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"खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है" शब्द से संबंधित परिणाम

'आरज़ी

अस्थायी, क्षणिक, अस्थिर, थोड़ी देर का

'आरज़ी-क़त'ई

(क़ानून) निश्चित रूप से आपत्ति जताने वाला, यक़ीनी तौर पर विरोध करने वाला

'आर्ज़ी हुकूमत

अल्पकालीन सरकार, चंद रोज़ा हुकूमत ,(लाक्षणिक) वो सरकार जो कुछ वक़्त के लिए बनायी जाये

मिज़ाज-ए-'आरज़ी

सुकून-ए-'आरज़ी

थोड़े दिनों का इत्मीनान, अस्थायी संतोष ।।

तजनीस-ए-'आरज़ी

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

raze

ढाना

रज़ा

ख़ुशी, किसी काम या बात की ओर होने वाली प्रवृत्ति या रुचि

रज़ी

पसंदीदा, मन पसंद, ख़ुश करने वाला

रज़ाई

रंगीन अब्रे और अस्तर के बीच में रूई भरा और गोट लगा ओढ़ने का एक कपड़ा, रूई भरी दुलाई, लिहाफ़, लिबादा, सोड़, गुदड़ी

'अर्ज़ा

एक बार ज़ाहिर करना, एक बार सामने रखना।।

'अर्ज़ी

लिखित प्रार्थनापत्र, प्रार्थनापत्र, आवेदन या निवेदन-पत्र जो लिखित रूप में दिया जाए

रेज़ा

कण, दाना, ज़र्रा, संख्या

रज़ी'

दूध पीता (बच्चा)

रेज़ा

टुकड़ा, पारचा, पुर्ज़ा

रोज़ा तुड़वाना

किसी का रोज़ा बातिल करना

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

मिल गई तो रोज़ी वर्ना रोज़ा

अगर मज़दूरी या काम से उजरत हासिल होगई तो गुज़ारा हो जाएगा वर्ना भूका रहना पड़ेगा

'अर्ज़ी दाग़ देना

दरख़ास्त और आवेदन पेश कर देना, लिखित आवेदन करना, मुलाज़मत और नौकरी का उम्मीदवार होना

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

मुँह धोवे, रोज़े खोवे

रिंदों, बे नमाज़ों का मक़ूला है

रोज़े छुड़ाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

रोज़ी पकड़ना

आजीविक प्राप्त करना, रोज़गार पाना

नमाज़ें बख़्शवाते उल्टे रोज़े गले पड़ी

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे अलख

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

रोज़े बख़्शवाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

नमाज़ बख़्शवाने आए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

बंदा आई रोज़ी गया बंदा गई रोज़ी

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

रोज़ा चढ़ता

(लखनऊ) रुक : रोज़ा उछलना

रोज़ा ताेड़ना

कुछ ऐसा करना जो उपवास को अमान्य करता है, उपवास को अमान्य करता है, ऐसा काम करना जिस से रोज़ा टूट जाए, रोज़ा फ़ासिद करना

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

रोज़ा छुड़ाने गए थे नमाज़ गले पड़ी

जब एक संकट से बचने के प्रयास में दूसरी संकट खड़ी हो जाती है तो उस समय कहते हैं

दिमाग़ी-'आरिज़ा

रोज़ी नहीं तो रोज़ा

रोज़गार की तदबीर ना निकली तो फ़ाक़ा, मुआमला आर या पार होने या किसी हतमी नतीजा के लिए ती्यार होने के मौक़ा पर मुस्तामल

दरिया में 'अरीज़ा देना

तुम से मैं राज़ी मेरा ख़ुदा राज़ी

मेरे दिल में तुम्हारी ओर से कोई कष्ट या द्वेष नहीं

मुलाक़ात-ए-चंद रोज़ा

दो चार रोज़ की मुलाक़ात, अस्थिर दोस्ती, अस्थायी या गै़र-स्थायी मेल मिलाप

हम राज़ी हमारा ख़ुदा राज़ी

रुक : हम ख़ुश हमारा ख़ुदा ख़ुश

कड़े-रोज़े

सख़्त रोज़े, वह रोज़े जिन में दिन बड़ा हो और मौसम गर्म हो

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता अर्थात एक काम तो पहले ही पल्ले था अब दूसरा भी पेश आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

रोज़ा रोज़ रोज़ , बंदा चंद रोज़

रोज़ा तो हमेशा रहेगा लेकिन बंदा चंद रोज़ का मेहमान है बाअज़ लोग जब रोज़ा रखना नहीं चाहते तो कहते हैं

गए थे नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

दीद-बाज़ी रब राज़ी

रिया कार बनावटी सूफीयों का नारा जिस की आड़ में अपनी ताक झान, नज़रबाज़ी का जवाज़ पैदा करते हैं, ताक झान और नज़रबाज़ी को रुहानी गज़ा क़रार देना

'आरिज़ा

रोग, बीमारी, व्याधि, आमय, व्पसन, लत

आई रोज़ी नहीं तो रोज़ा

कुछ मिल गया तो खा पी लिया नहीं तो भूखा रह गया, भरोसे और संतोष पर गुज़र बसर है

दीदार बाज़ी ख़ुदा राज़ी

ई आदमी, ताड़बाज़ी की हिमायत में कहते हैं

नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़ गए

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

दिन में सोवे, रोज़ी खोवे

जो दिन को काम न करे उस का जीवन कठिनता में रहता है

नमाज़ बख्शवाने गए थे , रोज़े गले पड़ गए

शश-'ईद के रोज़े

छः रोज़े जो ईद के बाद से लगातार तीन दिन तक रखे जाते हैं, कहते हैं इन छः रोज़ों का पुण्य साल भर के रोज़ों के बराबर होता है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

राज़ी ब-रज़ा होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है के अर्थदेखिए

खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है

khoTaa beTaa khoTaa paisaa baa'z vaqt kaam aa jaataa haiکھوٹا بیٹا کھوٹا پَیسا بَعْض وَقْت کام آ جاتا ہے

अथवा : खोटा पैसा बुरे वक़्त में काम आता है, खोटा पैसा भी बुरे वक़्त में काम आता है, खोटा पैसा बुरे वक़्त पर काम आता है, खोटा पैसा बुरे वक़्त के काम आता है, बुरा बेटा और खोटा पैसा वक़्त पर काम आता है, खोटा बेटा खोटा पैसा वक़्त पर काम आ जाता है, खोटा पैसा भी बुरे वक़्त में काम आता है, खोटा पैसा भी कभी काम आता है, खोटा पैसा भी काम आता है

कहावत, कहावत, कहावत

खोटा बेटा खोटा पैसा बा'ज़ वक़्त काम आ जाता है के हिंदी अर्थ

  • ज़रूरत के वक़्त नाकारा और निकम्मी चीज़ भी काम आ जाती है, किसी वस्तु को निकम्मी समझकर मत फेंको, किसी समय वह भी काम आ सकती है
  • खोटा पैसा बुरे वक़्त के काम आता है
  • ऐबदार चीज़ से भी कभी कभी ख़ूब काम निकलता है, जाना-पहचाना हुआ शत्रू अनजाने मित्र से ज़ियादा बेहतर और लाभदायक होता है

English meaning of khoTaa beTaa khoTaa paisaa baa'z vaqt kaam aa jaataa hai

  • even rejected things sometimes prove useful

Roman

کھوٹا بیٹا کھوٹا پَیسا بَعْض وَقْت کام آ جاتا ہے کے اردو معانی

  • ضرورت کے وقت ناکارہ اور نکمّی چیز بھی کام آجاتی ہے، کسی چیز کو نکمّی سمجھ کر مت پھینکو، کسی وقت وہ بھی کام آ سکتی ہے
  • کھوٹا پیسا بُرے وقت کے کام آتا ہے
  • عیب دار چیز سے بھی بعض وقت خوب کام نکلتا ہے، یگانہ دُشمن بیگانہ دوست سے بہتر اور کارآمد ہوتا ہے

Urdu meaning of khoTaa beTaa khoTaa paisaa baa'z vaqt kaam aa jaataa hai

  • zaruurat ke vaqt naakaara aur nikammii chiiz bhii kaam aajaatii hai, kisii chiiz ko nikammii samajh kar mat phenko, kisii vaqt vo bhii kaam aa saktii hai
  • khoTa paisaa bure vaqt ke kaam aataa hai
  • a.ibdaar chiiz se bhii baaaz vaqt Khuub kaam nikaltaa hai, yagaana dushman begaana dost se behtar aur kaaraamad hotaa hai

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'आरज़ी

अस्थायी, क्षणिक, अस्थिर, थोड़ी देर का

'आरज़ी-क़त'ई

(क़ानून) निश्चित रूप से आपत्ति जताने वाला, यक़ीनी तौर पर विरोध करने वाला

'आर्ज़ी हुकूमत

अल्पकालीन सरकार, चंद रोज़ा हुकूमत ,(लाक्षणिक) वो सरकार जो कुछ वक़्त के लिए बनायी जाये

मिज़ाज-ए-'आरज़ी

सुकून-ए-'आरज़ी

थोड़े दिनों का इत्मीनान, अस्थायी संतोष ।।

तजनीस-ए-'आरज़ी

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

दुनिया 'आरज़ी ठिकाना है

दुनिया बेसबात है, ज़िंदगी को दवाम हासिल नहीं

raze

ढाना

रज़ा

ख़ुशी, किसी काम या बात की ओर होने वाली प्रवृत्ति या रुचि

रज़ी

पसंदीदा, मन पसंद, ख़ुश करने वाला

रज़ाई

रंगीन अब्रे और अस्तर के बीच में रूई भरा और गोट लगा ओढ़ने का एक कपड़ा, रूई भरी दुलाई, लिहाफ़, लिबादा, सोड़, गुदड़ी

'अर्ज़ा

एक बार ज़ाहिर करना, एक बार सामने रखना।।

'अर्ज़ी

लिखित प्रार्थनापत्र, प्रार्थनापत्र, आवेदन या निवेदन-पत्र जो लिखित रूप में दिया जाए

रेज़ा

कण, दाना, ज़र्रा, संख्या

रज़ी'

दूध पीता (बच्चा)

रेज़ा

टुकड़ा, पारचा, पुर्ज़ा

रोज़ा तुड़वाना

किसी का रोज़ा बातिल करना

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

मिल गई तो रोज़ी वर्ना रोज़ा

अगर मज़दूरी या काम से उजरत हासिल होगई तो गुज़ारा हो जाएगा वर्ना भूका रहना पड़ेगा

'अर्ज़ी दाग़ देना

दरख़ास्त और आवेदन पेश कर देना, लिखित आवेदन करना, मुलाज़मत और नौकरी का उम्मीदवार होना

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

मुँह धोवे, रोज़े खोवे

रिंदों, बे नमाज़ों का मक़ूला है

रोज़े छुड़ाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

रोज़ी पकड़ना

आजीविक प्राप्त करना, रोज़गार पाना

नमाज़ें बख़्शवाते उल्टे रोज़े गले पड़ी

रुक : नमाज़ छुड़ाने गए थे अलख

गए नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

रोज़े बख़्शवाने गए नमाज़ गले पड़ी

जब एक आफ़त से बचने की तदबीर या फ़िक्र में एक दूसरी आफ़त सर पड़ जाये तो बोलते हैं

नमाज़ बख़्शवाने गए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

नमाज़ बख़्शवाने आए, रोज़े गले पड़े

एक काम से पीछा छुड़ाने की कोशिश की, दूसरा इस से मुश्किल ज़िम्मे आ पड़े तो कहते हैं

बंदा आई रोज़ी गया बंदा गई रोज़ी

क़ाज़ी ब दो गवाह राज़ी

शरी'अत के हिसाब से दो गवाहों से मुक़द्दमे का फ़ैसला हो जाता है

रोज़ा चढ़ता

(लखनऊ) रुक : रोज़ा उछलना

रोज़ा ताेड़ना

कुछ ऐसा करना जो उपवास को अमान्य करता है, उपवास को अमान्य करता है, ऐसा काम करना जिस से रोज़ा टूट जाए, रोज़ा फ़ासिद करना

तन्हा पेश क़ाज़ी रवी राज़ी शवी

गए थे रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी

रुक : गए थे नमाज़ बख़॒श॒वाने रोज़े गले पड़ गए, एक काम से जान छुड़ाते छुड़ाते एक और काम मिल जाये तो कहते हैं

रोज़ा छुड़ाने गए थे नमाज़ गले पड़ी

जब एक संकट से बचने के प्रयास में दूसरी संकट खड़ी हो जाती है तो उस समय कहते हैं

दिमाग़ी-'आरिज़ा

रोज़ी नहीं तो रोज़ा

रोज़गार की तदबीर ना निकली तो फ़ाक़ा, मुआमला आर या पार होने या किसी हतमी नतीजा के लिए ती्यार होने के मौक़ा पर मुस्तामल

दरिया में 'अरीज़ा देना

तुम से मैं राज़ी मेरा ख़ुदा राज़ी

मेरे दिल में तुम्हारी ओर से कोई कष्ट या द्वेष नहीं

मुलाक़ात-ए-चंद रोज़ा

दो चार रोज़ की मुलाक़ात, अस्थिर दोस्ती, अस्थायी या गै़र-स्थायी मेल मिलाप

हम राज़ी हमारा ख़ुदा राज़ी

रुक : हम ख़ुश हमारा ख़ुदा ख़ुश

कड़े-रोज़े

सख़्त रोज़े, वह रोज़े जिन में दिन बड़ा हो और मौसम गर्म हो

नमाज़ को गए रोज़ा गले पड़ा

एक चिंता अर्थात एक काम तो पहले ही पल्ले था अब दूसरा भी पेश आ गया

रोज़े को गए नमाज़ गले पड़ी

रुक : रोज़े छुराने गए नमाज़ गले पड़ी

रोज़ा रोज़ रोज़ , बंदा चंद रोज़

रोज़ा तो हमेशा रहेगा लेकिन बंदा चंद रोज़ का मेहमान है बाअज़ लोग जब रोज़ा रखना नहीं चाहते तो कहते हैं

गए थे नमाज़ बख्शवाने , रोज़े गले पड़े

पेश क़ाज़ी रवी राज़ी आई

दीद-बाज़ी रब राज़ी

रिया कार बनावटी सूफीयों का नारा जिस की आड़ में अपनी ताक झान, नज़रबाज़ी का जवाज़ पैदा करते हैं, ताक झान और नज़रबाज़ी को रुहानी गज़ा क़रार देना

'आरिज़ा

रोग, बीमारी, व्याधि, आमय, व्पसन, लत

आई रोज़ी नहीं तो रोज़ा

कुछ मिल गया तो खा पी लिया नहीं तो भूखा रह गया, भरोसे और संतोष पर गुज़र बसर है

दीदार बाज़ी ख़ुदा राज़ी

ई आदमी, ताड़बाज़ी की हिमायत में कहते हैं

नमाज़ छुड़ाने गए थे रोज़े गले पड़ गए

एक काम से पीछा छुड़ाना चाहा दूसरे का भार सर पर आ गया

दिन में सोवे, रोज़ी खोवे

जो दिन को काम न करे उस का जीवन कठिनता में रहता है

नमाज़ बख्शवाने गए थे , रोज़े गले पड़ गए

शश-'ईद के रोज़े

छः रोज़े जो ईद के बाद से लगातार तीन दिन तक रखे जाते हैं, कहते हैं इन छः रोज़ों का पुण्य साल भर के रोज़ों के बराबर होता है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

गए थे नमाज़ बख़्शवाने उल्टे रोज़े गले पड़े

एक मुश्किल से बचना चाहा, दूसरी मुश्किल इस से ज़्यादा आ पड़ी, एक काम से उज़्र किया दूसरा काम और सपुर्द हुआ, उलट लेने के देने पड़ गए

राज़ी ब-रज़ा होना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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