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फूहड़

अश्लील

फूहड़ी

رک : پھوہڑی معنی۲، ۳ ۔

फूहड़ा

رک : پھوہڑ جس کی یہ تذکیر ہے۔

फूहड़-पन

फूहड़ होने की अवस्था या भाव

फूहड़ की खीर

(लाक्षणिक) कोई काम जो अशिष्टता से किया गया हो

फूहड़ दर्ज़ी , लम्बा डोरा

फूहड़ इंसान हमेशा काम ख़राब करता है

फूहड़ चाले नौ घर हाले

फूहड़ घर से निकले तो लोग घबराते हैं क्यूँ कि वो हर जगह मूर्खता की बात करती है

फूहड़ चले तो घर हिले

रुक : फूहड़ चाले नौ घर हाले

फूहड़ सीने बैठे तब सूई तोड़े

निर्गुण स्त्री काम में हानि करती है

फूहड़ का माल हँस हँस खाओ

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

फूहड़ करे सिंगार माँग ईंटों से फोड़े

मूर्ख स्त्री के पास समय पड़ने पर कोई चीज़ नहीं निकलती इसलिये उसे अनुचित चीज़ें प्रयोग करनी पड़ती हैं

फूहड़ की छाड़ू सुघड़ का लीपा दोनों छुपते नहीं

बद सलीक़ा और ख़ुशसलीक़ा का काम ख़ुद बोल उठता है

फूहड़ के घर उगी चंबेरी, गोबर माँड उसी पर गेरी

फूहड़ महिला की मूर्खता प्रकट करने के लिए कहते हैं

फूहड़ के घर खिड़की लगी सब कुत्तों को चिन्ता पड़ी, बाँडा कुत्ता पाँचे सौन लगी तो है पर देगा कौन

फूहड़ महिला के घर में दरवाज़ा लगा तो कुत्तों को फ़िक्र पड़ी परंतु एक बे-दुम अर्थात लंडूरे कुत्ते ने कहा कि दरवाज़ा लगा तो है उसे बंद कौन करेगा

मुँह का फूहड़

जिसे बात करने की आचरण न हो, बदलगाम, मुँह-फट

आए चैत सहावन फूहड़ मैल छुड़ावन

گندی عورت کے متعلق کہتے ہیں کہ پسینہ آئے تو اس کا بدن صاف ہو

दिन दीसे न फूहड़ पीसे

फवीड़ि और बदसलीक़ा औरत और औरत की काहिली की निसबत कहते हैं

सुघड़ की झाड़ू , फूहड़ का बच्चा

रुक : सुघड़ की झाड़ू फूहड़ का लीपा जो असल कहावत है

सुघड़ की झाड़ू फूहड़ का लीपा

सलीक़ा मंद की सफ़ाई और बदसलीक़ा की लिपाई छिपी नहीं रहती, सुघड़ का सुघड़ पन और फूहड़ का फूहड़पन ज़ाहिर होजाता है

करनी न कर्तूत फूहड़ लड़ने को मज़बूत

मुफ़्त में डींग और चिड़चिड़ापन प्रकट करना, काम कुछ हो नहीं सकता लड़ने को तैयार रहते हैं

बद्ली में दिन न दीसे फूहड़ बैठी पीसे

मूर्ख एवं असभ्यय अवसर नहीं देखता और ग़फ़लत के कारण से काम उस समय आरंभ करता है जब समय निकल जाता है

ढाक तले की फूहड़ महवे तले की सुघड़

बा सामान हर तरह से बासलीक़ा और बे सामान बदसलीक़ा कहलाता है (मो्वा (महो) फुलदार दरख़्त है और ढाक है फल का) अमीर के सब काम अच्छ्াे मालूम होते हैं

जैसी फूहड़ आप छिनाल , तैसी लगावे कल ब्योहार

बुरा शख़्स दूसरों को भी बुरा बना देता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़सम का सुख सोने को बाबा टी लग कर रोने को के अर्थदेखिए

ख़सम का सुख सोने को बाबा टी लग कर रोने को

KHasam kaa sukh sone ko baabaa Tii lag kar rone koخَصَم کا سُکھ سونے کو بابا ٹی لَگ کَر رونے کو

कहावत

ख़सम का सुख सोने को बाबा टी लग कर रोने को के हिंदी अर्थ

  • रुक : ख़सम क्या सुख सपने को अलख

خَصَم کا سُکھ سونے کو بابا ٹی لَگ کَر رونے کو کے اردو معانی

Roman

  • رک : خصم کیا سُکھ سپنے کو الخ

Urdu meaning of KHasam kaa sukh sone ko baabaa Tii lag kar rone ko

Roman

  • ruk ha Khasam kyaa sukh sapne ko alakh

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फूहड़

अश्लील

फूहड़ी

رک : پھوہڑی معنی۲، ۳ ۔

फूहड़ा

رک : پھوہڑ جس کی یہ تذکیر ہے۔

फूहड़-पन

फूहड़ होने की अवस्था या भाव

फूहड़ की खीर

(लाक्षणिक) कोई काम जो अशिष्टता से किया गया हो

फूहड़ दर्ज़ी , लम्बा डोरा

फूहड़ इंसान हमेशा काम ख़राब करता है

फूहड़ चाले नौ घर हाले

फूहड़ घर से निकले तो लोग घबराते हैं क्यूँ कि वो हर जगह मूर्खता की बात करती है

फूहड़ चले तो घर हिले

रुक : फूहड़ चाले नौ घर हाले

फूहड़ सीने बैठे तब सूई तोड़े

निर्गुण स्त्री काम में हानि करती है

फूहड़ का माल हँस हँस खाओ

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

फूहड़ करे सिंगार माँग ईंटों से फोड़े

मूर्ख स्त्री के पास समय पड़ने पर कोई चीज़ नहीं निकलती इसलिये उसे अनुचित चीज़ें प्रयोग करनी पड़ती हैं

फूहड़ की छाड़ू सुघड़ का लीपा दोनों छुपते नहीं

बद सलीक़ा और ख़ुशसलीक़ा का काम ख़ुद बोल उठता है

फूहड़ के घर उगी चंबेरी, गोबर माँड उसी पर गेरी

फूहड़ महिला की मूर्खता प्रकट करने के लिए कहते हैं

फूहड़ के घर खिड़की लगी सब कुत्तों को चिन्ता पड़ी, बाँडा कुत्ता पाँचे सौन लगी तो है पर देगा कौन

फूहड़ महिला के घर में दरवाज़ा लगा तो कुत्तों को फ़िक्र पड़ी परंतु एक बे-दुम अर्थात लंडूरे कुत्ते ने कहा कि दरवाज़ा लगा तो है उसे बंद कौन करेगा

मुँह का फूहड़

जिसे बात करने की आचरण न हो, बदलगाम, मुँह-फट

आए चैत सहावन फूहड़ मैल छुड़ावन

گندی عورت کے متعلق کہتے ہیں کہ پسینہ آئے تو اس کا بدن صاف ہو

दिन दीसे न फूहड़ पीसे

फवीड़ि और बदसलीक़ा औरत और औरत की काहिली की निसबत कहते हैं

सुघड़ की झाड़ू , फूहड़ का बच्चा

रुक : सुघड़ की झाड़ू फूहड़ का लीपा जो असल कहावत है

सुघड़ की झाड़ू फूहड़ का लीपा

सलीक़ा मंद की सफ़ाई और बदसलीक़ा की लिपाई छिपी नहीं रहती, सुघड़ का सुघड़ पन और फूहड़ का फूहड़पन ज़ाहिर होजाता है

करनी न कर्तूत फूहड़ लड़ने को मज़बूत

मुफ़्त में डींग और चिड़चिड़ापन प्रकट करना, काम कुछ हो नहीं सकता लड़ने को तैयार रहते हैं

बद्ली में दिन न दीसे फूहड़ बैठी पीसे

मूर्ख एवं असभ्यय अवसर नहीं देखता और ग़फ़लत के कारण से काम उस समय आरंभ करता है जब समय निकल जाता है

ढाक तले की फूहड़ महवे तले की सुघड़

बा सामान हर तरह से बासलीक़ा और बे सामान बदसलीक़ा कहलाता है (मो्वा (महो) फुलदार दरख़्त है और ढाक है फल का) अमीर के सब काम अच्छ्াे मालूम होते हैं

जैसी फूहड़ आप छिनाल , तैसी लगावे कल ब्योहार

बुरा शख़्स दूसरों को भी बुरा बना देता है

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