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ग़ुर्बत

वतन से दूरी, सफ़र, परदेस, मुसाफ़िर होने की अवस्था या भाव

ग़ुर्बत-ज़दा

घरबार छोड़ कर परदेश में पड़ा हुआ, प्रवासी, परदेसी, यात्री

ग़ुर्बत-दीदा

दे. 'गुर्बतज़दः'।

ग़ुर्बत-पसंद

वतन से दूरी को पसंद करने वाला, यात्रा का शौक़ीन

ग़ुर्बत-अंदर-वतन

(सूफ़ीवाद) वह स्थिति जब व्यक्ति दैवीय गुणों में खो कर व्यक्तिगत गुणों से अलग हो जाता है

ग़ुर्बत-नसीब

जिस की क़िस्मत में परदेस हो, जो सदैव अपने परदेस से बाहर रहे, जो अपने घर-द्वार से प्रायः दूर रहे, वो व्यक्ति जिसने यात्रा की यातनाएं झेली हों, यात्री, परदेसी

ग़ुर्बत-ज़दगी

अ. फा. स्त्री.बेवतनी, परदेस में होना, निर्धनता, कंगाली।

दश्त-ए-ग़ुर्बत

शाम-ए-ग़ुर्बत

परदेस की शाम, वो रात जो प्रदेश में गुजारनी पड़े, प्रतीकात्मक: कठिन समय, मुसीबत की शाम, असहाय होना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत के अर्थदेखिए

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत

kaajal sab ko.ii de par chitvan bhaa.nt bhaa.ntکاجَل سَب کوئی دے پَر چِتْوَن بھانْت بھانْت

कहावत

काजल सब कोई दे पर चितवन भाँत भाँत के हिंदी अर्थ

  • काजल सब आँखों में लगाते हैं मगर किसी किसी को भला मालूम देता है

Roman

کاجَل سَب کوئی دے پَر چِتْوَن بھانْت بھانْت کے اردو معانی

  • کاجل سب آنکھوں میں لگاتے ہیں مگر کسی کسی کو بھلا معلوم دیتا ہے

Urdu meaning of kaajal sab ko.ii de par chitvan bhaa.nt bhaa.nt

  • kaajal sab aa.nkho.n me.n lagaate hai.n magar kisii kisii ko bhala maaluum detaa hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

ग़ुर्बत

वतन से दूरी, सफ़र, परदेस, मुसाफ़िर होने की अवस्था या भाव

ग़ुर्बत-ज़दा

घरबार छोड़ कर परदेश में पड़ा हुआ, प्रवासी, परदेसी, यात्री

ग़ुर्बत-दीदा

दे. 'गुर्बतज़दः'।

ग़ुर्बत-पसंद

वतन से दूरी को पसंद करने वाला, यात्रा का शौक़ीन

ग़ुर्बत-अंदर-वतन

(सूफ़ीवाद) वह स्थिति जब व्यक्ति दैवीय गुणों में खो कर व्यक्तिगत गुणों से अलग हो जाता है

ग़ुर्बत-नसीब

जिस की क़िस्मत में परदेस हो, जो सदैव अपने परदेस से बाहर रहे, जो अपने घर-द्वार से प्रायः दूर रहे, वो व्यक्ति जिसने यात्रा की यातनाएं झेली हों, यात्री, परदेसी

ग़ुर्बत-ज़दगी

अ. फा. स्त्री.बेवतनी, परदेस में होना, निर्धनता, कंगाली।

दश्त-ए-ग़ुर्बत

शाम-ए-ग़ुर्बत

परदेस की शाम, वो रात जो प्रदेश में गुजारनी पड़े, प्रतीकात्मक: कठिन समय, मुसीबत की शाम, असहाय होना

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