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फ़क-से

फट से, एकबारगी, जल्दी से, फ़ौरन, अचानक

फक़ से

فوراً ، اچانک ، رک : پھک سے .

पहाड़ सा

بھاری ، شدید.

फक से उड़ जाना

to go up in smoke, explode

फूँक सा आदमी

फूंक मारो तो उड़ जाएं, कमज़ोर और दुबला-पतला आदमी

पहाड़ सा दिन

۔ بہت بڑا دن۔ ایسا دن جس کا ٹنا دشوار ہو۔ ؎

पहाड़ सी ज़िंदगी

लंबी ज़िंदगी, दीर्घ आयु, (विशेषतः) किसी घटना या मुसबीयत के बाद की ज़िंदगी

पहाड़ से टक्कर लेना

۔ ज़बरदस्त से मुक़ाबला करना

पहाड़ सी रात

बड़ी मुसीबत की रात, लंबी रात

जड़ पेड़ से खोद कर फेंक देना

नष्ट कर देना, बर्बाद कर देना, तबाह कर देना, उजाड़ना

दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देना

दूध की मक्खी जैसे हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति का बहिष्कार कर देना

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

पत्थर सा फेंक मारना

इनकार करना

दूध की सी मक्खी निकाल कर फेंक दी

किसी निकट संबंधी को अपने यहाँ से निकाल देना, अधिकारच्युत कर देना, संबंध तोड़ देना

दूध की सी मक्खी निकाल कर फेंक दिया

किसी निकट संबंधी को अपने यहाँ से निकाल देना, अधिकारच्युत कर देना, संबंध तोड़ देना

झाड़ से छूटा पहाड़ में अटका

किसी मुश्किल से निकलने के बाद अधिक बड़ी मुश्किल में फँस जाने के अवसर पर बोलते हैं

आतिश-ए-क़हर से फूँक

क्रोध में मार डालना

पच्छिम से फूँक पूरब में उतार देना

सब कुछ जला देना, पूरे गाँव को जला देना; इस छोर से उस छोर तक तबाही मचा देना

दिन पहाड़ सा कट्ना

बड़ी दिक्कत से दिन गुज़रना, बरी मुसीबत से दिन तमाम होना

नाख़ुन से पहाड़ खोदना

असंभव कार्य का प्रयास करना, नामुमकिन काम की कोशिश करना, व्यर्थ या फ़ुज़ूल काम करना, कठिन या दुशवार काम अंजाम देना

सौ गज़ वारों , गज़ भर न फाड़ों

सिर्फ़ ज़बानी हमदर्दी करने वाले की निस्बत बोलते हैं जो दोस्ती और मुहब्बत तो बहुत ज़ाहिर करे मगर अमलन कुछ ना करे बल्कि मुसीबत के वक़्त अलग हो जाये

धनवंती के काँटा लगा दौड़े लोग हज़ार, निर्धन गिरा पहाड़ से कोई न आया कार

अमीर आदमी को ज़रा सी तकलीफ़ हो तो सैकड़ों ख़ुशामदी दौड़े पड़ते हैं लेकिन ग़रीब पहाड़ से भी गिर पड़े तो कोई पास नहीं आता

धन-वंती के काँटा लगा दौड़े लोग हज़ार, निर्धन गिरा पहाड़ से कोई न पूछे बात

अमीर आदमी को ज़रा सी तकलीफ़ हो तो सैकड़ों ख़ुशामदी दौड़े पड़ते हैं लेकिन ग़रीब पहाड़ से भी गिर पड़े तो कोई पास नहीं आता

लाज की आँख पहाड़ से भारी

पहाड़ या जहाज़ अपनी जगह से चल सकता है मगर ग़ैरत मंद की आँख अपनी जगह से नहीं उठ सकती

किस पत्थर से सर फोड़ें

किस से फ़र्याद करें, जब कोई फ़र्याद सुनने वाला न हो तो कहते हैं

हग मार फड़ से

किसी के साहस से अधिक काम करने पर उसका उपहास उड़ाना हो तो कहते हैं

सर से पहाड़ टालना

मुसीबत टलना

सर से पहाड़ उतारना

ward off a calamity

पहाड़ सर से टालना

मुसीबत-ओ-परेशानी दूर करना

सर से पहाड़ टलना

सर से पहाड़ टालना (रुक) का लाज़िम, मुसबीत दूर होना

जब तक ऊँट पहाड़ के नीचे नहीं आता, तब तक वह जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

मिलन हीरे की सी दिल में फाँकें खीरे की सी

बाहर से दोस्त है अंदर से दुश्मन

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं के अर्थदेखिए

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

jaise duudh me.n se makkhii nikaal kar phe.nk dete hai.nجَیسے دُودھ میں سے مَکّھی نِکال کَر پھینک دیتے ہَیں

कहावत

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं के हिंदी अर्थ

  • किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

جَیسے دُودھ میں سے مَکّھی نِکال کَر پھینک دیتے ہَیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کسی کو معاملے سے نا کام یا الگ کر دینے کے موقع پر کہتے ہیں.

Urdu meaning of jaise duudh me.n se makkhii nikaal kar phe.nk dete hai.n

  • Roman
  • Urdu

  • kisii ko mu.aamle se na kaam ya alag kar dene ke mauqaa par kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

फ़क-से

फट से, एकबारगी, जल्दी से, फ़ौरन, अचानक

फक़ से

فوراً ، اچانک ، رک : پھک سے .

पहाड़ सा

بھاری ، شدید.

फक से उड़ जाना

to go up in smoke, explode

फूँक सा आदमी

फूंक मारो तो उड़ जाएं, कमज़ोर और दुबला-पतला आदमी

पहाड़ सा दिन

۔ بہت بڑا دن۔ ایسا دن جس کا ٹنا دشوار ہو۔ ؎

पहाड़ सी ज़िंदगी

लंबी ज़िंदगी, दीर्घ आयु, (विशेषतः) किसी घटना या मुसबीयत के बाद की ज़िंदगी

पहाड़ से टक्कर लेना

۔ ज़बरदस्त से मुक़ाबला करना

पहाड़ सी रात

बड़ी मुसीबत की रात, लंबी रात

जड़ पेड़ से खोद कर फेंक देना

नष्ट कर देना, बर्बाद कर देना, तबाह कर देना, उजाड़ना

दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देना

दूध की मक्खी जैसे हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति का बहिष्कार कर देना

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

पत्थर सा फेंक मारना

इनकार करना

दूध की सी मक्खी निकाल कर फेंक दी

किसी निकट संबंधी को अपने यहाँ से निकाल देना, अधिकारच्युत कर देना, संबंध तोड़ देना

दूध की सी मक्खी निकाल कर फेंक दिया

किसी निकट संबंधी को अपने यहाँ से निकाल देना, अधिकारच्युत कर देना, संबंध तोड़ देना

झाड़ से छूटा पहाड़ में अटका

किसी मुश्किल से निकलने के बाद अधिक बड़ी मुश्किल में फँस जाने के अवसर पर बोलते हैं

आतिश-ए-क़हर से फूँक

क्रोध में मार डालना

पच्छिम से फूँक पूरब में उतार देना

सब कुछ जला देना, पूरे गाँव को जला देना; इस छोर से उस छोर तक तबाही मचा देना

दिन पहाड़ सा कट्ना

बड़ी दिक्कत से दिन गुज़रना, बरी मुसीबत से दिन तमाम होना

नाख़ुन से पहाड़ खोदना

असंभव कार्य का प्रयास करना, नामुमकिन काम की कोशिश करना, व्यर्थ या फ़ुज़ूल काम करना, कठिन या दुशवार काम अंजाम देना

सौ गज़ वारों , गज़ भर न फाड़ों

सिर्फ़ ज़बानी हमदर्दी करने वाले की निस्बत बोलते हैं जो दोस्ती और मुहब्बत तो बहुत ज़ाहिर करे मगर अमलन कुछ ना करे बल्कि मुसीबत के वक़्त अलग हो जाये

धनवंती के काँटा लगा दौड़े लोग हज़ार, निर्धन गिरा पहाड़ से कोई न आया कार

अमीर आदमी को ज़रा सी तकलीफ़ हो तो सैकड़ों ख़ुशामदी दौड़े पड़ते हैं लेकिन ग़रीब पहाड़ से भी गिर पड़े तो कोई पास नहीं आता

धन-वंती के काँटा लगा दौड़े लोग हज़ार, निर्धन गिरा पहाड़ से कोई न पूछे बात

अमीर आदमी को ज़रा सी तकलीफ़ हो तो सैकड़ों ख़ुशामदी दौड़े पड़ते हैं लेकिन ग़रीब पहाड़ से भी गिर पड़े तो कोई पास नहीं आता

लाज की आँख पहाड़ से भारी

पहाड़ या जहाज़ अपनी जगह से चल सकता है मगर ग़ैरत मंद की आँख अपनी जगह से नहीं उठ सकती

किस पत्थर से सर फोड़ें

किस से फ़र्याद करें, जब कोई फ़र्याद सुनने वाला न हो तो कहते हैं

हग मार फड़ से

किसी के साहस से अधिक काम करने पर उसका उपहास उड़ाना हो तो कहते हैं

सर से पहाड़ टालना

मुसीबत टलना

सर से पहाड़ उतारना

ward off a calamity

पहाड़ सर से टालना

मुसीबत-ओ-परेशानी दूर करना

सर से पहाड़ टलना

सर से पहाड़ टालना (रुक) का लाज़िम, मुसबीत दूर होना

जब तक ऊँट पहाड़ के नीचे नहीं आता, तब तक वह जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे न आए किसी को अपने से ऊँचा नहीं समझता

ऊँट जब तक पहाड़ के नीचे नहीं जाता, तब तक ही जानता है मुझ से ऊँचा कोई नहीं

जब तक किसी मनुष्य का अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से पाला नहीं पड़ता तब तक वह अपने को ही सब से बड़ा समझता है

तुलसी आह ग़रीब की हरि से सही न जाय, मरी खाल की फूँक से लोहा भसम हो जाय

ईश्वर ग़रीब की आह को सहन नहीं कर सकता, मरी हुई खाल अर्थात धौंकनी की हवा लोहे को जला देती है

मिलन हीरे की सी दिल में फाँकें खीरे की सी

बाहर से दोस्त है अंदर से दुश्मन

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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