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"कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे" शब्द से संबंधित परिणाम

आवे

आवा का बहुवचन या परिवर्तित रुप यौगिकों में प्रयुक्त, कुम्हार की भट्ठी जिसमें कच्चे बर्तन पकाए जाते हैं

आवेगी

आवेग संबंधी

आवेज़ा

an ear-ring

आवेज़िंदा

लिपटनेवाला, लटकनेवाला, लिपटानेवाला, लटकानेवाला

आवेज़

लटकन या लटकाने वाला जैसे दिलआवेज़ दिल को लटकाने वाला अर्थात सुंदर

आवेज़ा

कान का बुंदा, कान में पहनने का आभुषण जो नीचे की ओर लटका रहता है

आवेख़्ना

लटका हुआ, टँगा हुआ, अटका या अटकाया हुआ

आवेज़ाँ

दीवार पर लटका हुआ या टँगा हुआ, लटका या लटकाया हुआ, अटका या अटकाया हुआ

आवेख़ता

लटका हुआ, लटकाया हुआ

आवेख़तनी

लटकने योग्य, लटकाने योग्य

आवेज़िश

युद्ध, झगड़ा, लड़ाई, विवाद, लाग-डाँट, हाथापाई

आवे ही आवे

अत्यावश्यक रूप से आएगा, (इस का) आना निश्चित है, इस के ना आने का अनुमान भी नहीं किया जा सकता

आवे हाथी की चाल , जावे च्यूँटी की चाल

रोग आते देर नहीं लगती और जाता देर में है

आवे की तरह बिठाना

नष्ट कर देना, किसी काम का न रहना

आवेज़ा-ए-गोश

कान का लटकन, बुंदा, लोलक

आवेज़ा-दार

(निर्माण) उठा हुआ ताक़ जो सामान्तया त्रिकोणीय आकार का होता है

आवेज़ा-कशी

(सामान्तया) दो हाथियों का एक दूसरे के बुंदे को उचक लेने की प्रतिस्पर्धा

आवे में चढ़ाना

पकाने के लिए बर्तनों या ईंटों को आवे में चुनना

आवे में नाँद खो गई

स्पष्ट रूप से विश्वासघात किया और स्पष्टीकरण से आरोप का खंडन करना चाहता है

आवे की तरह बैठना

आवे की तरह बिठाना का अकर्मक

आवे का आवा बिगड़ना

पुरे परिवार या समूह आदि का किसी बुराई में समान रूप से लिप्त होना

आवे का आवा ख़राब है

सारा ख़ानदान या पूरा जत्था किसी बुराई में समान रूप से ग्रसित है, संपूर्ण वंश या पूरा समूह समान रूप से किसी बुराई में संलिप्त होना

आवे न जावे बृहस्पत कहलावे

आता-जाता कुछ नहीं और योग्य प्रसिद्ध है

आवेज़ा-ए-गोश करना

(कोई बात) कान तक पहुँचाना, सुनाना, प्रसिद्ध करना

आवेज़ा-ए-गोश होना

(कोई बात) कानों तक पहुँचना, सुनना, प्रसिद्ध होना, सुनने में आना

आवे का आवा

पूरा परिवार, पूरा समूह, सारा ख़ानदान, पूरा जत्था या गिरोह, सब के सब

यारी-आवे

(इतफ़ा क़ुल) जो चीज़ खा रहे हो उसमें से भाग्य प्राप्त हो, हमारा साझा दो मित्रता का अधिकार दो

कमाऊ आवे डरता निखट्टू आवे लड़ता

कमाने वाला आम तौर पर शरीफ़ और सीधा होता है, और लड़ाई झगड़े से डरता है, निखट्टू् लड़ भिड़ कर रोब डालता है

बित्ती आवे

एक शर्त जो बत्ती के खिलाड़ी आपस में बदलीते हैं कि जब रास्ते में एक लहलाड़ी दूसरे खिलाड़ी को ग़ाफ़िल पा कर बत्ती आवे कि दे तो उसे इस चौक के ख़मयाज़े में दो उंगलीयों से पुश्ते दस्त पर ज़रब लगवानी पड़ती है

सलक-आवे

घिसट कर या सरक कर आवे, रेंग कर आवे

कमाउ आवे डरता निकट्ठो आवे लड़ता

कमाने वाला शरीफ़ होता है और लड़ाई झगड़े से डरता है मगर निकम्मा शरीर और लड़ाका हुआ करता है

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

राजा बुलावे ठारी आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

बावा आवे ताली बाजे

बुज़ुर्ग आए तो ख़ुदबख़ुद शहरा होता है

एक आवे के बर्तन हैं

सब एक प्रकार के हैं, एक ही हाथ के बने हैं, सब के गुण एक ही प्रकार के हैं, सब एक ही परिवार और समूह के हैं

गिन गिन आवे टूटा पावे

बहुत होशयारी भी आख़िर को नुक़्सान का बाइस होती है , जो नुक़्सान होना होता है हो कर रहता है ख़ाह कितनी ही एहतियात करो, बावजूद बहुत एहतियात के भी नुक़्सान होता है

गिन गिन आवे टूटा जावे

बहुत होशयारी भी आख़िर को नुक़्सान का बाइस होती है , जो नुक़्सान होना होता है हो कर रहता है ख़ाह कितनी ही एहतियात करो, बावजूद बहुत एहतियात के भी नुक़्सान होता है

राजा बुलावे ठाड़े आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा बुलावे ठारा आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

अगला करे पिछले पर आवे

शासक की ग़लती का आरोप सहायक पर आता है, बड़ों की भूल छोटों को भुगतनी पड़ती है

लिखना आवे नहीं, मिटावें दोनों हाथ

काम करते नहीं बिगाड़ते हैं अथवा काम करना नहीं जानते बिगाड़ना जानते हैं

कुछ आवे न जावे

अयोग्य है, निकम्मा है, काम से परिचित नहीं

कमबख़्ती जो आवे ऊँट चढे़ को कुत्ता काटे

भाग्य ख़राब हो तो सावधानी के बाद भी नुक़्सान होता है

देखे को बोरिया और आवे पाँवों पैर

मालूम तो पागल हो मगर अपने मतलब का पक्का हो (दीवाना बकार-ए-ख़ेश होशियार)

हल्दी लगी न फिटकरी रंग चोखा आवे

रुक : हल्दी लगे ना फटकरी रंग भी चौखा अलख

साख गए फिर हाथ न आवे

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

मिल-जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

सब के सलाह और मश्वरे की बात में कोई इल्ज़ाम नहीं दे सकता

मियाँ आवे 'अली 'अली , फूल बखेरों गली गली

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

कौन किसी के आवे जावे दाना-पानी लावे

अतिथि भाग्य से आता है, जहाँ का दाना-पानी लिखा होता है वहीं जाता है

कमबख़्ती जो आवे, ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कभी बावजूद एहतियात के भी आदमी मुसीबत में गिरफ़्तार हो जाता है

ओनामासी न आवे, मैया पोथी ला दे

अ ब आती नहीं माँ को कहे किताब ला दे , पढ़े लिखे हैं नहीं किताब माँगते हैं

गाए न आवे बछवे लाज

अपने बच्चे कितने भी कुरूप हों बुरे नहीं लगते

मिल जुल कीजिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

ये जवानी मुझे न भावे, सींग डलावे हँसी आवे

यह जवानी मुझे अच्छी नहीं लगती कि सींग मारने पर हँसी आए, साधारण सी बातों पर हंसना अच्छी बात नहीं

हाथी अपनी हथयाई पर आवे तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

भोरे भुलाए साँझ घरे आवे ओ भुलेल न कहलावे

सुबह का भोला शाम को घर आ जाये तो उसे भोला नहीं कहना चाहीए

कुतिया चोरों से मिल गई तो मदत आवे कौन

मुहाफ़िज़ ही नुक़्सान पहुंचाए तो फिर बचाओ कैसा

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

लिखना आवे न पढ़ना आवे , मोहम्मद फ़ाज़िल नाम बतावे

ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो आलिमाना वज़ा रखे और पढ़ा लिखा ना हो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे के अर्थदेखिए

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

kam-baKHtii jab aave uu.nT cha.Dhe ko kuttaa kaaTeکَم بَخْتی جب آوے اُونٹ چَڑھے کو کُتّا کاٹے

कहावत

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे के हिंदी अर्थ

  • कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

English meaning of kam-baKHtii jab aave uu.nT cha.Dhe ko kuttaa kaaTe

  • there is no remedy against misfortune

کَم بَخْتی جب آوے اُونٹ چَڑھے کو کُتّا کاٹے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • سختی کے دنوں میں ہزار خبرداری کرنے پر بھی اذیّت سے نہیں بچ سکتے

Urdu meaning of kam-baKHtii jab aave uu.nT cha.Dhe ko kuttaa kaaTe

  • Roman
  • Urdu

  • saKhtii ke dino.n me.n hazaar Khabardaarii karne par bhii aziiXyat se nahii.n bach sakte

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आवे

आवा का बहुवचन या परिवर्तित रुप यौगिकों में प्रयुक्त, कुम्हार की भट्ठी जिसमें कच्चे बर्तन पकाए जाते हैं

आवेगी

आवेग संबंधी

आवेज़ा

an ear-ring

आवेज़िंदा

लिपटनेवाला, लटकनेवाला, लिपटानेवाला, लटकानेवाला

आवेज़

लटकन या लटकाने वाला जैसे दिलआवेज़ दिल को लटकाने वाला अर्थात सुंदर

आवेज़ा

कान का बुंदा, कान में पहनने का आभुषण जो नीचे की ओर लटका रहता है

आवेख़्ना

लटका हुआ, टँगा हुआ, अटका या अटकाया हुआ

आवेज़ाँ

दीवार पर लटका हुआ या टँगा हुआ, लटका या लटकाया हुआ, अटका या अटकाया हुआ

आवेख़ता

लटका हुआ, लटकाया हुआ

आवेख़तनी

लटकने योग्य, लटकाने योग्य

आवेज़िश

युद्ध, झगड़ा, लड़ाई, विवाद, लाग-डाँट, हाथापाई

आवे ही आवे

अत्यावश्यक रूप से आएगा, (इस का) आना निश्चित है, इस के ना आने का अनुमान भी नहीं किया जा सकता

आवे हाथी की चाल , जावे च्यूँटी की चाल

रोग आते देर नहीं लगती और जाता देर में है

आवे की तरह बिठाना

नष्ट कर देना, किसी काम का न रहना

आवेज़ा-ए-गोश

कान का लटकन, बुंदा, लोलक

आवेज़ा-दार

(निर्माण) उठा हुआ ताक़ जो सामान्तया त्रिकोणीय आकार का होता है

आवेज़ा-कशी

(सामान्तया) दो हाथियों का एक दूसरे के बुंदे को उचक लेने की प्रतिस्पर्धा

आवे में चढ़ाना

पकाने के लिए बर्तनों या ईंटों को आवे में चुनना

आवे में नाँद खो गई

स्पष्ट रूप से विश्वासघात किया और स्पष्टीकरण से आरोप का खंडन करना चाहता है

आवे की तरह बैठना

आवे की तरह बिठाना का अकर्मक

आवे का आवा बिगड़ना

पुरे परिवार या समूह आदि का किसी बुराई में समान रूप से लिप्त होना

आवे का आवा ख़राब है

सारा ख़ानदान या पूरा जत्था किसी बुराई में समान रूप से ग्रसित है, संपूर्ण वंश या पूरा समूह समान रूप से किसी बुराई में संलिप्त होना

आवे न जावे बृहस्पत कहलावे

आता-जाता कुछ नहीं और योग्य प्रसिद्ध है

आवेज़ा-ए-गोश करना

(कोई बात) कान तक पहुँचाना, सुनाना, प्रसिद्ध करना

आवेज़ा-ए-गोश होना

(कोई बात) कानों तक पहुँचना, सुनना, प्रसिद्ध होना, सुनने में आना

आवे का आवा

पूरा परिवार, पूरा समूह, सारा ख़ानदान, पूरा जत्था या गिरोह, सब के सब

यारी-आवे

(इतफ़ा क़ुल) जो चीज़ खा रहे हो उसमें से भाग्य प्राप्त हो, हमारा साझा दो मित्रता का अधिकार दो

कमाऊ आवे डरता निखट्टू आवे लड़ता

कमाने वाला आम तौर पर शरीफ़ और सीधा होता है, और लड़ाई झगड़े से डरता है, निखट्टू् लड़ भिड़ कर रोब डालता है

बित्ती आवे

एक शर्त जो बत्ती के खिलाड़ी आपस में बदलीते हैं कि जब रास्ते में एक लहलाड़ी दूसरे खिलाड़ी को ग़ाफ़िल पा कर बत्ती आवे कि दे तो उसे इस चौक के ख़मयाज़े में दो उंगलीयों से पुश्ते दस्त पर ज़रब लगवानी पड़ती है

सलक-आवे

घिसट कर या सरक कर आवे, रेंग कर आवे

कमाउ आवे डरता निकट्ठो आवे लड़ता

कमाने वाला शरीफ़ होता है और लड़ाई झगड़े से डरता है मगर निकम्मा शरीर और लड़ाका हुआ करता है

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

राजा बुलावे ठारी आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

बावा आवे ताली बाजे

बुज़ुर्ग आए तो ख़ुदबख़ुद शहरा होता है

एक आवे के बर्तन हैं

सब एक प्रकार के हैं, एक ही हाथ के बने हैं, सब के गुण एक ही प्रकार के हैं, सब एक ही परिवार और समूह के हैं

गिन गिन आवे टूटा पावे

बहुत होशयारी भी आख़िर को नुक़्सान का बाइस होती है , जो नुक़्सान होना होता है हो कर रहता है ख़ाह कितनी ही एहतियात करो, बावजूद बहुत एहतियात के भी नुक़्सान होता है

गिन गिन आवे टूटा जावे

बहुत होशयारी भी आख़िर को नुक़्सान का बाइस होती है , जो नुक़्सान होना होता है हो कर रहता है ख़ाह कितनी ही एहतियात करो, बावजूद बहुत एहतियात के भी नुक़्सान होता है

राजा बुलावे ठाड़े आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

राजा बुलावे ठारा आवे

राजा बुलाए तो जल्दी आता है हाकिम या ज़बरदस्त बुलाए तो लोग फ़ौरन आजाते हैं, हाकिम के हुक्म की बजा आवरी करनी ही पड़ती है

अगला करे पिछले पर आवे

शासक की ग़लती का आरोप सहायक पर आता है, बड़ों की भूल छोटों को भुगतनी पड़ती है

लिखना आवे नहीं, मिटावें दोनों हाथ

काम करते नहीं बिगाड़ते हैं अथवा काम करना नहीं जानते बिगाड़ना जानते हैं

कुछ आवे न जावे

अयोग्य है, निकम्मा है, काम से परिचित नहीं

कमबख़्ती जो आवे ऊँट चढे़ को कुत्ता काटे

भाग्य ख़राब हो तो सावधानी के बाद भी नुक़्सान होता है

देखे को बोरिया और आवे पाँवों पैर

मालूम तो पागल हो मगर अपने मतलब का पक्का हो (दीवाना बकार-ए-ख़ेश होशियार)

हल्दी लगी न फिटकरी रंग चोखा आवे

रुक : हल्दी लगे ना फटकरी रंग भी चौखा अलख

साख गए फिर हाथ न आवे

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

मिल-जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

सब के सलाह और मश्वरे की बात में कोई इल्ज़ाम नहीं दे सकता

मियाँ आवे 'अली 'अली , फूल बखेरों गली गली

रुक : मियां आवे दौरों से अलख

कौन किसी के आवे जावे दाना-पानी लावे

अतिथि भाग्य से आता है, जहाँ का दाना-पानी लिखा होता है वहीं जाता है

कमबख़्ती जो आवे, ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कभी बावजूद एहतियात के भी आदमी मुसीबत में गिरफ़्तार हो जाता है

ओनामासी न आवे, मैया पोथी ला दे

अ ब आती नहीं माँ को कहे किताब ला दे , पढ़े लिखे हैं नहीं किताब माँगते हैं

गाए न आवे बछवे लाज

अपने बच्चे कितने भी कुरूप हों बुरे नहीं लगते

मिल जुल कीजिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

ये जवानी मुझे न भावे, सींग डलावे हँसी आवे

यह जवानी मुझे अच्छी नहीं लगती कि सींग मारने पर हँसी आए, साधारण सी बातों पर हंसना अच्छी बात नहीं

हाथी अपनी हथयाई पर आवे तो आदमी भुंगा है

हाथी अगर अपनी ताक़त का इस्तिमाल करे तो आदमी इस के आगे क्या चीज़ है, ज़बरदस्त अगर किसी को तंग करना चाहे तो कमज़ोर कुछ नहीं करसकता

भोरे भुलाए साँझ घरे आवे ओ भुलेल न कहलावे

सुबह का भोला शाम को घर आ जाये तो उसे भोला नहीं कहना चाहीए

कुतिया चोरों से मिल गई तो मदत आवे कौन

मुहाफ़िज़ ही नुक़्सान पहुंचाए तो फिर बचाओ कैसा

कम-बख़्ती जब आवे ऊँट चढ़े को कुत्ता काटे

कठिनाई के समय में बहुत ज़्यादा चौकन्ना रहने पर भी तकलीफ़ से नहीं बच सकते

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

लिखना आवे न पढ़ना आवे , मोहम्मद फ़ाज़िल नाम बतावे

ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं जो आलिमाना वज़ा रखे और पढ़ा लिखा ना हो

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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