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

झोंपड़ी में महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना

झोंपड़े

झोंपड़ा

झोंपड़ा

घास-फूस से छाया हुआ छोटा कच्चा घर, मिट्टी से बना हुआ घर

झोंपड़ा बढ़ाना

सर के बालून का बहुत बढ़ा लेना, हजामत बढ़ा लेना

झोंपड़ी छाना

घास-फूस का घर बनाना, झोपड़ी बनाना

झोंपड़े का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना . भला बेटी

झोंपड़े में बैठ के महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना, उन्नति फ़ुर्सत

झोंपड़ा डालना

कच्चे या फूस का घर बनाना, किसी जगह छप्पर डाल कर रहना

लात मारी झोंपड़ी चूल्हे मियाँ सलाम

इधर-उधर मारा-मारा फिरनेवालों के मुताल्लिक़ कहते हैं, जिनका घरबार नहीं होता

झगड़े का झोंपड़ा

झगड़े या लड़ाई का कारण या बुनियाद, फ़साद की जड़

चूतड़ को लगी धूपड़ी , बला छावे झोंपड़ी

जो लोग सामयिक आवश्यकता समाप्त हो जाने पर भविष्य में ऐसे अवसर के लिए चिंता एवं प्रबंध नहीं करते, उनके लिए यह कहावत कहते हैं

गुज़ारे का झोंपड़ा

वह मकान जिसमें मुश्किल और परेशानी से गुज़र औक़ात हो, दिन कटने का मकान

आग लगा झोंपड़ा जो निकले सो ले, आग लगे झोंपड़े जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

रहे झोंपड़े में, ख़्वाब देखे महलों का

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

आई मौज फ़क़ीर की दिया झोंपड़ा फूँक

लापरवाह लोगों को अपनी हानि करने में कोई विलम्ब नहीं होता

गुज़र गई गुज़रान, क्या झोंपड़ी क्या मैदान

जब ज़िंदगी गुज़र गई तो ये सोचना हमाक़त है कि अच्छी गुज़री या बुरी, जब उम्र का बड़ा हिस्सा गुज़र चुका है तो अच्छा बुरा बराबर है

रहें झोंपड़े में ख़्वाब देखें महलों का

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई शख़्स मुफ़लिस और मजबूर हो और तो नगरों की बातें करे

अपने झोंपड़े की ख़ैर माँगो

अपने कुशल क्षेम की प्रार्थना करो, अपने बचाव का प्रयास करो, अपनी कुशल मनाओ फिर दूसरे की चिंता करना

रहने को झोंपड़े नहीं , ख़्वाब देखे महलों के

झोंपड़ा मयस्सर आता नहीं दिल में ख़्याल महलों का उभरा हुआ है, मुफ़लिसी में उमनग-ए-तो एंग्री है

ख़स का झोंपड़ा

घास फूस के छप्पर की छत का मकान, मामूली घर, झोंपड़ी

ले पड़ोसन झोंपड़ा नित उठ करती राड़ आधा बगड़ बुहारती सारा बगड़ बुहार

(अविर) लड़ाका और झगड़ालू हमसाए से अलग होते वक़्त कहती हैं कि तो हमेशा तकरार फ़साद करता था अब तो ही रह ए पड़ोसन झोंपड़ी सँभाल, तो रोज़ झगड़ती थी अब आधी के बजाय सारी सँभाल

ले पड़ोसन झोंपड़ा नित उठ करती राड़ आधा बगड़ बुहारती सारा बगड़ बुहार

(अविर) लड़ाका और झगड़ालू हमसाए से अलग होते वक़्त कहती हैं कि तो हमेशा तकरार फ़साद करता था अब तो ही रह ए पड़ोसन झोंपड़ी सँभाल, तो रोज़ झगड़ती थी अब आधी के बजाय सारी सँभाल

गुज़र गई गुज़रान, क्या झोंपड़ी क्या मकान

जब ज़िंदगी गुज़र गई तो ये सोचना हमाक़त है कि अच्छी गुज़री या बुरी, जब उम्र का बड़ा हिस्सा गुज़र चुका है तो अच्छा बुरा बराबर है

रहने को झोंपड़े नहीं, ख़्वाब देखें महलों का

असमर्थता में सामर्थ वालों की सी रेस करना, निर्धनता में अमीरी की चेष्टा

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

अपनी चिलम भरने को कसी का झोंपड़ा जलाना

थोड़े से व्यक्तिगत लाभ के लिए दूसरे का बहुत बड़ा नुक़सान करना

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

देख बेगानी झोपड़ी मत तरसाओ जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

यह कहावत लालची आदमी के प्रति कहते हैं

देख बिगानी झोंपड़ी मत तरसावे जी, रूखी सूखी खा के ठंडा पानी पी

रुक : देख बग्गानी चमड़ी मत अलख

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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