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क़ा'इदा

उसूल

क़ा'इदा-दान

नियमों को जानने वाला, रीति-रिवाज आदि से परिचित, विशेषज्ञ, शिक्षक

क़ा'इदा-दाँ

सभा या बैठक शिष्टाचार का जानकार

क़ा'इदा आना

तरीक़ा मालूम होना, गुण मालूम होना

क़ा'इदा-दानी

सिद्धांतों और तरीक़ों के बारे में जागरूकता, रीति-रिवाजों से परिचित

क़ा'इदा बनाना

उसोल क़ायम करना , क़ायदा बनना भी इस्तिमाल होता है

क़ा'इदा तोड़ना

स्थापित नियम-क़ायदों का पालन न करना, जानबूझकर नियमों का पालन न करना

क़ा'इदा-क़ानून

नियम, ढंग, सिद्धांत, उसूल, क़ानून और संविधान

क़ा'इदा निकलना

तरीक़ा निकलना, अंदाज़ निकलना

क़ा'इदा बदलना

संविधान बदलना, तौर-तरीक़ा बदलना

क़ा'इदा निकालना

तरीक़ा आविष्कार करना, अंदाज़ निकालना

क़ा'इदा बँधना

नियम बनना, नियमावली हो जाना

क़ा'इदा-ए-कुल्लिय्या

वह नियम जो एक सी चीजों में सब पर लागू हो, व्यापक नियम

क़ा'इदा-ए-बग़दादी

رک : بغدادی قاعدہ.

क़ा'इदा जारी होना

नियम तय होना

क़ा'इदा जारी करना

नियम बनाना करना, कानू जारी करना

तर्सीमी-क़ा'इदा

ترسیم (رک) کرنے کا طریقہ یا اصول.

बे-क़ा'इदा

बेर्तीब, असंबद्ध, नियम विरुद्ध

मुतर्रद-क़ा'इदा

साधारण नियम, साधारण सिद्धांत

हस्ब-ए-क़ा'इदा

नियमानुसार, क़ायदे के मुताबिक़, विधि के अनुसार, क़ानून के मुताबिक़

दुनिया का क़ा'इदा

आम तौर पर होता है के स्थान पर उपयोग किया जाता है

मस्दर का क़ा'इदा

۔خاص فصحائے دہلی اور متقدمین لکھنؤ اس حالت میں جب مفعلول کسی فعل کا مونث ہو۔ علامت مصدری یعنی ناکے الف کویائے معروف سے بدل کر بولتے ہیں۔ جیسے بات کرنی چاہیے جان دینی دشوارہوگئی۔ اب فصحائے متاخرین لکھنؤ اس طرح نہیں بولتے۔ دیکھونا۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेंह को, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेह को के अर्थदेखिए

ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेंह को, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेह को

KHarbuuza chaahe dhuup ko aur aam chaahe me.nh ko, naarii chaahe zor ko aur baalak chaahe neh koخَرْبُوزہ چاہے دھوپ کو اور آم چاہے مِینْہہ کو، ناری چاہے زور کو اور بالَک چاہے نیْہہ کو

अथवा : ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेह, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेह

कहावत

ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेंह को, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेह को के हिंदी अर्थ

  • ख़रबूज़ा धूप में जल्दी पकता है और मीठा होता है और आम वर्षा के बा'द, 'औरत शक्तिशाली आदमी को पसंद करती है, बच्चा प्यार चाहता है

    विशेष ख़रबूज़े को देखकर ख़रबूज़ा रंग पकड़ता है। समाज में एक आदमी जैसा करता है, वैसा ही दूसरा भी करने लगता है।

خَرْبُوزہ چاہے دھوپ کو اور آم چاہے مِینْہہ کو، ناری چاہے زور کو اور بالَک چاہے نیْہہ کو کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خربوزہ دھوپ میں جلد پکتا ہے اور میٹھا ہوتا ہے اور آم بارش کے بعد، عورت طاقتور مرد کو پسند کرتی ہے، بچہ پیار کا طالب ہوتا ہے

Urdu meaning of KHarbuuza chaahe dhuup ko aur aam chaahe me.nh ko, naarii chaahe zor ko aur baalak chaahe neh ko

  • Roman
  • Urdu

  • Kharbuuzaa dhuup me.n jald paktaa hai aur miiThaa hotaa hai aur aam baarish ke baad, aurat taaqatvar mard ko pasand kartii hai, bachcha pyaar ka taalib hotaa hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

क़ा'इदा

उसूल

क़ा'इदा-दान

नियमों को जानने वाला, रीति-रिवाज आदि से परिचित, विशेषज्ञ, शिक्षक

क़ा'इदा-दाँ

सभा या बैठक शिष्टाचार का जानकार

क़ा'इदा आना

तरीक़ा मालूम होना, गुण मालूम होना

क़ा'इदा-दानी

सिद्धांतों और तरीक़ों के बारे में जागरूकता, रीति-रिवाजों से परिचित

क़ा'इदा बनाना

उसोल क़ायम करना , क़ायदा बनना भी इस्तिमाल होता है

क़ा'इदा तोड़ना

स्थापित नियम-क़ायदों का पालन न करना, जानबूझकर नियमों का पालन न करना

क़ा'इदा-क़ानून

नियम, ढंग, सिद्धांत, उसूल, क़ानून और संविधान

क़ा'इदा निकलना

तरीक़ा निकलना, अंदाज़ निकलना

क़ा'इदा बदलना

संविधान बदलना, तौर-तरीक़ा बदलना

क़ा'इदा निकालना

तरीक़ा आविष्कार करना, अंदाज़ निकालना

क़ा'इदा बँधना

नियम बनना, नियमावली हो जाना

क़ा'इदा-ए-कुल्लिय्या

वह नियम जो एक सी चीजों में सब पर लागू हो, व्यापक नियम

क़ा'इदा-ए-बग़दादी

رک : بغدادی قاعدہ.

क़ा'इदा जारी होना

नियम तय होना

क़ा'इदा जारी करना

नियम बनाना करना, कानू जारी करना

तर्सीमी-क़ा'इदा

ترسیم (رک) کرنے کا طریقہ یا اصول.

बे-क़ा'इदा

बेर्तीब, असंबद्ध, नियम विरुद्ध

मुतर्रद-क़ा'इदा

साधारण नियम, साधारण सिद्धांत

हस्ब-ए-क़ा'इदा

नियमानुसार, क़ायदे के मुताबिक़, विधि के अनुसार, क़ानून के मुताबिक़

दुनिया का क़ा'इदा

आम तौर पर होता है के स्थान पर उपयोग किया जाता है

मस्दर का क़ा'इदा

۔خاص فصحائے دہلی اور متقدمین لکھنؤ اس حالت میں جب مفعلول کسی فعل کا مونث ہو۔ علامت مصدری یعنی ناکے الف کویائے معروف سے بدل کر بولتے ہیں۔ جیسے بات کرنی چاہیے جان دینی دشوارہوگئی۔ اب فصحائے متاخرین لکھنؤ اس طرح نہیں بولتے۔ دیکھونا۔

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