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"ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह" शब्द से संबंधित परिणाम

बालक

लड़का, पुत्र, बेटा

बालकी

कन्या, लड़की

बालक-हट

बचपन की ज़िद, अड़

बालक-जोरी

(क़ानून) लड़कों को बहला-फुसला कर चुरा ले जाना, बच्चों को बहका कर अथवा बलात उठा ले जाना, बच्चा-चोरी

बालक-बाड़ी

बालविहार, वह पाठशाला जहाँ छोटी उम्र के बच्चों को खिलौनों, गीतों और विभिन्न खेलों की मदद से शिक्षा दी जाए

बालक-पना

बचपन, बचपने की आयु

बालका

young girl

बालका-जंतर

دوا پکانے کی ایک ترکیب جس میں دیر تک آگ دیجاتی ہے

बालका

child

बालकों को सिखाना बालकपन ही से चाहिए

बच्चों का प्रशिक्षण बचपन ही से करना चाहिए

बालकपन

बचपने की उम्र, बचपन, लड़कपन

बाल-कमानी

घड़ी के अंदर वो पेच दर पेच महीन तार का चक्र-नुमा पुर्ज़ा जिसकी हरकत से घड़ी चलती रहती है

बाल-कुशा

उड़ने वाला, परवाज़ करने वाला, पर खोले हुए

बाल-काँड

रामचरित्र मानस का प्रथम प्रकरण जिसमें मुख्य रूप से भगवान रामचन्द्र जी की बाललीला का वर्णन है

बाल-कीसा

پیرا میشیم (ایک جاندار) کے جسم کی اندرونی سطح پر تیز نوکدار گلی نما تار جیسے جنھیں وہ مشتعل ہونے ہر دفاعی ہتھیار کی طرح استعمال کرتا ہے.

बाल-कमरा

رک : بال روم.

निर-बालक

निःसंतान, संतानहीन, बे-औलाद

हँसोड़-बालक

हँसमुख बच्चा; मुस्कुराता हुआ बच्चा (लाक्षणिक) लापरवाह बच्चा

मन-बालक

heart-child, childish heart

तुर्त का बालक

نوزائیدہ بچہ

जहाँ बालक तहाँ पेखना

जहाँ बच्चे हों वहाँ खिलौने होते हैं

बड़ा जाने किया, बालक जाने हिया

बड़ा काम की तरफ़ ध्यान करता है और बच्चा स्नेह की तरफ़

सारा जोबन घालिए तो एक बालक पालिए

बच्चे की परवरिश और निगहदाशत में माँ अपना ऐश-ओ-आराम तज देती है

साहू कार को किसान , बालक को मसान

जिस तरह बच्चे को मसान आहिस्ता आहिस्ता दुबला कर देना है और आख़िर में मार देता है इसी तरह साहूकार को किसान नुकसान पहुंचाता है

राज हट , बालक हट , तिर्या हट , जोगी हट

राजा, बच्चा औरत और फ़क़ीर जो दिल में आए करते हैं किसी की नहीं मानते

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

सावन की न सीत भली, बालक की न पीत भली

सावन में छाछ पीना अच्छा नहीं और बच्चे की मोहब्बत का कोई भरोसा नहीं

बन बालक भैंस और उखारी, जेठ मास ये चार दुखारी

जेठ अर्थात अति गर्मी का महीना बच्चे, भैंस, जंगल और उखारी अर्थात गन्ना के लिए दुखदायक होता है

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेंह को, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेंह को

ख़रबूज़ा धूप आम वर्षा स्त्री ज़ोर और बालक सनेह चाहते हैं

ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह

ख़र बूज़ा धूओप से मज़े पर आता है और आम मीना से औरत ज़ोर आवर से ख़ुश होती है बच्चा प्यार से यानी हर शैय अपने मर्ग़ूब शैय को चाहती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह के अर्थदेखिए

ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह

KHarbuuz chaahe dhuup ko aur aam chaahe me.nh, naarii chaahe zor ko, aaur baalak chaahe nehخَرْبُوز چاہے دُھوپ کو اَور آم چاہے مینْہ، ناری چاہے زور کو، اَور بالَک چاہے نیہ

कहावत

ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह के हिंदी अर्थ

  • ख़र बूज़ा धूओप से मज़े पर आता है और आम मीना से औरत ज़ोर आवर से ख़ुश होती है बच्चा प्यार से यानी हर शैय अपने मर्ग़ूब शैय को चाहती है

خَرْبُوز چاہے دُھوپ کو اَور آم چاہے مینْہ، ناری چاہے زور کو، اَور بالَک چاہے نیہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • خر بوزہ دُھوپ سے مزے پر آتا ہے اور آم مینہ سے عورت زور آور سے خوش ہوتی ہے بچّہ پیار سے یعنی ہر شے اپنے مرغوب شے کو چاہتی ہے.

Urdu meaning of KHarbuuz chaahe dhuup ko aur aam chaahe me.nh, naarii chaahe zor ko, aaur baalak chaahe neh

  • Roman
  • Urdu

  • Khar buuzaa dhuu.op se maze par aataa hai aur aam miinaa se aurat zor aavar se Khush hotii hai bachcha pyaar se yaanii har shaiy apne marGuub shaiy ko chaahtii hai

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बालक

लड़का, पुत्र, बेटा

बालकी

कन्या, लड़की

बालक-हट

बचपन की ज़िद, अड़

बालक-जोरी

(क़ानून) लड़कों को बहला-फुसला कर चुरा ले जाना, बच्चों को बहका कर अथवा बलात उठा ले जाना, बच्चा-चोरी

बालक-बाड़ी

बालविहार, वह पाठशाला जहाँ छोटी उम्र के बच्चों को खिलौनों, गीतों और विभिन्न खेलों की मदद से शिक्षा दी जाए

बालक-पना

बचपन, बचपने की आयु

बालका

young girl

बालका-जंतर

دوا پکانے کی ایک ترکیب جس میں دیر تک آگ دیجاتی ہے

बालका

child

बालकों को सिखाना बालकपन ही से चाहिए

बच्चों का प्रशिक्षण बचपन ही से करना चाहिए

बालकपन

बचपने की उम्र, बचपन, लड़कपन

बाल-कमानी

घड़ी के अंदर वो पेच दर पेच महीन तार का चक्र-नुमा पुर्ज़ा जिसकी हरकत से घड़ी चलती रहती है

बाल-कुशा

उड़ने वाला, परवाज़ करने वाला, पर खोले हुए

बाल-काँड

रामचरित्र मानस का प्रथम प्रकरण जिसमें मुख्य रूप से भगवान रामचन्द्र जी की बाललीला का वर्णन है

बाल-कीसा

پیرا میشیم (ایک جاندار) کے جسم کی اندرونی سطح پر تیز نوکدار گلی نما تار جیسے جنھیں وہ مشتعل ہونے ہر دفاعی ہتھیار کی طرح استعمال کرتا ہے.

बाल-कमरा

رک : بال روم.

निर-बालक

निःसंतान, संतानहीन, बे-औलाद

हँसोड़-बालक

हँसमुख बच्चा; मुस्कुराता हुआ बच्चा (लाक्षणिक) लापरवाह बच्चा

मन-बालक

heart-child, childish heart

तुर्त का बालक

نوزائیدہ بچہ

जहाँ बालक तहाँ पेखना

जहाँ बच्चे हों वहाँ खिलौने होते हैं

बड़ा जाने किया, बालक जाने हिया

बड़ा काम की तरफ़ ध्यान करता है और बच्चा स्नेह की तरफ़

सारा जोबन घालिए तो एक बालक पालिए

बच्चे की परवरिश और निगहदाशत में माँ अपना ऐश-ओ-आराम तज देती है

साहू कार को किसान , बालक को मसान

जिस तरह बच्चे को मसान आहिस्ता आहिस्ता दुबला कर देना है और आख़िर में मार देता है इसी तरह साहूकार को किसान नुकसान पहुंचाता है

राज हट , बालक हट , तिर्या हट , जोगी हट

राजा, बच्चा औरत और फ़क़ीर जो दिल में आए करते हैं किसी की नहीं मानते

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

सावन की न सीत भली, बालक की न पीत भली

सावन में छाछ पीना अच्छा नहीं और बच्चे की मोहब्बत का कोई भरोसा नहीं

बन बालक भैंस और उखारी, जेठ मास ये चार दुखारी

जेठ अर्थात अति गर्मी का महीना बच्चे, भैंस, जंगल और उखारी अर्थात गन्ना के लिए दुखदायक होता है

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

ख़रबूज़ा चाहे धूप को और आम चाहे मेंह को, नारी चाहे ज़ोर को और बालक चाहे नेंह को

ख़रबूज़ा धूप आम वर्षा स्त्री ज़ोर और बालक सनेह चाहते हैं

ख़रबूज़ चाहे धूप को और आम चाहे मेंह, नारी चाहे ज़ोर को, और बालक चाहे नेह

ख़र बूज़ा धूओप से मज़े पर आता है और आम मीना से औरत ज़ोर आवर से ख़ुश होती है बच्चा प्यार से यानी हर शैय अपने मर्ग़ूब शैय को चाहती है

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