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"जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ" शब्द से संबंधित परिणाम

नाथ

अधिपति। मालिक।

नाथी

بیلوں کی نکیل، ناتھ

नाथा

رک : ناتا ، رشتہ

नाथना

छेद करना, इस प्रकार किए हुए छेद में लंबी रस्सी पहनाना जो लगाम का काम करती है तथा जिससे पशु को वश में रखा जाता है, कुछ विशिष्ट पशुओं के नथने में छेद करना, विद्या और प्रशिक्षण से राम करना, नियंतार्ण में कर लेना, प्रतीकात्मक: वश में करना, नियंत्रण में लाना, आज्ञाकारी बनाना

नाथन

(कश्ती रानी) चप्पू के डंडे को बांधने की रस्सी या ज़ंजीर

नाथ जाना

हट जाना, टल जाना, इंकार करना

नाथना करना

سوراخ کرنا، چھید کرنا

मस्त-नाथ

लापरवाह आदमी, बेसुध आदमी

गोपी-नाथ

गोपियों के स्वामी श्रीकृष्ण

केदार-नाथ

हिमालय के केदार शिखर पर स्थित एक प्रसिद्ध शिवलिंग

त्रिभुवन-नाथ

ईश्वर

जैसे नाग नाथ तैसे साँप नाथ

जैसे ख़ुद वैसे ही साथी

त्रिलोकी-नाथ

= त्रिलोकनाथ

त्रिलोक-नाथ

तीनों लोकों का मालिक ईश्वर, राम, कृष्ण, विष्णु का कोई अवतार

निसा-नाथ

= निशानाथ (चंद्रमा)

धर्म-नाथ

जैनों के पन्द्रहवें तीर्थंकर

दीन-नाथ

ग़रीबों का मालिक; इश्वर

कड़क-नाथ

मुर्ग़ की एक नस्ल जो काले रंग की होती है

मौला-नाथ

رک : مست مولا

पारस-नाथ

name of an arhat , the Jain pontiff, name of a mountain in Bengal

पाथ्-नाथ

समुद्र

चेतन-नाथ

आत्मा या समझ रखने वाला

जगन-नाथ

lord of the universe', a name of Vishnu or Krishna, name of a celebrated idol, and of a temple and the surrounding district on the Coromandel coast, near Cuttack, in Orissa, where Vishnu is especially worshipped as Jagannath

पदम-नाथ

پدم (سان٘پ) کی قسم سے ایک سان٘پ جو سوا بالشت کا ہوتا ہے بدن دوانّی کے دور کے برابر موٹا اور رن٘گ سفید ملگجا سرخی مائل سا من٘ھ پھن سے نصف انچ آگے کو نکلا ہوا ہوتا ہے ہون٘ٹ موٹے آن٘کھیں سیاہ کپڑے پر چڑھ جاتا ہے پدم ناتھ کے کاٹنے سے آدمی مر سکتا ہے.

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

कन्ने नाथ लेना

کنے پھنس جانا

ग़ुलाम साथ, तो भी नाथ

ग़ुलाम का ए'तिबार नहीं करना चाहिए

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

उतारो नाथ-पार मोरी नय्या

हे प्रभु, मेरी नाव को पार लगा दो, अर्थात् मेरा काम पूरा कर दो, ऐ मेरे मालिक मेरी कशती पार उतार दे, यानी मेरा काम पूरा कर दे

न आगे नाथ, न पीछे पघा

जब किसी के आगे पीछे कोई न हो, अकेला हो और कोई ज़िम्मेदार न हो तो उसके मुताल्लिक़ कहते हैं

जगन नाथ भाता जिस में झगड़ा न झाटा

ऐसा मुआमला है जिस में कोई झगड़े फ़साद की बात नहीं

अपना हाथ जगन नाथ

स्वायत्तता बहुत बड़ी बात है, अधिकार दूसरे की अतिरिक्त अपने पास होना अच्छा है

आगे नाथ न पीछे पगहा सबसे भला धोबी का गदहा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

पारस नाथ से चक्की भली जो आटा देवे पीस, कोढ़ नर से मुर्ग़ी भली जो अंडे देवे बीस

जिस व्यक्ति से लोगों को लाभ पहुंचे वो अनुपकारी एवं कंजूस व्यक्ति से बहुत अच्छा है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ के अर्थदेखिए

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

jagan naath ke bhaat ko kin ne na pasaaraa haathجَگَن ناتھ کے بھات کو کِن نے نَہ پَسارا ہاتھ

कहावत

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ के हिंदी अर्थ

  • ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

جَگَن ناتھ کے بھات کو کِن نے نَہ پَسارا ہاتھ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایسی بات کو جس میں کوئی جھگڑا نہ ہو کون نہیں پسند کرتا

Urdu meaning of jagan naath ke bhaat ko kin ne na pasaaraa haath

  • Roman
  • Urdu

  • a.isii baat ko jis me.n ko.ii jhag.Daa na ho kaun nahii.n pasand kartaa

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नाथ

अधिपति। मालिक।

नाथी

بیلوں کی نکیل، ناتھ

नाथा

رک : ناتا ، رشتہ

नाथना

छेद करना, इस प्रकार किए हुए छेद में लंबी रस्सी पहनाना जो लगाम का काम करती है तथा जिससे पशु को वश में रखा जाता है, कुछ विशिष्ट पशुओं के नथने में छेद करना, विद्या और प्रशिक्षण से राम करना, नियंतार्ण में कर लेना, प्रतीकात्मक: वश में करना, नियंत्रण में लाना, आज्ञाकारी बनाना

नाथन

(कश्ती रानी) चप्पू के डंडे को बांधने की रस्सी या ज़ंजीर

नाथ जाना

हट जाना, टल जाना, इंकार करना

नाथना करना

سوراخ کرنا، چھید کرنا

मस्त-नाथ

लापरवाह आदमी, बेसुध आदमी

गोपी-नाथ

गोपियों के स्वामी श्रीकृष्ण

केदार-नाथ

हिमालय के केदार शिखर पर स्थित एक प्रसिद्ध शिवलिंग

त्रिभुवन-नाथ

ईश्वर

जैसे नाग नाथ तैसे साँप नाथ

जैसे ख़ुद वैसे ही साथी

त्रिलोकी-नाथ

= त्रिलोकनाथ

त्रिलोक-नाथ

तीनों लोकों का मालिक ईश्वर, राम, कृष्ण, विष्णु का कोई अवतार

निसा-नाथ

= निशानाथ (चंद्रमा)

धर्म-नाथ

जैनों के पन्द्रहवें तीर्थंकर

दीन-नाथ

ग़रीबों का मालिक; इश्वर

कड़क-नाथ

मुर्ग़ की एक नस्ल जो काले रंग की होती है

मौला-नाथ

رک : مست مولا

पारस-नाथ

name of an arhat , the Jain pontiff, name of a mountain in Bengal

पाथ्-नाथ

समुद्र

चेतन-नाथ

आत्मा या समझ रखने वाला

जगन-नाथ

lord of the universe', a name of Vishnu or Krishna, name of a celebrated idol, and of a temple and the surrounding district on the Coromandel coast, near Cuttack, in Orissa, where Vishnu is especially worshipped as Jagannath

पदम-नाथ

پدم (سان٘پ) کی قسم سے ایک سان٘پ جو سوا بالشت کا ہوتا ہے بدن دوانّی کے دور کے برابر موٹا اور رن٘گ سفید ملگجا سرخی مائل سا من٘ھ پھن سے نصف انچ آگے کو نکلا ہوا ہوتا ہے ہون٘ٹ موٹے آن٘کھیں سیاہ کپڑے پر چڑھ جاتا ہے پدم ناتھ کے کاٹنے سے آدمی مر سکتا ہے.

जैसे नीम नाथ वैसे बकाइन नाथ

दोनों एक जैसे नटखट

कन्ने नाथ लेना

کنے پھنس جانا

ग़ुलाम साथ, तो भी नाथ

ग़ुलाम का ए'तिबार नहीं करना चाहिए

आगे नाथ न पीछे पगा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

उतारो नाथ-पार मोरी नय्या

हे प्रभु, मेरी नाव को पार लगा दो, अर्थात् मेरा काम पूरा कर दो, ऐ मेरे मालिक मेरी कशती पार उतार दे, यानी मेरा काम पूरा कर दे

न आगे नाथ, न पीछे पघा

जब किसी के आगे पीछे कोई न हो, अकेला हो और कोई ज़िम्मेदार न हो तो उसके मुताल्लिक़ कहते हैं

जगन नाथ भाता जिस में झगड़ा न झाटा

ऐसा मुआमला है जिस में कोई झगड़े फ़साद की बात नहीं

अपना हाथ जगन नाथ

स्वायत्तता बहुत बड़ी बात है, अधिकार दूसरे की अतिरिक्त अपने पास होना अच्छा है

आगे नाथ न पीछे पगहा सबसे भला धोबी का गदहा

जिसके आगे-पीछे कोई न हो, जिसका अपना कोई न हो, असहाय, लावारिस, अकेला

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

ये भी सिक्शा नाथ जी कह गए ठीकम-ठीक, खो दें आदर मान को दग़ा लोभ और भीक

धोखा लालच और भीख मनुषेय के सम्मान को खो देते हैं

पारस नाथ से चक्की भली जो आटा देवे पीस, कोढ़ नर से मुर्ग़ी भली जो अंडे देवे बीस

जिस व्यक्ति से लोगों को लाभ पहुंचे वो अनुपकारी एवं कंजूस व्यक्ति से बहुत अच्छा है

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