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"जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक" शब्द से संबंधित परिणाम

बैरी

शत्रु, दुश्मन

बैरी से बच, प्यारे से रच

दुश्मन से बच कर अर्थात दूर रहना चाहिए और शुभेच्छुओं से मिल कर रहना चाहिए

बैरी का बोल, बसूले का छोल

शत्रु की फब्तियाँ बसूली की तरह कलेजे को छीलती हैं अर्थात बुहत दुखदायी होते हैं

बैरिस्ट्री

बैरिस्टर

बैरिस्टर

इंग्लैंड की वकालत की परीक्षा में उत्तीर्ण वकील

बैरियम

चाँदी के रंग की एक सफ़ेद

जी का बैरी जी

मनुष्य एक दूसरे को हानि पहुँचाता है, एक जानवर दूसरे को खाता है

जग-बैरी होना

सारी दुनिया का किसी से शत्रुता होना

ज़ात का बैरी ज़ात, काठ का बैरी काठ

अपने सगे संबंधी मनुष्य के अधिक दुश्मन होते हैं जिस तरह यदि किसी लोहे के औज़ार के साथ लकड़ी का दस्ता अर्थात बेंट इत्यादि न लगाया जाए तो वो काटता नहीं

न्योता ब्रह्मण बैरी बराबर

ब्रह्मण को किसी काम के लिए बुलाया जाए तो वो जो कुछ उससे हो सकता है लेकर ही पीछा छोड़ता है

कुत्ते का कुत्ता बैरी

dog bites dog

कुत्ते का बैरी कुत्ता

हमजिंस या आपस वाले ही दुश्मनी करते हैं, अब्नाए जिंस ही एक दूसरे को सताते हैं, आदमी का आदमी दुश्मन है

झाड़ भी बनिये का बैरी है

चोर पेड़ के पीछे छुप सकता है इस लिए पेड़ को भी बनिये अर्थात धनवान का शत्रु समझना चाहिए

सूरज बैरी ग्रहण है और दीपक बैरी पवन, जी का बैरी काल है आवत रोके कौन

सूरज का शत्रु ग्रहण और दिये अर्थात चिराग़ का शत्रु हवा, जान का शत्रु मौत है जब आए तो कोई नहीं रोक सकता

जान का बैरी

जान का दुश्मन, क़ाबिज़ अरवाह; बदख़्वाह; विरोधी; हासिद

भाई सा साहू न भाई सा बैरी

भाई से बढ़ कर न मित्र है और न शत्रु

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

फूल की बैरन धूप, घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

फूल की बैरन धूप और घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

शहना छुपा पियाल में, कौन कह कर बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत भी तुम मत बैठो प्यारे, जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

शहना छुपा पियाल में, कौन कह के बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

आग लगे कर बैरी , दर्शन मित्र देख भरे सब तन मन

परेशानी में पड़े पर शत्रु प्रसन्न होते हैं और दोस्तों को दुख एवं पछतावा होता है

उत मत रो अपना दुख जा कर जित आवें बैरी उमड कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

आग और बैरी को कम न समझे

आग चाहे कितनी ही कम हो और शत्रु कितना ही छोटा हो परंतु इन दोनों को लघुतर नहीं समझना चाहिए, आग के फूँक देने और शत्रु के नुकसान पहुँचाने में देर नहीं लगती

उत मत रो अपना दुख जा कर, जित आवें बैरी उमड़ा कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

मीत बनाए न बने बैरी सिंह और नाग, जैसे कधे न हो सकें ऐक ठौर जल आग

दुश्मन शेर और साँप दोस्त नहीं बन सकते जिस प्रकार पानी और आग इकट्ठे नहीं हो सकते

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

रोलर-बैरिंग

سخت لوہے کی گولی جو مشین کی رفتار اور کام کی مخالف “رگڑ“ کو ختم کرنے کے لیے اِستعمال کی جاتی ہے بیر ن٘گ کی ایک قِسم ہے جو بال بیر نْگ کے مقابلے میں سخت کا موں میں مستعمل ہے

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक के अर्थदेखिए

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

jo bairii ho.n bahut se aur tuu hove ek, miiThaa ban kar nikas jaa yahii jatan hai nekجو بیری ہوں بہت سے اور تُو ہووے ایک، مِیٹھا بَن کر نِکَس جا یِہی جَتن ہے نیک

अथवा : जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

कहावत

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक के हिंदी अर्थ

  • यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा
  • दुश्मनों में अगर अकेले फँस जाओ तो भी मीठे बन कर निकल जाओ, झगड़ा मत करो

جو بیری ہوں بہت سے اور تُو ہووے ایک، مِیٹھا بَن کر نِکَس جا یِہی جَتن ہے نیک کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اگر دشمن بہت ہوں اور تو اکیلا ہو تو ان سے میٹھی باتیں کر کے اپنے آپ کو بچا
  • دشمنوں میں اگر اکیلے پھنس جاؤ تو بھی میٹھے بن کر نکل جاؤ، جھگڑا مت کرو

Urdu meaning of jo bairii ho.n bahut se aur tuu hove ek, miiThaa ban kar nikas jaa yahii jatan hai nek

  • Roman
  • Urdu

  • agar dushman bahut huu.n aur to akelaa ho to un se miiThii baate.n kar ke apne aap ko bachaa
  • dushmno.n me.n agar akele phans jaa.o to bhii miiThe bin kar nikal jaa.o, jhag.Daa mat karo

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बैरी

शत्रु, दुश्मन

बैरी से बच, प्यारे से रच

दुश्मन से बच कर अर्थात दूर रहना चाहिए और शुभेच्छुओं से मिल कर रहना चाहिए

बैरी का बोल, बसूले का छोल

शत्रु की फब्तियाँ बसूली की तरह कलेजे को छीलती हैं अर्थात बुहत दुखदायी होते हैं

बैरिस्ट्री

बैरिस्टर

बैरिस्टर

इंग्लैंड की वकालत की परीक्षा में उत्तीर्ण वकील

बैरियम

चाँदी के रंग की एक सफ़ेद

जी का बैरी जी

मनुष्य एक दूसरे को हानि पहुँचाता है, एक जानवर दूसरे को खाता है

जग-बैरी होना

सारी दुनिया का किसी से शत्रुता होना

ज़ात का बैरी ज़ात, काठ का बैरी काठ

अपने सगे संबंधी मनुष्य के अधिक दुश्मन होते हैं जिस तरह यदि किसी लोहे के औज़ार के साथ लकड़ी का दस्ता अर्थात बेंट इत्यादि न लगाया जाए तो वो काटता नहीं

न्योता ब्रह्मण बैरी बराबर

ब्रह्मण को किसी काम के लिए बुलाया जाए तो वो जो कुछ उससे हो सकता है लेकर ही पीछा छोड़ता है

कुत्ते का कुत्ता बैरी

dog bites dog

कुत्ते का बैरी कुत्ता

हमजिंस या आपस वाले ही दुश्मनी करते हैं, अब्नाए जिंस ही एक दूसरे को सताते हैं, आदमी का आदमी दुश्मन है

झाड़ भी बनिये का बैरी है

चोर पेड़ के पीछे छुप सकता है इस लिए पेड़ को भी बनिये अर्थात धनवान का शत्रु समझना चाहिए

सूरज बैरी ग्रहण है और दीपक बैरी पवन, जी का बैरी काल है आवत रोके कौन

सूरज का शत्रु ग्रहण और दिये अर्थात चिराग़ का शत्रु हवा, जान का शत्रु मौत है जब आए तो कोई नहीं रोक सकता

जान का बैरी

जान का दुश्मन, क़ाबिज़ अरवाह; बदख़्वाह; विरोधी; हासिद

भाई सा साहू न भाई सा बैरी

भाई से बढ़ कर न मित्र है और न शत्रु

वक़्त पड़े पर जानिये कौन बैरी कौन मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

वक़्त पड़े पर जानिए को बैरी को मीत

मुसीबत के वक़्त पहचान होती है कि कौन दुश्मन है कौन दोस्त

फूल की बैरन धूप, घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न मीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूर्ख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

चातुर तो बैरी भला, मूरख भला न दोस्त

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

फूल की बैरन धूप और घी का बैरी कूप

धूप से फूल मुरझा जाते हैं और कुप्पे में डालने से घी ख़राब हो जाता है

शहना छुपा पियाल में, कौन कह कर बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

आधे असाढ़ तो बैरी के भी बरसे

आधे असाढ़ में तो बैरी के खेत में भी पानी बरसे, अर्थात ईश्वर सब के साथ समान न्याय करे

उत भी तू मत बैठ पियारे जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

उत भी तुम मत बैठो प्यारे, जित बैठे हों बैरी सारे

जहाँ शत्रु हों वहाँ रुकना ठीक नहीं है

शहना छुपा पियाल में, कौन कह के बैरी हो

कोतवाल पियाल में छिपा है कौन कह के दुश्मनी मूल ले (इशारे से, अपना पहलू बचाते हुए या महिज़ हमाक़त से राज़ फ़ाश करना

आग लगे कर बैरी , दर्शन मित्र देख भरे सब तन मन

परेशानी में पड़े पर शत्रु प्रसन्न होते हैं और दोस्तों को दुख एवं पछतावा होता है

उत मत रो अपना दुख जा कर जित आवें बैरी उमड कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

आग और बैरी को कम न समझे

आग चाहे कितनी ही कम हो और शत्रु कितना ही छोटा हो परंतु इन दोनों को लघुतर नहीं समझना चाहिए, आग के फूँक देने और शत्रु के नुकसान पहुँचाने में देर नहीं लगती

उत मत रो अपना दुख जा कर, जित आवें बैरी उमड़ा कर

शत्रु के आगे अपना दुख प्रकट नहीं करना चाहिए

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे हो बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

टाल बता उस को न तू जिस से किया क़रार, चाहे होवे बैरी तेरा चाहे होवे यार

वा'दा करके पूरा करना चाहिए चाहे दोस्त से हो चाहे शत्रु से

मीत बनाए न बने बैरी सिंह और नाग, जैसे कधे न हो सकें ऐक ठौर जल आग

दुश्मन शेर और साँप दोस्त नहीं बन सकते जिस प्रकार पानी और आग इकट्ठे नहीं हो सकते

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जिसको राखे साइयाँ मार न साके कोय, बाल न बेका कर सके सब जग बैरी होय

ख़ुदा की रक्षा सर्वोपर है

जो कोसत बैरी मरे और मन चितवे धन होय, जल माँ घी निकसन लागे तो रूखा खाए न कोय

अगर कोसने से शत्रु मर जाए, इच्छा से धन प्राप्त हो और पानी से घी निकले तो कोई रूखी न खाए

रोलर-बैरिंग

سخت لوہے کی گولی جو مشین کی رفتار اور کام کی مخالف “رگڑ“ کو ختم کرنے کے لیے اِستعمال کی جاتی ہے بیر ن٘گ کی ایک قِسم ہے جو بال بیر نْگ کے مقابلے میں سخت کا موں میں مستعمل ہے

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