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अनजान

अपरिचित, अजनबी,पहले से न देखा हुआ

अनजान की मिट्टी ख़राब

अनाड़ी सदा हानि उठाता है, अज्ञान कष्ट का कारण होता है और उससे काम नहीं बनता

अनजाने

बिना जाने या समझे हुए

अनजाना

जिसके बारे में कोई जानकारी न हो, अपरिचित, अजनबी, अज्ञात

अनजाने में

inadvertently, unknowingly, unwittingly

अनजान होना

किसी ज्ञात वस्तू के विषय में अज्ञानता का नाटक करना या बहाना करना

अंजान बनना

किसी ज्ञात वस्तू के विषय में अज्ञानता का नाटक करना या बहाना करना, तजाहुले आरिफ़ाना करना

अन-जानी

अनजाना की स्त्रीलिंग

अंजानपन

अज्ञानता, नासमझी

क्या लड़े सूरमा, क्या लड़े अनजान

लड़ने का काम बहादुरों का है या फिर जो मूर्ख होता है वही लड़ाई मोल लेता है

जान कर अनजान हो जाना

इरादतन नावाक़िफ़ बनना, वाक़फ़ीयत के बावजूद ग़ैरियत का इज़हार करना, चंद्राना, मुकराना, दीदा-ओ-दानिस्ता इनकार करना

हाकिम दो जानने वालों में अंजान

मूल घटनाएँ वादी एवं प्रतिवादी को पता होती हैं हाकिम को कुछ मालूम नहीं होता

सार पराई पीड़ की क्या जाने अंजान

दूओसरे की तकलीफ़ का अंदाज़ा नहीं हो सकता, दर्दमंद ही को दर्द का एहसास होता है

सुध बुध ना खो अपनी , बात ले मेरी मान , इस दुनिया रहना नहीं मत हो अंजान

अक़ल नहीं खूनी चाहिए याद रखना चाहिए कि दुनिया फ़ानी है

बनिया मारे जान को, ठग मारे अंजान को

बनिया ठग से भी बढ़ कर लुटेरा है वो तो अपरिचित को लूटता है और बनिया परिचित को

जान कर अंजान बनना

किसी चीज़ से परिचित हो कर अपरिचित होना, किसी चीज़ से वाक़िफ़ होकर नावाक़िफ़ बनना

जान के अंजान होना

feign or pretend ignorance

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़र्च घना और पैदा थोड़ी, किस पर बाँधूँ घोड़ा घोड़ी के अर्थदेखिए

ख़र्च घना और पैदा थोड़ी, किस पर बाँधूँ घोड़ा घोड़ी

KHarch ghanaa aur paidaa tho.Dii, kis par baa.ndhuu.n gho.Daa gho.Diiخَرْچ گَھنا اَور پَیدا تھوڑی، کِس پَر بانْدُھوں گھوڑا گھوڑی

अथवा : ख़र्च घना, पैदा थोड़ी, किस पर बाँधूँ घोड़ा घोड़ी

कहावत

ख़र्च घना और पैदा थोड़ी, किस पर बाँधूँ घोड़ा घोड़ी के हिंदी अर्थ

  • आय कम और ख़र्च अधिक है क्या करूँ, बिना आमदनी के कोई शौक़ भला कैसे किया जा सकता है
  • उस समय बोलते हैं जब कोई नया ख़र्च उठाने को कहे

خَرْچ گَھنا اَور پَیدا تھوڑی، کِس پَر بانْدُھوں گھوڑا گھوڑی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • آمدنی کم اور خرچ زیادہ ہے کیا کروں، بغیر آمدنی کے کوئی شوق آخر کیسے کیا جا سکتا ہے
  • اس موقع پر بولتے ہیں جب کوئی نیا خرچ برداشت کرنے کو کہے

Urdu meaning of KHarch ghanaa aur paidaa tho.Dii, kis par baa.ndhuu.n gho.Daa gho.Dii

  • Roman
  • Urdu

  • aamdanii kam aur Kharch zyaadaa hai kyaa karuun, bagair aamdanii ke ko.ii shauq aaKhir kaise kiya saktaa hay
  • is mauqaa par bolte hai.n jab ko.ii nayaa Kharch bardaasht karne ko kahe

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अनजान

अपरिचित, अजनबी,पहले से न देखा हुआ

अनजान की मिट्टी ख़राब

अनाड़ी सदा हानि उठाता है, अज्ञान कष्ट का कारण होता है और उससे काम नहीं बनता

अनजाने

बिना जाने या समझे हुए

अनजाना

जिसके बारे में कोई जानकारी न हो, अपरिचित, अजनबी, अज्ञात

अनजाने में

inadvertently, unknowingly, unwittingly

अनजान होना

किसी ज्ञात वस्तू के विषय में अज्ञानता का नाटक करना या बहाना करना

अंजान बनना

किसी ज्ञात वस्तू के विषय में अज्ञानता का नाटक करना या बहाना करना, तजाहुले आरिफ़ाना करना

अन-जानी

अनजाना की स्त्रीलिंग

अंजानपन

अज्ञानता, नासमझी

क्या लड़े सूरमा, क्या लड़े अनजान

लड़ने का काम बहादुरों का है या फिर जो मूर्ख होता है वही लड़ाई मोल लेता है

जान कर अनजान हो जाना

इरादतन नावाक़िफ़ बनना, वाक़फ़ीयत के बावजूद ग़ैरियत का इज़हार करना, चंद्राना, मुकराना, दीदा-ओ-दानिस्ता इनकार करना

हाकिम दो जानने वालों में अंजान

मूल घटनाएँ वादी एवं प्रतिवादी को पता होती हैं हाकिम को कुछ मालूम नहीं होता

सार पराई पीड़ की क्या जाने अंजान

दूओसरे की तकलीफ़ का अंदाज़ा नहीं हो सकता, दर्दमंद ही को दर्द का एहसास होता है

सुध बुध ना खो अपनी , बात ले मेरी मान , इस दुनिया रहना नहीं मत हो अंजान

अक़ल नहीं खूनी चाहिए याद रखना चाहिए कि दुनिया फ़ानी है

बनिया मारे जान को, ठग मारे अंजान को

बनिया ठग से भी बढ़ कर लुटेरा है वो तो अपरिचित को लूटता है और बनिया परिचित को

जान कर अंजान बनना

किसी चीज़ से परिचित हो कर अपरिचित होना, किसी चीज़ से वाक़िफ़ होकर नावाक़िफ़ बनना

जान के अंजान होना

feign or pretend ignorance

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

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