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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरा

बेहुनर, जिसे कोई हुनर या कला न आती हो

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़ल्वत-ए-सहीह के अर्थदेखिए

ख़ल्वत-ए-सहीह

KHalvat-e-sahiihخَلْوَتِ صَحِیح

स्रोत: अरबी

वज़्न : 212121

ख़ल्वत-ए-सहीह के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • निकाह के बाद पुरुष और स्त्री का संभोगार्थ एकांत में रात काटना जहाँ कोई दूसरा प्राणी न हो, पति का पत्नि के साथ संभोग

English meaning of KHalvat-e-sahiih

Noun, Feminine

  • complete retirement, where is no legal or natural impediment to the commission of the carnal act of marriage, consummation of marriage

خَلْوَتِ صَحِیح کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • شوہر و زوجہ کا مباشرت کے لیے تنہائی میں یکجا ہونا، شوہر کی بیوی کے ساتھ ہم بستری

Urdu meaning of KHalvat-e-sahiih

  • Roman
  • Urdu

  • shauhar-o-zauja ka mubaasharat ke li.e tanhaa.ii me.n yakjaa honaa, shauhar kii biivii ke saath hamabisatrii

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बे-हुनर

जिसे कोई हुनर न आता हो, जिसमें कोई हुनर न हो, जो कुछ भी काम न कर सकता हो, निर्गुण, गुणहीन, फूहड़, मूर्ख

बे-हुनरा

बेहुनर, जिसे कोई हुनर या कला न आती हो

बे-हुनरी

किसी प्रकार का हुनर या गुण न होने की अवस्था या भाव, गुण का न होना, निर्गुणता, वैगुण्य

हुनर-वर दर बे हुनराँ ख़र

(फ़ारसी कहावत) बे हुनरों में हुनरमंद गधे की मानिंद है , बदों में अच्छा निको बिन के रह जाता है

दस्त-ए-बे-हुनर कफ़्चा-ए-गदाई अस्त

जिस हाथ में कोई हुनर ना हो वो गदाई का कफ़चा (भीक का पियाला) है, जिस शख़्स को कोई हुनर नहीं आता उसे भीक मान पड़ती है

हुनर ज़ादा बे हुनर चूँ बुवद, पिदर टर्रा बाशद पिसर टूँ बुवद

(फ़ारसी कहावत) बाप दादा का असर कुछ ना कुछ औलाद में ज़रूर आता है

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